प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 पर आयोजित एक कार्यक्रम को एक वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इस वर्ष का विषय, "आर्यभट्ट से गगनयान तक", भारत के अतीत के आत्मविश्वास और भविष्य का संकल्प, दोनों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में, राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस भारत के युवाओं के लिए उत्साह और आकर्षण का अवसर बन गया है, जो राष्ट्रीय गौरव की बात है। उन्होंने वैज्ञानिकों और युवाओं सहित अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े सभी व्यक्तियों को अपनी शुभकामनाएँ दीं। श्री मोदी ने बताया कि भारत वर्तमान में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड की मेजबानी कर रहा है, जिसमें साठ से अधिक देशों के लगभग 300 युवा प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस आयोजन में कई भारतीय प्रतिभागियों ने पदक जीते हैं। उन्होंने कहा कि यह ओलंपियाड अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के उभरते वैश्विक नेतृत्व का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि युवाओं में अंतरिक्ष के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए, भरतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इंडियन स्पेस हैकाथॉन और रोबोटिक्स चैलेंज जैसी पहल शुरू की हैं। उन्होंने इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों और विजेताओं को बधाई दी।
श्री मोदी ने कहा, "अंतरिक्ष क्षेत्र में एक के बाद एक उपलब्धियाँ हासिल करना भारत और उसके वैज्ञानिकों का स्वाभाविक गुण बन गया है।" यह याद करते हुए कि दो वर्ष पहले, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचकर इतिहास रचने वाला पहला देश बना था। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग-अनडॉकिंग क्षमताएँ हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश भी बन गया है। उन्होंने बताया कि अभी तीन दिन पहले ही उनकी मुलाकात ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से हुई थी, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिससे हर भारतीय गौरवान्वित महसूस कर रहा था। उन्होंने कहा कि जब ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने उन्हें तिरंगा दिखाया, तो उसे छूने का एहसास शब्दों से परे था। श्री मोदी ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुक्ला के साथ बातचीत में, उन्होंने नए भारत के युवाओं के असीम साहस और अनंत सपनों को देखा। इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत एक "अंतरिक्ष यात्री पूल" तैयार कर रहा है। अंतरिक्ष दिवस पर, उन्होंने युवा नागरिकों को इस पूल में शामिल होने और भारत की आकांक्षाओं को उड़ान देने में सहायता प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों की बदौलत, भारत जल्द ही गगनयान मिशन शुरू करेगा और आने वाले वर्षों में, भारत अपना अंतरिक्ष स्टेशन भी स्थापित करेगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत पहले ही चंद्रमा और मंगल पर पहुँच चुका है और अब उसे अंतरिक्ष के और भी गहरे क्षेत्रों का अन्वेषण करना होगा। इस बात पर बल देते हुए कि ये अनछुए क्षेत्र मानवता के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण रहस्य समेटे हुए हैं, प्रधानमंत्री ने कहा, "आकाशगंगाओं से परे हमारा क्षितिज है!"
श्री मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष का अनंत विस्तार हमें लगातार याद दिलाता है कि कोई भी मंजिल अंतिम नहीं होती। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इसी तरह, अंतरिक्ष क्षेत्र में नीतिगत प्रगति में भी कोई अंतिम लक्ष्य नहीं होना चाहिए। लाल किला से अपने संबोधन को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत का मार्ग सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का है। उन्होंने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों में, देश ने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई बड़े सुधारों को लागू किया है। यह उल्लेख करते हुए कि एक समय था जब अंतरिक्ष जैसे भविष्य के क्षेत्र अनेक प्रतिबंधों से बंधे थे, श्री मोदी ने पुष्टि की कि इन बाधाओं को हटा दिया गया है और निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष-तकनीक में भाग लेने की अनुमति दी गई है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज, 350 से अधिक स्टार्टअप आज के कार्यक्रम में अपनी सक्रिय भागीदारी के साथ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार और तेज़ इंजन के रूप में उभर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित पहला पीएसएलवी रॉकेट शीघ्र ही प्रक्षेपित किया जाएगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत का पहला निजी संचार उपग्रह भी विकास के अधीन है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह तारामंडल को प्रक्षेपित करने की तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के युवाओं के लिए बड़ी संख्या में अवसर सृजित किए जा रहे हैं।’’
15 अगस्त, 2025 को लाल किला से दिए गए अपने संबोधन को याद करते हुए, जहाँ उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के महत्व पर बल दिया था, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र को अपने लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के लिए एक चुनौती पेश करते हुए अपने संबोधन में श्री मोदी ने पूछा, "क्या हम अगले पाँच वर्षों में अंतरिक्ष क्षेत्र में पाँच यूनिकॉर्न बना सकते हैं?" उन्होंने कहा कि वर्तमान में, भारत अपनी धरती से प्रतिवर्ष 5-6 बड़े प्रक्षेपणों का गवाह बनता है। प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र के आगे आने की इच्छा व्यक्त की ताकि भारत अगले पाँच वर्षों में हर साल 50 रॉकेट प्रक्षेपित करने की स्थिति में पहुँच सके। उन्होंने पुष्टि की कि सरकार के पास इस परिकल्पना को पूरा करने के लिए आवश्यक अगली पीढ़ी के सुधारों को लागू करने का इरादा और इच्छाशक्ति दोनों हैं। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष समुदाय को आश्वासन दिया कि सरकार हर कदम पर उनके साथ मजबूती से खड़ी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को न केवल वैज्ञानिक अन्वेषण के एक साधन के रूप में देखता है, बल्कि जीवन को सुगम बनाने के एक साधन के रूप में भी देखता है। श्री मोदी ने फसल बीमा योजनाओं में उपग्रह-आधारित मूल्यांकन, मछुआरों के लिए उपग्रह-आधारित सूचना और सुरक्षा, आपदा प्रबंधन अनुप्रयोगों और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में भू-स्थानिक डेटा के उपयोग जैसे उदाहरणों का हवाला दिया। श्री मोदे ने कहा, "अंतरिक्ष-तकनीक भारत में शासन का एक अभिन्न अंग बनती जा रही है।" उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अंतरिक्ष में भारत की प्रगति सीधे तौर पर अपने नागरिकों के दैनिक जीवन को आसान बनाने में योगदान दे रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों में अंतरिक्ष-तकनीक के उपयोग को और प्रोत्साहन देने के लिए कल राष्ट्रीय सम्मेलन 2.0 का आयोजन किया गया। उन्होंने ऐसी पहलों को जारी रखने और विस्तारित करने की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को जन सेवा के उद्देश्य से नए समाधान और नवाचार विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस विश्वास के साथ अपने संबोधन का समापन किया कि आने वाले समय में अंतरिक्ष में भारत की यात्रा नई ऊंचाइयों को छुएगी। श्री मोदी ने सभी को एक बार फिर राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की शुभकामनाएं दीं।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, इसरो के अधिकारी, वैज्ञानिक और इंजीनियर तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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नेशनल स्पेस डे हमारे युवाओं में उत्साह और आकर्षण का अवसर बन गया है। ये देश के लिए गर्व की बात है।
— PMO India (@PMOIndia) August 23, 2025
मैं स्पेस सेक्टर से जुड़े सभी लोगों को, वैज्ञानिकों को, सभी युवाओं को नेशनल स्पेस डे की बधाई देता हूँ: PM @narendramodi
स्पेस सेक्टर में एक के बाद एक नए milestone गढ़ना... ये भारत और भारत के वैज्ञानिकों का स्वभाव बन गया है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 23, 2025
आज भारत semi-cryogenic engine और electric propulsion जैसी breakthrough technology में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) August 23, 2025
जल्द ही, आप सब वैज्ञानिकों की मेहनत से, भारत गगनयान की उड़ान भी भरेगा...और आने वाले समय में, भारत अपना स्पेस स्टेशन भी बनाएगा: PM @narendramodi
आज स्पेस-टेक भारत में गवर्नेंस का भी हिस्सा बन रही है।
— PMO India (@PMOIndia) August 23, 2025
फसल बीमा योजना में satellite based आकलन हो...
मछुआरों को satellite से मिल रही जानकारी और सुरक्षा हो...
Disaster management हो या PM Gati Shakti National Master Plan में geospatial data का इस्तेमाल हो…
आज स्पेस में भारत…


