पीएम मोदी ने सचिवों से कहा कि वे पिछली सदी के प्रशासनिक तरीकों से बाहर निकल कर काम करें 
भारत के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए ऐसे लक्ष्य निर्धारित करें जिन्हें 2022 तक पूरा किया जा सके: पीएम मोदी 
संस्थानों को जवाबदेह होना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी 
जीएसटी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक एवं निर्णायक मोड़: प्रधानमंत्री 
भारत को लेकर विश्व के लोगों में एक नया उत्साह, हमें इस अवसर का लाभ उठाना होगा: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज भारत सरकार के सभी सचिवों, मंत्रालयों के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ अनौपचारिक बैठक की।

पिछली शताब्दियों की प्रशासनिक प्रणालियों से ऊपर उठने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सचिवों के पास दुनिया की आबादी के छठवे हिस्‍से के जीवन स्‍तर में सुधार लाने का एक अवसर है । उन्‍होंने उनसे कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ यानि वर्ष 2022 के लिए ठोस लक्ष्‍य निर्धारित करें।

प्रधानमंत्री ने सचिवों का आह्वान करते हुए कहा कि वे देश के विकास के लिए अपने संबंधित मंत्रालयों की सीमा रेखा से बाहर भी काम करें। वित्‍तीय समावेशन (जनधन योजना) और व्‍यापक रोगप्रतिरक्षण (मिशन इंद्रधनुष) जैसे उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सरकारी तंत्र के एक टीम के रूप में एकजुट होकर काम करने से कुछ सर्वश्रेष्‍ठ परिणाम निकले हैं। उन्‍होंने कहा कि संस्‍थाएं निश्चित रूप से परिणामोन्‍मुखी होनी चाहिए।

स्‍वच्‍छता अभियान के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता इसका जोरदार समर्थन देने के लिए आगे आई है और इसके बल पर प्रशासनिक स्‍तर पर एक क्रांति हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली जुलाई से जीएसटी का लागू होना देश के इतिहास में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। उन्‍होंने सचिवों से कहा कि वे इस बदलाव के लिए सकारात्‍मक तौर पर तैयारी करें ताकि सहज रूप से सुधार सुनिश्चित हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा विश्‍व आज भारत को विश्ष्टि रूप में देख रहा है और यह एक ऐसा बेजोड़ अवसर है जिसे हाथ से जाने नहीं देना चाहिए। उन्‍होंने सचिवों से कहा कि हमें वैश्विक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रणाली तैयार करने के लिए जुटना चाहिए।

श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत के 100 सबसे अधिक पिछड़े जिलों के लिए एक मिशन मोड पहल के लिए भी आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि इन जिलों के लिए एक छोटी समय-सीमा में विभिन्‍न मानदंडों पर आधारित विशेष लक्ष्‍य निर्धारित किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्रियों - श्री राजनाथ सिंह, श्री अरुण जेटली, श्रीमती सुषमा स्‍वराज और श्री नितिन गडकरी ने भी सचिवों को संबोधित किया।

इससे प‍हले, सचिवों ने भी शासन के विभिन्‍न क्षेत्रों पर आ‍धारित कुछ सुझाव दिए।

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Prime Minister Highlights Sanskrit Wisdom in Doordarshan’s Suprabhatam
December 09, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi today underscored the enduring relevance of Sanskrit in India’s cultural and spiritual life, noting its daily presence in Doordarshan’s Suprabhatam program.

The Prime Minister observed that each morning, the program features a Sanskrit subhāṣita (wise saying), seamlessly weaving together values and culture.

In a post on X, Shri Modi said:

“दूरदर्शनस्य सुप्रभातम् कार्यक्रमे प्रतिदिनं संस्कृतस्य एकं सुभाषितम् अपि भवति। एतस्मिन् संस्कारतः संस्कृतिपर्यन्तम् अन्यान्य-विषयाणां समावेशः क्रियते। एतद् अस्ति अद्यतनं सुभाषितम्....”