“7,500 बहनों-बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर इतिहास रचा”
"आपके हाथ चरखे पर सूत कातते हुए भारत का ताना-बाना बुन रहे हैं"
"स्वतंत्रता संग्राम की तरह खादी भी विकसित और आत्मनिर्भर भारत के वादे को पूरा करने की प्रेरणा-स्त्रोत बन सकती है"
"हमने ‘राष्‍ट्र के लिए खादी’, ‘फैशन के लिए खादी’ के संकल्पों के साथ ‘बदलाव के लिए खादी’ के संकल्प को जोड़ा”
"भारत के खादी उद्योग की बढ़ती ताकत में महिला शक्ति का प्रमुख योगदान"
"खादी सस्टेनेबल क्लोदिंग, इकोफ्रेंडली क्लोदिंग का एक उदाहरण है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम से कम होता है"
"आने वाले त्योहारों के मौसम में खादी उपहार में देकर इसे बढ़ावा दें"
"सभी परिवारों को दूरदर्शन पर 'स्वराज' धारावाहिक देखना चाहिए"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे आयोजित खादी उत्सव में भाग लिया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्‍द्र पटेल, सांसद श्री सी आर पाटिल, राज्य मंत्री श्री हर्ष सांघवी और श्री जगदीश पांचाल, अहमदाबाद के मेयर श्री किरीटभाई परमार और केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार उपस्थित थे।

 

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने चरखे के साथ अपने व्यक्तिगत संबंध को याद किया और अपने बचपन को याद किया जब उनकी मां चरखा चलाती थी। उन्होंने कहा, "साबरमती का तट आज धन्य हो गया है क्योंकि स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर 7,500 बहनों और बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर इतिहास रच दिया है।” उन्होंने कहा कि चरखे पर कताई किसी पूजा से कम नहीं है।

प्रधानमंत्री ने 'अटल ब्रिज' की प्रौद्योगिकी और उत्कृष्ट डिजाइन का उल्लेख किया, जिसका आज उन्‍होंने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह पुल श्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि है, जिन्हें गुजरात के लोग हमेशा प्यार और सम्मान देते थे। “अटल पुल न केवल साबरमती नदी के दो किनारों को जोड़ता है, बल्कि यह डिजाइन और नवाचार में भी अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, इसके डिजाइन में गुजरात के प्रसिद्ध पतंग उत्सव को भी ध्यान में रखा गया है”। श्री मोदी ने भारत में हर घर तिरंगा अभियान के उत्साह का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यहां होने वाले उत्सव न केवल देशभक्ति की भावना को दर्शाते हैं बल्कि एक आधुनिक और विकसित भारत के संकल्प को भी दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, "आपके हाथ, चरखे पर सूत कातते हुए भारत का ताना-बाना बुन रहे हैं"।

प्रधानमंत्री ने कहा, "इतिहास गवाह है कि खादी का एक धागा स्वतंत्रता आंदोलन की ताकत बन गया, इसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया।" उन्होंने आगे कहा कि खादी का वही धागा विकसित भारत और एक आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है। उन्होंने कहा, "खादी जैसी पारंपरिक ताकत हमें नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है"। उन्होंने कहा कि यह खादी उत्सव स्वतंत्रता आंदोलन की भावना और इतिहास को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है और न्यू इंडिया के संकल्पों को हासिल करने के लिए एक प्रेरणा है।

उन्होंने अपने पंच-प्रणों को याद किया जो उन्होंने 15 अगस्त को लाल किले से घोषित किए थे। "इस पवित्र साबरमती के तट पर, मैं पंच-प्रणों को दोहराना चाहता हूं। पहला-देश के सामने महान लक्ष्‍य, एक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य। दूसरा- गुलामी की मानसिकता का पूर्ण परित्याग। तीसरा-अपनी विरासत पर गर्व करना, चौथा- राष्ट्र की एकता को बढ़ाने के लिए मजबूत प्रयास करना और पांचवां- नागरिक कर्तव्य। उन्‍होंने कहा कि आज का खादी उत्सव 'पंच प्रणों' का एक सुंदर प्रतिबिंब है।

आजादी के बाद की अवधि में खादी की उपेक्षा की प्रधानमंत्री ने काफी देर तक चर्चा की। उन्होंने कहा, "स्वतंत्रता आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश के स्वाभिमान का प्रतीक बनाया था, स्वतंत्रता के बाद उसी खादी को हीन भावना से भर दिया गया। इसके कारण खादी और उससे जुड़ा खादी ग्रामोद्योग पूरी तरह से नष्‍ट हो गया। खादी की यह स्थिति बेहद दर्दनाक थी, खासकर गुजरात के लिए।'' वह इस बात से गौरवान्वित थे कि खादी को पुनर्जीवित करने का कार्य गुजरात की भूमि पर हुआ। प्रधानमंत्री ने सरकार की ‘राष्‍ट्र के लिए खादी, फैशन के लिए खादी’ के संकल्पों के साथ ‘बदलाव के लिए खादी’ के संकल्प को जोड़ने जोर दिया। उन्‍होंने कहा "हमने पूरे देश में गुजरात की सफलता के अनुभवों को फैलाना शुरू कर दिया।" देश भर में खादी से संबंधित समस्याओं का समाधान किया गया। हमने देशवासियों को खादी उत्पादों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने खादी के पुनरुद्धार की प्रक्रिया में महिलाओं के योगदान को भी स्वीकार किया। उन्‍होंने कहा, “भारत के खादी उद्योग की बढ़ती ताकत में महिला शक्ति का भी बड़ा योगदान है। हमारी बहनों और बेटियों में उद्यमिता की भावना निहित है। इसका प्रमाण गुजरात में सखी मंडलों का विस्तार है।” उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में खादी की बिक्री में चार गुना वृद्धि हुई है और पहली बार खादी ग्रामोद्योग का कारोबार एक लाख करोड़ को पार कर गया। इस क्षेत्र ने 1.75 करोड़ नए रोजगार भी पैदा किए। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना जैसी वित्तीय समावेशन योजनाएं उद्यमिता को बढ़ावा दे रही हैं।

 

खादी के लाभों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सस्टेनेबल क्लोदिंग, इकोफ्रेंडली क्लोदिंग का एक उदाहरण है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम से कम होता है। ऐसे कई देश हैं जहां तापमान अधिक है, खादी स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, खादी वैश्विक स्तर पर एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। उन्होंने इसे वैश्विक स्तर पर बुनियादी और टिकाऊ जीवन जीने की बढ़ती प्रवृत्ति के अनुरूप कहा।

प्रधानमंत्री ने देश की जनता से अपील की है कि वह आने वाले त्योहारों में खादी ग्रामोद्योग में बने उत्पादों को ही उपहार में दें। प्रधानमंत्री ने कहा, “ आप विभिन्‍न प्रकार के कपड़ों से बने परिधान ले सकते हैं लेकिन अगर आप उसमें खादी को स्‍थान देंगे, तो वोकल फॉर लोकल अभियान को गति मिलेगी।”

यह याद करते हुए कि पिछले दशकों में, भारत का अपना समृद्ध खिलौना उद्योग विदेशी खिलौनों की दौड़ में नष्ट हो रहा था, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार के प्रयासों और खिलौना उद्योगों से जुड़े हमारे भाइयों और बहनों की कड़ी मेहनत से स्थिति अब बदलनी शुरू हो गई है नतीजतन, खिलौनों के आयात में भारी गिरावट आई है।

प्रधानमंत्री ने लोगों से दूरदर्शन पर 'स्वराज' धारावाहिक देखने को भी कहा। यह धारावाहिक हमारे महान स्‍वाधीनता सेनानियों और उनके संघर्ष की कहानी विस्‍तार से बयां करता है। सभी परिवारों को यह श्रृंखला देखनी चाहिए ताकि उन्‍हें हमारी आजादी के लिए हमारे पूर्वजों के बलिदान की जानकारी मिल सके।

खादी उत्सव

प्रधानमंत्री का खादी को लोकप्रिय बनाने, खादी उत्पादों के बारे में जागरूकता पैदा करने और युवाओं के बीच खादी के उपयोग को बढ़ावा देने का निरंतर प्रयास रहा है। प्रधानमंत्री के प्रयासों के परिणामस्वरूप, 2014 से, भारत में खादी की बिक्री में चार गुना वृद्धि हुई है, जबकि गुजरात में खादी की बिक्री में जबरदस्‍त आठ गुना वृद्धि हुई है।

आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित किए जा रहे अपने तरह के एक कार्यक्रम, खादी उत्‍सव का आयोजन स्वतंत्रता संग्राम के दौरान खादी और इसके महत्व को सम्‍मान देने के लिए किया जा रहा है। यह उत्सव अहमदाबाद के साबरमती नदी के किनारे आयोजित किया जा रहा है और इसमें गुजरात के विभिन्न जिलों की 7500 महिला कारीगर एक ही समय और एक ही स्थान पर चरखा कातती दिखाई देंगी। इस कार्यक्रम में 1920 के दशक से उपयोग किए जाने वाली विभिन्न पीढ़ियों के 22 चरखों को प्रदर्शित करके "चरखे के विकास" को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी दिखाई देगी। इसमें "यरवदा चरखे" जैसा चरखा भी शामिल होगा जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस्तेमाल किए गए चरखों का प्रतीक है, साथ ही आज के नवीनतम नवाचारों और इस्‍तेमाल की जा रही प्रौद्योगिकी की झलक भी दिखाई देगी। पोंडुरु खादी के उत्पादन का एक लाइव प्रदर्शन भी किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने गुजरात राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के नये कार्यालय भवन और साबरमती नदी पर बने एक फुट-ओवर ब्रिज 'अटल ब्रिज' का भी उद्घाटन किया ।

 

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।