मैं देशवासियों को हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में अपनी अटूट आस्था को दोहराने के लिए धन्यवाद देता हूं: पीएम मोदी
मां के नाम पर पेड़ लगाने का अभियान न केवल हमारी मां का सम्मान करेगा, बल्कि धरती मां की रक्षा भी करेगा: पीएम मोदी
जब भारतीय विरासत और संस्कृति का ऐसा प्रसार पूरी दुनिया में होता है, तो हर भारतीय को गर्व होता है: पीएम मोदी
मैं योग दिवस पर भाग लेने वाले सभी मित्रों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं: पीएम मोदी
हमें योग को सिर्फ एक दिन का अभ्यास नहीं बनाना है। आपको नियमित रूप से योग करना चाहिए: पीएम मोदी

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | आज वो दिन आ ही गया जिसका हम सभी फरवरी से इंतजार कर रहे थे | मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से एक बार फिर आपके बीच, अपने परिवारजनों के बीच आया हूँ | एक बड़ी प्यारी सी उक्ति है – ‘इति विदा पुनर्मिलनाय’ इसका अर्थ भी उतना ही प्यारा है, मैं विदा लेता हूँ, फिर मिलने के लिए | इसी भाव से मैंने फरवरी में आपसे कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद फिर मिलूँगा, और आज, ‘मन की बात’ के साथ, मैं, आपके बीच फिर हाजिर हूँ | उम्मीद है आप सब अच्छे होंगे, घर में सबका स्वास्थ्य अच्छा होगा और अब तो मानसून भी आ गया है, और जब मानसून आता है, तो मन भी आनंदित हो जाता है | आज से फिर, एक बार, हम, ‘मन की बात’ में ऐसे देशवासियों की चर्चा करेंगे जो अपने कामों से समाज में, देश में, बदलाव ला रहे हैं | हम चर्चा करेंगे, हमारी, समृद्ध संस्कृति की, गौरवशाली इतिहास की, और, विकसित भारत के प्रयास की |

साथियो, फरवरी से लेकर अब तक, जब भी, महीने का आखिरी रविवार आने को होता था, तब मुझे आपसे इस संवाद की बहुत कमी महसूस होती थी | लेकिन मुझे ये देखकर बहुत अच्छा भी लगा कि इन महीनों में आप लोगों ने मुझे लाखों संदेश भेजे | ‘मन की बात’ रेडियो प्रोग्राम भले ही कुछ महीने बंद रहा हो, लेकिन, ‘मन की बात’ का जो Spirit है देश में, समाज में, हर दिन अच्छे काम, निस्वार्थ भावना से किए गए काम, समाज पर positive असर डालने वाले काम - निरंतर चलते रहे | चुनाव की खबरों के बीच निश्चित रूप से मन को छू जाने वाली ऐसी खबरों पर आपका ध्यान गया होगा |

साथियो, मैं आज देशवासियों को धन्यवाद भी करता हूँ कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है | 24 का चुनाव, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था | दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ, जिसमें, 65 करोड़ लोगों ने वोट डाले हैं | मैं चुनाव आयोग और मतदान की प्रक्रिया से जुड़े हर व्यक्ति को इसके लिए बधाई देता हूँ |

मेरे प्यारे देशवासियो, आज 30 जून का ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है | इस दिन को हमारे आदिवासी भाई-बहन ‘हूल दिवस’ के रूप में मनाते हैं | यह दिन वीर सिद्धो-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचार का पुरजोर विरोध किया था | वीर सिद्धो-कान्हू ने हजारों संथाली साथियों को एकजुट करके अंग्रेजों का जी-जान से मुकाबला किया, और जानते हैं ये कब हुआ था ? ये हुआ था 1855 में, यानी ये 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी दो साल पहले हुआ था, तब, झारखंड के संथाल परगना में हमारे आदिवासी भाई-बहनों ने विदेशी शासकों के खिलाफ हथियार उठा लिया था | हमारे संथाली भाई-बहनों पर अंग्रेजों ने बहुत सारे अत्याचार किए थे, उन पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए थे | इस संघर्ष में अद्भुत वीरता दिखाते हुए वीर सिद्धो और कान्हू शहीद हो गए | झारखंड की भूमि के इन अमर सपूतों का बलिदान आज भी देशवासियों को प्रेरित करता है | आइये सुनते हैं संथाली भाषा में इन्हें समर्पित एक गीत का अंश –

मेरे प्यारे साथियो, अगर मैं आपसे पूछूँ कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा होता है तो आप जरूर कहेंगे – “माँ” | हम सबके जीवन में ‘माँ’ का दर्जा सबसे ऊँचा होता है | माँ, हर दुख सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है | हर माँ, अपने बच्चे पर हर स्नेह लुटाती है | जन्मदात्री माँ का ये प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है, जिसे कोई चुका नहीं सकता | मैं सोच रहा था, हम माँ को कुछ दे तो सकते नहीं, लेकिन, और कुछ कर सकते हैं क्या ? इसी सोच में से इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, इस अभियान का नाम है – ‘एक पेड़ माँ के नाम’ | मैंने भी एक पेड़ अपनी माँ के नाम लगाया है | मैंने सभी देशवासियों से, दुनिया के सभी देशों के लोगों से ये अपील की है कि अपनी माँ के साथ मिलकर, या उनके नाम पर, एक पेड़ जरूर लगाएं | और मुझे ये देखकर बहुत खुशी है कि माँ की स्मृति में या उनके सम्मान में पेड़ लगाने का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है | लोग अपनी माँ के साथ या फिर उनकी फोटो के साथ पेड़ लगाने की तस्वीरों को Social Media पर साझा कर रहे हैं | हर कोई अपनी माँ के लिए पेड़ लगा रहा है - चाहे वो अमीर हो या गरीब, चाहे वो कामकाजी महिला हो या गृहिणी | इस अभियान ने सबको माँ के प्रति अपना स्नेह जताने का समान अवसर दिया है | वो अपनी तस्वीरों को #Plant4Mother और #एक_पेड़_मां_के_नाम इसके साथ साझा करके दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं |


साथियो, इस अभियान का एक और लाभ होगा | धरती भी माँ के समान हमारा ख्याल रखती है | धरती माँ ही हम सबके जीवन का आधार है, इसलिए हमारा भी कर्तव्य है कि हम धरती माँ का भी ख्याल रखें | माँ के नाम पेड़ लगाने के अभियान से अपनी माँ का सम्मान तो होगा ही होगा, धरती माँ की भी रक्षा होगी | पिछले एक दशक में भारत में सबके प्रयास से वन क्षेत्र का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है | अमृत महोत्सव के दौरान, देशभर में 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर भी बनाए गए हैं | अब हमें ऐसे ही माँ के नाम पर पेड़ लगाने के अभियान को गति देनी है |

मेरे प्यारे देशवासियो, देश के अलग-अलग हिस्सों में मॉनसून तेजी से अपना रंग बिखेर रहा है | और बारिश के इस मौसम में सबके घर में जिस चीज की खोज शुरू हो गई है, वो है ‘छाता’ | ‘मन की बात’ में आज मैं आपको एक खास तरह के छातों के बारे में बताना चाहता हूँ | ये छाते तैयार होते हैं हमारे केरला में | वैसे तो केरला की संस्कृति में छातों का विशेष महत्व है | छाते, वहाँ कई परंपराओं और विधि-विधान का अहम हिस्सा होते हैं | लेकिन मैं जिस छाते की बात कर रहा हूँ, वो हैं ‘कार्थुम्बी छाते’ और इन्हें तैयार किया जाता है केरला के अट्टापडी में | ये रंग-बिरंगे छाते बहुत शानदार होते हैं | और खासियत ये इन छातों को केरला की हमारी आदिवासी बहनें तैयार करती हैं | आज देशभर में इन छातों की मांग बढ़ रही हैं | इनकी Online बिक्री भी हो रही है | इन छातों को ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसाइटी’ की देखरेख में बनाया जाता है | इस सोसाइटी का नेतृत्व हमारी नारीशक्ति के पास है | महिलाओं के नेतृत्व में अट्टापडी के आदिवासी समुदाय ने Entrepreneurship की अद्भुत मिसाल पेश की है | इस society ने एक बैंबू-हैंडीक्राफ्ट यूनिट की भी स्थापना की है | अब ये लोग एक Retail outlet और एक पारंपरिक cafe खोलने की तैयारी में भी हैं | इनका मकसद सिर्फ अपने छाते और अन्य उत्पाद बेचना ही नहीं, बल्कि ये अपनी परंपरा, अपनी संस्कृति से भी दुनिया को परिचित करा रहे हैं | आज कार्थुम्बी छाते केरला के एक छोटे से गाँव से लेकर Multinational कंपनियों तक का सफर पूरा कर रहे हैं | लोकल के लिए वोकल होने का इससे बेहतरीन उदाहरण और क्या होगा ?

मेरे प्यारे देशवासियो, अगले महीने इस समय तक Paris Olympic शुरू हो चुके होंगे | मुझे विश्वास है कि आप सब भी Olympic खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने का इंतजार कर रहे होंगे | मैं भारतीय दल को Olympic खेलों की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ | हम सबके मन में Tokyo Olympic की यादें अब भी ताजा हैं | Tokyo में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने हर भारतीय का दिल जीत लिया था | Tokyo Olympic के बाद से ही हमारे Athletes Paris Olympic की तैयारियों में जी-जान से जुटे हुए थे | सभी खिलाड़ियों को मिला दें, तो इन सबने करीब Nine Hundred – नौ सौ International competition में हिस्सा लिया है | ये काफी बड़ी संख्या है |

साथियो, Paris Olympic में आपको कुछ चीजें पहली बार देखने को मिलेंगी | shooting में हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरकर सामने आ रही है | Table-Tennis में Men और Women दोनों टीमें qualify कर चुकी हैं | भारतीय Shotgun Team में हमारी शूटर बेटियाँ भी शामिल हैं | इस बार कुश्ती और घुड़सवारी में हमारे दल के खिलाड़ी उन Categories में भी compete करेंगे, जिनमें पहले वे कभी शामिल नहीं रहे | इससे आप ये अनुमान लगा सकते हैं कि इस बार हमें खेलों में अलग level का रोमांच नजर आएगा | आपको ध्यान होगा, कुछ महीने पहले World Para Athletics Championship में हमारी Best Performance रही है | वहीं Chess और Badminton में भी हमारे खिलाड़ियों ने परचम लहराया है | अब पूरा देश ये उम्मीद कर रहा है कि हमारे खिलाड़ी Olympics में भी बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे | इन खेलों में medals भी जीतेंगे, और देशवासियों का दिल भी जीतेंगे | आने वाले दिनों में, मुझे भारतीय दल से मुलाकात का अवसर भी मिलने वाला है | मैं आपकी तरफ से उनका उत्साहवर्धन करूंगा | और हाँ.. इस बार हमारा Hashtag #Cheer4Bharat है | इस Hashtag के जरिए हमें अपने खिलाड़ियों को cheer करना है... उनका उत्साह बढ़ाते रहना है | तो momentum को बनाए रखिए... आपका ये momentum...भारत का magic, दुनिया को दिखाने में मदद करेगा |

मेरे प्यारे देशवासियो, मैं आप सभी के लिए एक छोटी सी audio clip play कर रहा हूँ |

इस रेडियो कार्यक्रम को सुनकर आप भी हैरत में पड़ गए ना ! तो आइए, आपको इसके पीछे की पूरी बात बताते हैं | दरअसल ये कुवैत रेडियो के एक प्रसारण की clip है | अब आप सोचेंगे कि बात हो रही है कुवैत की, तो वहाँ, हिन्दी कहाँ से आ गई ? दरअसल, कुवैत सरकार ने अपने National Radio पर एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है | और वो भी हिन्दी में | ‘कुवैत रेडियो’ पर हर रविवार को इसका प्रसारण आधे घंटे के लिए किया जाता है | इसमें भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंग शामिल होते हैं | हमारी फिल्में और कला जगत से जुड़ी चर्चाएं वहाँ भारतीय समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय हैं | मुझे तो यहाँ तक बताया गया है कि कुवैत के स्थानीय लोग भी इसमें खूब दिलचस्पी ले रहे हैं | मैं कुवैत की सरकार और वहाँ के लोगों का हृदय से धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने ये शानदार पहल की है |

साथियो, आज दुनियाभर में हमारी संस्कृति का जिस तरह गौरवगान हो रहा है, उससे किस भारतीय को खुशी नहीं होगी ! अब जैसे, तुर्कमेनिस्तान में इस साल मई में वहाँ के राष्ट्रीय कवि की 300वीं जन्म-जयंती मनाई गई | इस अवसर पर तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने दुनिया के 24 प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया | इनमें से एक प्रतिमा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी की भी है | ये गुरुदेव का सम्मान है, भारत का सम्मान है | इसी तरह जून के महीने में दो कैरेबियाई देश सूरीनाम और Saint Vincent and the Grenadines ने अपने Indian heritage को पूरे जोश और उत्साह के साथ celebrate किया | सूरीनाम में हिन्दुस्तानी समुदाय हर साल 5 जून को Indian Arrival Day और प्रवासी दिन के रूप में मनाता है | यहाँ तो हिन्दी के साथ ही भोजपुरी भी खूब बोली जाती है | Saint Vincent and the Grenadines में रहने वाले हमारे भारतीय मूल के भाई-बहनों की संख्या भी करीब छ: हजार है | उन सबको अपनी विरासत पर बहुत गर्व है | एक जून को इन सबने Indian Arrival Day को जिस धूम-धाम से मनाया, उससे उनकी ये भावना साफ झलकती है | दुनियाभर में भारतीय विरासत और संस्कृति का जब ऐसा विस्तार दिखता है तो हर भारतीय को गर्व होता है |

साथियो, इस महीने पूरी दुनिया ने 10वें योग दिवस को भरपूर उत्साह और उमंग के साथ मनाया है | मैं भी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित योग कार्यक्रम में शामिल हुआ था | कश्मीर में युवाओं के साथ-साथ बहनों–बेटियों ने भी योग दिवस में बढ़–चढ़कर हिस्सा लिया | जैसे-जैसे योग दिवस का आयोजन आगे बढ़ रहा है, नए-नए records बन रहे हैं | दुनिया-भर में योग दिवस ने कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं | सऊदी अरब में पहली बार एक महिला अल हनौफ साद जी ने common yoga protocol को lead किया | ये पहली बार है जब किसी सऊदी महिला ने किसी main yoga session को instruct किया हो | Egypt में इस बार योग दिवस पर एक photo competition का आयोजन किया गया | नील नदी के किनारे Red Sea के beaches पर और पिरामिडों के सामने - योग करते, लाखों लोगों की तस्वीरें बहुत लोकप्रिय हुईं | अपने Marble Buddha Statue के लिए प्रसिद्ध Myanmar का माराविजया पैगोडा कॉम्प्लेक्स दुनिया में मशहूर है | यहाँ भी 21 जून को शानदार Yoga Session का आयोजन हुआ | बहरीन में दिव्यांग बच्चों के लिए एक Special Camp का आयोजन किया गया | श्रीलंका में UNESCO heritage site के लिए मशहूर गॉल फोर्ट में भी एक यादगार Yoga Session हुआ | अमेरिका के New York में Observation Deck पर भी लोगों ने योग किया | Marshal Islands पर भी पहली बार बड़े स्तर पर हुए योग दिवस के कार्यक्रम में यहाँ के राष्ट्रपति जी ने भी हिस्सा लिया | भूटान के थिंपू में भी एक बड़ा योग दिवस का कार्यक्रम हुआ, जिसमें मेरे मित्र प्रधानमंत्री टोबगे भी शामिल हुए | यानी दुनिया के कोने-कोने में योग करते लोगों के विहंगम दृश्य हम सबने देखे | मैं योग दिवस में हिस्सा लेने वाले सभी साथियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ | मेरा आपसे एक पुराना आग्रह भी रहा है | हमें योग को केवल एक दिन का अभ्यास नहीं बनाना है | आप नियमित रूप से योग करें | इससे आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलावों को जरूर महसूस करेंगे |

साथियो, भारत के कितने ही products हैं जिनकी दुनिया-भर में बहुत demand है और जब हम भारत के किसी local product को global होते देखते हैं, तो गर्व से भर जाना स्वाभाविक है | ऐसा ही एक product है Araku coffee. Araku coffee आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीता राम राजू जिले में बड़ी मात्रा में पैदा होती है | ये अपने rich flavor और aroma के लिए जानी जाती है | Araku coffee की खेती से करीब डेढ़ लाख आदिवासी परिवार जुड़े हुए हैं | Araku coffee को नई ऊंचाई देने में Girijan cooperative की बहुत बड़ी भूमिका रही है | इसने यहाँ के किसान भाई बहनों को एक साथ लाने का काम किया और उन्हें Araku coffee की खेती के लिए प्रोत्साहन दिया | इससे इन किसानों की कमाई भी बहुत बढ़ गई है | इसका बहुत लाभ कोंडा डोरा आदिवासी समुदाय को भी मिला है | कमाई के साथ साथ उन्हें सम्मान का जीवन भी मिल रहा है | मुझे याद है एक बार विशाखापत्नम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू गारु के साथ मुझे इस coffee का स्वाद लेने का मौका मिला था | इसके taste की तो पूछिए ही मत ! कमाल की होती है ये coffee ! Araku coffee को कई Global awards मिले हैं | दिल्ली में हुई G-20 समिट में भी coffee छाई हुई थी | आपको जब भी अवसर मिले, आप भी Araku coffee का आनंद जरूर लें |

साथियो, Local products को Global बनाने में हमारे जम्मू- कश्मीर के लोग भी पीछे नहीं हैं | पिछले महीने जम्मू-कश्मीर ने जो कर दिखाया है, वो देशभर के लोगों के लिए भी एक मिसाल है | यहाँ के पुलवामा से snow peas की पहली खेप लंदन भेजी गई | कुछ लोगों को ये idea सूझा कि कश्मीर में उगने वाली exotic vegetables को क्यूँ ना दुनिया के नक्शे पर लाया जाए.. बस फिर क्या था… चकूरा गावं के अब्दुल राशीद मीर जी इसके लिए सबसे पहले आगे आए | उन्होंने गावं के अन्य किसानों की जमीन को एक साथ मिलाकर snow peas उगाने का काम शुरू किया और देखते ही देखते snow peas कश्मीर से लंदन तक पहुँचने लगी | इस सफलता ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की समृद्धि के लिए नए द्वार खोले हैं | हमारे देश में ऐसे unique products की कमी नहीं है | आप ऐसे products को #myproductsmypride के साथ जरूर share करें | मैं इस विषय पर आने वाले ‘मन की बात’ में भी चर्चा करूँगा |

मम प्रिया: देशवासिन:

अद्य अहं किञ्चित् चर्चा संस्कृत भाषायां आरभे |

आप सोच रहे होंगे कि ‘मन की बात’ में अचानक संस्कृत में क्यों बोल रहा हूँ ? इसकी वजह है, आज संस्कृत से जुड़ा एक खास अवसर ! आज 30 जून को आकाशवाणी का संस्कृत बुलेटिन अपने प्रसारण के 50 साल पूरे कर रहा है | 50 वर्षों से लगातार इस बुलेटिन ने कितने ही लोगों को संस्कृत से जोड़े रखा है | मैं All India Radio परिवार को बधाई देता हूँ |

साथियो, संस्कृत की प्राचीन भारतीय ज्ञान और विज्ञान की प्रगति में बड़ी भूमिका रही है | आज के समय की मांग है कि हम संस्कृत को सम्मान भी दें, और उसे अपने दैनिक जीवन से भी जोड़ें | आजकल ऐसा ही एक प्रयास बेंगलुरू में कई और लोग कर रहे हैं | बेंगलुरू में एक पार्क है- कब्बन पार्क ! इस पार्क में यहाँ के लोगों ने एक नई परंपरा शुरू की है | यहाँ हफ्ते में एक दिन, हर रविवार बच्चे, युवा और बुजुर्ग आपस में संस्कृत में बात करते हैं | इतना ही नहीं, यहाँ वाद- विवाद के कई session भी संस्कृत में ही आयोजित किए जाते हैं | इनकी इस पहल का नाम है – संस्कृत weekend ! इसकी शुरुआत एक website के जरिए समष्टि गुब्बी जी ने की है | कुछ दिनों पहले ही शुरू हुआ ये प्रयास बेंगलुरूवासियों के बीच देखते ही देखते काफी लोकप्रिय हो गया है | अगर हम सब इस तरह के प्रयास से जुड़ें तो हमें विश्व की इतनी प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा |

मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ के इस episode में आपसे जुड़ना बहुत अच्छा रहा | अब ये सिलसिला फिर पहले की तरह चलता रहेगा | अब से एक सप्ताह बाद पवित्र रथ यात्रा की शुरुआत होने जा रही है | मेरी कामना है कि महाप्रभु जगन्नाथ की कृपा सभी देशवासियों पर सदैव बनी रहे | अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो चुकी है, और अगले कुछ दिनों में पंढरपुर वारी भी शुरू होने वाली है | मैं इन यात्राओं में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देता हूँ | आगे कच्छी नववर्ष – आषाढी बीज का त्योहार भी है | इन सभी पर्व-त्योहारों के लिए भी आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं | मुझे विश्वास है कि Positivity से जुड़े जनभागीदारी के ऐसे प्रयासों को आप मेरे साथ अवश्य Share करते रहें | मैं अगले महीने आपके साथ फिर से जुडने की प्रतीक्षा कर रहा हूँ | तब तक आप अपना भी अपने परिवार का ध्यान रखिए | बहुत-बहुत धन्यवाद | नमस्कार |

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।