"भारत का यही समय है सही समय है"
“आज 21वीं सदी के इस दशक में भारत के सामने जो टाइम पीरियड आया है, ये अभूतपूर्व है”
"2023 के पहले 75 दिनों की उपलब्धियां इसी इंडिया मोमेंट का ही तो रिफ्लेक्शन है"
"भारतीय संस्कृति और सॉफ्ट पावर के लिए दुनिया में अभूतपूर्व आकर्षण है"
“देश को आगे बढ़ना है तो उसमें हमेशा गतिशीलता होनी चाहिए, साहसिक निर्णय शक्ति होनी चाहिए”
“आज देशवासियों में यह विश्वास जगा है कि सरकार को उनकी परवाह है”
"हमने गवर्नेंस को ह्यूमन टच दिया है"
“आज भारत जो कुछ हासिल कर रहा है उसके पीछे हमारी डेमोक्रेसी की ताकत है, हमारे इंस्टीट्यूशंस की ताकत है”
"‘सबका प्रयास’ से ही इंडिया मोमेंट को हमें सशक्त करना है और आजादी के अमृतकाल में विकसित भारत की यात्रा को सशक्त करना है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव को संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कॉन्क्लेव के लिए चुने गए विषय - 'द इंडिया मोमेंट' पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज दुनिया के बड़े इकोनॉमिस्ट, एनालिस्ट, थिंकर सभी कह रहे हैं कि ‘इट इज इंडियाज मोमेंट’। उन्होंने यह भी कहा कि जब इंडिया टुडे ग्रुप ये ऑप्टिमिज्म दिखाता है, तो ये एक्स्ट्रा स्पेशल है। लाल किले से 20 महीने पहले अपने संबोधन के वाक्यांश - "यही समय है, सही समय है" की याद दिलाते हुए, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का यही समय है।

प्रधानमंत्री ने किसी भी राष्ट्र की विकास यात्रा में आने वाली विभिन्न चुनौतियों और चरणों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि आज 21वीं सदी के इस दशक में भारत के सामने जो टाइम पीरियड आया है, ये अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री ने कई दशकों पहले विकसित हुए राष्ट्रों के रास्ते में आने वाली परिस्थितियों में अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज से कुछ दशक पहले जो देश आगे बढ़े, कई देश आगे बढ़े, विकसित हुए, लेकिन उनके सामने स्थितियां बहुत अलग थीं। एक तरह से उनका मुकाबला खुद से ही था, उनके सामने इतनी प्रतिस्पर्धा नहीं थी। उन्होंने कहा कि आज जिन परिस्थितियों में भारत आगे बढ़ रहा है, वे चुनौतियां बहुत ही अलग हैं, बहुत ही व्‍यापक हैं, विविधताओं से भरी हुई हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज इतने सारे ग्लोबल चैलेंजेज हैं, 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी सबसे बड़ा संकट है, दो देश महीनों से युद्ध में हैं, पूरी दुनिया की सप्लाई चेन अस्त-व्यस्त है, उस स्थिति में, इस पृष्ठभूमि में, उस स्थिति में इंडिया मोमेंट की बात होना सामान्य नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, "ये एक नया इतिहास बन रहा है जिसके हम सभी साक्षी हैं।" उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को लेकर एक विश्वास से भरी हुई है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्तर पर भारत की उपलब्धियों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, आज भारत दुनिया में नंबर वन स्मार्टफोन डेटा कंज्यूमर है, आज भारत, ग्लोबल फिनटेक एडॉप्शन रेट में नंबर वन है, आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरर है, आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है।

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2023 के पहले 75 दिनों में देश की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन 75 दिनों में देश का ऐतिहासिक ग्रीन बजट आया, कर्नाटका के शिवमोगा में एयरपोर्ट का लोकार्पण हुआ, मुंबई में मेट्रो रेल का अगला फेज शुरू हुआ, देश में दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज चला, बेंगलुरु मैसूर एक्सप्रेस वे शुरू हुआ, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का एक सेक्शन शुरू किया गया, मुंबई से, विशाखापट्टनम से वंदे भारत ट्रेनें चलनी शुरू हुईं, आईआईटी धारवाड़ के परमानेंट कैंपस का लोकार्पण हुआ, भारत ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों को परमवीर चक्र विजेताओं के नाम किया। उन्होंने यह भी कहा कि इन 75 दिनों में ही भारत ने पेट्रोल में 20 परसेंट इथेनॉल की ब्लेंडिंग करके ई20 फ्यूल लॉन्च किया है, तुमकुरू में एशिया की सबसे बड़ी आधुनिक हेलीकॉप्टर फैक्ट्री का लोकार्पण हुआ है, एयर इंडिया ने दुनिया का सबसे बड़ा एविएशन आर्डर दिया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इन 75 दिनों में ही भारत ने ई-संजीवनी के माध्यम से 10 करोड़ टेली-कंसल्टेशन का मुकाम हासिल किया है, 8 करोड़ नए टैप वॉटर कनेक्शन्स देने का मुकाम हासिल किया, यूपी-उत्तराखंड में रेल नेटवर्क के 100 परसेंट इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हुआ, कुनो नेशनल पार्क में 12 चीताओं का नया बैच आया है, भारतीय महिला टीम ने अंडर-19 क्रिकेट टी-20 वर्ल्ड कप जीता है और देश को 2 ऑस्कर जीतने की खुशी मिली है। उन्होंने यह भी बताया कि इन 75 दिनों में हजारों विदेशी डिप्लोमेट्स और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि जी-20 की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए भारत आए, जी-20 की 28 अहम बैठकें हुई हैं यानी हर तीसरे दिन एक बैठक, इसी दौरान एनर्जी समिट हुई, आज ही ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस हुई है, बेंगलुरू में हुए एयरो-इंडिया में हिस्सा लेने के लिए 100 से ज्यादा देश भारत आए। उन्होंने यह भी बताया कि इन 75 दिनों में ही सिंगापुर के साथ यूपीआई लिंकेज की शुरुआत हुई, तुर्किए की मदद के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया, अब से कुछ घंटे पहले ही भारत-बांग्लादेश गैस पाइप लाइन का लोकार्पण हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, "यही इंडिया मोमेंट का ही तो रिफ्लेक्शन है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आज देश एक ओर रोड-रेलवे, पोर्ट-एयरपोर्ट जैसे Physical इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है, दूसरी ओर भारतीय संस्कृति और सॉफ्ट पावर के लिए भी दुनिया में अभूतपूर्व आकर्षण है। प्रधानमंत्री ने कहा, "आज योग पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो चुका है। आज आयुर्वेद को लेकर उत्साह है, भारत के खान-पान को लेकर उत्साह है।” उन्होंने कहा कि आज भारतीय फिल्में, भारतीय संगीत, नई ऊर्जा के साथ लोगों को अपना दीवाना बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत के मिलेट्स- श्रीअन्न भी पूरी दुनिया में पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बात चाहे इंटरनेशनल सोलर अलायंस की हो या कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेसिलियंट इन्फ्राट्रक्चर की हो, विश्व आज इस बात को महसूस कर रहा है कि भारत के आइडियाज और भारत का सामर्थ्य, ग्लोबल गुड के लिए है। प्रधानमंत्री ने कहा, "इसलिए आज विश्व कह रहा है- दिस इज इंडियाज मोमेंट।” उन्होंने कहा कि इन सबका मल्टीप्लायर इफेक्ट होता है। उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि आजकल अधिकतर देश भारत से चोरी की गई प्राचीन मूर्तियां खुद ब खुद हमको देते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, "आज के इंडिया मोमेंट की सबसे विशेष बात ये है कि आज इसमें प्रॉमिस के साथ-साथ परफारमेंस भी जुड़ गई है।” समाचार बनाने वाली सुर्खियों की तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत की सुर्खियों में आमतौर पर विभिन्न क्षेत्रों में लाखों करोड़ रुपये के घोटाले और उनके विरोध में जनता के सड़कों पर उतरने की घटनाएं शामिल होती थीं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज की सुर्खियों में भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई के कारण सड़कों पर उतरने वाले भ्रष्ट शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि मीडिया ने अतीत में घोटालों को कवर करके बहुत टीआरपी हासिल की है और यह सुझाव भी दिया कि अब उनके पास भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की खबर को कवर करने और अपनी टीआरपी बढ़ाने का अवसर है।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि पहले शहरों में बम ब्लास्ट की हेल्डलाइन्स होती थीं, नक्सली वारदातोँ की हेडलाइन होती थी, जबकि आज शांति और समृद्धि की खबरें ज्यादा आती हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पहले पर्यावरण के नाम पर बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट रोके जाने की खबरें आती थीं। आज पर्यावरण से जुड़ी पॉजिटिव न्यूज के साथ ही, नए हाईवे, एक्सप्रेसवे बनने की खबरें आती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पहले ट्रेनों की दुखद दुर्घटनाओं की खबरें आम बात होती थीं, आज आधुनिक ट्रेनों की शुरुआत हेडलाइन बनती है। उन्होंने कहा कि पहले एयर इंडिया के घोटालों की, बेहाली की चर्चा होती थी, जबकि आज दुनिया की सबसे बड़ी एयरक्राफ्ट डील की खबरें दुनिया में हेडलाइन बनती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “प्रॉमिस और परफॉर्मेंस का यही बदलाव इंडिया मोमेंट लेकर आया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश आत्मविश्वास से भरा हो- संकल्प से भरा हो, विदेश भी, दुनिया के विद्वान भी भारत को लेकर आशावान हो, इन सबके बीच निराशा की बातें, हताशा की बातें, भारत को नीचा दिखाने की बातें, भारत का मनोबल तोड़ने की बातें भी होती रहती हैं।

प्रधानमंत्री ने गुलामी के युग के कारण भारत की लंबे समय तक गरीबी के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “गुलामी के लंबे कालखंड के चलते हमने गरीबी का एक लंबा दौर देखा है। ये दौर जितना भी लंबा रहा हो, एक बात हमेशा शाश्वत रही। भारत का गरीब, जल्द से जल्द गरीबी से बाहर निकलना चाहता था। आज भी वो दिनभर कड़ी मेहनत करता है। वो ये चाहता है कि उसका जीवन बदले, उसकी आने वाली पीढ़ियों का जीवन बदले।” प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दशकों में जो भी सरकारें रही हैं, उन्होंने अपने-अपने सामर्थ्य और सूझबूझ से कोशिशें भी की हैं और उन्हीं प्रयासों के हिसाब से उन सरकारों को परिणाम भी मिले हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान सरकार नए नतीजे चाहती थी, इसलिए हमने अपनी स्पीड भी बढ़ाई और स्केल भी बढ़ाया। उन्होंने रिकॉर्ड गति से 11 करोड़ से अधिक शौचालय बनाने, 48 करोड़ लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने और पक्के मकान का पैसा सीधे उन लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजने का उदाहरण दिया। उन्होंने यह भी कहा कि घर बनाने की पूरी प्रक्रिया की लगातार निगरानी की जाती है और घर को जियो-टैग भी किया जाता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 9 वर्षों में 3 करोड़ से अधिक घर बनाकर गरीबों को सौंपे गए। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन घरों में महिलाओं का भी मालिकाना हक है। उन्होंने कहा कि गरीब महिला खुद को एम्पॉवर फील करेंगी तो फिर इंडिया मोमेंट आएगा।

पूरी दुनिया में संपत्ति के अधिकारों की चुनौतियों पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री ने विश्व बैंक की एक रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि दुनिया में सिर्फ 30 परसेंट आबादी के पास ही उनकी प्रॉपर्टी का लीगली रजिस्टर्ड टाइटल है। यानी दुनिया की 70 परसेंट आबादी के पास उनकी प्रॉपर्टी का कानूनी दस्तावेज नहीं है। उन्होंने दोहराया कि प्रॉपर्टी का अधिकार ना होना, वैश्विक विकास के सामने बहुत बड़ा अवरोध माना जाता है। प्रधानमंत्री ने ढाई साल पहले शुरू की गई भारत की पीएम-स्वामित्व योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें टेक्‍नोलॉजी का भरपूर उपयोग हो रहा है और भारत के गांवों में, ड्रोन टेक्नॉलॉजी की मदद से जमीन की मैपिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक भारत के दो लाख चौंतीस हजार गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा किया जा चुका है। एक करोड़ बाईस लाख प्रॉपर्टी कार्ड दिए भी जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "ऐसे कितने ही Silent Revolution आज भारत में हो रहे हैं और यही India Moment का आधार बन रहा है।" उन्होंने यह भी बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि से अभी तक लगभग ढाई लाख करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजे गए हैं और इसका लाभ देश के उन 11 करोड़ छोटे किसानों को हुआ है, जिन्हें पहले कोई पूछता नहीं था।

प्रधानमंत्री ने कहा, "किसी भी देश की प्रगति में, नीति-निर्णयों में ठहराव एक बहुत बड़ी बाधा होता है।" उन्होंने पुरानी सोच और दृष्टिकोण और कुछ परिवारों की सीमाओं के कारण भारत में लंबे समय तक ठहराव पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि देश को आगे बढ़ना है तो उसमें हमेशा गतिशीलता होनी चाहिए, साहसिक निर्णय शक्ति होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को आगे बढ़ना है तो उसमें नयापन स्वीकार करने का सामर्थ्य होना चाहिए, उसमें प्रगतिशील मानसिकता होनी चाहिए। देश को आगे बढ़ना है तो उसे अपने देशवासियों की क्षमताओं पर, उनकी प्रतिभा पर भरोसा होना चाहिए। और इन सबसे ऊपर, देश के संकल्पों और सपनों पर देश की जनता का आशीर्वाद होना चाहिए, लक्ष्यों की प्राप्ति में जनता की सहभागिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार और सत्ता के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजने का रास्ता, बहुत ही Limited Result देता है। लेकिन जब 130 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य जुटता है, जब सबका प्रयास लगता है, तो फिर देश के सामने कोई भी समस्या टिक नहीं पाती। उन्होंने अपनी सरकार में देश के लोगों के भरोसे के महत्व पर जोर दिया और संतोष व्यक्त किया कि आज नागरिकों में यह विश्वास विकसित हो गया है कि सरकार उनकी परवाह करती है। उन्होंने कहा, “हमने गवर्नेंस को ह्यूमन टच दिया है, तब जाकर इतना बड़ा प्रभाव दिख रहा है।” उन्होंने वाइब्रेंट विलेज स्कीम का उदाहरण दिया, जो देश की दूरस्थ सीमा पर स्थित गांव को देश का अंतिम गांव होने के स्थान पर देश का पहला गांव होने का विश्वास जगाती है और क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देती है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री नियमित रूप से पूर्वोत्तर का दौरा करते हैं और उन्होंने शासन को ह्यूमन टच से जोड़ा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि वे खुद 50 बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस संवेदनशीलता ने ना सिर्फ नॉर्थ ईस्ट की दूरी कम की है बल्कि वहां शांति की स्थापना में भी बहुत मदद की है।

प्रधानमंत्री ने यूक्रेन संकट के दौरान सरकार की कार्य संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार ने लगभग 14 हजार परिवारों से कनेक्ट किया और प्रत्येक घर में सरकार का एक प्रतिनिधि भेजा। “हमने उन्हें मुश्किल घड़ी में आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है।” डउन्होंने यह भी कहा, “मानवीय संवेदनाओं से भरपूर ऐसी ही गवर्नेंस से इंडिया मोमेंट को एनर्जी मिलती है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर गवर्नेंस में ये ह्यूमन टच ना होता, तो हम कोरोना के खिलाफ इतनी बड़ी लड़ाई भी नहीं जीत सकते थे।

श्री मोदी ने कहा, "आज भारत जो कुछ हासिल कर रहा है उसके पीछे हमारी डेमोक्रेसी की ताकत है, हमारे इंस्टीट्यूशंस की शक्ति है।" उन्होंने कहा कि दुनिया आज देख रही है कि आज भारत में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार, निर्णायक फैसले ले रही है। उन्होंने बताया कि भारत ने दुनिया को दिखाया है डेमोक्रेसी कैन डिलीवर और बीते वर्षों में भारत ने अनेकों नए इंस्टीट्यूशंस का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल सोलर एलाइंस और कोएलिवेशन फॉर डिजास्टर रेसिलियंट इन्फ्राट्रक्चर भारत के नेतृत्व में बना। उन्होंने भविष्य के रोडमैप को तय करने में बड़ी भूमिका निभाने वाले नीति आयोग, देश में कॉर्पोरेट प्रशासन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल और भारत में एक आधुनिक कर प्रणाली बनाने में जीएसटी परिषद की भूमिका के बारे में भी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के बीच देश में कई चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुए। उन्होंने कहा, “वैश्विक संकट के बीच, आज भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है, बैंकिंग प्रणाली मजबूत है। यह हमारे संस्थानों की ताकत है।” उन्होंने बताया कि सरकार अब तक कोरोना वैक्सीन की 220 करोड़ खुराक दे चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे लगता है कि इसी वजह से हमारे लोकतंत्र और हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सबसे ज्यादा हमला हो रहे है। लेकिन मुझे यकीन है कि इन हमलों के बीच भी भारत अपने लक्ष्यों की ओर तेजी से आगे बढ़ेगा, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगा।”

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की भूमिका जब ग्लोबल हो रही है, तो भारत के मीडिया को भी अपनी भूमिका ग्लोबल बनानी है। उन्होंने कहा, “‘सबका प्रयास’ से ही इंडिया मोमेंट को हमें सशक्त करना है। आजादी के अमृतकाल में विकसित भारत की यात्रा को सशक्त करना है।"

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PM congratulates Indian contingent for their historic performance at the 10th Asia Pacific Deaf Games 2024
December 10, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today congratulated the Indian contingent for a historic performance at the 10th Asia Pacific Deaf Games 2024 held in Kuala Lumpur.

He wrote in a post on X:

“Congratulations to our Indian contingent for a historic performance at the 10th Asia Pacific Deaf Games 2024 held in Kuala Lumpur! Our talented athletes have brought immense pride to our nation by winning an extraordinary 55 medals, making it India's best ever performance at the games. This remarkable feat has motivated the entire nation, especially those passionate about sports.”