'भव्य और गरिमामय स्मृतिवन अमेरिका के 9/11 या हिरोशिमा स्मारक से कम नहीं है'
'पोलैंड सरकार की मदद के पीछे कहीं न कहीं महाराजा दिग्विजय सिंह के दयालु स्वभाव ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई'
'जन शक्ति, ज्ञान शक्ति, जल शक्ति, ऊर्जा शक्ति और रक्षा शक्ति - इन पांच संकल्पों की बुनियाद पर गुजरात नई ऊंचाइयों को छू रहा है'
'सौनी योजना के तहत मां नर्मदा हर कोने तक पहुंच रही हैं'
'महामारी से पैदा हुए संकट से उबारने के लिए 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है'
'जामनगर मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) और तटीय विकास के केंद्र के तौर पर उभर रहा है'
‘करीब 33 हजार अनुपालन, नियमों को खत्म कर दिया गया है’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के जामनगर में सिंचाई, बिजली, जल आपूर्ति और शहरी बुनियादी ढांचे से संबंधित करीब 1450 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित भी की। शिलान्यास वाली परियोजनाओं में कलावड की कलावड समूह जलापूर्ति योजना/जामनगर तालुका मोरबी-मालिया-जोडिया समूह जलापूर्ति योजना, लालपुर बाईपास जंक्शन फ्लाईओवर ब्रिज, हापा मार्केट यार्ड रेलवे क्रॉसिंग और सीवर संग्रह पाइपलाइन एवं पंपिंग स्टेशन का नवीनीकरण शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने सौराष्ट्र अवतरण सिंचाई (एसएयूएनआई) योजना लिंक 3 (उंद बांध से सोनमती बांध तक) पैकेज 7, सौनी योजना लिंक 1 (उंद-1 बांध से सानी बांध तक) पैकेज 5 और हरीपर 40 एमडब्ल्यू सौर पीवी परियोजना को समर्पित किया।

 

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर आते समय हुए भव्य स्वागत और आशीर्वाद देने के लिए जनता का धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने पानी, बिजली और कनेक्टिविटी से जुड़ी 8 परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास होने पर लोगों को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि वाल्मीकि समाज के लिए विशेष कम्युनिटी हॉल का भी शिलान्यास हुआ है। इससे हमारे भाइयों और बहनों को विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन में मदद मिलेगी।

 

प्रधानमंत्री ने दो दशक पहले भूकंप से हुई तबाही को याद किया। उन्होंने कहा कि भूकंप की त्रासदी और बर्बादी ने पूरे राज्य को गम में डुबो दिया था। हालांकि आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत के बल पर गुजरात एक बार फिर खड़ा हुआ। निराशा के माहौल और तबाही से उबरकर राज्य एक बार फिर आगे बढ़ा और देश में शीर्ष पर पहुंच गया। प्रधानमंत्री ने जामनगर के लोगों से कच्छ भूकंप पीड़ितों की याद में बने स्मृतिवन जाने और श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भव्य और गरिमामय स्मृतिवन अमेरिका के 9/11 या हिरोशिमा स्मारक से कम नहीं है।

 

प्रधानमंत्री ने जाम साहेब महाराजा दिग्विजय सिंह को याद किया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के लोगों के लिए दिखाई दरियादिली का जिक्र करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि इससे पोलैंड के लोगों के साथ एक अटूट संबंध बन गया, जिसने यूक्रेन संकट के दौरान वहां से भारतीयों को निकालने में काफी मदद की। उन्होंने कहा, 'पोलैंड सरकार की मदद के पीछे कहीं न कहीं महाराजा दिग्विजय सिंह की दया ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।' उन्होंने कहा कि जाम साहेब के शहर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का हमारा प्रयास है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जामनगर ने क्रिकेट के मैदान में भी काफी योगदान दिया है। सौराष्ट्र की रणजी क्रिकेट टीम ने 2020 में ट्रॉफी जीतकर सभी को गौरवान्वित किया।

 

प्रधानमंत्री ने बताया कि विकास के पांच संकल्पों ने गुजरात राज्य की एक मजबूत नींव तैयार की है। पहला संकल्प है जन शक्ति, दूसरा है ज्ञान शक्ति, तीसरा है जल शक्ति, चौथा है ऊर्जा शक्ति और पांचवां है रक्षा शक्ति। श्री मोदी ने कहा, 'इन पांच मजबूत स्तंभों पर गुजरात नई ऊंचाइयों को छू रहा है।'

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी भाग्यशाली है जो उन्हें 20-25 साल पहले राज्य की उन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा जो उनके बड़े-बुजुर्गों ने झेली थीं। उस समय के मुख्यमंत्री पानी की एक टंकी का उद्घाटन करने के लिए आते थे और आज मेरे एक दौरे में पहले के गुजरात के बजट से ज्यादा मूल्य के प्रोजेक्ट का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इससे पता चलता है कि गुजरात कितना बदल चुका है। उन्होंने कहा कि आज मां नर्मदा सौनी योजना के तहत गुजरात के कोने-कोने में परिक्रमा कर लोगों को आशीर्वाद दे रही हैं। इसी तरह जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक पाइप से पानी पहुंच रहा है। उन्होंने भारत सरकार की योजनाओं को तेज रफ्तार और समर्पण के साथ गुजरात में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की।

 

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि गरीबों का कल्याण उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हमने सबसे पहले देश के गरीबों की चिंता की, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी परिवार भूखा न रहे। महामारी की मुश्किलों से उबारने के लिए देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। पीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को इस साल दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है ताकि किसी भी गरीब परिवार को इस मुश्किल वक्त में खाली पेट न सोना पड़े। उन्होंने एक देश एक राशन कार्ड योजना से मिलने वाले फायदों का भी जिक्र किया और बताया कि भारत के सभी हिस्सों से आकर जामनगर में रहने वाले लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

जामनगर की तेल रिफाइनरी और तेल अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को इस बात पर गर्व होगा कि इसी भूमि पर क्रूड ऑइल रिफाइन किया जाता है। श्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश के औद्योगिक और ढांचागत विकास के लिए लगातार काम किया है। उन्होंने उस दौर को याद किया जब शहर में यातायात की बड़ी समस्या हुआ करती थी। श्री मोदी ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से सड़कें, फ्लाईओवर और अंडरपास बनाकर कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम किया जा रहा है जिससे नागरिकों के जीवन को आसान बनाया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि 26,000 करोड़ की लागत से अमृतसर-बठिंडा-जामनगर कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। जामनगर मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) और तट आधारित विकास के केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ इंटरनेशनल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का मुख्यालय जामनगर में ही है। वहीं, जामनगर आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जामनगर एक ऐसे केंद्र के रूप में उभर रहा है जो चूड़ियों, सिंदूर आदि जैसी शुभ चीजों से जुड़ा हुआ है और यह 'सौभाग्य नगर' में बदल रहा है।

प्रधानमंत्री ने व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने अनुपालन (अनुमति लेने) बोझ में कमी के बारे में बात की। लगभग 33 हजार अनुपालन, नियमों को समाप्त कर दिया गया है। इसी तरह, कंपनी कानूनों के गैर-अपराधीकरण से व्यापारिक समुदाय को राहत मिल रही है। उन्होंने विभिन्न आर्थिक सूचकांकों में भारत की स्थिति बेहतर होने की बात की, खासतौर से भारतीय अर्थव्यवस्था 2014 में 10वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गई है। व्यापार सुगमता में भी भारत 2014 में 142वें स्थान पर था जो 63वें स्थान तक पहुंच गया है। उन्होंने प्रगतिशील औद्योगिक नीति लाने के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने अतिक्रमण हटाने और राज्य के तटीय क्षेत्रों की सफाई के लिए राज्य सरकार के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जामनगर तटीय क्षेत्र में इकोटूरिज्म की संभावनाएं हैं। यहां जैव विविधता का भंडार है।

प्रधानमंत्री ने गुजरात में बेहतर कानून-व्यवस्था की स्थिति का भी जिक्र किया और कहा कि डबल-इंजन नरेन्‍द्र-भूपेंद्र सरकार समर्पण और रफ्तार के साथ विकास योजनाओं को लागू कर रही है।

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, सांसद श्री सीआर पाटिल और श्रीमती पूनमबेन माडम उपस्थित थे।

परिप्रेक्ष्य

प्रधानमंत्री ने जामनगर में करीब 1450 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित की। ये परियोजनाएं सिंचाई, बिजली, जलापूर्ति और शहरी बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं।

प्रधानमंत्री ने सौराष्ट्र अवतरण सिंचाई (सौनी) योजना लिंक 3 (उंद बांध से सोनमती बांध तक) पैकेज 7, सौनी योजना लिंक 1 (उंद-1 बांध से सानी बांध तक) पैकेज 5 और हरीपर 40एमडब्ल्यू सौर पीवी परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया उनमें कलावड की कलावड समूह जलापूर्ति योजना/जामनगर तालुका मोरबी-मालिया-जोडिया समूह जलापूर्ति योजना, लालपुर बाईपास जंक्शन फ्लाईओवर ब्रिज, हापा मार्केट यार्ड रेलवे क्रॉसिंग और सीवर संग्रह पाइपलाइन एवं पंपिंग स्टेशन का नवीकरण शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि दी
December 06, 2025

प्रधानमंत्री ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को आज महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि न्याय, समानता और संविधानवाद के प्रति डॉ. अंबेडकर की अटूट प्रतिबद्धता भारत की राष्ट्रीय यात्रा का मार्गदर्शन करती रहेगी। उन्होंने कहा कि मानवीय गरिमा को बनाए रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों को मज़बूत करने के प्रति डॉ. अंबेडकर के समर्पण से पीढ़ियों ने प्रेरणा ली है।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि डॉ. अंबेडकर के आदर्श राष्ट्र के पथ को आलोकित करते रहेंगे, क्योंकि देश एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा;

महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को स्मरण करते हैं। उनका दूरदर्शी नेतृत्व और न्याय, समानता और संविधानवाद के प्रति डॉ. अंबेडकर की अटूट प्रतिबद्धता भारत की राष्ट्रीय यात्रा का मार्गदर्शन करती रहेगी। उनसे मानवीय गरिमा को बनाए रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों को मज़बूत करने की पीढ़ियों ने प्रेरणा ली है। ईश्वर करे कि उनके आदर्श हमें एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में अग्रसर करते रहें।