भारत-सिंगापुर के संबंध सच्चे अर्थों में सामरिक साझेदारी की कसौटी पर खरे उतरते हैं: प्रधानमंत्री मोदी
भारत के लिए सिंगापुर एफडीआई का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और भारत से विदेशों में होने वाले निवेश के लिए हमारा शीर्ष गंतव्य है: पीएम मोदी
भारत की उन्नति सिंगापुर को उसके महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अतुलनीय अवसर प्रदान करती है: प्रधानमंत्री

His Excellency

प्रधानमंत्री
ली सियन लूंग,

Distinguished Delegates,

Members of the Media,

सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री ली का आभार प्रकट करता हूँ। उनके आतिथ्य और सौहार्द्र के लिए। भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रति उनकी सतत चेष्टा के लिए। और निजी मित्रता के लिए भी।

भारत-सिंगापुर के संबंध सच्चे अर्थों में सामरिक साझेदारी की कसौटी पर खरे उतरते हैं। हमारे संबंधों में कोई असहजता नहीं है, बल्कि केवल गर्मजोशी, सौहार्द और विश्वास है। आज की हमारी बातचीत में प्रधानमंत्री ली और मैंने साथ मिल कर हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को review किया, और भविष्य के roadmap के बारे में चर्चा की।

मुझे विशेष रूप से हमारे Comprehensive Economic Cooperation Agreement के दूसरे review के पूरा होने पर प्रसन्नता है। लेकिन हम दोनों इस बात पर सहमत हैं, कि दूसरा review हमारी मंज़िल नहीं है, एक पड़ाव मात्र है। हमारे अधिकारी शीघ्र ही इस समझौते को और upgrade करने और सुधारने के लिए चर्चा शुरू करेंगे।

भारत के लिए सिंगापुर Foreign Direct Investment का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। और भारत से विदेशों में होने वाले निवेश के लिए हमारा शीर्ष destination है। मुझे प्रसन्नता है कि भारतीय कंपनियां सिंगापुर का उपयोग ASEAN क्षेत्र एवं अन्य देशों के लिए spring-board के रूप में करती हैं। सिंगापुर की कंपनियों द्वारा भारत में निवेश बढ़ रहा है।

भारत की उन्नति सिंगापुर को उसके महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अतुलनीय अवसर प्रदान करती है। कल शाम सिंगापुर की महत्वपूर्ण कंपनियों के CEOs के साथ round table पर मुझे भारत के प्रति उनके विश्वास को देखकर बहुत प्रसन्नता हुई।

भारत और सिंगापुर के बीच Air traffic तेजी से बढ़ रहा है। दोनों पक्ष शीघ्र ही द्विपक्षीय air services agreement की समीक्षा शुरू करेंगे।

हम दोनों ही अपनी digital partnership के शुरू होने से बहुत प्रसन्न हैं। यह असीमित संभावनाओं के साथ प्राकृतिक भागीदारी का क्षेत्र है। RuPay, BHIM और UPI-आधारित remittance app का सिंगापुर में कल शाम अंतर्राष्ट्रीय launch Digital India तथा हमारी भागीदारी की नवीनता की भावना को दर्शाता है। डिजिटल इंडिया के तहत भारत में हम एक डेटा सेंटर पोलिसी बनायेगे.

आज मैं Nanyang Technological University में अनेक समझौते होते हुए देखूंगा, जो कि उच्च शिक्षा, science, technology और innovation में हमारे सहयोग को और बढ़ाएंगे। Skill Development, Planning और शहरी विकास के क्षेत्रों में हमारे सहयोग में अच्छी प्रगति हुई है। 

हमने भारत के 115 aspirational districts में पानी के लिए नई पहल की शुरूआत देखी है। आज और कल हमने जो agreement किए हैं वे इस सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाएंगे। ये ग्रामीण क्षेत्रों सहित भारत के युवाओं को अंततः लाभ पहुंचाएंगे।

हमने अपनी सामरिक साझेदारी में defence और security के महत्व पर जोर दिया है। इन संबंधों में लगातार वृद्धि का हम स्वागत करते हैं। SIMBEX के 25वें वर्ष पर मैं भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं को बधाई देता हूँ। शीघ्र ही हम त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास भी शीघ्र शुरू करेंगे। बार-बार होने वाले अभ्यासों तथा नौसैनिक सहयोग को ध्यान में रखते हुए नौसेनाओं के बीच logistics agreement संपन्न होने का भी मैं स्वागत करता हूं।

आने वाले समय में Cyber security और अतिवाद तथा आतंकवाद से निपटना हमारे सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्र होंगे। हम इन्हें अपने देशों के लिए सबसे बड़े खतरों में मानते हैं

प्रधान मंत्री ली और मैंने वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर अपनी चिंताओं को साझा किया। हम दोनों ने maritime security पर अपने सैद्धांतिक विचारों की पुनः पुष्टि की है और Rules Based Order के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।

हमने खुले, स्थिर और उचित अंतर्राष्ट्रीय trade regime को बनाए रखने की जरूरत पर भी सहमति व्यक्त की है।

मैंने ASEAN के नेतृत्व वाले संस्थानों के माध्यम सहित ASEAN unity के महत्व, उसकी केंद्रियता व क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया है। मैंने RCEP समझौते के शीघ्र होने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता के बारे में भी बताया तथा उचित, संतुलित तथा व्यापक एग्रीमेंट की आशा व्यक्त की। 

आज शाम Shangri La Dialogue में, मैं Indo-Pacific क्षेत्र में शांति और समृद्धि के प्रति भारत दृष्टिकोण को अभिव्यक्त करना चाहता हूँ। Shangri-La Dialogue में निमंत्रण के लिए मैं प्रधानमंत्री ली को धन्यवाद देना चाहता हूँ।

मैंने प्रधानमंत्री ली और उनकी पूरी टीम को सफलतापूर्वक Leadership Transition के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। मैं जानता हूँ कि सिंगापुर के नए नेता अपनी शानदार विरासत को जारी रखेंगे। और इस महान देश को जनसेवा की उसी भावना तथा परंपरा के साथ आगे ले जाएंगे।

धन्यवाद।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।