प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 21-22 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली में पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन 2022 में शामिल होंगे।

20 से 22 जनवरी 2023 तक आयोजित होने वाला यह तीन दिवसीय सम्मेलन हाईब्रिड प्रारूप में होगा। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों सहित लगभग 100 आमंत्रित व्यक्ति इस सम्मेलन में भौतिक रूप से भाग लेंगे, जबकि शेष आमंत्रित व्यक्ति इस सम्मेलन में देश भर से वर्चुअल रूप से भाग लेंगे।

इस सम्मेलन के दौरान साइबर अपराध, पुलिस व्‍यवस्‍था में प्रौद्योगिकी, आतंकवाद का मुकाबला करने में आने वाली चुनौतियों, वामपंथी उग्रवाद, क्षमता निर्माण, जेल सुधार सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी। यह सम्मेलन दरअसल चिन्हित थीमों पर जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तरों के पुलिस और खुफिया अधिकारियों को शामिल करके किए जाने वाले व्यापक विचार-विमर्श की परिणति है। इनमें से प्रत्येक थीम के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सर्वोत्तम तौर-तरीकों को इस सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि राज्य एक दूसरे से सीख सकें।

वर्ष 2014 से ही प्रधानमंत्री डीजीपी सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी लेते रहे हैं। जहां एक ओर पहले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्रियों की महज सांकेतिक उपस्थिति हुआ करती थी, वहीं दूसरी ओर अब प्रधानमंत्री इस सम्मेलन के सभी प्रमुख सत्रों में उपस्थित रहते हैं। प्रधानमंत्री न केवल सभी जानकारियों एवं सुझावों को धैर्यपूर्वक सुनते हैं, बल्कि स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं को प्रोत्साहित भी करते हैं, ताकि नए-नए विचार सामने आ सकें। इससे देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को पूरे देश को प्रभावित करने वाले पुलिस व्‍यवस्‍था और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर जानकारी देने और उनके समक्ष अपनी खुली या निष्‍पक्ष एवं स्पष्ट अनुशंसाएं पेश करने के लिए अत्‍यंत सौहार्दपूर्ण माहौल मिलता है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री के विजन को ध्‍यान में रखते हुए इस सम्मेलन में अब पुलिस व्‍यवस्‍था और सुरक्षा से जुड़ी भविष्यवादी या अत्‍याधुनिक थीमों पर चर्चा शुरू कर दी गई है, ताकि न केवल वर्तमान समय में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, बल्कि उभरते मुद्दों और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता भी विकसित की जा सके।

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 से ही पूरे देश में वार्षिक डीजीपी सम्मेलनों का आयोजन किए जाने को भी प्रोत्साहित किया है। यह सम्मेलन वर्ष 2014 में गुवाहाटी में; वर्ष 2015 में धोरडो, कच्छ का रण में; वर्ष 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में; वर्ष 2017 में बीएसएफ अकादमी, टेकनपुर में; वर्ष 2018 में केवड़िया में; और वर्ष 2019 में आईआईएसईआर, पुणे में और वर्ष 2021 में पुलिस मुख्यालय, लखनऊ में आयोजित किया गया था।

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प्रधानमंत्री 15 जनवरी को महाराष्ट्र का दौरा करेंगे
January 13, 2025
प्रधानमंत्री मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में तीन अग्रणी नौसैनिक युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे
प्रधानमंत्री नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 15 जनवरी को महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। सुबह करीब 10 बजकर 30 मिनट पर प्रधानमंत्री मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना के तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 3:30 बजे वे नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन करेंगे।

तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों का जलावतरण रक्षा निर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक रूप से अग्रणी बनने के भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम युद्धपोत आईएनएस सूरत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक युद्धपोतों में से एक है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है। पी17ए स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि, भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टील्थयुक्‍त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है, यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है। पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है।

भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन की परियोजना के अंतर्गत श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का भी उद्घाटन करेंगे। नौ एकड़ में विस्‍तारित इस परियोजना में कई देवताओं के विग्रह के साथ एक मंदिर, एक वैदिक शिक्षा केंद्र, प्रस्तावित संग्रहालय और सभागार तथा उपचार केंद्र आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य वैदिक शिक्षाओं के माध्यम से सार्वभौमिक बंधुत्‍व, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है।