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प्रधानमंत्री मोदी ने मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रजाक के साथ संयुक्त रूप से ईटी एशियन बिजनेस लीडर्स कॉन्क्लेव 2016 का  उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नजीब के अगुवाई में मलेशिया 2020 तक विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है: नरेंद्र मोदी
मलेशिया के साथ निकट संबंध हमारे एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अहम हिस्सा रहा है: प्रधानमंत्री
21वीं सदी एशिया का युग है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
भारत वर्तमान में आर्थिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है: प्रधानमंत्री
विनिर्माण के क्षेत्र में अब हम दुनिया के छठे सबसे बड़े देश हैं: नरेंद्र मोदी
अब हम डिजिटल और कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं: प्रधानमंत्री
वर्तमान में भारत उद्यमशीलता की गतिविधि से भरा पड़ा है जो पहले कभी नहीं था: प्रधानमंत्री
हमारी आर्थिक प्रक्रिया रोजगार अथवा स्व-रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए तैयार है: प्रधानमंत्री
भारत न केवल एक बेहतर गंतव्य है बल्कि यहां निवेश करना हमेशा से एक अच्छा निर्णय रहा है: प्रधानमंत्री

महामहिम दातो श्री मोहम्मद नजीब, मलेशिया के माननीय प्रधानमंत्री,

इकनॉमिक टाइम्स के प्रबंधन के सदस्य,

कारोबारी दिग्गजों,

देवियों एवं सज्जनों,

मलेशिया के महामहिम प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त रूप से द इकनॉमिक टाइम्स एशियन बिजनेस लीडर्स कॉन्क्लेव 2016 का उद्घाटन करना अपार हर्ष का विषय है।

वास्तव में इकनॉमिक टाइम्स द्वारा कुआलालंपुर को इस सम्मेलन के लिए आयोजन स्थल के रूप में चुने जाने से मलेशिया का एक व्यावसायिक एवं व्यापारिक स्थल के रूप में महत्व सिद्ध होता है।

कॉन्क्लेव के लिए मेरी शुभकामनाएं!

 

मित्रों,

महामहिम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मलेशिया 2020 तक विकसित देश का दर्जा हासिल करने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।

वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के साथ सामंजस्य में भी उसने लचीलापन दिखाया है।

भारत और मलेशिया के बीच कालातीत संबंधों को बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय की मौजूदगी से बल मिल रहा है।

कुआलालंपुर के हृदयस्थली में तोरण द्वार हमारे एतिहासिक संबंधों का हालिया प्रतीक है जो दो महान राष्ट्रों और दो महान संस्कृतियों को आपस में जोड़ता है।

हाल में हमने सामरिक भागीदारी सुनिश्चित की है।

पिछले साल नवंबर में मेरी मलेशिया यात्रा से तमाम क्षेत्रों में इस सामरिक भागीदारी को बल मिला।

मलेशिया के साथ घनिष्ठ संबंध हमारी एक्ट ईस्ट नीति की सफलता का अभिन्न हिस्सा है।

प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फंड एवं लाइन ऑफ क्रेडिट सहित भारत की तमाम पहल से भारत-आसियान सहयोग को काफी प्रोत्साहन मिला है।

 

मित्रों,

आसियान देशों के नेताओं ने इस क्षेत्र के देशों के बीच बेहतर एकीकरण के लिए प्रयासों का नेतृत्व किया है।

इसलिए एशिया के कारोबारी दिग्गजों को एक साथ लाने की यह पहल बिल्कुल ठीक समय पर की गई है।

मैंने कई अवसरों पर कहा है कि इक्कीसवीं सदी एशिया की सदी है।

एशिया जहां काम करने के लिए हाथ हैं, खपत के लिए परिवार और सीखने के लिए प्रमुखों की विनम्रता है।

प्रतिकूल एवं अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बावजूद भी एशियाई क्षेत्र में विकास की संभावनाएं उम्मीद की एक किरण है।

 

मित्रों,

भारत फिलहाल एक आर्थिक बदलाव का गवाह है।

यह न केवल दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, बल्कि यह इन गतिविधियों को लेकर भी चर्चित रही हैः

- कारोबारी सुगमता,

- पारदर्शी एवं कुशल प्रशासन और

- नियामकीय बोझ में कमी।

वर्तमान में व्यवस्था से कालेधन और भ्रष्टाचार की सफाई मेरे एजेंडे में सर्वोपरि है।

डिजिटलीकरण और जीएसटी लागू होने के तुरंत बाद ऐसा किया गया है।

हमारे प्रयासों के परिणाम विभिन्न संकेतकों पर भारत की वैश्विक रैंकिंग से दिखाई रहे हैं।

विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग बढ़ी है।

हम भारत में कारोबारी माहौल और विश्व के बेहतरीन माहौल के बीच खाई को तेजी से पाट रहे हैं।

हम UNCTAD द्वारा जारी विश्व निवेश रिपोर्ट 2016 में वर्ष 2016-18 के लिए शीर्ष संभावित मेजवान अर्थव्यवस्थाओं की सूची में तीसरे पायदान पर हैं।

विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट 2015-16 और 2016-17 के हमारे रैंक में 32पायदान का सुधार हुआ है।

वैश्विक नवाचार सूचकांक 2016 की हमारी रैंकिंग में 16 पायदान और लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक 2016 में 19 पदों का सुधार हुआ है।

हमने एफडीआई के लिए नए क्षेत्रों को खोल दिया है और मौजूदा क्षेत्रों के लिए सीमा बढ़ाई है।

प्रमुख एफडीआई नीति में सुधार के लिए हमारे ठोस प्रयास जारी हैं और निवेश के लिए शर्तों को सरल बनाया गया है।

परिणाम सबके सामने हैं।

पिछले ढाई वर्ष के दौरान कुल एफडीआई प्रवाह 130 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है।

पिछले साल एफडीआई निवेश अब तक का सर्वाधिक रहा।

पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान एफडीआई इक्विटी निवेश में उससे पिछले दो वित्त वर्षों के मुकाबले 52 फीसदी वृद्धि हुई।

एफडीआई निवेश आकर्षित करने वाले स्रोतों और क्षेत्रों भी व्यापक विस्तार हुआ।

इस साल हमारे ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का दो वर्ष पूरा हो चुका है। इसका उद्देश्य भारत को विनिर्माण, डिजाइन और नवाचार का एक वैश्विक केंद्र बनाना है।

यहां मैं अपनी कुछ उपलब्धियों को उजागर करना चाहता हूंः

अब हम दुनिया में छठा सबसे बड़ा विनिर्माण देश बन गए हैं।

हमारे सकल मूल्यवर्द्धन में 2015-16 में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

पिछले दो वर्ष के दौरान 51 कोल्ड चेन परियोजनाएं पूरी की गईं और 2014 के बाद छह मेगा फूड पार्क खोले गए।

पिछले दो वित्त वर्षों के दौरान 19 नए टेक्सटाइल पार्कों को मंजूरी दी गई है और मौजूदा टेक्सटाइल पार्कों में 200 नई उत्पादन इकाइयां लगाई गईं।

भारत में विनिर्मित मोबाइल फोनों की संख्या में इस साल 90 प्रतिशत का उछाल आया।

वाहन क्षेत्र के प्रमुख वैश्विक खिलाड़ियों ने तमाम नई असेंबली लाइन एवं ग्रीनफील्ड इकाइयां स्थापित की हैं।

 

मित्रों,

भारत में कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने के हमारे प्रयास का दायरा व्यापक और विस्तृत है जिसमें कानूनी और ढांचागत सुधार भी शामिल है।

आपको यह बताते हुए मुझे खुशी हो रही है किः

वस्तु एवं सेवाकर के लिए संवैधानिक संशोधन पारित किया गया है।

इसे 2017 में लागू होने की उम्मीद है।

हम एक डिजिटल एवं नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हैं।

हमारी लाइसेंस व्यवस्था को काफी युक्तिसंगत बनाया गया है।

व्यापार पंजीकरण, एग्जिम मंजूरी और श्रम अनुपालन के लिए हमने एकल खिड़की इंटरफेस शुरू किया है।

पानी और बिजली जैसी सुविधाएं हासिल करने के लिए प्रक्रियाएं आसान बनाई जा रही हैं।

निवेशकों के मार्गदर्शन एवं सहायता के लिए एक निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ बनाया गया है।

मेक इन इंडिया शुरू होने के बाद राज्य सरकारों के साथ हमारी भागीदारी में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

विश्व बैंक के साथ मिलकर राज्यों को उनकी व्यापार नीतियों एवं प्रक्रियाओं के मानदंडों पर2015 में हुई सहमति के आधार पर आंका गया।

इसमें 2016 में और विस्तार किया गया।

हमने पहली बार राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति लागू की है ताकि बौद्धिक संपदा के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार की जा सके।

हमने ‘क्रिएटिव डिस्ट्रक्शन’ की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

हम कंपनियों के पुनर्गठन और बाहर निकलने के लिए नियमों को आसान बना रहे हैं।

दिवालिया एवं दिवालियापन संहिता का अधिनियमन और उसे लागू करना भारत में कारोबार से बाहर होने के नियमों को असान बनाने की ओर उठाया एक महत्वपूर्ण कदम है।

वाणिज्यिक मामलों को तेजी से निपटाने के लिए नई वाणिज्यिक अदालतों की स्थापना की जा रही है।

कार्यवाही में तेजी लाने के लिए मध्यस्थता कानून में भी संशोधन किया गया है।

 

मित्रों,

भारत फिलहाल उद्यमशीलता गतिविधियों से भरा पड़ा है जैसा पहले कभी नहीं देखा गया।

स्टार्टअप भारत की अगली बड़ी आर्थिक ताकत है और यह किसी क्रांति से कम नहीं है।

हमारे स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य इस क्षेत्र में हमारी क्षमता का खुलासा करना है।

हमारी आर्थिक प्रक्रिया उन गतिविधियों से संचालित हो रही है जो रोजगार सृजन और स्वरोजगार की संभावनाओं के लिए काफी अहम हैं।

यह जनसांख्यिकीय लाभांश हासिल करने का एकमात्र रास्ता है।

कौशल भारत अभियान और उसके विभिन्न घटकों के माध्यम से हम बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।

भविष्य के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना फिलहाल हमारे हाथ का सबसे बड़ा काम है।

हम देशभर में औद्योगिक कॉरिडोर का पंचभुज विकसित कर रहे हैं।

देशभर में लॉजिस्टि बाधाओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

देशभर में सड़क, रेलवे एवं बंदरगाह का उन्नयन किया जा रहा है।

इस प्रकार के बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए हमने विदेशी फंडों के साथ मिलकर राष्ट्रीय निवेश एवं बुनियादी ढांचा कोष की स्थापना की है।

 

मित्रों,

यह एकीकरण का समय है।

खुलेपन के बिना एकीकरण नहीं हो सकता।

भारत हमेशा से खुले दिलवाला रहा है।

अब अर्थव्यवस्था के स्तर पर भी हम सबसे अधिक खुली एवं एकीकृत अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं।

हम उन लोगों का स्वागत करते हैं जो अब तक भारत नहीं आए हैं।

मैं व्यक्तिगत तौर पर आपको भरोसा दिलाता हूं कि आपको जब कभी जरूरत पड़ेगी, मैं वहां मौजूद रहूंगा।

भारत न केवल एक बढ़िया जगह है बल्कि भारत में होना हमेशा एक अच्छा निर्णय रहा है।

धन्यवाद।

 

 

 

 

 

 

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PM lauds feat by Border Roads Organisation of blacktopping of 278 Km Hapoli-Sarli-Huri road
March 23, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has lauded the feat by Border Roads Organisation of blacktopping of 278 Km Hapoli-Sarli-Huri road leading to Huri, one of the remotest places in Kurung Kumey district of Arunachal Pradesh, for the first time since independence.

Sharing a tweet thread by Border Roads Organisation, the Prime Minister tweeted;

“Commendable feat!”