"नई ऊर्जा, प्रेरणा और संकल्पों के आलोक में एक नया अध्याय आरंभ हो रहा है"
'आज संपूर्ण विश्‍व की दृष्टि भारत पर है। भारत के प्रति विश्‍व का दृष्टिकोण बदल गया है’
"इतने सारे स्टेशनों के आधुनिकीकरण से देश में विकास के लिए एक नया वातावरण बनेगा"
"ये अमृत रेलवे स्टेशन अपनी विरासत पर गौरवान्वित होने और हर नागरिक में गर्व की भावना उत्‍पन्‍न करने के प्रतीक होंगे"
"हमारा बल भारतीय रेल को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर है"
"अब यह हमारा उत्‍तरदायित्‍व है कि हम रेलवे को एक बेहतर पहचान और आधुनिक भविष्य से जोड़ें"
"नए भारत में, विकास युवाओं के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है, और युवा देश के विकास को नए पंख दे रहे हैं"
'अगस्त क्रांति, कृतज्ञता और कर्तव्य का महीना है। ऐसे कई ऐतिहासिक अवसर, जिन्‍होंने भारत के इतिहास को नई दिशा दी, अगस्त में घटित हुए’
"हमारा स्वतंत्रता दिवस हमारे तिरंगे और हमारे राष्ट्र की प्रगति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का समय है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी हमें हर घर पर तिरंगा फहराना है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज एक ऐतिहासिक कदम के रूप में, वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए देश भर के 508 रेलवे स्‍टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकसित ये 508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिल नाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत, जो विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, वह अमृत काल के उदय पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘नई ऊर्जा, नई प्रेरणा और नए संकल्प हैं’’ और यह भारतीय रेल के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत है। उन्होंने बताया कि देश के लगभग 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को अब आधुनिकता के साथ 'अमृत भारत स्टेशन' के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा और उन्हें नया जीवन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि 1300 रेलवे स्टेशनों में से आज लगभग 25,000 करोड़ रुपये की लागत से 508 अमृत भारत स्टेशनों की आधारशिला रखी जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुनर्विकास परियोजना रेलवे के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए भी देश में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक बड़ा अभियान होगा। यह देखते हुए कि देश के सभी राज्य इससे लाभान्वित होंगे, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत से 55 अमृत स्टेशन, मध्य प्रदेश में लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से 34 स्टेशन, महाराष्ट्र में 1,500 करोड़ रुपये की लागत से 44 स्टेशन और तमिल नाडु, कर्नाटक और केरल सहित अन्य राज्यों के प्रमुख रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने रेल मंत्रालय की प्रशंसा की और इस ऐतिहासिक परियोजना के लिए नागरिकों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने विश्‍व में भारत के बढ़ते कद और भारत में बढ़ती वैश्विक रुचि को रेखांकित किया। उन्होंने इसके लिए दो प्रमुख कारकों को श्रेय दिया। पहला, भारत के लोगों द्वारा एक स्थिर पूर्ण बहुमत वाली सरकार का चुनाव और दूसरा, सरकार ने महत्वाकांक्षी निर्णय लिए तथा लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप उनके विकास के लिए निरंतर कार्य किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय रेल भी इसका प्रतीक है। उन्होंने अपनी बातों को स्पष्ट करने के लिए रेल सेक्‍टर के विस्तार के तथ्य प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में देश में बिछाई गई पटरियों की लंबाई दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड, ब्रिटेन और स्वीडन में संयुक्त रेलवे नेटवर्क से अधिक है। भारतीय रेलवे में विस्तार परिप्रेक्ष्य को सामने रखते हुए, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केवल पिछले एक वर्ष में ही भारत ने दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त रेलवे नेटवर्क की तुलना में अधिक रेलवे ट्रैक बिछाए। उन्होंने कहा कि आज सरकार रेल यात्रा को सुगम बनाने के साथ-साथ सुखद बनाने के लिए भी काम कर रही है। उन्होंने कहा, "हमारा प्रयास रेलगाड़ी से स्टेशन तक सर्वोत्तम संभव अनुभव प्रदान करना है। उन्होंने प्लेटफार्मों पर बैठने की बेहतर जगह, उन्नत प्रतीक्षालयों और हजारों स्टेशनों पर नि:शुल्‍क वाईफाई का उल्लेख किया।

भारतीय रेल में हुए व्यापक विकास को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी प्रधानमंत्री लाल किले से इन उपलब्धियों के बारे में चर्चा करना पसंद करेगा। हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस कार्यक्रम के भव्य आयोजन के कारण वह आज ही रेलवे की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाल रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने रेलवे के दर्जे को देश की जीवन रेखा बताते हुए कहा कि इसके साथ ही शहरों की पहचान उन रेलवे स्टेशनों से भी जुड़ी है जो समय व्‍यतीत होने के साथ शहरों की केंद्रस्‍थली बन गए हैं। इससे स्टेशनों को आधुनिक स्वरूप प्रदान करना अनिवार्य हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने सारे स्टेशनों के आधुनिकीकरण से देश में विकास के लिए एक नया वातावरण बनेगा क्योंकि वे आगंतुकों के बीच एक अच्छी प्रथम छाप छोड़ेंगे। अपग्रेड किए गए स्टेशनों से न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि 'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' योजना कारीगरों की मदद करेगी और जिले की ब्रांडिंग में सहायता करेगी।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश ने आजादी का अमृत काल में अपनी विरासत पर गर्व करने का भी संकल्प लिया है। श्री मोदी ने कहा कि ये अमृत रेलवे स्‍टेशन अपनी विरासत पर गर्व करने और प्रत्‍येक नागरिक में गौरव की भावना भरने के प्रतीक होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत स्‍टेशन भारत की सांस्‍कृतिक और स्‍थानीय विरासत की झलक प्रस्‍तुत करेंगे। प्रधानमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि जयपुर रेलवे स्टेशनों पर राजस्थान के हवा महल और आमेर किले की झलक देखने को मिलेगी, जम्मू-कश्मीर का जम्मू तवी रेलवे स्टेशन प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर से प्रेरित होगा और नगालैंड का दीमापुर स्टेशन क्षेत्र की 16 विभिन्न जनजातियों की स्थानीय वास्तुकला को प्रदर्शित करेगा। उन्‍होंने कहा कि प्रत्‍येक रेलवे स्‍टेशन प्राचीन विरासत के साथ-साथ देश की आधुनिक आकांक्षाओं का प्रतीक होगा। प्रधानमंत्री ने 'भारत गौरव यात्रा रेलगाडि़यों' को सुदृढ़ बनाने का उल्लेख किया जो ऐतिहासिक प्रासंगिकता के स्थानों और तीर्थस्थलों को जोड़ती है।

देश के आर्थिक विकास को गति देने में रेलवे की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे में रिकॉर्ड निवेश हुआ है। इस वर्ष रेलवे को 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट मिला, जो 2014 की तुलना में पांच गुना अधिक है। उन्‍होंने कहा कि आज समग्र दृष्टिकोण के साथ रेलवे के पूर्ण विकास के लिए काम किया जा रहा है। पिछले 9 वर्षों में लोकोमोटिव उत्पादन में 9 गुना की वृद्धि हुई है। आज 13 गुना अधिक एचएलबी कोचों का निर्माण किया जा रहा है।

पूर्वोत्‍तर में रेल विस्‍तार के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि लाइनों के दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर तेजी से काम चल रहा है। श्री मोदी ने कहा कि शीघ्र ही पूर्वोत्‍तर के सभी राज्‍यों की राजधानियां रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएंगी। उन्होंने बताया कि नगालैंड को 100 वर्ष बाद अपना दूसरा स्टेशन मिला है। उन्होंने कहा, "क्षेत्र में नई रेलवे लाइनों की कमीशनिंग में तीन गुना वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में 2200 किलोमीटर से अधिक समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया गया है, जिससे मालगाडि़यों के यात्रा समय में कमी आई है। अब दिल्ली एनसीआर से पश्चिमी पत्तनों पर 24 घंटे में माल पहुंच जाता है, जिसमें पहले 72 घंटे लगते थे। अन्य मार्गों पर भी समय में 40 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है, जिससे उद्यमियों, उद्योगपतियों और किसानों को अत्‍यधिक लाभ हो रहा है।

रेलवे पुलों की कमी के कारण आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले 6000 से भी कम रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज थे, लेकिन आज यह संख्या 10,000 से अधिक हो गई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बड़ी लाइनों पर मानव रहित लेवल क्रॉसिंग की संख्या अब शून्य हो गई है। यात्रियों की सुविधा के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि वरिष्‍ठ नागरिकों और दिव्यांगों की आवश्‍यकताओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारा जोर भारतीय रेल को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर है।" उन्होंने बताया कि 100 प्रतिशत रेल लाइन विद्युतीकरण बहुत जल्द हासिल कर लिया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप भारत में सभी रेलगाडि़यां केवल बिजली से चलेंगी। प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि सौर पैनलों से बिजली पैदा करने वाले स्टेशनों की संख्या पिछले 9 वर्षों में 1200 से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का लक्ष्‍य निकट भविष्‍य में प्रत्‍येक रेलवे स्‍टेशन से हरित ऊर्जा का उत्‍पादन करना है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लगभग 70,000 कोचों में एलईडी लाइटें लगाई गई हैं और 2014 की तुलना में ट्रेनों में जैव-शौचालयों की संख्या में 28 गुना वृद्धि हुई है। श्री मोदी ने रेखांकित किया कि सभी अमृत स्टेशन हरित भवनों के मानकों को पूरा करने के लिए बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘2030 तक, भारत एक ऐसा देश होगा जिसका रेलवे नेटवर्क शुद्ध शून्य उत्सर्जन पर चलेगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारतीय रेल ने दशकों तक हमें अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम किया है, इसने देश को जोड़ने का काम किया है। अब यह हमारा उत्तरदायित्‍व है कि हम रेल को एक बेहतर पहचान और आधुनिक भविष्य से जोड़ें।’ उन्होंने नए संसद भवन, कर्तव्य पथ, युद्ध स्मारक और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी परियोजनाओं का विरोध किए जाने पर खेद व्‍यक्‍त किया। उन्होंने कहा, ‘नकारात्मक राजनीति से दूर, हमने देश के विकास के कार्य को एक मिशन के रूप में लिया है और वोट बैंक तथा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।’

यह रेखांकित करते हुए कि रेलवे ने अकेले 1.5 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान किया है, प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे पर लाखों करोड़ रुपये का निवेश करके रोजगार भी पैदा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार भी रोजगार मेले के माध्यम से 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का अभियान चला रही है। उन्‍होंने कहा, ‘‘यह एक बदलते भारत की तस्वीर है, जहां विकास युवाओं के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है और युवा देश के विकास को नए पंख दे रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने इस अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम में कई स्वतंत्रता सेनानियों और कई पद्म पुरस्कार विजेताओं की उपस्थिति का उल्‍लेख किया। प्रत्येक भारतीय के लिए अगस्त महीने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्रांति, कृतज्ञता और कर्तव्य का महीना है और कई ऐतिहासिक अवसरों से परिपूर्ण है जिसने भारत के इतिहास को एक नई दिशा दी। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उल्लेख किया जो 7 अगस्त को मनाया जाता है और स्वदेशी आंदोलन को समर्पित है। श्री मोदी ने कहा, ‘‘7 अगस्त की यह तिथि हर भारतीय के लिए वोकल फॉर लोकल होने के संकल्प को दोहराने का दिन है। उन्होंने गणेश चतुर्थी के पवित्र त्योहार का भी उल्लेख किया और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से गणेश चतुर्थी मनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के अनुकूल सामग्री से बनी मूर्तियों को आजमाने का सुझाव दिया। उन्होंने स्थानीय कारीगरों, हस्तशिल्पियों और छोटे उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को खरीदने का भी सुझाव दिया।

प्रधानमंत्री ने 9 अगस्त की चर्चा करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक तिथि थी, जब भारत छोड़ो आंदोलन आरंभ हुआ और इससे स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में नई ऊर्जा उत्‍पन्‍न हुई। इससे प्रेरित, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश हर बुराई, भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण के लिए भारत छोड़ो आंदोलन कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने आगामी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का उल्लेख किया और कहा कि हम उन अनगिनत लोगों का स्‍मरण करते हैं जिन्होंने विभाजन की भारी कीमत चुकाई। उन्‍होंने उन लोगों के योगदान को स्वीकार किया जिन्‍होंने इस बड़े आघात के बाद खुद को संभाला और अब देश के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें अपनी एकता को अक्षुण्ण रखने की जिम्मेदारी देता है। श्री मोदी ने कहा, ‘हमारा स्‍वतंत्रता दिवस, हमारे तिरंगे और हमारे राष्‍ट्र की प्रगति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का समय है। पिछले वर्ष की भांति इस बार भी हमें हर घर पर तिरंगा फहराना है। उन्होंने सोशल मीडिया पर और फ्लैग मार्च में लोगों के उत्साह का उल्लेख किया और सभी से इस अभियान में जुड़ने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सरकार ने इस धारणा को बदल दिया है कि नागरिकों द्वारा चुकाए गए कर को भ्रष्टाचार में बर्बाद कर दिया जाता है और आज लोग महसूस करते हैं कि उनके पैसे का उपयोग राष्ट्र निर्माण में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बढ़ती सुविधाओं और जीवन यापन में सुगमता के कारण करों का भुगतान करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने उस समय का उल्‍लेख किया जब देश में दो लाख रुपये की आय पर कर लगता था जबकि आज सात लाख रुपये तक की आय पर आज कर नहीं लगता। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके बावजूद देश में एकत्र आयकर की राशि बढ़ रही है, और यह स्पष्ट संदेश जा रहा है कि देश में मध्यम वर्ग का दायरा लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो सरकार में विश्वास बढ़ने और देश में हो रहे नवोन्‍मेषण को दर्शाता है। आज लोग देख रहे हैं कि किस प्रकार देश में रेलवे का कायाकल्प हो रहा है, मेट्रो का विस्तार हो रहा है। उन्होंने नए एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डों के विकास का उल्लेख किया और कहा कि इस तरह के बदलाव करदाताओं के पैसे से विकसित होने वाले नए भारत की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इन 508 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण भी इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अमृत भारत स्टेशन भारतीय रेल के इस बदलाव को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।’

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते रहे हैं। यह देखते हुए कि रेलवे देश भर के लोगों के लिए परिवहन का पसंदीदा साधन है, उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व पर बल दिया है। इस दृष्टिकोण के आधार पर, देश भर में 1309 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई थी।

इस योजना के भाग के रूप में, प्रधानमंत्री ने 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी है। इन स्टेशनों का पुनर्विकास 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। शहर के दोनों किनारों के उचित एकीकरण के साथ इन स्टेशनों को 'सिटी सेंटर' के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। यह एकीकृत दृष्टिकोण रेलवे स्टेशन के आसपास केंद्रित शहर के समग्र शहरी विकास की समग्र दृष्टि से प्रेरित है।

इनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिल नाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्‍टेशन शामिल हैं।

यह पुनर्विकास बेहतर तरह से डिजाइन किए गए ट्रैफिक सर्कुलेशन, इंटर-मोडल एकीकरण और यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए दिशा-निर्देश सुनिश्चित करने के साथ-साथ आधुनिक यात्री सुविधाएं प्रदान करेगा। स्टेशन भवनों के डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होंगे।

 

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Prime Minister welcomes passage of SHANTI Bill by Parliament
December 18, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has welcomed the passage of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament, describing it as a transformational moment for India’s technology landscape.

Expressing gratitude to Members of Parliament for supporting the Bill, the Prime Minister said that it will safely power Artificial Intelligence, enable green manufacturing and deliver a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world.

Shri Modi noted that the SHANTI Bill will also open numerous opportunities for the private sector and the youth, adding that this is the ideal time to invest, innovate and build in India.

The Prime Minister wrote on X;

“The passing of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament marks a transformational moment for our technology landscape. My gratitude to MPs who have supported its passage. From safely powering AI to enabling green manufacturing, it delivers a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world. It also opens numerous opportunities for the private sector and our youth. This is the ideal time to invest, innovate and build in India!”