"तकनीक और नवाचार में और भी निवेश करना महत्वपूर्ण है"
"भारत का विकास पर्यावरण-अनुकूल हो रहा है"
“डिजिटल इंडिया का हमारे विज़न में सरकार के हर पहलू के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना शामिल है। मैं दुनिया से अवसरों का उपयोग करने और हमारे देश में निवेश करने का आग्रह करूंगा”
"आज, बॉश उतना ही भारतीय है, जितना कि जर्मन। यह जर्मन इंजीनियरिंग और भारतीय ऊर्जा का बेहतरीन उदाहरण है”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बॉश इंडिया की भारत में उपस्थिति के 100 वर्ष पूरे करने के अवसर पर वीडियो संदेश के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया।

शुरुआत में, प्रधानमंत्री ने बॉश इंडिया को भारत में अपनी उपस्थिति के 100 वर्ष पूरे करने पर बधाई दी और भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में हो रहे इस आयोजन के विशेष महत्व को रेखांकित किया। इस अवसर पर बॉश स्मार्ट कैंपस का उद्घाटन भी हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह परिसर निश्चित रूप से भारत और दुनिया के लिए भविष्य के उत्पादों और समाधानों को विकसित करने में अग्रणी सिद्ध होगा।" प्रधानमंत्री ने चांसलर सुश्री मर्केल के साथ अक्टूबर 2015 में बेंगलुरू स्थित बॉश सुविधा केंद्र की अपनी यात्रा को भी याद किया।

वर्तमान समय को प्रौद्योगिकी युग का नाम देते हुए और महामारी के दौरान प्रौद्योगिकी के लाभों को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक और नवाचार में और भी अधिक निवेश करना महत्वपूर्ण है। नवाचार और बड़े पैमाने के लिए बॉश की प्रशंसा करते हुए, प्रधानमंत्री ने सतत विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। श्री मोदी ने कहा, "पिछले 8 वर्षों में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता लगभग 20 गुना बढ़ने से भारत का विकास पर्यावरण-अनुकूल होता जा रहा है।" प्रधानमंत्री ने भारत और देश से बाहर दोनों जगहों पर कार्बन-तटस्थता हासिल करने से जुड़ी बॉश की उपलब्धि की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पिछले दो वर्षों में निवेश बढ़ा है। “हमारे युवाओं को धन्यवाद, हमारा स्टार्ट-अप इको-सिस्टम दुनिया में सबसे बड़ों में से एक है। तकनीक की दुनिया में ही बहुत सारे अवसर हैं।" भारत सरकार हर गांव में उच्च गति की इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, “डिजिटल इंडिया के हमारे विज़न में, सरकार के हर पहलू के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना शामिल है। मैं दुनिया से इन अवसरों का उपयोग करने और हमारे देश में निवेश करने का आग्रह करूंगा।’’

इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री ने बॉश से भारत में और अधिक कार्य करने के बारे में सोचने का आग्रह किया। निष्कर्ष के तौर पर प्रधानमंत्री ने कहा, "आने वाले 25 वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित करें कि आपकी टीम क्या कर सकती है। 100 साल पहले बॉश जर्मनी की कंपनी बनकर भारत आया था। लेकिन आज यह उतना ही भारतीय है, जितना कि जर्मन। यह जर्मन इंजीनियरिंग और भारतीय ऊर्जा का बेहतरीन उदाहरण है। यह साझेदारी और मजबूत होती रहेगी।’’

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Prime Minister shares Sanskrit Subhashitam highlighting virtues that lead to inner strength
December 18, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, shared a Sanskrit Subhashitam —
“धर्मो यशो नयो दाक्ष्यम् मनोहारि सुभाषितम्।

इत्यादिगुणरत्नानां संग्रहीनावसीदति॥”

The Subhashitam conveys that a person who is dutiful, truthful, skilful and possesses pleasing manners can never feel saddened.

The Prime Minister wrote on X;

“धर्मो यशो नयो दाक्ष्यम् मनोहारि सुभाषितम्।

इत्यादिगुणरत्नानां संग्रहीनावसीदति॥”