प्रधानमंत्री ने कहा कि सोनमर्ग के अद्भुत लोगों के बीच आकर बहुत प्रसन्न हूं, यहां सुरंग के खुलने से कनेक्टिविटी में काफी सुधार होगा और जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा
सोनमर्ग सुरंग कनेक्टिविटी और पर्यटन को इससे काफी बढ़ावा मिलेगा : प्रधानमंत्री
बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटकों के लिए जम्मू-कश्मीर के कम जाने जाने वाले क्षेत्रों को देखने के लिए दरवाजे खुलेंगे: प्रधानमंत्री
21वीं सदी का जम्मू-कश्मीर विकास का एक नया अध्याय लिख रहा है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कश्मीर देश का मुकुट और भारत का ताज बताते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि कश्मीर और सुंदर तथा समृद्ध हो

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर में सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने उन श्रमिकों का आभार व्यक्त किया. जिन्होंने जम्मू-कश्मीर और भारत के विकास के लिए कड़ी मेहनत की है और अपनी जान भी दांव पर लगाई है। श्री मोदी ने कहा, "चुनौतियों के बावजूद, हमारा संकल्प डगमगाया नहीं।" उन्होंने मजदूरों के दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता तथा काम पूरा करने के लिए सभी बाधाओं को पार करने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने 7 श्रमिकों की मौत पर भी शोक व्यक्त किया।

बर्फ से ढके खूबसूरत पहाड़ों और सुहावने मौसम की प्रशंसा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर हाल ही में साझा की गई तस्वीरों को देखने के बाद उनकी जम्मू-कश्मीर आने की उत्सुकता बढ़ गई। प्रधानमंत्री ने अपने पुराने दिनों को याद किया, जब वह अपनी पार्टी के लिए काम करते हुए अक्सर इस क्षेत्र में आते थे। उन्होंने सोनमर्ग, गुलमर्ग, गांदरबल और बारामूला जैसे क्षेत्रों में काफी समय बिताने का उल्लेख किया, जब वह अक्सर घंटों पैदल चलकर कई किलोमीटर की दूरी तय करते थे। उन्होंने कहा कि भारी बर्फबारी के बावजूद जम्मू-कश्मीर के लोगों की गर्मजोशी ने ठंड को महसूस नहीं होने दिया।

प्रधानमंत्री ने आज के दिन को खास बताते हुए कहा कि पूरे देश में उत्सव का माहौल है। उन्होंने प्रयागराज में महाकुंभ के आरंभ होने पर कहा कि वहां लाखों लोग पवित्र स्नान के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पंजाब और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में लोहड़ी के उत्सव के साथ-साथ उत्तरायण, मकर संक्रांति और पोंगल जैसे त्योहारों का भी जिक्र किया। उन्होंने इन त्योहारों को मनाने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने घाटी में चिल्लईकलां की चुनौतीपूर्ण 40-दिवसीय अवधि को स्वीकार किया और लोगों के लचीलेपन की प्रशंसा की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह मौसम सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों के लिए नए अवसर लेकर आता है, जो देश भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है और कश्मीर के लोगों के आतिथ्य का आनंद लेते हैं।

प्रधानमंत्री ने हाल ही में जम्मू रेल मंडल के शिलान्यास पर प्रकाश डालते हुए लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण उपहार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। सोनमर्ग सुरंग के उद्घाटन और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने की घोषणा करते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर रोशनी डाली कि इस सुरंग के बन जाने से सोनमर्ग, कारगिल और लेह में लोगों का जीवन काफी आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरंग से हिमस्खलन, भारी बर्फबारी और भूस्खलन के दौरान होने वाली कठिनाइयों में कमी आएगी, जिसके कारण अक्सर सड़कें बंद हो जाती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरंग से लोगों की प्रमुख अस्पतालों तक पहुंच बेहतर हो जाएगी और आवश्यक आपूर्ति की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे निवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों में कमी आएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सोनमर्ग सुरंग का निर्माण 2015 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद शुरू हुआ था। उन्हें प्रसन्नता है कि सुरंग का निर्माण उनके शासन के तहत पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि सुरंग से सर्दियों के मौसम में सोनमर्ग से संपर्क बना रहेगा और पूरे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में कई सड़क और रेल संपर्क परियोजनाएं पूरी होने वाली हैं। प्रधानमंत्री ने पास में चल रही एक और बड़ी कनेक्टिविटी परियोजना का भी जिक्र किया और कश्मीर घाटी के लिए आगामी रेल संपर्क को लेकर उत्साह का उल्लेख किया। उन्होंने नए जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में नई सड़कों, रेलवे, अस्पतालों और महाविद्यालयों के विकास पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने सुरंग और विकास के नए युग के लिए सभी को हार्दिक बधाई दी।

2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए और इस बात पर जोर देते हुए कि कोई भी क्षेत्र या परिवार पीछे नहीं छूटना चाहिए, श्री मोदी ने कहा कि सरकार "सबका साथ, सबका विकास" की भावना के साथ काम कर रही है और पिछले 10 वर्षों में, जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्के घर मिले हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले वर्षों में गरीबों को अतिरिक्त 3 करोड़ नए घर उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में लाखों लोग मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभ उठा रहे हैं, जिसका फायदा जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी मिल रहा है। उन्होंने युवाओं की शिक्षा का समर्थन करने के लिए देश भर में नए आईआईटी, आईआईएम, एम्स, चिकित्सा महाविद्यालय, नर्सिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की स्थापना पर रोशनी डाला। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले एक दशक में कई शीर्ष शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए गए, जिससे स्थानीय युवाओं को काफी लाभ हुआ।

जम्मू-कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक व्यापक अवसंरचना के विकास पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सुरंगों, ऊंचे पुलों और रोपवे का केंद्र बन रहा है। यहां दुनिया की कुछ सबसे ऊंची सुरंगें और सबसे ऊंचे रेल-रोड पुल बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने चिनाब ब्रिज के अभियांत्रिकी चमत्कार का उल्लेख किया, जहां हाल ही में एक यात्री ट्रेन का ट्रायल पूरा हुआ था। उन्होंने कई प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनमें कश्मीर की रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाने वाला केबल ब्रिज, जोजिला, चेनानी नाशरी और सोनमर्ग सुरंग परियोजनाएं तथा उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने शंकराचार्य मंदिर, शिवखोड़ी और बालटाल-अमरनाथ रोपवे के साथ-साथ कटरा-दिल्ली एक्सप्रेसवे की योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क संपर्क परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें चार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं और दो रिंग रोड शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोनमर्ग जैसी 14 से अधिक सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे जम्मू-कश्मीर देश के सबसे अधिक जुड़े हुए क्षेत्रों में से एक बन गया है।

भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में पर्यटन क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर के पहले से अछूते और अनदेखे क्षेत्रों तक पहुंचने का मौका मिलेगा। उन्होंने पिछले एक दशक में क्षेत्र में हासिल की गई शांति और प्रगति का उल्लेख किया, जिससे पर्यटन क्षेत्र को पहले से ही लाभ हुआ है। श्री मोदी ने कहा, "2024 में, 2 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया, जिसमें सोनमर्ग में पिछले दस वर्षों में पर्यटकों की संख्या में छह गुना वृद्धि देखी गई है।" उन्होंने बल देकर कहा कि इस वृद्धि से स्थानीय व्यवसायों को लाभ हुआ है, जिसमें होटल, होमस्टे, ढाबे, कपड़ों की दुकानें और टैक्सी सेवाएं शामिल हैं।

श्री मोदी ने कहा, "21वीं सदी का जम्मू-कश्मीर विकास का एक नया अध्याय लिख रहा है।" उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अतीत के कठिन दिनों को पीछे छोड़कर "धरती पर स्वर्ग" के रूप में अपनी पहचान फिर से हासिल कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब लोग रात में भी लाल चौक पर आइसक्रीम का आनंद लेते हैं और यह इलाका जीवंत बना हुआ है। उन्होंने पोलो व्यू मार्केट को एक नए हैबिटैट सेंटर में बदलने के लिए स्थानीय कलाकारों की प्रशंसा की, जहां संगीतकार, कलाकार और गायक अक्सर अपनी कला प्रदर्शन करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीनगर में लोग अब आराम से अपने परिवार के साथ सिनेमा हॉल में फिल्में देखते हैं और आसानी से खरीदारी करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे महत्वपूर्ण बदलाव अकेले सरकार द्वारा हासिल नहीं किए जा सकते हैं और उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत करने और अपने भविष्य को सुरक्षित करने का श्रेय जम्मू-कश्मीर के लोगों को दिया।

जम्मू-कश्मीर के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य पर प्रकाश डालते हुए और खेलों में असंख्य अवसरों पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कुछ महीने पहले श्रीनगर में आयोजित पहली अंतरराष्ट्रीय मैराथन के बारे में टिप्पणी की, जिसने इसे देखने वालों को बहुत प्रसन्न किया। उन्होंने मैराथन में भाग लेने वाले मुख्यमंत्री के वायरल वीडियो और दिल्ली में एक बैठक के दौरान इस पर उनकी उत्साहवर्धक चर्चा को भी याद किया।

यह स्वीकार करते हुए कि यह वास्तव में जम्मू-कश्मीर का नया युग है, श्री मोदी ने चालीस वर्षों के बाद क्षेत्र में हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट लीग और खूबसूरत डल झील के आसपास कार रेसिंग दृश्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गुलमर्ग भारत की शीतकालीन खेलों की राजधानी बन रहा है, जहां चार खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों की मेजबानी की जा चुकी है और इसका पांचवां संस्करण अगले महीने शुरू हो रहा है, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि पिछले दो वर्षों में देश भर के 2,500 एथलीटों ने जम्मू-कश्मीर में विभिन्न खेल टूर्नामेंटों में भाग लिया है। उन्होंने इस क्षेत्र में 90 से अधिक खेलो इंडिया केंद्रों की स्थापना पर रोशनी डाली, जो 4,500 स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करता है।

जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए उभरते नए अवसरों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू और अवंतीपोरा में एम्स का निर्माण तेजी से चल रहा है, जिससे इलाज के लिए देश के अन्य हिस्सों में जाने की जरूरत कम हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू में आईआईटी, आईआईएम और केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर बेहतरीन शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों की भूमिका पर जोर दिया, जिन्हें पीएम विश्वकर्मा योजना और जम्मू-कश्मीर सरकार की अन्य पहलों से मदद मिल रही है। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में नए उद्योगों को आकर्षित करने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें लगभग 13,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे युवाओं के लिए हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर बैंक के बेहतर प्रदर्शन की भी सराहना की, जिसका कारोबार पिछले चार वर्षों में 1.6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि बैंक की ऋण प्रदान करने की बढ़ी हुई क्षमता से इस क्षेत्र के युवाओं, किसानों, बागवानों, दुकानदारों और उद्यमियों को लाभ हुआ है।

जम्मू-कश्मीर के अतीत को विकास के वर्तमान में बदलने पर टिप्पणी करते हुए श्री मोदी ने कहा कि विकसित भारत का सपना तब साकार होगा, जब इसके ताज में कश्मीर की प्रगति के रत्न सजेंगे। प्रधानमंत्री ने कश्मीर को और भी सुंदर तथा समृद्ध बनाने की अपनी इच्छा व्यक्त की। उन्होंने इस प्रयास में क्षेत्र के युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों से मिल रहे निरंतर समर्थन का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोग अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए लगन से काम कर रहे हैं और इस क्षेत्र और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। अपने संबोधन के समापन पर प्रधानमंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया कि वे उनके सभी प्रयासों में उनका पूरा समर्थन करेंगे और विकास परियोजनाओं के लिए जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक परिवार को हार्दिक बधाई दी।

इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और श्री अजय टम्टा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

 

पृष्ठभूमि

लगभग 12 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग सुरंग परियोजना का निर्माण 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है। इसमें 6.4 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग मुख्य सुरंग, एक निकास सुरंग और एप्रोच रोड शामिल हैं। समुद्र तल से 8,650 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित यह परियोजना लेह के रास्ते में श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी को बेहतर करेगी, भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करेगी तथा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लद्दाख क्षेत्र में सुरक्षित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करेगी। यह सोनमर्ग को साल भर के गंतव्य में बदलकर पर्यटन को भी बढ़ावा देगी, जिससे शीतकालीन पर्यटन, एडवेंचर स्पोर्ट्स और स्थानीय आजीविका को बढ़ावा मिलेगा।

जोजिला सुरंग के साथ, जिसे 2028 तक पूरा करने की योजना है, यह मार्ग की लंबाई को 49 किलोमीटर से घटाकर 43 किलोमीटर कर देगी और वाहनों की गति को 30 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 70 किलोमीटर प्रति घंटे कर देगी, जिससे श्रीनगर घाटी और लद्दाख के बीच निर्बाध राष्ट्रीय राजमार्ग-1 संपर्क सुनिश्चित होगा। इस बेहतर कनेक्टिविटी से रक्षा रसद को बढ़ावा मिलेगा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आर्थिक विकास तथा सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने सुरंग के निर्माण करने वाले श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने कठिनतम परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया और इस उल्लेखनीय अभियांत्रिकी उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार किया।

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