प्रधानमंत्री ने दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल की आधारशिला रखी
प्रधानमंत्री ने भावनगर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र का भी उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री ने सौनी योजना लिंक 2 के पैकेज 7, 25 मेगावाट पालिताना सौर पीवी परियोजना, एपीपीएल कंटेनर परियोजना सहित कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री ने सौनी योजना लिंक 2 के पैकेज 9, चोरवडला जोन जलापूर्ति परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी
"300 वर्षों की अपनी इस यात्रा में भावनगर ने सतत विकास की, सौराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाई है"
"बीते 2 दशकों में गुजरात की कोस्टलाइन को भारत की समृद्धि का द्वार बनाने के लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है"
"भावनगर पोर्ट से जुड़े विकास के एक शानदार उदाहरण के रूप में उभर रहा है"
"लोथल दुनिया का सबसे पुराना बंदरगाह है और लोथल समुद्री संग्रहालय के निर्माण से इस स्थान को एक नई पहचान मिलेगी"
"किसानों के सशक्तिकरण की तर्ज पर, मछुआरों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए"
"पीछे छूट गए लोगों की मदद करना डबल इंजन वाली सरकार की प्रतिबद्धता है"
"गरीबों के सपने और उनकी आकांक्षाएं मुझे निरंतर काम करने की ऊर्जा देती हैं"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भावनगर में 5200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने भावनगर में दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल और ब्राउनफील्ड पोर्ट की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र का भी उद्घाटन किया, जो 20 एकड़ में फैला है और इसे लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने सौनी योजना लिंक 2 के पैकेज 7, 25 मेगावाट पालिताना सौर पीवी परियोजना, एपीपीएल कंटेनर (आवदकृपा प्लास्टोमेक प्राइवेट लिमिटेड) परियोजना सहित कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया और सौनी योहना लिंक 2 के पैकेज 9, चोरवडला जोन जलापूर्ति परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

 

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने गर्म मौसम के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में आने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, एक तरफ देश जहां आजादी के 75 वर्ष पूरे कर चुका है, वहीं इस साल भावनगर अपनी स्थापना के 300 वर्ष पूरे करने जा रहा है। 300 वर्षों की अपनी इस यात्रा में भावनगर ने सतत विकास की, सौराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। भावनगर की इस विकास यात्रा को आज शुरू की जा रही योजनाओं से नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि राजकोट-जामनगर-भावनगर क्षेत्र में जल्द ही सूरत-वडोदरा-अहमदाबाद के समान परिवेश होगा। उन्होंने कहा कि भावनगर में उद्योग, कृषि और व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। आज का आयोजन इस दिशा में डबल इंजन वाली सरकार के प्रयासों का जीता-जागता उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भावनगर समंदर के किनारे बसा जिला है। गुजरात के पास देश की सबसे लंबी कोस्टलाइन है। लेकिन आजादी के बाद के दशको में तटीय विकास पर उतना ध्यान ना दिए जाने की वजह से, ये विशाल कोस्टलाइन एक तरह से लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी। डबल इंजन वाली सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 2 दशकों में गुजरात की कोस्टलाइन को भारत की समृद्धि का द्वार बनाने के लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “गुजरात में हमने अनेकों पोर्ट्स विकसित किए, बहुत से पोर्ट्स का आधुनिकीकरण कराया। रोजगार के नए अवसर पैदा हुए।" प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात एलएनजी टर्मिनल पाने वाला देश का पहला राज्य है और आज गुजरात में तीन एलएनजी टर्मिनल हैं।

कोस्टल इको-सिस्टम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने इन उद्योगों के लिए कोस्टल उद्योगों और एनर्जी नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मछुआरे समुदाय के लाभ के लिए मछली पकड़ने के बंदरगाहों का निर्माण किया गया और मत्स्य प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया गया। क्षेत्र में मैंग्रोव वन भी विकसित किए गए थे। श्री मोदी ने यह भी बताया कि केंद्र की तत्कालीन सरकार ने कहा था कि कोस्टल एरिया को कैसे विकसित किया जाए, इस बारे में गुजरात से कई सबक सीखे जा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने एक्वा-कल्चर को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गुजरात की कोस्टलाइन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात की कोस्टलाइन, देश के आयात-निर्यात में बहुत बड़ी भूमिका निभाने के साथ ही लाखों लोगों को रोजगार का माध्यम भी बनी है। उन्होंने कहा, "आज गुजरात की कोस्टलाइन, नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोजन इकोसिस्टम का पर्याय बनकर उभर रही है।" प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने सौराष्ट्र को ऊर्जा का केंद्र बनाने की कोशिश की है। आज देश को ऊर्जा की चाहे जितनी भी जरूरत हो, यह क्षेत्र उसका एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भावनगर का ये पोर्ट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा और रोजगार के सैकड़ों नए अवसर यहां बनेंगे। श्री मोदी ने कहा, "यहां भंडारण, ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स से जुड़े व्यापार-कारोबार का विस्तार होगा।" अलंग शिप ब्रेकिंग यार्ड की विरासत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी का सबसे बड़ा फायदा भावनगर को होगा। उन्होंने स्क्रैप किए गए लोहे से कंटेनर निर्माण के संबंधित अवसरों के बारे में भी बताया।

लोथल को विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुनिया का सबसे पुराना बंदरगाह है और लोथल समुद्री संग्रहालय का निर्माण होने से इस स्थान को एक नई पहचान मिलेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि लोथल हमारी विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, जिसको पूरी दुनिया के पर्यटन नक्शे पर लाने के लिए बहुत परिश्रम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, "लोथल के साथ वेलावदर नेशनल पार्क में इको टूरिज्म से जुड़े सर्किट का लाभ भी भावनगर को होने वाला है, विशेष रूप से छोटे बिजनेस को होने वाला है।" श्री मोदी ने उस समय को याद किया जब क्षेत्र के मछुआरों को जागरूकता की कमी के कारण जानलेवा स्थितियों का सामना करना पड़ा था। उस समय को याद करते हुए जब प्रधानमंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने कहा कि मछुआरे को कई बटनों वाली एक विशेष लाल टोकरी सौंपी गई थी। आपात स्थिति में, मछुआरे को मदद या सहायता के लिए तटरक्षक कार्यालय को बुलाने के लिए बटन दबाना पड़ता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मछुआरों को उनकी नावों की स्थिति में सुधार के लिए सब्सिडी प्रदान की गई है। श्री मोदी ने कहा, "किसानों के सशक्तिकरण की तर्ज पर, मछुआरों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए।"

प्रधानमंत्री ने राजकोट में शुरू हुई सौनी योजना के लागू होने के बाद हुए बदलावों पर संतोष व्यक्त किया। कुछ तिमाहियों में शुरुआती समस्याओं के बावजूद परियोजना की निरंतर प्रगति पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "आज, सौनी योजना नर्मदा को उन सभी स्थानों पर ले जा रही है जहां इसे त्वरित गति से जाना चाहिए।" प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, वे नर्मदा नदी के पानी को भावनगर और अमरेली के कई जिलों में ले जाएंगी। श्री मोदी ने कहा कि इससे अमरेली जिले के राजुला और खंभा तालुकों के साथ-साथ भावनगर के गरियाधर, जेसर और महुवा तालुका के कई गांवों के किसानों को बहुत लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, भावनगर, गिर सोमनाथ, अमरेली, बोटाद, जूनागढ़, राजकोट और पोरबंदर जिलों के सैकड़ों गांवों व दर्जनों शहरों तक पहुंचने का काम भी आज से शुरू हो गया है।

संबोधन के समापन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पीछे छूट गए लोगों की मदद करना डबल इंजन वाली सरकार की प्रतिबद्धता है। जब गरीब से गरीब व्यक्ति को संसाधन और सम्मान मिलता है, तो वे कड़ी मेहनत एवं दृढ़ता के बल पर गरीबी पर विजय प्राप्त करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “गुजरात में, हम अक्सर गरीब कल्याण मेलों का आयोजन करते हैं। ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान मैंने यहां भावनगर में एक बहन को ट्राइसाइकिल सौंपी। फिर उस बहन ने मुझसे कहा कि मैंने कभी ट्राइसाइकिल नहीं चलाई। इसलिए इलेक्ट्रिक ट्राइसाइकिल ही दें। यही विश्वास और गरीबों के ये सपने आज भी मेरी ताकत हैं। गरीबों के ये सपने, उनकी ये आकांक्षाएं मुझे निरंतर काम करने की ऊर्जा देती हैं।"

प्रधानमंत्री ने भावनगर के साथ अपने लंबे जुड़ाव और अपने पुराने सहयोगियों को याद करते हुए अतीत की स्मृति में खो गए। उन्होंने कहा कि आज की परियोजनाएं भावनगर के उज्ज्वल भविष्य में योगदान देंगी। उन्होंने लोगों को उनके प्रति लगातार बढ़ते स्नेह के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया, सांसद श्री सी. आर. पाटिल, डॉ. भारतीबेन शियाल और श्री नारनभाई कछाड़िया भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भावनगर में 5200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने भावनगर में दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल और ब्राउनफील्ड पोर्ट की आधारशिला रखी। इस पोर्ट को 4000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा और इसमें दुनिया के चौथे सबसे बड़े लॉक गेट सिस्टम के साथ-साथ दुनिया के सबसे पहले सीएनजी टर्मिनल के लिए अत्याधुनिक बुनियादी संरचना होगी। यह सीएनजी टर्मिनल के अलावा, पोर्ट एरिया में विभिन्न आगामी परियोजनाओं की भविष्य की जरूरतों और मांगों को भी पूरा करेगा। इस पोर्ट में एक अत्याधुनिक कंटेनर टर्मिनल, बहुउद्देश्यीय टर्मिनल और लिक्विड टर्मिनल होगा, जो मौजूदा सड़क मार्ग और रेलवे नेटवर्क से सीधे तौर पर जुड़ा होगा। इससे न केवल कार्गो को संभालने में आने वाली लागत की लागत बचत होने से आर्थिक लाभ मिलने के साथ-साथ इस क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार भी पैदा होगा। साथ ही, सीएनजी आयात टर्मिनल स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए ऊर्जा का एक अतिरिक्त वैकल्पिक स्रोत प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भावनगर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र का भी उद्घाटन किया, जो 20 एकड़ में फैला है और लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस केंद्र में मरीन एक्वाटिक गैलरी, ऑटोमोबाइल गैलरी, नोबेल पुरस्कार गैलरी- फिजियोलॉजी और मेडिसिन, इलेक्ट्रो-मैकेनिक्स गैलरी और जीवविज्ञान- विज्ञान गैलरी सहित कई थीम-आधारित दीर्घाएं हैं। यह केंद्र एनिमेट्रोनिक डायनासोर, विज्ञान विषय-आधारित टॉय ट्रेन, प्रकृति अन्वेषण पर्यटन, मोशन सिमुलेटर, पोर्टेबल सौर वेधशाला आदि जैसे बाहरी प्रतिष्ठानों के माध्यम से बच्चों के लिए खोज और अन्वेषण की दिशा में एक रचनात्मक मंच भी प्रदान करेगा।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने सौनी योजना लिंक 2 के पैकेज 7, 25 मेगावाट पालिताना सौर पीवी परियोजना, एपीपीएल कंटेनर (आवदकृपा प्लास्टोमेक प्राइवेट लिमिटेड) परियोजना सहित कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया और सौनी योजना लिंक 2 के पैकेज 9, चोरवडला जोन जलापूर्ति परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

इन व्यापक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास होना, विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना को विकसित करने, शहरी आवागमन को बढ़ाने और मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी में सुधार के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे आम लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में उनकी सरकार के निरंतर प्रयासों का भी पता चलता है।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी
India Semiconductor Mission: How India plans to become the world’s next chip powerhouse

Media Coverage

India Semiconductor Mission: How India plans to become the world’s next chip powerhouse
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने मत्स्य पालन क्षेत्र को और मजबूत बनाने के उपायों पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की
May 15, 2025
चर्चा का मुख्य विषय ईईजेड और क्षेत्रीय जल से बाहर के समुद्र में मत्स्य पालन रहा
प्रधानमंत्री ने मत्स्य पालन और मछुआरों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान किया
प्रधानमंत्री ने स्मार्ट बंदरगाहों, ड्रोन परिवहन और मूल्यवर्धित आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ मत्स्य पालन के आधुनिकीकरण पर जोर दिया
कृषि क्षेत्र में कृषि तकनीक की तर्ज पर, प्रधानमंत्री ने उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन की कार्य प्रणाली में सुधार के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में मछली तकनीक को अपनाने का सुझाव दिया
प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवरों में मत्स्य पालन और आजीविका में प्रोत्साहन के लिए सजावटी मत्स्य पालन को बढ़ावा देने पर चर्चा की
प्रधानमंत्री ने ईंधन के प्रयोजनों, पोषण संबंधी इनपुट के रूप में, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य क्षेत्रों में समुद्री शैवाल के विविध उपयोग की खोज का सुझाव दिया
प्रधानमंत्री ने जमीन से घिरे क्षेत्रों में मछली आपूर्ति बढ़ाने के लिए रणनीति बनाने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) और क्षेत्रीय जल से बाहर के समुद्र में मत्स्य पालन पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

प्रधानमंत्री ने मछली संसाधनों के बेहतर उपयोग और मछुआरों को सुरक्षा निर्देश देने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने स्मार्ट बंदरगाहों और बाजारों के माध्यम से इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण, पकड़ी गई मछलियों के परिवहन और उसके विपणन में ड्रोन के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में मूल्य जोड़ने के लिए कामकाज की एक स्वस्थ प्रणाली की ओर बढ़ने की आवश्यकता है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने नागरिक उड्डयन के परामर्श से उत्पादन केन्द्रों से शहरों/कस्बों में बड़े नजदीकी बाजारों तक ताजी मछली ले जाने के लिए तकनीकी प्रोटोकॉल के अनुसार ड्रोन के उपयोग की खोज करने का सुझाव दिया।

प्रधानमंत्री ने उत्पादन के प्रसंस्करण और पैकेजिंग में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। निजी क्षेत्र से निवेश को सुविधाजनक बनाने पर भी चर्चा की गई।

प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में एग्रो टेक की तरह ही मत्स्य पालन क्षेत्र में भी मछली प्रौद्योगिकी को अपनाया जाना चाहिए ताकि उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन की कार्य प्रणालियों में सुधार हो सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत सरोवरों में मत्स्य उत्पादन से न केवल इन जल निकायों की जीविका में सुधार होगा, बल्कि मछुआरों की आजीविका में भी सुधार होगा। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आय सृजन के एक अवसर के रूप में सजावटी मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भूमि से घिरे क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक रणनीति तैयार की जानी चाहिए, जहां मछली की मांग अधिक है, लेकिन आपूर्ति पर्याप्त नहीं है।

प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि समुद्री शैवाल का उपयोग ईंधन के लिए, पोषण संबंधी इनपुट के रूप में, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य क्षेत्रों में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करना चाहिए और समुद्री शैवाल क्षेत्र में आवश्यक आउटपुट और परिणाम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए, जिससे पूर्ण स्वामित्व सुनिश्चित हो सके।

प्रधानमंत्री ने मछुआरों को मछली पकड़ने की आधुनिक पद्धतियों में सक्षम बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने इस क्षेत्र के विकास में बाधा डालने वाली वस्तुओं की एक नकारात्मक सूची बनाए रखने का भी सुझाव दिया, ताकि इनसे निपटने के लिए कार्ययोजना बनाई जा सके और मछुआरों के लिए व्यापार करने में आसानी और जीवनयापन में आसानी को बढ़ाया जा सके।

बैठक के दौरान, महत्वपूर्ण पहलों में हुई प्रगति, पिछली समीक्षा के दौरान दिए गए सुझावों के अनुपालन तथा भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) और क्षेत्रीय जल से बाहर के समुद्रों से निरंतर मत्स्य पालन के लिए प्रस्तावित सक्षम ढांचे पर एक प्रस्तुति भी दी गई।

सरकार ने 2015 से विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे कि नीली क्रांति योजना, मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), प्रधानमंत्री मत्स्य समृद्धि योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से निवेश को बढ़ाकर 38,572 करोड़ रुपये कर दिया है। भारत ने 2024-25 में 9 प्रतिशत से अधिक की क्षेत्रीय वृद्धि दर के साथ 195 लाख टन का वार्षिक मछली उत्पादन दर्ज किया है।

बैठक में केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2 श्री शक्तिकांत दास, प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री अमित खरे, मत्स्यपालन विभाग के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।