प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और भारत के दीर्घकालिक सुरक्षा तथा विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में रणनीतिक बुद्धिमत्ता, संतुलित संयम व निर्णायक कार्रवाई के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने संस्कृत के एक सूत्र का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर लिखा:
“सुदुर्बलं नावजानाति कञ्चिद् युक्तो रिपुं सेवते बुद्धिपूर्वम्।
न विग्रहं रोचयते बलस्थैः काले च यो विक्रमते स धीरः॥”
सुदुर्बलं नावजानाति कञ्चिद् युक्तो रिपुं सेवते बुद्धिपूर्वम्।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2025
न विग्रहं रोचयते बलस्थैः काले च यो विक्रमते स धीरः॥ pic.twitter.com/OiRZQoKaMU


