प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख अमेरिकी सीईओ के साथ बैठक की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाशिंटन डीसी में आयोजित राउंड टेबुल बैठक में अमरीका की शीर्ष बीस कंपनियों के प्रमुखों के साथ मुलाकात कर चर्चा की।

कंपनी प्रमुखों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया का ध्यान भारतीय अर्थव्यवस्था पर केन्द्रित होता जा रहा है। देश की युवा आबादी और तेजी से तरक्की कर रहा मध्यम वर्ग भारतीय अर्थव्यवस्था में दुनिया की दिलचस्पी बढ़ा रहा है। खासतौर से यह दिलचस्पी विनिर्माण,व्यापार और वाणिज्य तथा दोनों देशों के लोगों के बीच सीधे संपर्क के क्षेत्र में देखी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में केन्द्र सरकार ने अपना सारा ध्यान लोगों की जीवन गुणवत्ता सुधारने पर केन्द्रित किया है। इसके लिए वैश्विक साझेदारी की दरकार है और इसलिए केन्द्र ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ पर काम कर रही है।

उन्होंने इस अवसर पर देश में हाल में हुए सुधारों की चर्चा करते हुए कहा कि अकेले केन्द्र की ओर से 7000 हजार सुधारों की पहल की गई है। यह भारत की वैश्विक मानक तय करने की चाहत को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार दक्षता, पारदर्शिता,विकास और सबके लाभ पर जोर दे रही है।

वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षों के अथक प्रयास के बाद यह अब वास्तविकता बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे लागू करना एक जटिल कार्य है जो भविष्य के लिए अध्ययन का विषय हो सकता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू करना यह दर्शाता है कि भारत बड़े फैसले लेने के साथ ही उन्हें तेजी से लागू करने का दम भी रखता है।

इस अवसर पर अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने नीतिगत पहलों और कारोबारी सहूलियतों के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की और इस क्रम में डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया,कौशल विकास,विमुद्रीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में की गई पहलों की खासतौर से प्रशंसा की। कई कंपनी प्रमुखों ने सरकार के कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में की गई पहलों में साझेदारी की इच्छा भी जताई।

उन्होंने इस मौके पर भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों द्वारा महिला सशक्तिकरण,डिजिटल प्रौद्योगिकी, शिक्षा और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में किए जा रहे सामाजिक कार्यों का जिक्र भी किया। बैठक में आधारभूत संरचना,रक्षा विनिमार्ण और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मसलों पर भी चर्चा की गई।

बैठक की समाप्ति पर प्रधानमंत्री ने सभी कंपनी प्रमुखों को उनके द्वारा दिखाई गई रुचि के लिए धन्याद दिया और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने की उत्सुकता व्यक्त करते हुए कहा कि अमेरिका और भारत समान मूल्यों को साझा करते हैं। यदि अमेरिका मजबूत होगा तो स्वाभाविक रूप से इसका फायदा भारत को मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक शक्तिशाली अमेरिका पूरी दुनिया के लिए हितकारी होगा।

प्रधानमंत्री ने अमेरिकी कंपनी प्रमुखों से भारत में महिला साशक्तिकरण,नवीकरणीय ऊर्जा,स्टार्टअप और नवाचार के क्षेत्र में रुचि लेने का अनुरोध किया और साथ ही स्कूली लड़कियों की जरुरत को देखते हुए इसके साथ साफ सफाई की आदतों,उत्पादों और प्रैाद्योगिकी को जोड़ने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि देशवासियों की जीवन गुणवत्ता को सुधारना उनका मुख्य लक्ष्य है।

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कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।