आज छत्तीसगढ़ अपनी आकांक्षाओं के नए शिखर पर खड़ा है; इस गौरवपूर्ण अवसर पर मैं उस दूरदर्शी और करुणामय नेता- भारत रत्न, श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिनकी दूरदर्शिता ने इस राज्य का निर्माण किया: प्रधानमंत्री
आज पूरा देश विरासत और विकास दोनों को एक साथ लेकर आगे बढ़ रहा है : श्री मोदी
भारत लोकतंत्र की जननी है: प्रधानमंत्री
भारत अब नक्सलवाद और माओवादी आतंकवाद के उन्मूलन की ओर बढ़ रहा है: श्री मोदी
यह विधानसभा केवल विधि निर्माण का स्थान नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के भाग्य को आकार देने का एक जीवंत केंद्र है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा की स्वर्णिम शुरुआत है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से यह उनके लिए अत्यंत हर्षोल्लासपूर्ण और महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने इस भूमि के साथ अपने गहरे भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख किया जो कई दशकों का संबंध है। पार्टी कार्यकर्ता के रूप में यहां बिताए समय को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में काफी समय बिताया और बहुत कुछ सीखा। उन्होंने छत्तीसगढ़ के दृष्टिकोण, इसके निर्माण के संकल्प और उस संकल्प की पूर्ति को याद करते हुए कहा कि वे छत्तीसगढ़ के परिवर्तन के हर क्षण के साक्षी रहे हैं। छत्तीसगढ़ के गठन की 25 वर्षों की यात्रा के एक महत्वपूर्ण पड़ाव और इस क्षण का हिस्सा बनने के अवसर के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने रजत जयंती समारोह के अवसर पर कहा कि राज्य के लोगों के लिए नए विधानसभा भवन का उद्घाटन करना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के लोगों और राज्य सरकार को अपनी शुभकामनाएं और बधाई दी।

श्री मोदी ने कहा “यह वर्ष, 2025, भारतीय गणतंत्र का अमृत वर्ष है जो भारत द्वारा अपने नागरिकों को अपना संविधान समर्पित किए जाने के 75 वर्ष पूरे होने का स्मरण कराता है।” इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने इस क्षेत्र के संविधान सभा के प्रतिष्ठित सदस्यों—श्री रविशंकर शुक्ल, बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल, श्री घनश्याम सिंह गुप्त, श्री किशोरी मोहन त्रिपाठी, श्री रामप्रसाद पोटाई और श्री रघुराज सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने उस समय क्षेत्र के पिछड़ेपन के बावजूद दिल्ली पहुंचकर बाबासाहेब आंबेडकर के नेतृत्व में संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। भव्य और आधुनिक विधानसभा भवन के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह केवल एक भवन का समारोह नहीं है, बल्कि 25 वर्षों की जन आकांक्षा, संघर्ष और गौरव का उत्सव है। श्री मोदी ने कहा "आज छत्तीसगढ़ अपनी आकांक्षाओं के एक नए शिखर पर खड़ा है। इस गौरवपूर्ण अवसर पर मैं उस दूरदर्शी और करूणामय नेता- भारत रत्न, श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिनकी दूरदर्शिता ने इस राज्य का निर्माण किया था।" उन्होंने याद दिलाया कि जब अटल जी ने वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया था तो यह केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं था बल्कि विकास के नए रास्ते खोलने और छत्तीसगढ़ की आत्मा को पहचानने की दिशा में एक कदम था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विधानसभा भवन के उद्घाटन के साथ ही अटल जी की प्रतिमा का अनावरण भी हुआ है और मन स्वाभाविक रूप से कह रहा है 'अटल जी देखिए आपका सपना साकार हो रहा है। जिस छत्तीसगढ़ की आपने कल्पना की थी, वह अब आत्मविश्वास से भरा हुआ है और विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।'

श्री मोदी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास को अपने आप में प्रेरणा का स्रोत बताते हुए याद दिलाया कि जब वर्ष 2000 में इस खूबसूरत राज्य की स्थापना हुई थी, तब रायपुर के राजकुमार कॉलेज के जशपुर हॉल में पहला विधानसभा सत्र आयोजित किया गया था। वह दौर सीमित संसाधनों और असीमित सपनों का था। उन्होंने कहा कि उस समय एक ही भावना थी "हम अपने भाग्य को और तेज़ गति से उज्ज्वल करेंगे।" प्रधानमंत्री ने बताया कि बाद में जो विधानसभा भवन बना, वह मूल रूप से किसी अन्य विभाग का परिसर था और वहां से छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की यात्रा नई ऊर्जा के साथ शुरू हुई। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि आज 25 वर्षों के बाद वही लोकतंत्र और वही लोग एक आधुनिक, डिजिटल और आत्मनिर्भर विधानसभा भवन का उद्घाटन कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने विधानसभा भवन को लोकतंत्र का तीर्थस्थल बताते हुए कहा कि इसका हर स्तंभ पारदर्शिता का प्रतीक है। हर गलियारा हमें जवाबदेही की याद दिलाता है और हर कक्ष जनता की आवाज़ को प्रतिबिम्बित करता है। उन्होंने कहा कि यहां लिए गए निर्णय आने वाले दशकों तक छत्तीसगढ़ के भाग्य को आकार देंगे और इन दीवारों के भीतर बोला गया हर शब्द राज्य के अतीत, वर्तमान और भविष्य का अभिन्न अंग बन जाएगा। श्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह भवन आने वाले दशकों तक छत्तीसगढ़ की नीति, नियति और नीति-निर्माताओं के केंद्र के रूप में कार्य करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा "आज पूरा देश विरासत और विकास, दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है।" यही भावना सरकार की हर नीति और फैसले में झलकती है। उन्होंने कहा कि पवित्र सेंगोल अब भारतीय संसद को प्रेरित करता है और संसद की नई दीर्घाएं दुनिया को भारत के लोकतंत्र की प्राचीन जड़ों से जोड़ती हैं। संसद परिसर में स्थापित प्रतिमाएं दुनिया को भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की गहनता से अवगत कराती हैं। श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यही भावना छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा में भी परिलक्षित होती है। उन्होंने कहा कि नया विधानसभा परिसर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है। इस विधानसभा का हर तत्व छत्तीसगढ़ की धरती पर जन्मे महान व्यक्तित्वों की प्रेरणा से ओतप्रोत है। उन्होंने कहा कि वंचितों को प्राथमिकता देना और 'सबका साथ, सबका विकास' का सिद्धांत उनकी सरकार के सुशासन की पहचान है। उन्होंने कहा कि यही भारतीय संविधान और हमारे महान नेताओं, ऋषियों और विचारकों द्वारा दिए गए मूल्यों की भावना है।

श्री मोदी ने कहा कि नए विधानसभा भवन का अवलोकन करते हुए उन्हें बस्तर कला की एक खूबसूरत झलक दिखाई दी। उन्होंने याद किया कि कुछ महीने पहले उन्होंने थाईलैंड के प्रधानमंत्री को यही बस्तर कलाकृति भेंट की थी और इसे भारत की रचनात्मकता और सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक बताया था।

श्री मोदी ने कहा कि इस भवन की दीवारें बाबा गुरु घासीदास जी के संदेश को संजोए हुए हैं जो समावेशिता, सबका विकास और सबके प्रति सम्मान के मूल्यों की शिक्षा देते हैं। उन्होंने कहा कि हर द्वार माता शबरी द्वारा सिखाई गई गर्मजोशी को दर्शाता है, जो हमें हर अतिथि और नागरिक का स्नेहपूर्वक स्वागत करने की याद दिलाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभा का प्रत्येक आसन संत कबीर द्वारा सिखाई गई सत्य और निर्भयता की भावना का प्रतीक है। इस भवन की नींव महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के सिद्धांत "नर सेवा, नारायण सेवा" के संकल्प को संजोए हुए है।

"भारत लोकतंत्र की जननी है" का उद्घोष करते हुए श्री मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि भारत के आदिवासी समुदाय पीढ़ियों से लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करते आए हैं। उन्होंने बस्तर के मुरिया दरबार को इसका जीवंत उदाहरण बताया- एक 'प्राचीन संसद' जो ज़मीनी स्तर की लोकतांत्रिक परंपराओं को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि वर्षों से भारत में समाज और शासन चुनौतियों का समाधान करने के लिए मिलकर काम करते रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मुरिया दरबार की परंपरा को नए विधानसभा भवन में भी स्थान दिया गया है।

श्री मोदी ने कहा कि जहां विधानसभा का हर कोना हमारे महान नेताओं के आदर्शों को प्रतिबिम्बित करता है, वहीं इसके अध्यक्ष पद को डॉ. रमन सिंह के अनुभवी नेतृत्व की शोभा प्राप्त है। उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह इस बात का सशक्त उदाहरण हैं कि कैसे एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के माध्यम से लोकतांत्रिक संस्थाओं को मज़बूत बना सकता है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रकवि निराला की मां सरस्वती से की गई प्रार्थना को उद्धृत करते हुए कहा कि यह केवल कविता नहीं, बल्कि स्वतंत्र भारत के पुनर्जन्म का मंत्र है। उन्होंने निराला के "नव गति, नव लय, नव स्वर" के आह्वान का उल्लेख किया जो परंपराओं में निहित और साथ ही आत्मविश्वास से भविष्य की ओर बढ़ते भारत का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा में खड़े होकर श्री मोदी ने कहा कि यह भावना यहां भी उतनी ही प्रासंगिक है। उन्होंने इस भवन को 'नव स्वर' का प्रतीक बताया—जहां अतीत के अनुभवों की गूंज नए सपनों की ऊर्जा से मिलती है। उन्होंने कहा कि इसी ऊर्जा के साथ, हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है और एक ऐसे छत्तीसगढ़ की नींव रखनी है जो विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए अपनी विरासत से जुड़ा रहे।

श्री मोदी ने "नागरिक देवो भव" को सुशासन का मार्गदर्शक मंत्र बताते हुए कहा कि विधानसभा में लिए गए प्रत्येक निर्णय में जन कल्याण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यहां बनाए गए कानूनों से सुधारों में तेज़ी आनी चाहिए, नागरिकों का जीवन सरल होना चाहिए और अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप कम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन का न अभाव हो और न ही अनावश्यक प्रभाव हो, यही संतुलन तीव्र प्रगति का एकमात्र सच्चा सूत्र है।

प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है और वह इस धरती के भांजे है। उन्होंने कहा कि इस नए विधानसभा परिसर में श्री राम के आदर्शों को याद करने के लिए आज से बेहतर कोई अवसर नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भगवान राम के मूल्य सुशासन की शाश्वत शिक्षा देते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के अवसर पर राष्ट्र ने सामूहिक रूप से भक्ति से राष्ट्र-निर्माण की ओर बढ़ने का संकल्प लिया है - "देव से देश" और "राम से राष्ट्र"। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि "राम से राष्ट्र" का सार सुशासन और लोक कल्याण पर आधारित शासन के प्रतीक के रूप में निहित है, जो समावेशी विकास की भावना "सबका साथ, सबका विकास" को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि "राम से राष्ट्र" एक ऐसे राष्ट्र की कल्पना करता है जहां समाज गरीबी और दुःख से मुक्त हो जहां भारत अभावों को मिटाकर आगे बढ़े। उन्होंने आगे कहा कि इसका अर्थ एक ऐसा देश भी है जहां किसी की भी बीमारी के कारण अकाल मृत्यु न हो और जहां एक स्वस्थ और खुशहाल भारत का निर्माण हो। "राम से राष्ट्र" एक ऐसे समाज का भी प्रतीक है जो भेदभाव से मुक्त हो, जहां सभी समुदायों में सामाजिक न्याय व्याप्त हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि "राम से राष्ट्र" मानवता विरोधी ताकतों के सफाए के संकल्प और आतंक के नाश की प्रतिज्ञा का भी प्रतीक है। यह संकल्प ऑपरेशन सिंदूर में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हुआ जहां भारत ने आतंकवाद की कमर तोड़ दी। श्री मोदी ने कहा, "भारत अब नक्सलवाद और माओवादी आतंकवाद के उन्मूलन की ओर बढ़ रहा है और अपनी अभूतपूर्व विजय पर गर्व से भरा हुआ है।" छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए परिसर में भी यह गौरव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

श्री मोदी ने पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ में आए बदलाव को उल्लेखनीय और प्रेरणादायक बताते हुए, कहा, "कभी नक्सलवाद और पिछड़ेपन के लिए जाना जाने वाला यह राज्य अब समृद्धि, सुरक्षा और स्थिरता का प्रतीक बनकर उभर रहा है।" उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक की अब पूरे देश में चर्चा हो रही है और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शांति लौट आई है। उन्होंने इस बदलाव का श्रेय छत्तीसगढ़ के लोगों की कड़ी मेहनत और उनकी सरकारों के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ का रजत जयंती समारोह अब एक बड़े राष्ट्रीय लक्ष्य की ओर प्रस्थान बिंदु बन रहा है और 2047 तक विकसित भारत के विज़न को साकार करने में छत्तीसगढ़ की अहम भूमिका होगी। श्री मोदी ने उपस्थित सभी लोगों से एक ऐसी व्यवस्था बनाने और सदन के माध्यम से एक ऐसा उदाहरण स्थापित करने का आग्रह किया जो देश के प्रत्येक राज्य को इस मिशन में नवाचार और योगदान के लिए प्रेरित करे। उन्होंने यहां आयोजित संवादों, उठाए गए प्रश्नों और सदन की कार्यवाही में उत्कृष्टता का आह्वान किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हर कार्य, हर रूप में, एक विकसित छत्तीसगढ़ और एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में होना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा की असली महानता उसकी भव्यता में नहीं, बल्कि उसमें लिए गए कल्याणकारी निर्णयों में निहित है। उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सदन छत्तीसगढ़ के सपनों और आकांक्षाओं को कितनी गहराई से समझता है और उन्हें पूरा करने के लिए कितना आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि हर निर्णय किसानों की कड़ी मेहनत का सम्मान करे, युवाओं के सपनों को दिशा दे, महिलाओं में नई आशा का संचार करे और सबसे वंचित वर्ग के उत्थान का माध्यम बने। श्री मोदी ने कहा, "यह विधानसभा केवल कानून बनाने का स्थान नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के भाग्य को आकार देने का एक जीवंत केंद्र है।" उन्होंने आग्रह किया कि इस सदन से निकलने वाले प्रत्येक विचार में जनसेवा की भावना, विकास का संकल्प और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का आत्मविश्वास होना चाहिए। यह हमारी सामूहिक आकांक्षा है।

श्री मोदी ने कहा कि नए विधानसभा भवन के उद्घाटन का असली महत्व लोकतंत्र में कर्तव्य को सर्वोपरि रखने और सार्वजनिक जीवन में अपनी भूमिकाओं को प्रतिबद्धता के साथ निभाने की शपथ लेने में निहित है। प्रधानमंत्री ने इस पर ज़ोर देते हुए सभी से इस परिसर से, विशेष रूप से भारतीय गणतंत्र के इस अमृत वर्ष में, जनता की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने का संकल्प लेकर जाने का आग्रह किया। उन्होंने लोकतंत्र के इस सुंदर नए मंदिर के उद्घाटन पर सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए अपने भाषण का समापन किया।

इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमन डेका, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय मंत्री श्री टोकन साहू और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

छत्तीसगढ़ विधानसभा का नया भवन ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा पर बनाया गया है जिसे पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित करने तथा वर्षा जल संचयन प्रणाली से सुसज्जित करने की योजना है।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
Exclusive: Just two friends in a car, says Putin on viral carpool with PM Modi

Media Coverage

Exclusive: Just two friends in a car, says Putin on viral carpool with PM Modi
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।