साझा करें
 
Comments

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 13 सितंबर को बिहार में पेट्रोलियम क्षेत्र से जुड़ी तीन प्रमुख परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं में पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन विस्तार परियोजना का दुर्गापुर-बांका खंड और दो एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र शामिल हैं। इनकी स्थापना पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संरक्षण में पीएसयू कंपनियां इंडियन ऑयल और एचपीसीएल द्वारा की गई है।

इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।

पाइपलाइन परियोजना का दुर्गापुर-बांका खंड

इंडियन ऑयल द्वारा निर्मित 193 किलोमीटर लंबा दुर्गापुर-बांका पाइपलाइन खंड पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन विस्तार परियोजना का भाग है, जिसके लिए प्रधानमंत्री ने 17 फरवरी, 2019 को शिलान्यास किया था। दुर्गापुर-बांका खंड वर्तमान 679 किलोमीटर लंबी पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर एलपीजी पाइपलाइन का बिहार में बांका में स्थित नए एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र तक विस्तार है। 14” व्यास की पाइपलाइन तीन राज्यों पश्चिम बंगाल (60 किमी), झारखंड (98 किमी) और बिहार (35 किमी) से होकर गुजरती है। वर्तमान में, पारादीप रिफाइनरी, हल्दिया रिफाइनरी और आईपीपीएल हल्दिया से पाइपलाइन व्यवस्था में एलपीजी डाली जा सकती है। इस परियोजना का निर्माण पूरा होने पर पारादीप इम्पोर्ट टर्मिनल और बरौनी रिफाइनरी से भी एलपीजी इंजेक्शन सुविधा मिलने लगेगी।

दुर्गापुर-बांका खंड के अंतर्गत पाइपलाइन बिछाने के दौरान कई प्राकृतिक और मानव निर्मित बाधाएं सामने आईं। इसमें 13 नदियों (जिनमें अजय नदी पर 1077 मीटर लंबा पुल शामिल), 5 राष्ट्रीय राजमार्गों और 3 रेलवे क्रॉसिंग सहित कुल 154 क्रॉसिंग पुल का निर्माण करना पड़ा। पाइपलाइन अनूठी होरिजोंटल डायरेक्शनल ड्रिलिंग तकनीक से नदी के भीतर से गुजारी गई, जिसके पानी के प्रवाह को बाधित नहीं करना पड़ा।

एलपीजी बोटलिंग संयंत्र, बांका, बिहार

इंडियन ऑयल के बांका स्थित एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र से राज्य में एलपीजी की बढ़ती मांग को पूरा करने में बिहार की ‘आत्म निर्भरता’ बढ़ेगी। बिहार के भागलपुर, बांका, जमुई, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों को सेवाएं देने के लिए 131.75 करोड़ रुपये के निवेश से इस बॉटलिंग संयंत्र का निर्माण किया गया है, साथ ही इससे झारखंड के गोद्दा, देवघर, दुमका, साहिबगंज और पाकुर जिलों को भी आपूर्ति होगी। 1800 एमटी की एलपीजी भंडारण क्षमता और प्रति दिन 40,000 सिलिंडरों की बोटलिंग क्षमता के साथ यह संयंत्र बिहार में बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

पूर्वी चंपारण (हरसिद्धि), बिहार में एलपीजी संयंत्र

136.4 करोड़ रुपये के निवेश से पूर्वी चम्पारण जिले के हरसिद्धि में एचपीसीएल के 120 टीएमटीपीए एलपीजी बॉटलिंग संयंत्रण का निर्माण किया गया है। इस संयंत्र का निर्माण 29 एकड़ जमीन पर किया गया है और प्रधानमंत्री ने 10 अप्रैल, 2018 को इसका शिलान्यास किया था। बॉटलिंग संयंत्र से बिहार के पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, सिवान, गोपालगंज और सीतामढ़ी जिलों की एलपीजी की आवश्यकताएं पूरी की जाएंगी।

इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण डीडी न्यूज पर किया जाएगा।

 

Explore More
आज का भारत एक आकांक्षी समाज है: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज का भारत एक आकांक्षी समाज है: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Average time taken for issuing I-T refunds reduced to 16 days in 2022-23: CBDT chairman

Media Coverage

Average time taken for issuing I-T refunds reduced to 16 days in 2022-23: CBDT chairman
...

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address to the media on his visit to Balasore, Odisha
June 03, 2023
साझा करें
 
Comments

एक भयंकर हादसा हुआ। असहनीय वेदना मैं अनुभव कर रहा हूं और अनेक राज्यों के नागरिक इस यात्रा में कुछ न कुछ उन्होंने गंवाया है। जिन लोगों ने अपना जीवन खोया है, ये बहुत बड़ा दर्दनाक और वेदना से भी परे मन को विचलित करने वाला है।

जिन परिवारजनों को injury हुई है उनके लिए भी सरकार उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। जो परिजन हमने खोए हैं वो तो वापिस नहीं ला पाएंगे, लेकिन सरकार उनके दुख में, परिजनों के दुख में उनके साथ है। सरकार के लिए ये घटना अत्यंत गंभीर है, हर प्रकार की जांच के निर्देश दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसको सख्त से सख्त सजा हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

मैं उड़ीसा सरकार का भी, यहां के प्रशासन के सभी अधिकारियों का जिन्‍होंने जिस तरह से इस परिस्थिति में अपने पास जो भी संसाधन थे लोगों की मदद करने का प्रयास किया। यहां के नागरिकों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं क्योंकि उन्होंने इस संकट की घड़ी में चाहे ब्‍लड डोनेशन का काम हो, चाहे rescue operation में मदद की बात हो, जो भी उनसे बन पड़ता था करने का प्रयास किया है। खास करके इस क्षेत्र के युवकों ने रातभर मेहनत की है।

मैं इस क्षेत्र के नागरिकों का भी आदरपूर्वक नमन करता हूं कि उनके सहयोग के कारण ऑपरेशन को तेज गति से आगे बढ़ा पाए। रेलवे ने अपनी पूरी शक्ति, पूरी व्‍यवस्‍थाएं rescue operation में आगे रिलीव के लिए और जल्‍द से जल्‍द track restore हो, यातायात का काम तेज गति से फिर से आए, इन तीनों दृष्टि से सुविचारित रूप से प्रयास आगे बढ़ाया है।

लेकिन इस दुख की घड़ी में मैं आज स्‍थान पर जा करके सारी चीजों को देख करके आया हूं। अस्पताल में भी जो घायल नागरिक थे, उनसे मैंने बात की है। मेरे पास शब्द नहीं हैं इस वेदना को प्रकट करने के लिए। लेकिन परमात्मा हम सबको शक्ति दे कि हम जल्‍द से जल्‍द इस दुख की घड़ी से निकलें। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इन घटनाओं से भी बहुत कुछ सीखेंगे और अपनी व्‍यवस्‍थाओं को भी और जितना नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ाएंगे। दुख की घड़ी है, हम सब प्रार्थना करें इन परिजनों के लिए।