“भारत की जनता ने पिछले 10 वर्षों के हमारी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड पर भरोसा जताया है और हमें तीसरी बार सुशासन जारी रखने का अवसर दिया है”
“लोगों ने ‘जन सेवा ही प्रभु सेवा’ यानी यानी मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, के विश्वास के साथ नागरिकों की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता देखी है,”
“भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लोगों ने पुरस्कृत किया”
“हमने तुष्टीकरण के बजाय संतुष्टिकरण - तुष्टीकरण के बजाय संतृप्ति (परिपूर्णता) के लिए काम किया”
“140 करोड़ नागरिकों का विश्वास, अपेक्षाएं और भरोसा विकास के लिए प्रेरक शक्ति बन गया है”
“राष्ट्र प्रथम ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है”
“जब कोई देश विकसित होता है, तो आने वाली पीढ़ियों के सपनों को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव रखी जाती है”
“तीसरे कार्यकाल में, हम तीन गुना गति से काम करेंगे, तीन गुना ऊर्जा लगाएंगे और तीन गुना परिणाम देंगे”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का उत्तर दिया।

सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति आभार व्यक्त किया और अभिभाषण का केन्द्र बिन्दु रहे विकसित भारत के विचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति के मार्गदर्शन के लिए उनका धन्यवाद भी किया।

कल और आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अनेक सदस्यों द्वारा अपने विचार साझा किए जाने के साथ, श्री मोदी ने विशेष रूप से पहली बार संसद में आए उन सांसदों को धन्यवाद दिया जिन्होंने सदन के नियमों का सम्मान करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि उनका व्यवहार किसी भी अनुभवी सांसद से कम नहीं था और उनके विचारों ने इस बहस की गरिमा को और समृद्ध किया है।

दुनिया के सबसे बड़े चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करके सरकार चुनने के लिए मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने लगातार तीसरी बार वर्तमान सरकार को चुनने के लिए भारत के नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया और इसे लोकतांत्रिक दुनिया में गौरव का क्षण बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में सरकार के प्रयास मतदाताओं के लिए निर्णायक रहे थे और उन्होंने ‘जन सेवा ही प्रभु सेवा’ यानी मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, की मान्यता के साथ नागरिकों की सेवा करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया किया कि स्वतंत्रता के बाद पहली बार इतने कम समय में 25 करोड़ से अधिक गरीबों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।

2014 के बाद भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस के रुख को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के मतदाताओं ने उन्हें फिर से सत्ता में पहुंचाया है। “आज पूरी दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। हर भारतीय अब गौरवान्वित महसूस करता है।” श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की हर नीति, निर्णय और काम में भारत को प्राथमिकता दी जाती है। वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती उपस्थिति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र के प्रति दुनिया का नजरिया बदल गया है और यह हर नागरिक के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘राष्ट्र प्रथम’ के एकमात्र उद्देश्य पर जोर दिया जिसकी झलक सरकार की नीतियों और निर्णयों में नजर आती है। इसी विश्वास के साथ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पूरे देश में सुधारों की प्रक्रिया को जारी रखा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने सबका साथ सबका विकास के मंत्र और ‘सर्व धर्म समभाव’ के सिद्धांतों के साथ लोगों की सेवा करने का प्रयास किया है, जिसका अर्थ ही है सभी धर्म समान हैं।

श्री मोदी ने कहा कि भारत ने तुष्टीकरण की राजनीति और तुष्टीकरण के शासन मॉडल को लंबे समय से देखा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में पहली बार उनकी सरकार ने लोगों की संतुष्टि और पुष्टि के साथ धर्मनिरपेक्षता की दिशा में काम किया। उन्होंने कहा कि उनके लिए संतुष्टि का मतलब सरकार की विभिन्न नीतियों में परिपूर्णता प्राप्त करना और भारत के अंतिम व्यक्ति तक सेवा वितरण सुनिश्चित करने के उनके संकल्प को पूरा करना है। श्री मोदी ने कहा कि उनके लिए संतृप्ति यानी परिपूर्णता का यह दर्शन, सही मायने में सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता का मतलब है और इसे भारत के लोगों ने लगातार तीसरे कार्यकाल के रूप में अनुमोदित किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनाव ने एक बार फिर भारत के लोगों की परिपक्वता और आदर्शवाद को साबित कर दिया है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “लोगों ने हमारी नीतियों, इरादों और प्रतिबद्धता पर भरोसा दिखाया है।” उन्होंने कहा कि लोगों ने इस चुनाव में विकसित भारत के संकल्प का समर्थन किया है।

विकसित राष्ट्र के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश आगे बढ़ता है तो हर नागरिक के सपने पूरे होते हैं और साथ ही साथ आने वाली पीढ़ियों की आकांक्षाओं को पूरा करने की नींव भी रखी जाती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लोग विकसित भारत के लाभों को प्राप्त करने के हकदार हैं, जिसके लिए पिछली पीढ़ियां हमेशा तरसती रही थीं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण से भारत के गांवों और शहरों के रहन सहन और जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा, साथ ही लोगों में गर्व की भावना पैदा होगी और उनके लिए असंख्य अवसर पैदा होंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया, “भारत के शहर दुनिया के अन्य विकसित शहरों के साथ समान रूप से भागीदारी करेंगे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत का तात्पर्य देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कई और समान अवसरों की उपलब्धता से है। इससे कौशल, संसाधनों और क्षमता के आधार पर सभी के लिए विकास सुनिश्चित होता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नागरिकों को भरोसा दिलाया कि सरकार विकसित भारत के उद्देश्य को पूरी ईमानदारी और ईमानदारी के साथ साकार करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, “हर पल और हमारे शरीर की हर कोशिका विकसित भारत 2024 बनाने के विचार के लिए सातों दिन के 24 घंटे समर्पित है।”

प्रधानमंत्री ने 2014 से पहले के दौर को याद किया जब पूरा देश निराशा की स्थिति में था। नागरिकों के बीच विश्वास की कमी को उस दौरान देश के लिए सबसे बड़ी क्षति बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे निराशा के बादल छा गए थे। उन्होंने याद दिलाया कि यह घोटालों और नीतिगत पक्षाघात से भरा युग था जिसने देश को पांच कमजोर (फ्रैगाइल 5) अर्थव्यवस्थाओं की सूची में धकेल दिया था। उन्होंने कहा कि आम नागरिक सारी उम्मीदें खो चुके थे। उन्होंने कहा कि रिश्वतखोरी आम बात थी, चाहे वह घर के लिए हो, गैस कनेक्शन के लिए हो या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से अनाज प्राप्त करने के लिए हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के नागरिक 2014 से पहले सरकार की खराब स्थिति के लिए अपने भाग्य को दोष देते हुए दैनिक जीवन को जीने के लिए मजबूर थे। उन्होंने कहा, “उन्होंने हमें चुना, बदलाव के दौर की शुरुआत की।”

प्रधानमंत्री ने उन लोगों को बदलने के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जो कभी सोचते थे कि कुछ भी संभव नहीं है। अब उन्हें विश्वास हो रहा है कि सब कुछ संभव है। सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए, प्रधानमंत्री ने एक सफल 5 जी रोलआउट, उच्चतम कोयला उत्पादन, देश की बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए परिवर्तनकारी नीतियों, आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता की नीति और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का उल्लेख किया। उन्होंने हाल ही में संपन्न आम चुनावों में रिकॉर्ड मतदान का उल्लेख करते हुए कहा, “जैसे-जैसे अनुच्छेद 370 की दीवारें ढहाई जा रही हैं, लोकतंत्र मजबूत हो रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “140 करोड़ नागरिकों का विश्वास, उम्मीदें और भरोसा विकास की प्रेरक शक्ति बनते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विश्वास दृढ़ संकल्प द्वारा कार्यसिद्धि का प्रतीक है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नागरिक आज भी उतने ही उत्साहित और आश्वस्त हैं, जितने वे हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान थे। पिछले 10 वर्षों में देश की प्रगति की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत को खुद से प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत है। हमें अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ने होंगे और देश को अगले स्तर पर ले जाना होगा।” पीएम मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने विकास का जो रास्ता अपनाया है, वह अब एक बेंचमार्क बन गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश तेज गति से प्रगति करेगा और कहा, “हम हर क्षेत्र को अगले स्तर पर ले जाएंगे।”

श्री मोदी ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत के अब दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल निर्माताओं और निर्यातकों में से एक बनने पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा व्यक्त किया कि सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भी इसी तरह की ऊंचाइयों को छुएगा।

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि जहां देश नई उपलब्धियां हासिल करेगा और नई ऊंचाइयों को छुएगा, वहीं सरकार आम नागरिकों की सेवा में समर्पित रहेगी। श्री मोदी ने गरीबों को दिए गए 4 करोड़ पक्के घरों का जिक्र किया और बताया कि आने वाले समय में 3 करोड़ नए घर बनाए जाएंगे। महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्थान का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने की सरकार की कार्ययोजना के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेज़ी और प्रयास से काम करने और तीन गुना परिणाम देने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 60 साल बाद लगातार तीसरी बार सत्ता में आना सरकार के प्रयासों और नागरिकों के बीच उसके द्वारा कायम किए गए विश्वास का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ऐसी उपलब्धियां तुच्छ राजनीति से नहीं बल्कि नागरिकों के आशीर्वाद से हासिल होती हैं।” उन्होंने कहा कि लोगों ने स्थिरता और निरंतरता को चुना है।

प्रधानमंत्री ने चार राज्यों ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में मिले जनादेश की भी सराहना की और लोकसभा चुनावों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में मिली भारी जीत का भी जिक्र किया। उन्होंने देश भर के कई राज्यों में बढ़ते वोट शेयर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जनता जनार्दन हमारे साथ है।”

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर विचार करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्ष से विनम्रता के साथ जनादेश को स्वीकार करने और लोगों के संदेश को समझने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने विकास का रास्ता चुना है और वे विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। भारत को सामूहिक रूप से विकास की एक नई यात्रा शुरू करने की जरूरत को देखते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत के नागरिकों से अराजकता, अव्यवस्था और विभाजनकारी राजनीति का रास्ता चुनने वालों के खिलाफ सतर्क रहने को कहा। उन्होंने देश को आर्थिक अराजकता की ओर धकेलने वाली अनुपयुक्त हो चुकीं आर्थिक नीतियों और देश में गलत सूचनाओं के प्रसार के खिलाफ भी चेतावनी दी। प्रधानमंत्री ने अध्यक्ष के माध्यम से विपक्ष से सदन की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने का भी आग्रह किया और अध्यक्ष को सुधारात्मक उपाय करने का सुझाव दिया ताकि सदन की पवित्रता बरकरार रहे।

आपातकाल के दौर के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश पर शासन करने वालों ने देश में तानाशाही का माहौल बनाया था, जिससे नागरिकों पर व्यापक क्रूरता हुई और राष्ट्र के साथ अन्याय हुआ। उन्होंने उस समय को भी याद किया जब बाबा साहेब अंबेडकर ने नए भारतीय संविधान में किए गए वादे के अनुसार पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा कार्रवाई न किए जाने के कारण मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जगजीवन राम जी, चौधरी चरण सिंह जी और सीताराम केसरी जी जैसे अन्य प्रमुख नेताओं पर किए गए अत्याचारों पर भी प्रकाश डाला।

दार्शनिक स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसे धर्म से जुड़े होने पर गर्व है जिसने दुनिया को असहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र और विविधता केवल हिंदू समुदाय की सहिष्णुता और एकता की भावना के कारण ही पनपी है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि आज हिंदू समुदाय पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।

भारत के सशस्त्र बलों की वीरता और ताकत की सराहना करते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 10 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में कई सुधार किए गए हैं। साथ ही, उन्होंने भारत के सशस्त्र बलों को हर चुनौती का सामना करने के लिए आधुनिक और सुसज्जित बनाने का उल्लेख किया। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार करने के लिए सभी प्रयास कर रही है। थिएटर कमांड की स्थापना के महत्व को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने संतोष व्यक्त किया कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति के बाद इस लंबे समय से लंबित सैन्य संगठनात्मक ढांचे को स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हमारे सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर भारत में आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों को युवा होना चाहिए और हमारे बलों में युवाओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एक गंभीर मामला है और सरकार सशस्त्र बलों को 'युद्ध के योग्य' बनाने के लिए समय पर सुधार कर रही है।

श्री मोदी ने कहा कि चाहे वह हथियार हों या तकनीक, युद्ध के परिदृश्य में बहुत बड़ा बदलाव आया है और इसलिए, झूठे आरोपों और प्रत्यारोपों के बावजूद ऐसी उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे बलों को मजबूत करने की सरकार पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि विभिन्न भ्रष्टाचार और घोटालों ने सशस्त्र बलों की क्षमताओं को मजबूत करने में बाधा डाली थी।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी सरकार ने पिछले कार्यकाल में “वन रैंक, वन पेंशन” योजना को लागू किया था जो लंबे समय से रुकी हुई थी। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की कठिनाइयों के बावजूद उनकी सरकार ने ओआरओपी योजना के कार्यान्वयन के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये दिए थे।

हाल ही में हुए पेपर लीक पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहद गंभीर है और युवाओं तथा राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नीट-यूजी पेपर लीक मामले में देशभर में कई गिरफ्तारियां की गई हैं। श्री मोदी ने कहा, “केंद्र सरकार पहले ही सख्त कानून बना चुकी है। पूरी स्क्रीनिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में विकास सरकार का सबसे बड़ा संकल्प रहा है।” उन्होंने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने, हर घर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करने, हर गरीब को पक्का घर देने, सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें मजबूत बनाने, देश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र को बढ़ावा देने, भारत को हरित हाइड्रोजन हब बनाने, बुनियादी ढांचे के विकास को आधुनिक बनाने, विकसित भारत में नए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने, कौशल विकास को सशक्त बनाने और युवाओं के भविष्य को आकार देने के संकल्पों पर प्रकाश डाला। हाल के एक अध्ययन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 18 वर्षों के दौरान निजी उद्योग में रोजगार सृजन में रिकॉर्ड संख्या देखी गई है।

डिजिटल इंडिया आंदोलन की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में डिजिटल भुगतान प्रणाली के एक बेहतरीन उदाहरण के रूप में खड़ा है। जी20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि दुनिया के विकसित देश भी हमारे डिजिटल आंदोलन से चकित हैं।

प्रधानमंत्री ने भारत की प्रगति के साथ प्रतिस्पर्धा और चुनौतियों में बढ़ोतरी पर भी बात की और उन लोगों को चेतावनी दी जो देश की प्रगति को चुनौती के रूप में देखते हैं और भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता को नुकसान पहुंचाते हैं। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “ऐसा लगता है कि हर प्रयास में संदेह पैदा करके और इसकी नींव को कमजोर करके भारत की प्रगति को कमजोर करने का एक मजबूत प्रयास किया जा रहा है। ऐसे प्रयासों को स्रोत से ही खत्म किया जाना चाहिए।”

उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों पर पूरे सदन द्वारा गंभीर विचार-विमर्श की आवश्यकता पर बल दिया और नागरिकों से ऐसी ताकतों से सतर्क रहने का भी आग्रह किया। पीएम मोदी ने कहा, “भारत कभी भी राष्ट्र विरोधी साजिशों को बर्दाश्त नहीं करेगा।”

श्री मोदी ने दोहराया कि दुनिया भारत की प्रगति को बहुत गंभीरता से ले रही है और सभी पेचीदगियों पर भी ध्यान दे रही है। उन्होंने संकल्पों को पूरा करने और एक विकसित भारत बनाने के लिए सदन के प्रत्येक सदस्य के योगदान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सदस्यों से देश के कल्याण में भरोसे के साथ आगे आने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा, “हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए और नागरिकों के सपनों और उम्मीदों को पूरा करना चाहिए।” उन्होंने वर्तमान युग में सकारात्मक राजनीति के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “आइए हम सुशासन, वितरण और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने पर प्रतिस्पर्धा करें।”

भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ दुर्घटना में पीड़ितों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु पर भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने दुर्घटना में घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने सदन को यह भी बताया कि राज्य सरकार खोज और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई है, वहीं केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी पीड़ितों को सभी आवश्यक सहायता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार संसद के लिए चुने गए सदस्यों को विशेष रूप से बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपने संबोधन का समापन किया और धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने विचारों और योगदान के लिए सदस्यों को धन्यवाद दिया।

 

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Prime Minister welcomes passage of SHANTI Bill by Parliament
December 18, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has welcomed the passage of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament, describing it as a transformational moment for India’s technology landscape.

Expressing gratitude to Members of Parliament for supporting the Bill, the Prime Minister said that it will safely power Artificial Intelligence, enable green manufacturing and deliver a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world.

Shri Modi noted that the SHANTI Bill will also open numerous opportunities for the private sector and the youth, adding that this is the ideal time to invest, innovate and build in India.

The Prime Minister wrote on X;

“The passing of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament marks a transformational moment for our technology landscape. My gratitude to MPs who have supported its passage. From safely powering AI to enabling green manufacturing, it delivers a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world. It also opens numerous opportunities for the private sector and our youth. This is the ideal time to invest, innovate and build in India!”