प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत कमजोर जनजातीय समूहों के लिए चार विशेष कौशल केन्‍द्रों का उद्घाटन किया
"भारत की बेटियां और माताएं मेरी' रक्षा कवच"
" आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारी शक्ति का परचम लहरा रहा है"
"मुझे विश्वास है कि आप सभी विपत्तियों का सामना करेंगे लेकिन चीतों को कोई नुकसान नहीं होने देंगे"
" पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के नए भारत में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है"
"समय के साथ, 'स्वयं सहायता समूह' 'राष्ट्र सहायता समूहों' में बदले"
" गांव की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए, उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है"
"भारत दौरे पर आए विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के लिए व्यंजनों की सूची (मेनू) में हमेशा मोटे अनाज से बना कोई न कोई व्यंजन शामिल होगा"
"देश भर में पुलिस बल में महिलाओं की संख्या 1 लाख से दोगुनी होकर 2 लाख

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कराहल, श्योपुर, मध्य प्रदेश में आयोजित स्वयं सहायता समूह सम्मेलन में भाग लिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत कमजोर जनजातीय समूहों के लिए चार विशेष कौशल केन्‍द्रों का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को बैंक ऋण स्वीकृति पत्र और जल जीवन मिशन के तहत किट भी सौंपे। इस अवसर पर स्वयं सहायता समूह की लगभग एक लाख महिला सदस्य मौजूद थीं और लगभग 43 लाख महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हुई थीं।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि समय मिलता है तो वह अपने जन्मदिन पर अपनी मां से आशीर्वाद लेने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, आज हालांकि वह अपनी मां से मिलने नहीं जा सके लेकिन उनकी मां को खुशी होगी कि उन्हें लाखों जनजातीय माताओं का आशीर्वाद मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की बेटियां और माताएं मेरा रक्षा कवच हैं। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा जयंती पर स्वयं सहायता समूहों का इतना बड़ा सम्मेलन, अपने आप में बहुत विशेष है। मैं आप सभी को, सभी देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की भी शुभकामनाएं देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे आज इस बात की भी खुशी है कि भारत की धरती पर 75 साल बाद चीता फिर से लौट आया है। उन्होंने याद किया, "यहां आने से पहले, मुझे कुनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने का सौभाग्य मिला।" चीतों के लिए लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाईं और चीते को सम्‍मानित अतिथि बताते हुए उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी लोगों से अनुरोध किया। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से कहा, "चीतों को आपकी निगरानी में छोड़ा गया है क्योंकि आप पर विश्वास है। मुझे विश्वास है कि आप सभी विपत्तियों का सामना करेंगे लेकिन चीतों को कोई नुकसान नहीं होने देंगे। इसलिए, आज, मैं इन आठ चीतों की जिम्मेदारी आप लोगों को सौंपने आया हूं।" स्वयं सहायता समूहों द्वारा आज 10 लाख पौधे लगाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे भारत के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को नई ऊर्जा मिलेगी।

भारत में महिलाओं के बढ़ते प्रतिनिधित्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के नए भारत में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है। श्री मोदी ने कहा, “आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है”। उन्‍होंने कहा कि हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में 17 हजार महिलाएं पंचायत निकायों के लिए चुनी गईं। यह बहुत बड़े बदलाव का संकेत है।

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र की सुरक्षा में महिलाओं के योगदान को याद किया। उन्होंने हाल ही में हर घर तिरंगा अभियान में महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों की भूमिका और कोरोना काल के दौरान उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, समय के साथ 'स्वयं सहायता समूह' 'राष्ट्र सहायता समूहों' में बदल गए हैं। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, उस क्षेत्र में, उस कार्य में सफलता अपने आप तय हो जाती है। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका बेहतरीन उदाहरण है, जिसको महिलाओं ने नेतृत्व दिया है। इसी तरह, पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत में 7 करोड़ घरों में पाइप से पानी के कनेक्शन मिले हैं और जिनमें से 40 लाख परिवार मध्य प्रदेश से हैं। प्रधानमंत्री ने इस सफलता का श्रेय भारत की महिलाओं को दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 8 वर्षों में स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने में हमने हर प्रकार से मदद की है। श्री मोदी ने टिप्‍पणी की, "आज पूरे देश में 8 करोड़ से अधिक बहनें इस अभियान से जुड़ी हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक बहन इस अभियान से जुड़े"।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाज़ारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए, उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एसएचजी ने अपने उत्पादों के लिए विशेष रूप से बनाए गए बाजारों में 500 करोड़ के उत्पाद बेचे हैं। प्रधानमंत्री वन धन योजना और पीएम कौशल विकास योजना का लाभ भी महिलाओं तक पहुंच रहा है। उन्होंने जीईएम पोर्टल पर एसएचजी के उत्पाद के लिए 'सरस' के बारे में भी जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र तक पहुंचने के लिए जबरदस्त प्रयास किए हैं और भारत की कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि सितम्‍बर का ये महीना देश में पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि वह यह सुनिश्चित करते हैं कि मोटे अनाज से तैयार कम से कम एक व्‍यंजन भारत दौरे पर आए विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के मेनू का हिस्सा हो।

सरकार के प्रयासों को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, 2014 के बाद से ही देश, महिलाओं की गरिमा बढ़ाने, महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के दैनिक आधार पर समाधान में जुटा हुआ है। श्री मोदी ने याद किया शौचालय के अभाव में जो दिक्कतें आती थीं, रसोई में लकड़ी के धुएं से जो तकलीफ होती थी, वो आप अच्छी तरह जानती हैं। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, 9 करोड़ से ज्यादा उज्जवला के गैस कनेक्शन देकर और भारत के सुदूरवर्ती इलाकों में करोड़ों परिवारों को नल से जल देकर, महिलाओं का जीवन आसान बनाया है। उन्होंने बताया कि मातृ वंदना योजना के तहत 11000 करोड़ रुपये सीधे गर्भवती माताओं के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। मध्य प्रदेश में माताओं को इस योजना के तहत 1300 करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने परिवारों में वित्तीय निर्णय लेने में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का भी उल्लेख किया।

जन धन बैंक खातों के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश में महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा माध्यम बन गया है। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि कोरोना काल के दौरान जन धन बैंक खातों की बदौलत सरकार महिलाओं के बैंक खातों में धन को सुरक्षित और सीधे स्थानांतरित करने में सक्षम हुई। उन्‍होंने कहा, “आज, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राप्त घरों में महिलाओं के नाम संलग्न हैं। हमारी सरकार ने देश में 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को मकान मालिक बनने में सक्षम बनाया है। मुद्रा योजना के तहत अब तक देश भर के छोटे व्यवसायों और व्यवसायों को 19 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। इस धन का लगभग 70 प्रतिशत महिला उद्यमियों को मिला है। मुझे खुशी है कि सरकार के ऐसे प्रयासों के कारण आज घर के आर्थिक फैसलों में महिलाओं की भूमिका बढ़ रही है।''

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, " महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण उन्हें समाज में भी उतना ही सशक्त करता है।" यह रेखांकित करते हुए कि बेटियां अब सैनिक स्कूलों में भी दाखिला ले रही हैं, पुलिस कमांडो भी बन रही हैं और फौज में भी भर्ती हो रही हैं, प्रधानमंत्री ने कहा, हमारी सरकार ने बेटियों के लिए बंद दरवाजे को खोल दिया है। पिछले 8 वर्षों में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तनों की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करते हुए, प्रधानमंत्री ने सभी को यह बताते हुए बहुत गर्व व्यक्त किया कि देश भर में पुलिस बल में महिलाओं की संख्या 1 लाख से दोगुनी होकर 2 लाख से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हमारी 35 हजार से अधिक बेटियां अब केन्‍द्रीय बलों का हिस्सा हैं और देश के दुश्मनों से मुकाबला कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह संख्या 8 साल पहले की तुलना में लगभग दोगुनी है।" मुझे आपकी शक्ति पर पूरा विश्वास है। सबका प्रयास से हम निश्चित रूप से एक बेहतर समाज और एक मजबूत राष्ट्र बनाने में सफल होंगे।"

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्‍द्रीय मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार, और केन्‍द्रीय राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते और श्री प्रहलाद पटेल उपस्थित थे।

पृष्‍ठभूमि

इस सम्मेलन में हजारों महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्य/सामुदायिक मार्गदर्शक जिन्‍हें दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत प्रोत्साहित किया जा रहा है, उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने पीएम कौशल विकास योजना के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए चार कौशल केन्‍द्रों का भी उद्घाटन किया।

डीएवाई-एनआरएलएम का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को चरणबद्ध तरीके से एसएचजी में शामिल करना और उनकी आजीविका में विविधता लाने व उनकी आय और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए दीर्घकालिक सहायता प्रदान करना है। मिशन जागरूकता पैदा करना और घरेलू हिंसा, महिला शिक्षा एवं लैंगिक संबंधी अन्‍य चिंताएं, पोषण, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि जैसे मुद्दों पर व्यवहार परिवर्तन संबंधी जानकारी के माध्यम से महिला एसएचजी सदस्यों को सशक्त बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है।

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Prime Minister receives warm welcome at Puttaparthi, Andhra Pradesh
November 19, 2025
Prime Minister pays homage to Sri Sathya Sai Baba at Prasanthi Nilayam
Prime Minister participates in Gaudan Ceremony organised by Sri Sathya Sai Central Trust

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, reached Puttaparthi, Andhra Pradesh amidst the divine chants of Sai Ram and received a very warm welcome.

The Prime Minister paid homage to Sri Sathya Sai Baba at the Sai Kulwant Hall, Prasanthi Nilayam, and then proceeded to Omkar Hall for Darshan. He said that being in these sacred spaces is a reminder of Sri Sathya Sai Baba’s boundless compassion and lifelong commitment to uplifting humanity. He added that Sri Sathya Sai Baba’s message of selfless service continues to guide and inspire millions.

The Prime Minister also participated in the Gaudan Ceremony organised by the Sri Sathya Sai Central Trust, which has undertaken several noble initiatives, including significant work in the field of animal welfare. As part of the ceremony, farmers are being given cows, including Gir cows. The Prime Minister conveyed his good wishes and said that everyone must continue working for the welfare of society, following the ideals of Sri Sathya Sai Baba.

In a separate posts on X, the Prime Minister said;

“Amidst the divine chants of Sai Ram, reached Puttaparthi, Andhra Pradesh to a very warm welcome.” 

“Paid homage to Sri Sathya Sai Baba at the Sai Kulwant Hall, Prasanthi Nilayam and went to Omkar Hall for Darshan. Being in these sacred spaces is a reminder of his boundless compassion and lifelong commitment to uplifting humanity. His message of selfless service continues to guide and inspire millions.”

“Among the many noble deeds they are doing, the Sri Sathya Sai Central Trust has focused greatly on animal welfare. Today, took part in the Gaudan Ceremony, in which farmers are being given cows. The cows in the pictures below are Gir Cows! May we all keep working for the welfare of our society, as shown by Sri Sathya Sai Baba.”