'मन की बात' के लिए कई पत्र और संदेश प्राप्त हुए, जो मुख्य रूप से चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और दिल्ली में G20 की सफल मेजबानी पर केंद्रित थे: पीएम मोदी
भारत-मंडपम अपने आप में एक सेलिब्रिटी बन गया है। लोग इसके साथ सेल्फी भी ले रहे हैं और गर्व के साथ पोस्ट भी कर रहे हैं: पीएम मोदी
भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर आने वाले सैकड़ों वर्षों के लिए विश्व व्यापार का आधार बनने जा रहा है: पीएम मोदी
पिछले कुछ वर्षों में तथा G20 के सफल आयोजन के बाद भारत के प्रति आकर्षण काफी बढ़ा है: पीएम मोदी
शांतिनिकेतन और कर्नाटक के होयसला मंदिरों को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है: पीएम मोदी
पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में शेर, बाघ, तेंदुओं और हाथियों की संख्या में सराहनीय वृद्धि देखी गई है: पीएम मोदी

मेरे प्यारे परिवारजनों, नमस्कार | ‘मन की बात’ के एक और एपिसोड में मुझे आप सभी के साथ देश की सफलता को, देशवासियों की सफलता को, उनकी inspiring life journey को, आपसे साझा करने का अवसर मिला है | इन दिनों सबसे ज्यादा पत्र, सन्देश, जो मुझे मिले हैं वो दो विषयों पर बहुत अधिक है | पहला विषय है, चंद्रयान-3 की सफल landing और दूसरा विषय है दिल्ली में G-20 का सफल आयोजन | देश के हर हिस्से से, समाज के हर वर्ग से, हर उम्र के लोगों के, मुझे, अनगिनत पत्र मिले हैं | जब चंद्रयान-3 का Lander चंद्रमा पर उतरने वाला था, तब करोड़ों लोग अलग-अलग माध्यमों के जरिए एक साथ इस घटना के पल-पल के साक्षी बन रहे थे | ISRO के YouTube Live Channel पर 80 लाख से ज्यादा लोगों ने इस घटना को देखा - अपने आप में ही एक record है | इससे पता चलता है कि चंद्रयान-3 से करोड़ों भारतीयों का कितना गहरा लगाव है | चंद्रयान की इस सफलता पर देश में इन दिनों एक बहुत ही शानदार Quiz Competition भी चल रहा है -प्रश्न स्पर्धा और उसे नाम दिया गया है – ‘चंद्रयान-3 महाक्विज’ | MyGov portal पर हो रहे इस competition में अब तक 15 लाख से ज्यादा लोग हिस्सा ले चुके हैं | MyGov की शुरुआत के बाद यह किसी भी Quiz में सबसे बड़ा participation है | मैं तो आपसे भी कहूँगा कि अगर आपने अब तक इसमें हिस्सा नहीं लिया है तो अब देर मत करिए, अभी इसमें, छः दिन और बचे हैं | इस Quiz में जरुर हिस्सा लीजिये |

मेरे परिवारजनों, चंद्रयान-3 की सफलता के बाद G-20 के शानदार आयोजन ने हर भारतीय की खुशी को दोगुना कर दिया | भारत मंडपम तो अपने आप में एक celebrity की तरह हो गया है | लोग उसके साथ selfie खिंचा रहे हैं और गर्व से post भी कर रहे हैं | भारत ने इस summit में African Union को G-20 में Full Member बनाकर अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है | आपको ध्यान होगा, जब भारत बहुत समृद्ध था, उस ज़माने में, हमारे देश में, और दुनिया में, Silk Route की बहुत चर्चा होती थी | ये Silk Route, व्यापार-कारोबार का बहुत बड़ा माध्यम था | अब आधुनिक ज़माने में भारत ने एक और Economic Corridor ,G-20 में सुझाया है | ये है India-Middle East-Europe Economic Corridor | ये Corridor आने वाले सैकड़ों वर्षों तक विश्व व्यापार का आधार बनने जा रहा है, और इतिहास इस बात को हमेशा याद रखेगा कि इस Corridor का सूत्रपात भारत की धरती पर हुआ था |

साथियो, G-20 के दौरान जिस तरह भारत की युवाशक्ति, इस आयोजन से जुड़ी, उसकी आज, विशेष चर्चा आवश्यक है | साल-भर तक देश के अनेकों universities में G-20 से जुड़े कार्यक्रम हुए | अब इसी श्रृंखला में दिल्ली में एक और exciting programme होने जा रहा है – ‘G20 University Connect Programme’ | इस programme के माध्यम से देश-भर के लाखों University students एक-दूसरे से जुड़ेंगे | इसमें IITs, IIMs, NITs और Medical Colleges जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थान भी भाग लेंगे | मैं चाहूँगा कि अगर आप college student हैं, तो, 26 सितम्बर को होने वाले इस कार्यक्रम को जरुर देखिएगा, इससे जरुर जुड़िएगा | भारत के भविष्य में, युवाओं के भविष्य पर, इसमें, बहुत सारी दिलचस्प बातें होने वाली हैं | मैं खुद भी इस कार्यक्रम में शामिल होऊंगा | मुझे भी अपने college student से संवाद का इंतजार है |

मेरे परिवारजनों, आज से दो दिन बाद, 27 सितम्बर को ‘विश्व पर्यटन दिवस’ है | पर्यटन को कुछ लोग सिर्फ सैर-सपाटे के तौर पर देखते हैं, लेकिन पर्यटन का एक बहुत बड़ा पहलू ‘रोजगार’ से जुड़ा है | कहते हैं, सबसे कम Investment में, सबसे ज्यादा रोजगार, अगर कोई sector पैदा करता है, तो वो, Tourism Sector ही है | Tourism Sector को बढ़ाने में, किसी भी देश के लिए goodwill, उसके प्रति आकर्षण बहुत matter करता है | बीते कुछ वर्षों में भारत के प्रति आकर्षण बहुत बढ़ा है और G-20 के सफल आयोजन के बाद दुनिया के लोगों का interest भारत में और बढ़ गया है |

साथियो, G-20 में एक लाख से ज्यादा delegates भारत आए | वो यहाँ की विविधता, अलग-अलग परम्पराएं, भांति-भांति का खानपान और हमारी धरोहरों से परिचित हुए | यहाँ आने वाले delegates अपने साथ जो शानदार अनुभव लेकर गए हैं, उससे tourism का और विस्तार होगा | आप लोगों को पता ही है कि भारत में एक से बढ़कर एक world Heritage sites भी हैं और इनकी संख्या लगातार बढती जा रही है | कुछ ही दिन पहले शान्ति निकेतन और कर्नाटक के पवित्र होयसड़ा मंदिरों को world Heritage sites घोषित किया गया है | मैं इस शानदार उपलब्धि के लिए समस्त देशवासियों को बधाई देता हूँ | मुझे 2018 में शान्ति निकेतन की यात्रा का सौभाग्य मिला था | शान्ति निकेतन से गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का जुड़ाव रहा है | गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने शान्तिनिकेतन का Motto संस्कृत के एक प्राचीन श्लोक से लिया था | वह श्लोक है –

“यत्र विश्वम भवत्येक नीडम्”

अर्थात, जहाँ एक छोटे से घोंसले में पूरा संसार समाहित हो सकता है|

कर्नाटक के जिन होयसड़ा मंदिरों को UNESCO ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है, उन्हें, 13वीं शताब्दी के बेहतरीन architecture के लिए जाना जाता है | इन मंदिरों को UNESCO से मान्यता मिलना, मंदिर निर्माण की भारतीय परंपरा का भी सम्मान है | भारत में अब World Heritage Properties की कुल संख्या 42 हो गई है | भारत का प्रयास है कि हमारे ज्यादा-से-ज्यादा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगहों को World Heritage Sites की मान्यता मिले | मेरा आप सबसे आग्रह है कि जब भी आप कहीं घूमने जाने की योजना बनाएं तो ये प्रयास करें कि भारत की विविधता के दर्शन करें | आप अलग-अलग राज्यों की संस्कृति को समझें, Heritage Sites को देखें | इससे, आप अपने देश के गौरवशाली इतिहास से तो परिचित होंगे ही, स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने का भी आप अहम माध्यम बनेंगे |

मेरे परिवारजनों, भारतीय संस्कृति और भारतीय संगीत अब Global हो चुका है | दुनियाभर के लोगों का इनसे लगाव दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है | एक प्यारी सी बिटिया द्वारा की गई एक प्रस्तुति उसका एक छोटा सा audio आपको सुनाता हूँ......

 इसे सुनकर आप भी हैरान हो गए न! कितनी मधुर आवाज है और हर शब्द में जो भाव झलकते हैं, ईश्वर के प्रति इनका लगाव हम अनुभव कर सकते हैं | अगर मैं ये बताऊँ कि ये सुरीली आवाज जर्मनी की एक बेटी की है, तो शायद आप और अधिक हैरान होंगे | इस बिटिया का नाम – कैसमी है | 21 साल की कैसमी इन दिनों Instagram पर खूब छाई हुई है | जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वो, भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही Inspiring है | कैसमी जन्म से ही देख नहीं पाती है, लेकिन, ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई | Music और Creativity को लेकर उनका Passion कुछ ऐसा था कि बचपन से ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया | African Drumming की शुरुआत तो उन्होंने महज 3 साल की उम्र में ही कर दी थी | भारतीय संगीत से उनका परिचय 5-6 साल पहले ही हुआ | भारत के संगीत ने उनको इतना मोह लिया-इतना मोह लिया कि वो इसमें पूरी तरह से रम गई | उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है | सबसे Inspiring बात तो यह है कि वे कई सारी भारतीय भाषाओं में गाने में महारत हासिल कर चुकी हैं | संस्कृत, हिंदी, मलयालम, तमिल, कन्नड़ या फिर असमी, बंगाली, मराठी, उर्दू, उन्होंने इन सबमें अपने सुर साधे हैं | आप कल्पना कर सकते हैं, किसी को दूसरी अनजान भाषा की दो-तीन लाइने बोलनी पड़ जाए तो कितनी मुश्किल आती है, लेकिन कैसमी के लिए जैसे बाएं हाथ का खेल है | आप सभी के लिए मैं यहाँ कन्नड़ा में गाए उनके एक गीत को शेयर कर रहा हूँ |

 भारतीय संस्कृति और संगीत को लेकर जर्मनी की कैसमी के इस जुनून की मैं ह्रदय से सराहना करता हूँ | उनका यह प्रयास हर भारतीय को अभिभूत करने वाला है |

मेरे परिवारजनों, हमारे देश में शिक्षा को हमेशा एक सेवा के रूप में देखा जाता है | मुझे उत्तराखंड के कुछ ऐसे युवाओं के बारे में पता चला है, जो, इसी भावना के साथ बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं | नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा Library की शुरुआत की है | इस Library की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिए बच्चों तक पुस्तकें पहुँच रही हैं और इतना ही नहीं, ये सेवा, बिल्कुल निशुल्क है | अब तक इसके माध्यम से नैनीताल के 12 गाँवों को Cover किया गया है | बच्चों की शिक्षा से जुड़े इस नेक काम में मदद करने के लिए स्थानीय लोग भी खूब आगे आ रहे हैं | इस घोड़ा Library के जरिए यह प्रयास किया जा रहा है, कि दूरदराज के गाँवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल की किताबों के अलावा ‘कविताएँ’, ‘कहानियाँ’ और ‘नैतिक शिक्षा’ की किताबें भी पढ़ने का पूरा मौका मिले | ये अनोखी Library बच्चों को भी खूब भा रही है |

साथियो, मुझे हैदराबाद में Library से जुड़े एक ऐसे ही अनूठे प्रयास के बारे में पता चला है | यहाँ, सातवीं Class में पढ़ने वाली बिटिया ‘आकर्षणा सतीश’ ने तो कमाल कर दिया है | आपको यह जानकार आश्चर्य हो सकता है कि महज 11 साल की उम्र में ये बच्चों के लिए एक-दो नहीं, बल्कि, सात-सात Library चला रही है | ‘आकर्षणा’ को दो साल पहले इसकी प्रेरणा तब मिली, जब वो अपने माता-पिता के साथ एक कैंसर अस्पताल गई थी | उसके पिता जरूरतमंदों की मदद के सिलसिले में वहाँ गए थे | बच्चों ने वहाँ उनसे ‘Colouring Books’ की माँग की, और यही बात, इस प्यारी-सी गुड़िया को इतनी छू गई कि उसने अलग-अलग तरह की किताबें जुटाने की ठान ली | उसने, अपने आस-पड़ोस के घरों, रिश्तेदारों और साथियों से किताबें इकट्ठा करना शुरू कर दिया और आपको यह जानकार खुशी होगी कि पहली Library उसी कैंसर अस्पताल में बच्चों के लिए खोली गई | जरूरतमंद बच्चों के लिए अलग-अलग जगहों पर इस बिटिया ने अब तक जो सात Library खोली हैं, उनमें अब करीब 6 हजार किताबें उपलब्ध हैं | छोटी-सी ‘आकर्षणा’ जिस तरह बच्चों का भविष्य संवारने का बड़ा काम कर रही है, वो हर किसी को प्रेरित करने वाला है |

साथियो, ये बात सही है कि आज का दौर Digital Technology और E-Books का है, लेकिन फिर भी किताबें, हमारे जीवन में हमेशा एक अच्छे दोस्त की भूमिका निभाती है | इसलिए, हमें बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए |

मेरे परिवारजनों, हमारे शास्त्रों में कहा गया है –

जीवेषु करुणा चापि, मैत्री तेषु विधीयताम् |
अर्थात्, जीवों पर करुणा कीजिए और उन्हें अपना मित्र बनाइए | हमारे तो ज्यादातर देवी-देवताओं की सवारी ही पशु-पक्षी हैं | बहुत से लोग मंदिर जाते हैं, भगवान के दर्शन करते हैं, लेकिन जो जीव-जंतु उनकी सवारी होते हैं, उस तरफ़ उतना ध्यान नहीं देते | ये जीव-जंतु हमारी आस्था के केंद्र में तो रहने ही चाहिए, हमें इनका हर संभव संरक्षण भी करना चाहिए | बीते कुछ वर्षों में, देश में, शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथियों की संख्या में उत्साहवर्धक बढ़ोत्तरी देखी गई है | कई और प्रयास भी निरंतर जारी हैं, ताकि इस धरती पर रह रहे दूसरे जीव-जंतुओं को बचाया जा सके | ऐसा ही एक अनोखा प्रयास राजस्थान के पुष्कर में भी किया जा रहा है | यहाँ, सुखदेव भट्ट जी और उनकी Team मिलकर वन्य जीवों को बचाने में जुटे हैं, और जानते हैं उनकी Team का नाम क्या है? उनकी Team का नाम है – कोबरा | ये ख़तरनाक नाम इसलिए है क्योंकि उनकी Team इस क्षेत्र में खतरनाक साँपों का Rescue करने का काम भी करती है | इस Team में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं, जो सिर्फ एक Call पर मौके पर पहुंचते हैं और अपने Mission में जुट जाते हैं | सुखदेव जी की इस Team ने अब तक 30 हजार से ज्यादा जहरीले साँपों का जीवन बचाया है | इस प्रयास से जहाँ लोगों का खतरा दूर हुआ है, वहीँ प्रकृति का संरक्षण भी हो रहा है | ये Team अन्य बीमार जानवरों की सेवा के काम से भी जुड़ी हुई है |

साथियो, तमिलनाडु के चेन्नई में Auto Driver एम.राजेंद्र प्रसाद जी भी एक अनोखा काम कर रहे हैं | वो पिछले 25-30 साल से कबूतरों की सेवा के काम में जुटे हैं | खुद उनके घर में 200 से ज्यादा कबूतर हैं | वहीँ पक्षियों के भोजन, पानी, स्वास्थ्य जैसी हर जरुरत का पूरा ध्यान रखते हैं | इस पर उनका काफी पैसा भी खर्च होता है, लेकिन वो, अपने काम में डटे हुए हैं | साथियो, लोगों को नेक नीयत से ऐसा काम करते देखकर वाकई बहुत सुकून मिलता है, काफी खुशी होती है | अगर आपको भी ऐसे ही कुछ अनूठे प्रयासों के बारे में जानकारी मिले तो उन्हें जरुर Share कीजिए |

मेरे प्यारे परिवारजनों, आजादी का ये अमृतकाल, देश के लिए हर नागरिक का कर्तव्यकाल भी है | अपने कर्तव्य निभाते हुए ही हम अपने लक्ष्यों को पा सकते हैं, अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं | कर्तव्य की भावना, हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है | यू.पी. के सम्भल में, देश ने कर्तव्य भावना की एक ऐसी मिसाल देखी है, जिसे मैं आपसे भी Share करना चाहता हूँ | आप सोचिए, 70 से ज्यादा गाँव हों, हजारों की आबादी हो और सभी लोग मिलकर, एक लक्ष्य, एक ध्येय की प्राप्ति के लिए साथ आ जाएँ, जुट जाएँ ऐसा कम ही होता है, लेकिन, सम्भल के लोगों ने ये करके दिखाया | इन लोगों ने मिलकर जन-भागीदारी और सामूहिकता की बहुत ही शानदार मिसाल कायम की है | दरअसल, इस क्षेत्र में दशकों पहले, ‘सोत’ नाम की एक नदी हुआ करती थी | अमरोहा से शुरू होकर सम्भल होते हुए बदायूं तक बहने वाली ये नदी एक समय इस क्षेत्र में जीवनदायिनी के रूप में जानी जाती थी | इस नदी में अनवरत जल प्रवाहित होता था, जो यहाँ के किसानों के लिए खेती का मुख्य आधार था | समय के साथ नदी का प्रवाह कम हुआ, नदी जिन रास्तों से बहती थी वहां अतिक्रमण हो गया और ये नदी विलुप्त हो गई | नदी को माँ मानने वाले हमारे देश में, सम्भल के लोगों ने इस सोत नदी को भी पुनर्जीवित करने का संकल्प ले लिया | पिछले साल दिसंबर में सोत नदी के कायाकल्प का काम 70 से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने मिलकर शुरू किया | ग्राम पंचायतों के लोगों ने सरकारी विभागों को भी अपने साथ लिया | आपको ये जानकर खुशी होगी कि साल के पहले 6 महीने में ही ये लोग नदी के 100 किलोमीटर से ज्यादा रास्ते का पुनरोद्धार कर चुके थे | जब बारिश का मौसम शुरू हुआ तो यहां के लोगों की मेहनत रंग लाई और सोत नदी, पानी से, लबालब भर गई | यहां के किसानों के लिए यह खुशी का एक बड़ा मौका बनकर आया है | लोगों ने नदी के किनारे बांस के 10 हजार से भी अधिक पौधे भी लगाए हैं, ताकि इसके किनारे पूरी तरह सुरक्षित रहें | नदी के पानी में तीस हजार से अधिक गम्बूसिया मछलियों को भी छोड़ा गया है ताकि मच्छर न पनपें | साथियो, सोत नदी का उदाहरण हमें बताता है कि अगर हम ठान लें तो बड़ी से बड़ी चुनौतियों को पार कर एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं | आप भी कर्तव्य पथ पर चलते हुए अपने आसपास ऐसे बहुत से बदलावों का माध्यम बन सकते हैं |

मेरे परिवारजनों, जब इरादे अटल हों और कुछ सीखने की लगन हो, तो कोई काम, मुश्किल नहीं रह जाता है | पश्चिम बंगाल की श्रीमती शकुंतला सरदार ने इस बात को बिल्कुल सही साबित करके दिखाया है | आज वो कई दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं | शकुंतला जी जंगल महल के शातनाला गांव की रहने वाली हैं | लंबे समय तक उनका परिवार हर रोज मजदूरी करके अपना पेट पालता था | उनके परिवार के लिए गुजर-बसर भी मुश्किल थी | फिर उन्होंने एक नए रास्ते पर चलने का फैसला किया और सफलता हासिल कर सबको हैरान कर दिया | आप ये जरुर जानना चाहेंगे कि उन्होंने ये कमाल कैसे किया! इसका जवाब है – एक सिलाई मशीन | एक सिलाई मशीन के जरिए उन्होंने ‘साल’ की पत्तियों पर खूबसूरत design बनाना शुरू किया | उनके इस हुनर ने पूरे परिवार का जीवन बदल दिया | उनके बनाए इस अद्भुत craft की मांग लगातार बढ़ती जा रही है | शकुंतला जी के इस हुनर ने, न सिर्फ उनका, बल्कि, ‘साल’ की पत्तियों को जमा करने वाले कई लोगों का जीवन भी बदल दिया है | अब, वो, कई महिलाओं को training देने का भी काम कर रही हैं | आप कल्पना कर सकते हैं, एक परिवार, जो कभी, मजदूरी पर निर्भर था, अब खुद दूसरों को रोजगार के लिए प्रेरित कर रहा है | उन्होंने रोज की मजदूरी पर निर्भर रहने वाले अपने परिवार को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है | इससे उनके परिवार को अन्य चीजों पर भी focus करने का अवसर मिला है | एक बात और हुई है, जैसे ही शकुंतला जी की स्थिति कुछ ठीक हुई, उन्होंने बचत करना भी शुरू कर दिया है | अब वो जीवन बीमा योजनाओं में निवेश करने लगी हैं, ताकि उनके बच्चों का भविष्य भी उज्जवल हो | शकुंतला जी के जज्बे के लिए उनकी जितनी सराहना की जाए वो कम है | भारत के लोग ऐसी ही प्रतिभा से भरे होते हैं – आप, उन्हें अवसर दीजिए और देखिए वे क्या-क्या कमाल कर दिखाते हैं |

मेरे परिवारजनों, दिल्ली में G-20 Summit के दौरान उस दृश्य को भला कौन भूल सकता है, जब कई World Leaders बापू को श्रद्धासुमन अर्पित करने एक साथ राजघाट पहुंचे | यह इस बात का एक बड़ा प्रमाण है कि दुनिया-भर में बापू के विचार आज भी कितने प्रासांगिक है | मुझे इस बात की भी खुशी है कि गांधी जयंती को लेकर पूरे देश में स्वच्छता से सम्बंधित बहुत सारे कार्यक्रमों का plan किया गया है | केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों में ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ काफी जोर-शोर से जारी है | Indian Swachhata League में भी काफी अच्छी भागीदारी देखी जा रही है | आज मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से सभी देशवासियों से एक आग्रह भी करना चाहता हूं - 1 अक्टूबर यानि रविवार को सुबह 10 बजे स्वच्छता पर एक बड़ा आयोजन होने जा रहा है | आप भी अपना वक्त निकालकर स्वच्छता के जुड़े इस अभियान में अपना हाथ बटाएं | आप अपनी गली, आस-पड़ोस, पार्क, नदी, सरोवर या फिर किसी दूसरे सार्वजनिक स्थल पर इस स्वच्छता अभियान से जुड़ सकते हैं और जहाँ-जहाँ अमृत सरोवर बने हैं वहाँ तो स्वच्छता अवश्य करनी है | स्वच्छता की ये कार्यांजलि ही गांधी जी को सच्ची श्रद्दांजलि होगी | मैं आपको फिर से याद दिलाना चाहूँगा कि इस गाँधी जयंती के अवसर पर खादी का कोई ना कोई Product ज़रूर ख़रीदें |

मेरे परिवारजनों, हमारे देश में त्योहारों का season भी शुरू हो चुका है | आप सभी के घर में भी कुछ नया खरीदने की योजना बन रही होगी | कोई इस इंतजार में होगा कि नवरात्र के समय वो अपना शुभ काम शुरू करेगा | उमंग, उत्साह के इस वातावरण में आप vocal for local का मंत्र भी जरुर याद रखें | जहां तक संभव हो, आप, भारत में बने सामानों की खरीदारी करें, भारतीय Product का उपयोग करें और Made in India सामान का ही उपहार दें | आपकी छोटी सी ख़ुशी, किसी दूसरे के परिवार की बहुत बड़ी ख़ुशी का कारण बनेगी | आप, जो भारतीय सामान खरीदेंगे, उसका सीधा फ़ायदा, हमारे श्रमिकों, कामगारों, शिल्पकारों और अन्य विश्वकर्मा भाई-बहनों को मिलेगा | आजकल तो बहुत सारे Start-ups भी स्थानीय Products को बढ़ावा दे रहे हैं | आप स्थानीय चीजें खरीदेंगे तो start-ups के इन युवाओं को भी फ़ायदा होगा |

मेरे प्यारे परिवारजनों, ‘मन की बात’ में बस आज इतना ही | अगली बार जब आपसे ‘मन की बात’ में मिलूंगा तो नवरात्रि और दशहरा बीत चुके होंगे | त्योहारों के इस मौसम में आप भी पूरे उत्साह से हर पर्व मनाएँ, आपके परिवार में खुशियां रहें - मेरी यही कामना है | इन पर्वों की आपको बहुत सारी शुभकामनायें | आपसे फिर मुलाकात होगी, और भी नए विषयों के साथ, देशवासियों की नई सफलताओ के साथ | आप, अपने संदेश मुझे ज़रूर भेजते रहिए, अपने अनुभव शेयर करना ना भूलें | मैं प्रतीक्षा करूँगा | बहुत बहुत धन्यवाद | नमस्कार |

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Supreme Court’s verdict on the abrogation of Article 370 is historic: PM
December 11, 2023
PM also assures resilient people of Jammu, Kashmir and Ladakh

The Prime Minister, Shri Narendra Modi said that the Supreme Court’s verdict on the abrogation of Article 370 is historic and constitutionally upholds the decision taken by the Parliament of India on 5th August 2019.

Shri Modi also said that the Court, in its profound wisdom, has fortified the very essence of unity that we, as Indians, hold dear and cherish above all else.

The Prime Minister posted on X;

“Today's Supreme Court verdict on the abrogation of Article 370 is historic and constitutionally upholds the decision taken by the Parliament of India on 5th August 2019; it is a resounding declaration of hope, progress and unity for our sisters and brothers in Jammu, Kashmir and Ladakh. The Court, in its profound wisdom, has fortified the very essence of unity that we, as Indians, hold dear and cherish above all else.

I want to assure the resilient people of Jammu, Kashmir and Ladakh that our commitment to fulfilling your dreams remains unwavering. We are determined to ensure that the fruits of progress not only reach you but also extend their benefits to the most vulnerable and marginalised sections of our society who suffered due to Article 370.

The verdict today is not just a legal judgment; it is a beacon of hope, a promise of a brighter future and a testament to our collective resolve to build a stronger, more united India. #NayaJammuKashmir”