प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के वैज्ञानिक और शैक्षणिक जगत की महत्वपूर्ण शख्सियत डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। श्री मोदी ने कहा कि डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में बहुत कर्मठता के साथ काम किया और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) तैयार करने और शिक्षा को अधिक समग्र और भविष्योन्मुखी बनाने के उनके प्रयासों के लिए देश हमेशा डॉ. कस्तूरीरंगन का ऋणी रहेगा। वे कई युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक प्रेरक मार्गदर्शक भी थे।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है:

"मुझे भारत के वैज्ञानिक और शैक्षणिक विकास यात्रा के महत्वपूर्ण व्यक्ति डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन से गहरा दुख पहुंचा है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा।

उन्होंने इसरो में बहुत लगन पूर्वक काम किया और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, जिससे हमें वैश्विक मान्यता भी मिली। उनके नेतृत्व में महत्वाकांक्षी उपग्रह प्रक्षेपण कार्यक्रम संचालित हुए और नवप्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया गया।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) तैयार करने और भारत में शिक्षा को अधिक समग्र और भविष्य दृष्टि से उपयोगी बनाना सुनिश्चित करने के डॉ. कस्तूरीरंगन के प्रयासों के लिए देश हमेशा उनका आभारी रहेगा। वे कई युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक उत्कृष्ट मार्गदर्शक भी थे।

मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों और अनगिनत प्रशंसकों के साथ जुड़ी हुई हैं। ओम शांति।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज अदीस अबाबा में अदवा विजय स्मारक पर पुष्पचक्र समर्पित करके श्रद्धांजलि अर्पित की। यह स्मारक उन बहादुर इथियोपियाई सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने 1896 में अदवा की लड़ाई में अपने राष्ट्र की संप्रभुता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। यह स्मारक अदवा के नायकों के अदम्‍य उत्‍साह और देश की स्वतंत्रता, गरिमा और मजबूती की गौरवशाली विरासत के लिए सम्‍मान स्‍वरूप है। 

प्रधानमंत्री का इस स्मारक का दौरा भारत और इथियोपिया के बीच एक विशेष ऐतिहासिक संबंध को उजागर करता है जिसे दोनों देशों के लोग आज भी संजोकर रखते हैं।