प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सक्रिय शासन संचालन तथा योजनाओं को समय से लागू करने के लिए आईसीटी आधारित मल्टी मोडल मंच प्रगति के माध्यम से 11वें संवाद की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री ने लोकशिकायतों को देखने और उनका समाधान निकालने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की। श्री नरेन्द्र मोदी ने अधिकारियों से इस संबंध में काम में और तेजी लाने का आग्रह करते हुए कहा कि शिकायत निवारण लोकतंत्र के बड़े पहलुओं में से एक है। उन्होंने एक महीने के अंदर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत बताई ताकि अपवादों को छोड़कर शिकायतों का समाधान 60 दिनों के अंदर हो सके। उन्होंने बड़े अधिकारियों से कहा कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें।
प्रधानमंत्री ने सड़क, रेल तथा तेल क्षेत्र में प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं की समीक्षा की। यह परियोजनाएं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड में हैं।

कारोबारी सहजता की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राज्यों ने निवेश के लिए अच्छी प्रगति की है। उन्होंने गति को तेज करने तथा सार्थक माहौल बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया के अंतर्गत मिशन मोड परियोजनाओं के बारे में पूछा। जमीन के रिकार्डों के डिजिटीकरण की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द सभी भूमि रिकार्डों को आधार से जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सफल क्रियान्वयन की निगरानी करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इलेक्ट्रानिक रूप से नागरिक केन्द्रित सेवाओं की प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में जिलास्तर पर इस बात की व्यापक समीक्षा होनी चाहिए कि कितनी सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं। सामाजिक क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री ने विधवा पेंशन कार्यक्रम की स्थिति का मूल्यांकन किया। उन्होंने कुष्ट रोग उन्मूलन की दिशा में हुई प्रगति की भी समीक्षा की।


