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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिजाइन किए गए एचटीटी-40 स्वदेशी ट्रेनर विमान का अनावरण किया
मिशन डेफस्पेस का भी शुभारंभ किया
डीसा एयरफील्‍ड की आधारशिला रखी
"पहला रक्षा एक्सपो जहां केवल भारतीय कंपनियां भाग ले रही हैं और इसमें केवल मेड इन इंडिया उपकरण ही शामिल है"
"डिफेंस एक्सपो भी भारत के प्रति वैश्विक भरोसे का प्रतीक"
"भारत और अफ्रीका के बीच संबंध गहरे हो रहे हैं और नए आयाम छू रहे हैं"
"डीसा में ऑपरेशनल बेस के साथ, हमारी सेनाओं की उम्मीद आज पूरी हो रही है"
"तीनों सेनाओं ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों की समीक्षा और पहचान की है"
"अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी भारत की उदार अंतरिक्ष कूटनीति की नई परिभाषाओं को आकार दे रही है"
" नया भारत इरादों, नवोन्मेष और क्रियान्वयन के मंत्र के साथ रक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है"
“हमने आने वाले समय में 5 अरब डॉलर यानी 40 हजार करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है”
"भारत रक्षा क्षेत्र को अवसरों की असीमित संभावनाओं के रूप में देखता है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर में महात्मा मंदिर सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र में डेफएक्सपो22 का उद्घाटन किया। इंडिया पवेलियन में, प्रधानमंत्री ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिजाइन किए गए स्वदेशी ट्रेनर विमान-एचटीटी-40 का अनावरण किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने मिशन डेफस्पेस का भी शुभारंभ किया और गुजरात में डीसा एयरफील्ड की आधारशिला रखी।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने प्रधानमंत्री और गुजरात के पुत्र के रूप में सक्षम और आत्मनिर्भर भारत के एक कार्यक्रम में प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

डेफएक्सपो22 के आयोजन पर टिप्पणी करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नए भारत और इसकी क्षमताओं की एक तस्वीर पेश करता है जिसका संकल्प अमृतकाल के समय गढ़ा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यह देश के विकास के साथ-साथ राज्यों के सहयोग का एक समामेलन है। प्रधानमंत्री ने कहा, "इसमें युवाओं की शक्ति और सपने हैं, इसमें युवाओं के संकल्प और क्षमताएं हैं। इसमें दुनिया के लिए आशाएं हैं और मित्र देशों के लिए अवसर हैं।"

 

डेफएक्सपो के इस संस्करण की विशिष्टता को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "यह पहला रक्षा एक्सपो है, जिसमें केवल भारतीय कंपनियां भाग ले रही हैं और इसमें केवल मेड इन इंडिया उपकरण ही शामिल हैं।" उन्होंने घोषणा की "लौह पुरुष सरदार पटेल की भूमि से हम दुनिया के सामने भारत की क्षमताओं का एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। एक्सपो में 1300 से अधिक प्रदर्शक हैं जिनमें भारत का रक्षा उद्योग, भारतीय रक्षा उद्योग से जुड़े कुछ संयुक्त उद्यम, एमएसएमई और 100 से अधिक स्टार्टअप शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि यह एक ही फ्रेम में भारत की क्षमता और संभावना की एक झलक प्रदान करता है। उन्होंने आगे बताया कि पहली बार 400 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं।

 

विभिन्न देशों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि जब भारत अपने सपनों को आकार दे रहा है, तो अफ्रीका के 53 मित्र देश हमारे साथ आ रहे हैं। इस अवसर पर दूसरी भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता भी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत और अफ्रीका के बीच संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं जो समय बीतने के साथ और गहरे हुए हैं और नए आयामों को छू रहे हैं।" अफ्रीका और गुजरात के बीच पुराने संबंधों के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने याद किया कि अफ्रीका में पहली रेलवे लाइनों में कच्छ के लोगों की भागीदारी थी। अफ्रीका में दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले अनेक शब्दों की उत्पत्ति अफ्रीका में गुजराती समुदाय से हुई है। "महात्मा गांधी जैसे वैश्विक नेता के लिए भी, अगर गुजरात उनकी जन्मभूमि थी, तो अफ्रीका उनकी पहली 'कर्मभूमि' थी। अफ्रीका के प्रति यह आत्मीयता अभी भी भारत की विदेश नीति के केन्द्र में है।” उन्होंने कहा, कोरोना काल में जब पूरी दुनिया वैक्सीन को लेकर चिंतित थी, भारत ने अफ्रीका में अपने मित्र देशों को प्राथमिकता देते हुए वैक्सीन दी।

 

एक्सपो के दौरान दूसरा हिंद महासागर क्षेत्र+ (आईओआर+) सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जो क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप शांति, विकास, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आईओआर+ देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक बातचीत का मंच प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "आज अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर वैश्विक व्यापार तक, समुद्री सुरक्षा वैश्विक प्राथमिकता के रूप में उभरी है। वैश्वीकरण के युग में मर्चेंट नेवी की भूमिका का भी विस्तार हुआ है।” उन्होंने आगे कहा, "दुनिया की भारत से उम्मीदें बढ़ी हैं, और मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं कि भारत उन्हें पूरा करेगा। इसलिए यह डिफेंस एक्सपो भारत के प्रति वैश्विक भरोसे का भी प्रतीक है।"

 

प्रधानमंत्री ने विकास और औद्योगिक क्षमताओं के संबंध में गुजरात की पहचान को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, "यह डिफेंस एक्सपो इस पहचान को एक नई ऊंचाई दे रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में गुजरात रक्षा उद्योग के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा।

 

गुजरात में डीसा एयरफील्ड की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि अग्रिम वायु सैनिक अड्डा देश की सुरक्षा बनावट में इजाफा करेगा। सीमा के साथ डीसा की निकटता का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत पश्चिमी सीमाओं पर किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। श्री मोदी ने कहा, “सरकार में आने के बाद, हमने डीसा में एक ऑपरेशनल बेस स्थापित करने का फैसला किया, और हमारी सेनाओं की यह उम्मीद आज पूरी हो रही है। अब यह क्षेत्र देश की सुरक्षा का एक प्रभावी केंद्र बनेगा।”

 

"अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी भविष्य में किसी भी मजबूत राष्ट्र के लिए सुरक्षा का क्या अर्थ होगा, इसका एक उदाहरण है। तीनों सेनाओं ने इस क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों की समीक्षा की और पहचान की है। हमें उन्हें हल करने के लिए तेजी से काम करना होगा।" उन्होंने कहा, "मिशन डिफेंस स्पेस" न केवल नवाचार को प्रोत्साहित करेगा और हमारे बलों को मजबूत करेगा बल्कि नए और अभिनव समाधान भी प्रदान करेगा।" प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी भारत की उदार अंतरिक्ष कूटनीति की नई परिभाषाओं को आकार दे रही है, नई संभावनाओं को बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, "कई अफ्रीकी देश और कई अन्य छोटे देश इससे लाभान्वित हो रहे हैं।" प्रधानमंत्री ने बताया कि 60 से अधिक विकासशील देश हैं जिनके साथ भारत अपना अंतरिक्ष विज्ञान साझा कर रहा है। “दक्षिण एशिया उपग्रह इसका एक प्रभावी उदाहरण है। अगले साल तक, दस आसियान देशों को भी भारत के उपग्रह डेटा तक रीयल-टाइम पहुंच मिल जाएगी। यहां तक कि यूरोप और अमेरिका जैसे विकसित देश भी हमारे सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल कर रहे हैं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत इरादों, नवोन्मेष और क्रियान्वयन के मंत्र के साथ रक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। 8 साल पहले तक भारत को दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा आयातक माना जाता था। लेकिन नए भारत ने अपने इरादे, इच्छाशक्ति दिखाई और 'मेक इन इंडिया' आज रक्षा क्षेत्र में सफलता की एक कहानी बन गया है। “पिछले 5 वर्षों में हमारा रक्षा निर्यात 8 गुना बढ़ा है। हम दुनिया के 75 से अधिक देशों में रक्षा सामग्री और उपकरणों का निर्यात कर रहे हैं। 2021-22 में भारत से रक्षा निर्यात 1.59 अरब डॉलर यानी करीब 13 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया। आने वाले समय में हमने इसे 5 अरब डॉलर यानी 40 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।''

 

दुनिया आज भारत की तकनीक पर निर्भर है क्योंकि भारत की सेनाओं ने अपनी क्षमता साबित कर दी है। भारतीय नौसेना ने आईएनएस-विक्रांत जैसे अत्याधुनिक विमानवाहक पोतों को अपने बेड़े में शामिल किया है। इंजीनियरिंग जाइंट और विशाल कृति को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने स्वदेशी तकनीक से बनाया है। उन्होंने कहा, 'भारतीय वायु सेना द्वारा 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत विकसित किए गए प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को शामिल करना भारत की रक्षा क्षमता का एक स्पष्ट उदाहरण है।

 

भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सेनाओं ने उपकरणों की दो सूचियों को भी अंतिम रूप दिया है, जिन्हें केवल देश के भीतर ही खरीदा जाएगा। ऐसे ही 101 मदों की सूची आज जारी की जा रही है। ये फैसले आत्मनिर्भर भारत की क्षमता को भी दर्शाते हैं। सूची के बाद रक्षा क्षेत्र के 411 ऐसे उपकरण और रक्षा क्षेत्र के उपकरण होंगे, जिन्हें सिर्फ 'मेक इन इंडिया' के तहत खरीदा जाएगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि इतना बड़ा बजट भारतीय कंपनियों की नींव को मजबूत करेगा और उन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इससे देश के युवा सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे।

 

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रक्षा आपूर्ति के क्षेत्र में कुछ कंपनियों के एकाधिकार के स्थान पर कुछ विश्वसनीय विकल्प उत्पन्न हुए हैं। श्री मोदी ने कहा, "भारत के युवाओं ने रक्षा उद्योग में इस एकाधिकार को तोड़ने की ताकत दिखाई है और हमारे युवाओं का यह प्रयास वैश्विक भलाई के लिए है।" उन्होंने रेखांकित किया कि दुनिया के छोटे-छोटे देश जो संसाधनों के अभाव में अपनी सुरक्षा में पीछे रह गए हैं, उन्हें अब इसका बड़ा लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया, "भारत रक्षा क्षेत्र को अवसरों की असीमित संभावनाओं के रूप में देखता है।" रक्षा क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा गलियारे बना रहा है तथा दुनिया की कई बड़ी कंपनियां भारत में निवेश करने आ रही हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में एमएसएमई की ताकत पर भी प्रकाश डाला और बताया कि इस निवेश के पीछे आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक बड़ा नेटवर्क बनाने के दौरान इन बड़ी कंपनियों को हमारे एमएसएमई द्वारा समर्थित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "इस क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर निवेश से उन क्षेत्रों में युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे, जिनके बारे में पहले सोचा भी नहीं गया था।"

प्रधानमंत्री ने डिफेंस एक्सपो में मौजूद सभी कंपनियों का आह्वान किया और उनसे आग्रह किया कि वे भविष्य के भारत को केंद्र में रखते हुए इन अवसरों को आकार दें। "आप नवोन्मेष कीजिए, दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने का संकल्प लीजिए, और एक मजबूत विकसित भारत के सपने को आकार दीजिए। उन्होंने कहा, आप हमेशा मुझे वहां आपका समर्थन करते हुए पाएंगे।”

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री, श्री भूपेंद्र पटेल, गुजरात के राज्यपाल, श्री आचार्य देवव्रत, केंद्रीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान, सेनाध्यक्ष, जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार और भारत सरकार के रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार भी मौजूद थे।

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पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने डेफएक्सपो22 का उद्घाटन किया। एक्सपो का विषय है-'पाथ टू प्राइड।' यह एक्सपो, अब तक आयोजित भारतीय रक्षा एक्सपो में अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी का साक्षी है। पहली बार, यह विशेष रूप से भारतीय कंपनियों के लिए आयोजित एक रक्षा प्रदर्शनी का गवाह बनेगा, जिसमें विदेशी ओईएम की भारतीय सहायक कंपनियां, भारत में पंजीकृत कंपनी का डिवीजन, एक भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम वाले प्रदर्शक शामिल हैं। यह आयोजन भारतीय रक्षा निर्माण कौशल के व्यापक दायरे और पैमाने का प्रदर्शन करेगा। एक्सपो में एक इंडिया पवेलियन और दस स्टेट पवेलियन होंगे। भारत मंडप में, प्रधानमंत्री ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिजाइन किए गए स्वदेशी ट्रेनर विमान-एचटीटी-40 का अनावरण किया। विमान में अत्याधुनिक प्रणालियां हैं और इसे पायलट-अनुकूल सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने उद्योग और स्टार्टअप के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में रक्षा बलों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए मिशन डेफस्पेस का भी शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने गुजरात में डीसा एयर फील्ड की आधारशिला भी रखी। अग्रिम वायु सैनिक अड्डा देश के सुरक्षा ढांचे में इजाफा करेगा।

यह एक्सपो 'भारत-अफ्रीका : रक्षा और सुरक्षा सहयोग के तालमेल के लिए रणनीति अपनाने' विषय के तहत दूसरी भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता का गवाह बनेगा। एक्सपो के दौरान दूसरा हिंद महासागर क्षेत्र+ (आईओआर+) सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जो क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप शांति, विकास, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आईओआर+ देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक बातचीत का मंच प्रदान करेगा। एक्सपो के दौरान रक्षा के लिए पहली निवेशक बैठक होगी। रक्षा नवाचार कार्यक्रम आईडीईएक्स (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार), मंथन 2022 में सौ से अधिक स्टार्टअप्स को अपने नवाचारों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। इस आयोजन में 'बंधन' कार्यक्रम के माध्यम से 451 साझेदारियां/लॉन्च भी होंगे।

 

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PM takes part in Combined Commanders’ Conference in Bhopal, Madhya Pradesh
April 01, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi participated in Combined Commanders’ Conference in Bhopal, Madhya Pradesh today.

The three-day conference of Military Commanders had the theme ‘Ready, Resurgent, Relevant’. During the Conference, deliberations were held over a varied spectrum of issues pertaining to national security, including jointness and theaterisation in the Armed Forces. Preparation of the Armed Forces and progress in defence ecosystem towards attaining ‘Aatmanirbharta’ was also reviewed.

The conference witnessed participation of commanders from the three armed forces and senior officers from the Ministry of Defence. Inclusive and informal interaction was also held with soldiers, sailors and airmen from Army, Navy and Air Force who contributed to the deliberations.

The Prime Minister tweeted;

“Earlier today in Bhopal, took part in the Combined Commanders’ Conference. We had extensive discussions on ways to augment India’s security apparatus.”

 

More details at https://pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=1912891