कुछ लोग हमारे सामाज की ईमानदारी को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं; सरकार ऐसे तत्वों को तंत्र से बाहर कर रही है: प्रधानमंत्री मोदी
सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप, अर्थव्यवस्था में नकदी का इस्तेमाल कम हुआ है: पीएम मोदी
नोटबंदी के बाद जीडीपी में नकदी 12 प्रतिशत घटकर 9 प्रतिशत हुई: प्रधानमंत्री
एक समय था जब भारत की अर्थव्यवस्था 5 जूझती अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी, लेकिन अब सरकार ने इसे विकास की पटरी पर ला दिया है: पीएम मोदी
ईमानदारी को प्रीमियम मिलेगा और ईमानदार के हितों की रक्षा की जाएगी: प्रधानमंत्री मोदी
पिछले 3 वर्षों में 21 क्षेत्रों में 87 सुधार किए गए हैं: प्रधानमंत्री
सरकार की नीति एवं योजनाएं गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय कंपनी सचिव संस्थान( आईसीएसआई) के स्वर्ण जयंती वर्ष के उद्घाटन के अवसर पर कंपनी सचिवों को संबोधित किया।

इस अवसर पर , प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आईसीएसआई से जुड़े हुए सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि वे ऐसे लोगों के बीच में आकर प्रसन्न है  जो यह सुनिश्चित करते हैं कि कंपनी कानून का पालन करें और अपने खातों को ठीक से बनाए रखें। उन्होंने कहा कि उनका कार्य देश की कॉरपोरेट संस्कृति को स्थापित करने में मदद करता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके सुझाव एवं परामर्श का देश के कॉर्पोरेट प्रशासन  पर प्रभाव पड़ताहै।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ऐसे कुछ लोग हैं जो हमारी सामाजिक संरचना की ईमानदारी को कमजोर करने और देश की प्रतिष्ठा को कम करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस प्रकार के तत्वों से व्यवस्था को साफ करने की दिशा में काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों के परिणाम स्वरुप अर्थव्यवस्था कम नकद पर काम कर रही है। जीडीपी में नकद का अनुपात विमुद्रीकरण से पहले 12% से घटकर 9 प्रतिशत रह गया है। प्रधानमंत्री ने निराशावाद की भावना फैलाने वाले लोगों  के विरुद्ध सजग भी किया। प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों की घटनाओं को याद किया जब पिछ्ली तिमाही में वृद्धि दर घटकर 5.7% से भी नीचे पहुंच गई थी।उन्होंने कहा कि उन अवसरों पर कम वृद्धि दर के कारणों में उच्च मुद्रास्फीति, उच्च चालू खाता घाटा और उच्च राजकोषीय घाटा भी शामिल था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ऐसा समय था जब भारत को उन पाँच खराब अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था जो वैश्विक रिकवरी को पीछे धकेल रही थी ।

पिछली तिमाही में विकास दर में गिरावट को स्वीकार करते हुए,  प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस रुझान को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सुधार से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण निर्णयलिए गए हैं और यह प्रक्रिया जारी रहेगी।उन्होंने जोर दिया कि देश की वित्तीय स्थिरता बनी रहेगी ।उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम देश को आने वाले वर्षों में विकास की एक नई ऊंचाई पर ले जायेंगे। उन्होंने कहा कि इसका लाभ ईमानदारों को होगा और ईमानदारों के हितों की रक्षा की जाएगी।

प्रधानमंत्री ने पिछले 3 वर्षों के दौरान निवेश में अत्यधिक बढ़ोतरी और कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परिव्यय को रेखांकित किया ।उन्होंने कहा कि इस अवधि में 21 क्षेत्रों में 87 सुधार किए गए हैं। उन्होंने निवेश में अत्यधिक छलांग को दर्शाने के लिए आंकड़े भी प्रस्तुत किए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की नीति एवं नियोजन में यह आश्वस्त करने के लिए पूरा ध्यान दिया जा रहा है कि गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को बचत हो और वे अपना बेहतर जीवन बना सकें।

प्रधानमंत्री ने यह जोर दिया कि वह कुछ अवसरों पर अपनी आलोचना होने के बावजूद भी, देश और लोगों को सशक्त बनाने के लिए कार्य करते हैं। वह अपने वर्तमान के लिए देश के भविष्य को गिरवी नहीं रख सकते।

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