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बीते 6 वर्षों में गंगा नदी में जाने वाले 130 नालों को बंद किया गया
अपनी तरह की पहले गंगा नदी संग्रहालय 'गंगा अवलोकन' का उद्घाटन
2 अक्टूबर से 100 दिवसीय विशेष अभियान चलाकर देश के प्रत्येक स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की घोषणा
कोरोना महामारी के दौर में 50,000 परिवारों को पेयजल कनेक्शन उपलब्ध करवाने के लिए उत्तराखंड सरकार की सराहना की

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड में 6 बड़ी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

श्री मोदी ने गंगा नदी पर अपनी तरह के पहले संग्रहालय 'गंगा अवलोकन' का भी हरिद्वार में उद्घाटन किया। उन्होंने एक पुस्तक रोइंग डाउंन गंगेस और जल जीवन मिशन का नया लोगो भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों और जल समितियों के लिए उपयोगी 'मार्गदर्शिका' भी जारी की।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन का उद्देश्य देश के प्रत्येक घर को नल से जल उपलब्ध करवाना है। श्री मोदी ने कहा कि नया लोगो पानी के महत्व को समझते हुए एक-एक बूंद के जल संरक्षण के लिए प्रेरित करेगा।

मार्गदर्शिका को उल्लेखित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ग्राम पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ-साथ सरकारी मशीनरी के लिए भी समान रूप से महत्वपूर्ण है।

रोइंग डाउन गंगेस पुस्तक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह गंगा नदी को हमारी संस्कृति, विश्वास और धरोहर की गौरवशाली प्रतीक के रूप में स्थापित करती है।

मोदी ने गंगा नदी को स्वच्छ रखने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह अपने उद्गम स्थल उत्तराखंड से लेकर अपने आखिरी पड़ाव पश्चिम बंगाल तक देश की लगभग 50% आबादी के जीवन में अहम भूमिका अदा करती है।

उन्होंने कहा कि नमामि गंगे मिशन नदियों के संरक्षण का सबसे बड़ा मिशन है और इसका उद्देश्य सिर्फ गंगा नदी की स्वच्छता नहीं है बल्कि यह समग्र नदियों की स्वच्छता पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नई सोच के चलते बड़ा परिवर्तन आया है और गंगा नदी जीवंत हो उठी है। अगर हमने इसके लिए पुराने तरीकों को अपनाया होता तो स्थितियां आज पुराने समय की तरह ही खराब होती क्योंकि पुरानी व्यवस्था में जनता की भागीदारी का अभाव था।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 4 रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रही है:

पहला है- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की बड़ी संख्या में स्थापना, जो गंगा नदी में जाने वाले दूषित जल एवं मल को शुद्ध कर सके।

दूसरा है- इन संयंत्रों का निर्माण आगामी 10-15 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाना।

तीसरा है- गंगा नदी के पास वाले 5000 गांवों और 100 शहरों/कस्बों को खुले में शौच से मुक्त करना।

चौथा है- गंगा की सभी सहायक नदियों में आने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए समग्रता में प्रयास किया जाना।

प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत 30,000 करोड रुपए से अधिक की परियोजनाएं या तो पूर्ण हो चुकी हैं या प्रगति पर हैं। उन्होंने कहा कि इन्हीं परियोजनाओं में उत्तराखंड में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी शामिल हैं। जहां बीते 6 वर्षों में उत्तराखंड में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 4 गुना बढ़ी है।

प्रधानमंत्री ने उन प्रयासों का भी जिक्र किया है जिनके चलते उत्तराखंड में गंगा नदी में आने वाले 130 नालों को बंद किया गया। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से चंद्रेश्वर नगर नाले का जिक्र किया जो ऋषिकेश में मुनी की रेती पर आने वाले श्रद्धालुओं, नौकायन का आनंद लेने के लिए आने वालों की आंखों में चुभता था। उन्होंने इस नाले को बंद करने और मुनी की रेती में 4 मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के लिए राज्य सरकार की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसा प्रयागराज कुंभ में श्रद्धालुओं ने स्वच्छ गंगा का अनुभव किया, हमारा प्रयास है कि उसी तरह उत्तराखंड में भी हरिद्वार के कुंभ में आने वाले श्रद्धालु अविरल और निर्मल गंगा नदी का दर्शन करें। प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा नदी के तटों पर सैकड़ों घाटों के सौंदर्यीकरण का उल्लेख किया और हरिद्वार में एक आधुनिक रिवरफ्रंट के विकास का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा अवलोकन संग्रहालय श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र होगा और गंगा से जुड़ी विरासत को समझने में, उसे जोड़ने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे मिशन का उद्देश्य गंगा नदी की स्वच्छता के साथ-साथ समूचे गंगीय बेल्ट के क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था और पर्यावरण का विकास भी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जैविक खेती और आयुर्वेदिक खेती के लिए एक समग्र योजना तैयार की है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना से मिशन डॉल्फिन को भी मजबूती मिलेगी जिसकी घोषणा इस साल 15 अगस्त को की गई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी जैसे महत्वपूर्ण विषय पर स्पष्ट दिशानिर्देश और अच्छे समन्वय के अभाव में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच व्कस कार्य विखंडित था। इसके परिणामस्वरूप सिंचाई और पेयजल आपूर्ति से जुड़ी समस्याएं बनी हुई थीं। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी देश के 15 करोड़ घर ऐसे हैं जहां पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था नहीं की जा सकी।

श्री मोदी ने कहा कि इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया ताकि पानी से जुड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह मंत्रालय इस समय देश के प्रत्येक घर को नल से जल उपलब्ध कराने के मिशन में लगा हुआ है।

इस समय जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रतिदिन लगभग 1 लाख घरों को पाइप के द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिए कनैक्शन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मात्र 1 वर्ष में देश के दो करोड़ परिवारों को पेयजल कनेक्शन दिए गए हैं।

उन्होंने पिछले चार-पांच महीनों में कोरोनावायरस के दौरान भी 50,000 परिवारों को पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड सरकार की भी प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के कार्यक्रमों से अलग जल जीवन मिशन नीचे से ऊपर की ओर काम करता है, जहां उपभोक्ता और जल समितियां पूरी परियोजना की परिकल्पना करती हैं इसमें योजना के क्रियान्वयन, रखरखाव और परिचालन तक शामिल है। उन्होंने कहा कि इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि समितियों में 50% सदस्य महिलाएं हों। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सही फैसले करने में जल समितियों और ग्राम पंचायतों की मदद करने के लिए ही आज मार्गदर्शिका जारी की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल 2 अक्टूबर को 100 दिवसीय विशेष अभियान आरंभ किया जा रहा है जिसके अंतर्गत इन 100 दिनों में देश के प्रति स्कूल और आंगनवाड़ी को पेयजल कनेक्शन सुनिश्चित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल ही में किसानों, औद्योगिक कामगारों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कई बड़े सुधार किए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि जो लोग भी इन सुधारों का विरोध कर रहे हैं, वह सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध करें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने दशकों तक इस देश पर शासन किया उन्होंने कामगारों, युवाओं, किसानों और महिलाओं को सशक्त करने पर कोई ध्यान नहीं दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यही लोग यह नहीं चाहते कि किसान अपनी उपज देश में कहीं भी और किसी को भी ज्यादा से ज्यादा मुनाफे पर बेच सके।

प्रधानमंत्री ने कई कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया जिसमें जन धन बैंक खाता, डिजिटल इंडिया, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आदि। जिनका जनता के लिए लाभ के बावजूद विरोधी पक्ष ने सिर्फ विरोध किया।

उन्होंने कहा कि यह वही लोग हैं जो एयर फोर्स के आधुनिकीकरण का विरोध करते हैं, एयरफोर्स में आधुनिक लड़ाकू विमानों के प्रावधान का विरोध करते हैं। यह वही लोग हैं जो वन रैंक वन पेंशन योजना का विरोध करते हैं, जहां सरकार ने सशस्त्र बलों के पेंशन धारकों के 11,000 करोड रुपए का बकाया एरियर के रूप में पहले ही भुगतान कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यही लोग सर्जिकल स्ट्राइक की आलोचना करते हैं और देश के जवानों से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगते हैं। श्री मोदी ने कहा कि इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि देश के प्रति उनकी सोच उनकी धारणा क्या है। उन्होंने कहा कि समय के साथ यह विरोध करने वाले और प्रदर्शन करने वाले अप्रासंगिक हो जाएंगे।

 

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PM praises float-on - float-off operation of Chennai Port
March 28, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has praised float-on - float-off operation of Chennai Port which is a record and is being seen an achievement to celebrate how a ship has been transported to another country.

Replying to a tweet by Union Minister of State, Shri Shantanu Thakur, the Prime Minister tweeted :

"Great news for our ports and shipping sector."