हम ऐसा भारत चाहते हैं जहां अफस्पा की आवश्यकता भी न हो, लेकिन इसके लिए हमें एक ऐसे माहौल की जरूरत है, जहां ऐसी स्थिति संभव हो: प्रधानमंत्री मोदी
कांग्रेस जैसी पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर घोषणापत्र में ऐसी बात कर रही है। देश की सेना को इतना जलील करें, बलात्कार के आरोप वाली बातें करें, ऐसा शोभा देता है क्या?: पीएम मोदी
कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र ने बहुत निराशा पैदा की है: प्रधानमंत्री
मैं देश के नागरिकों के लिए काम करता हूं, न कि हिंदुओं या मुसलमानों के लिए: प्रधानमंत्री मोदी
मेरी सरकार ने न मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया है और न कुछ करेगी और मेरी सरकार ने न हिंदुओं के लिए कुछ किया है और न कुछ करेगी। मेरी सरकार सब नागरिकों के लिए काम करेगी: पीएम मोदी
मेरा मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, जब मैं कहता हूं कि मैं 2022 तक हिंदुस्तान का एक भी परिवार ऐसा नहीं होगा जिसके पास अपना पक्का घर नहीं होगा: प्रधानमंत्री

नरेंद्र मोदीः आपके दर्शकों को नमस्कार और आपको भी नमस्कार.

ABP न्यूज़ का सवालः ABP न्यूज नेटवर्क पर वक्त निकालने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद और बिना वक्त गंवाए मेरा पहला सवाल आपसे है क्योंकि 60 महीने आपने कहा था कि आप हिसाब देंगे, 60 महीने का कामकाज पूरा हो चुका है, इन 60 महीनों में प्राइम मिनिस्टर साहब क्या आपको एक बार भी ऐसा लगा कि कोई एक काम छूट गया है जो अभी आप करना चाहेंगे.

नरेंद्र मोदी का जवाबः अब शायद पिछले एक हफ्ते से मैंने चुनाव अभियान में मतदाताओं से मिलना शुरू किया है, वैसे तो मैं गत 45 साल से भ्रमण करने वाला इंसान हूं, लेकिन विधिवत चुनाव घोषित होने के बाद पिछले सप्ताह से मेरा दौरा शुरू हुआ है. मैं लोगों के बीच जाकर सबसे पहले देश के मतदाताओं का धन्यवाद करता हूं, क्योंकि मैंने पिछली चुनाव में लोगों से कहा था कि आपने 60 साल का शासनकाल देखा है, मुझे 60 महीने दीजिए और मैं जाकर याद दिलाता हूं कि मैंने आपसे 60 महीने मांगे थे और अगर आपको मेरे 60 महीनों के काम से संतोष है तो उसका श्रेय मुझे नहीं आपको जाता है क्योंकि आपने मुझे अवसर दिया, इसलिए मैं आपका धन्यवाद करने के लिए आया हूं.

मतदाताओं के धन्यवाद का प्रवास कर रहा हूं

पीएम मोदी ने कहा कि मैं पूरे देश अभी जो प्रवास कर रहा हूं, वो मतदाताओं के धन्यवाद का प्रवास कर रहा हूं. अब जहां तक 60 साल और 60 महीने का सवाल है, देश ने अनुभव किया है कि एक प्रधानमंत्री लगातार काम करता रहे, कोई सवाल नहीं करता, एक प्रधानमंत्री सिर्फ और सिर्फ देश के लिए लगा रहे और कोई सवाल ना करता. आप लोग भी नहीं करते ये मेरा सौभाग्य है. दूसरा, पहले की सरकारों को लेकर लोगों के मन में रवैया क्या बन गया था. ‘अरे छोड़ो यार कुछ होने वाला नहीं है, चलो भई हमारा नसीब होगा देखा जाएगा.

पॉलिसी को लेकर पीएम मोदी का जवाब

पॉलिसी पैरालिसिस की रोज खबरें अखबार में आतीं थी, कुछ हो नहीं रहा है, खबरें ये आती थीं कि भ्रष्टाचार हुआ, 60 महीने में आप देखेंगे कि नई-नई आशा-आकांक्षा की बात आती है. मोदी जी ये किया ये तो ठीक है, लेकिन आप तो हैं ये कर दो. आप तो हैं, ये कर दीजिए, ये बहुत बड़ी बात है कि जब देश के सामान्य नागरिक के मन में एसपिरेशन्स पैदा होती है, ये बहुत बड़ी बात होती है, और ये हुआ है. और इसलिए मुझे संतोष है कि देश के सामने मैंने एक नया वर्क कल्चर, मिशन मोड में पूरे समर्पित भाव से सरकार चलाना, कड़े फैसले लेने पड़ें तो वो भी लेना, बड़े फैसले लेने पड़ें तो वो भी लेना और उसके कारण आप देख सकते हैं कि देश को एक गतिशील सरकार, एक काम करने वाली सरकार देश ने देखी है और देश ने एक नए वर्क कल्चर को देखा है.

देश में मात्र दो बार बिना कांग्रेसी गोत्र के पीएम बने हैं

मैं ये पब्लिकली कहता हूं कि हमारे देश में आजादी के बाद सिर्फ दो प्रधानमंत्री ऐसे बने हैं, जो कांग्रेस गोत्र के नहीं हैं. बाकी जितने लोग बने किसी और दल से बने होंगे लेकिन उनका सबका गोत्र कांग्रेस रहा है. एक अटल बिहारी वाजपेयी और दूसरे नरेंद्र मोदी. ये दो लोग ऐसे हैं जो कांग्रेस गोत्र से नहीं आए हैं और इसलिए पहली बार देश को कांग्रेसी सोच वाली सरकार और बिन कांग्रेसी सोच वाली सरकार क्या होती है, alternate क्या होता है, ये पहली बार पता चला है.

ABP न्यूज़ का सवालः तो प्रधानमंत्री जी अगर आपको लगता है कि aspirations जागे हैं और बहुत कुछ अच्छा हुआ है, तो ऐसा क्यों है कि राहुल गांधी एक ऐसा घोषणापत्र लेकर आते हैं, जिसमें 6 हजार रुपये महीना देना की बात करते हैं? आप गरीब किसानों को 6 हजार सालाना देने की बात करते हैं और वो हर गरीब को 6000 देने की बात करते हैं, और आप उसको ढकोसला बताते हैं, क्या वजह है?

नरेंद्र मोदी का जवाबः देखिए, कांग्रेस पार्टी जिसने 60 साल से भी अधिक साल तक देश में राज किया, ऐसा दल जिसके पास अनुभवी राजनेता हैं, पुरानी सरकारें चलाई हुई हैं, सरकार की बारीकियों को जानते हैं, सरकार के संसाधनों को जानते हैं, सरकार की मर्यादाओं को जानते हैं और दुनिया कैसे आगे बढ़ रही है उसके तौर तरीके भी जानते हैं.

कांग्रेस के घोषणा पत्र पर पीएम का जवाब

ऐसे समय में कांग्रेस जैसी पार्टी के पास से एक मैच्योर घोषणापत्र की अपेक्षा होना बहुत स्वाभाविक है. कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र ने बहुत निराशा पैदा की है, अच्छा होता कि वो बीजेपी से भी शानदार चीजें लेकर आती, लोकतंत्र में अच्छा होता है लेकिन उसके बजाय उन्होंने शॉर्टकट ले लिया. आप रेलवे क्रॉसिंग पर जाते हैं तो वहां पर लिखा होता है, ‘शॉर्टकट विल कट यू शॉर्ट’ तो उन्होंने शॉर्टकट ढूंढा है और उन्होंने अभी जो 5 राज्य देखो, पंजाब देखो, कर्नाटक देखिए या मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उन्होंने लिखित में वादा किया है कि वो नौजवानों को हर महीना पेंशन देंगे, भत्ता देंगे. किसी सरकार ने अभी तक दिया नहीं, उन्होंने 2004 में वादा किया था कि वो हर घर में बिजली पहुंचाएंगे 2014 में आने के बाद भी मैंने अभी तक ढाई करोड़ परिवारों तक पहुंचाया है फिर भी अभी मैं लक्ष्य से अभी थोड़ा बाकी हूं, शायद अभी मई-जून तक काफी कुछ कर दूंगा.

किसानों को लेकर पीएम मोदी का जवाब

पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करने का वादा किया था, 2004 में किया? 2009 में किया? नहीं किया. उन्होंने वादा किया था कि किसानों को MSP देंगे, उन्होंने किसानों को जो MSP देना चाहिए उसे बढ़ाने की बात कही थी, उसके विषय में कुछ नहीं किया. इसलिए उनका ट्रैक रिकॉर्ड चुनावी वादों वाला है और उनका जो ईकोसिस्टम है जिसमें काफी आप जैसे मित्र उनकी मदद भी करते हैं. और करें उसमें मुझे कोई बुरा नहीं है, मेरी शिकायत भी नहीं है. तो वो चलती रहती है, देश के जो गैर राजनीतिक लोग हैं, इंटेलेक्चुअल्स हैं, ईकोनॉमिस्ट हैं, मीडिया के लोग हैं, उन सबको कांग्रेस के ट्रैक रिकॉर्ड को एक बार देश के सामने रखना चाहिए और फिर तय करना चाहिए कि ये करने योग्य है या कहने.

कांग्रेस के घोषणा पत्र को क्यों दिया ढकोसला पत्र का नाम

ढकोसला पत्र कहने के पीछे मेरा दर्द हुआ कि कांग्रेस जैसी पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर घोषणापत्र में ऐसी बात कर रही है. देश की सेना को इतना जलील करें, बलात्कार के आरोप वाली बातें करें, ऐसा शोभा देता है क्या? इस देश को गर्व है और सवाल केवल मोदी सरकार का नहीं है, इतने सालों का आजादी के बाद का मैं तो कहता हूं, पीस कीपिंग फोर्स, संयुक्त राष्ट्र का, आज दुनिया में सबसे अधिक participation है.

सेना को लेकर पीएम मोदी का जवाब

भारत के सुरक्षा बलों का संयुक्त राष्ट्र के पीस कीपिंग फोर्स में और दुनिया के अनेक देशों में ये पीस कीपिंग फोर्स के जवान होने के नाते जाकर काम करते हैं. कहीं कहीं तो गरीब से गरीब देशों में जाते हैं, लेकिन मैं और आप, हर कोई गर्व करेगा कि पीस कीपिंग फोर्स के जवानों के प्रति एक भी शिकायत दुनिया में कहीं से नहीं आई, और ना ही संयुक्त राष्ट्र ने कभी इसका हमारे सामने विषय रखा. कितने बड़े गर्व की बात है कि पूरे विश्व की सेना के अंदर जो लोग पीस कीपिंग फोर्स में आते हैं उन सबके बीच में भी भारत की फोर्स का अनुशासन, सैनिकों का व्यवहार, उनका आचार, दुनिया गर्व करती है और हम इस प्रकार की बातें करते हैं.

AFSPA कानून को लेकर पीएम मोदी का जवाब

आप AFSPA का कानून हटाना चाहते हैं, लाए आप, आपको कभी नियमित रूप से समीक्षा करनी चाहिए थी, स्थिति देखनी चाहिए, लेकिन आंखें बंद रखीं. हां, दुनिया में कोई ये नहीं चाहेगा कि देश जेलखाना बनाकर चले, लेकिन आपने स्थितियां सुधारते जाना चाहिए, जैसा हमने अरुणाचल प्रदेश में किया, जहां स्थिति सुधरी, उसे बाहर निकाला, लेकिन कानून खत्म कर देना, कानून को बदल देना, ये जो आप टुकड़े-टुकड़े गैंग की भाषा बोल रहे हो, तो ये देश कैसे चलेगा?

ABP न्यूज़ का सवालः प्रधानमंत्री जी, आपने AFSPA की बात की मुझे याद है कि जब बीजेपी ने पीडीपी के साथ alliance किया था कश्मीर में, उस समय जो कॉमन एजेंडा था आपका, उसमें ये बात थी कि AFSPA को रिव्यू.. आपने रिव्यू शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था, आपने एक्जामिन शब्द का इस्तेमाल किया था, डिनोटिफाई करेंगे.

नरेंद्र मोदी का जवाबः हम हर चीज को एक्जामिन करेंगें ये हमने पहले भी कहा है, और हमने अरुणाचल प्रदेश मे किया, नॉर्थ-ईस्ट में किया, हम करते रहते हैं. स्थितियां अगर अनुकूल नजर जाएं तो हम निर्णय करते हैं, लेकिन कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करते हैं.

ABP न्यूज़ का सवालः मोदी जी उन्होंने भी रिव्यू शब्द का इस्तेमाल किया है.

नरेंद्र मोदी का जवाबः जी नहीं, उन्होंने कानून की कमियों को बदलने की बात कही है.

ABP न्यूज़ का सवालः आपको लगता है कि AFSPA को खत्म नहीं किया जाना चाहिए कश्मीर में फिलहाल?

नरेंद्र मोदी को जवाबः सवाल ये है कि हम ऐसा हिन्दुस्तान चाहते हैं जिसमें AFSPA हो ही ना, लेकिन वो स्थिति तो लाएं पहले. उस परिस्थिति पर. आज पाकिस्तान जिस प्रकार से घटनाएं कर रहा है, जो सेपरेटिस्ट लोग भाषा बोलते हैं, सेपरेटिस्ट लोग हमारी सेना के लिए जो भाषा बोलते हैं, जो पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड भाषा है, उस भाषा की अगर इस घोषणापत्र में बू आती है, तो देश के सुरक्षाबलों के जवानों को आप कितना डिमोरलाइज कर रहे हैं . देश का कितना नुकसान कर रहे हो आप.

ABP न्यूज़ का सवालः- मोदी जी अंग्रेजों के जमाने के कानून तो आपने भी बहुत सारे हटाए हैं, ये जो 124(A) की बात हो रही है, उसे लेकर क्यों इस तरीके की बातें उठ रही हैं? 600 कानून हैं शायद मोदी जी.

नरेंद्र मोदी का जवाबः देखिए, हमने करीब 1400 कानून खत्म किए हैं. कानूनों का ऐसा जंगल था, जिसके कारण अगर कोर्ट में फैसला देना है तो भी मुश्किल होता था, एक पक्ष 6 कानून ये लेकर आ जाता था, और दूसरा पक्ष 10 कानून ले आता था. सामान्य मानव की जिंदगी सरल करने के लिए जो बिल्कुल निकम्मे कानून हैं, वो पार्लियामेंट के अंदर हमने चर्चा करके खत्म किए. और मैंने वादा किया था 2013-14 में मेरा भाषण था कि कुछ कानून बनाकर कांग्रेस पार्टी गर्व करती है, मैं हर दिन एक कानून खत्म करूंगा जो देश के लोगों को परेशान करता है. और जिन कानूनों को हमने खत्म किया है उस पर कोई विवाद नहीं है, किसी ने इस पर एक भी एडिटोरियल नहीं लिखा कि भाई कानून खत्म नहीं करना चाहिए था, मोदी ने ये कानून क्यों खत्म किया. किसी ने नहीं लिखा, इसका मतलब जो देश की जरूरत थी वो काम किया है.

देशद्रोह को लेकर पीएम ने किया कांग्रेस पर हमला

जो उन्होंने घोषणापत्र में कहा है, आप मुझे बताइये भारत जैसा देश, विविधता भरा देश, जिसमें तमिलनाडु है, न्यूक्लियर पावरप्लांट को लेकर वहां पर आंदोलन चला. यही कांग्रेस पार्टी ने 6000 से ज्यादा लोगों को देशद्रोह के कानून में अंदर किया, क्यों? और आज वो दुनिया को उपदेश दे रहे हें क्योंकि किसी ने लिख के दे दिया और आपने वहां आकर बोल दिया. आप चाहते हैं कि देश के टुकड़े होंगे जैसी बातों को बल मिलता रहे? आप ये चाहेंगे कि भारत के तिरंगे झंडे को कोई रौंद दे, भारत के राष्ट्रगान का अपमान करता रहे? बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति कोई जाकर तोड़ दे? क्या इन चीजों को रोकने के लिए क्या करोगे?

ABP न्यूज का सवालः तो इन लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा लगना चाहिए?

नरेंद्र मोदी का जवाबः जो लोग राष्ट्रद्रोह की प्रवृत्ति करते हैं उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए.

ABP न्यूज़ का सवालः कांग्रेस ये आरोप लगा रही है मोदी जी कि एक तो होता है, राष्ट्रद्रोह और एक होता है राजद्रोह. कांग्रेस ये कह रही है कि सरकार की आलोचना करना अगर उस कैटेगरी में आ जाता है और आपके ऊपर ये आरोप लगा रही है..

नरेंद्र मोदी का जवाबः न्यायपालिका है हमारी उस पर भरोसा करना चाहिए, वो दूध का दूध और पानी का पानी कर सकते हैं. ये राजद्रोह को राष्ट्रदोह कह रहे हैं या राजद्रोह को बदले की भावना से कर रहे हैं, हमारी न्यायपालिका व्यवस्थाएं हैं, अगर कानून ही नहीं होगा तो आप करेंगे क्या? न्यायपालिका है हमारे पास.

ABP न्यूज़ का सवालः मैं एक सवाल पर वापस लौटना चाहूंगा, हम लोग AFSPA की बात कर रहे थे, कश्मीर की बात कर रहे थे, बहुत ईमानदारी से मैं आपसे पूछना चाहता हूं प्राइम मिनिस्टर साहब कि क्या आपको लगता है कि पीडीपी के साथ जो गठबंधन का जो प्रयोग किया गया वो गलती हुई बीजेपी से?

नरेंद्र मोदी का जवाबः जिस दिन हमने गठबंधन किया, एक तो तब मुफ्ती साहब थे, सीनियर लीडर थे, मैच्योर थे, चीजें समझ पाते थे. दूसरा, हमने उस समय कहा कि हम दो राजनीतिक पार्टियां हैं जो दो ध्रुव के हैं, एक प्रकार से मिलावट वाला ही कार्यक्रम था हमारा. लेकिन कोई सिचुएशन ही नहीं थी कि कोई सरकार बन पाए, अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस उस समय मुफ्ती साहब को सहयोग देकर खड़ी हो जाती तो हम तो विपक्ष में रहने के लिए तैयार थे, हमने इंतजार किया था, तीन महीने तक सरकार बनाई ही नहीं थी.

पीएम ने बताई जम्मू कश्मीर में गठबंधन टूटने की वजह

हम ऐसी पोजीशन में नहीं थे कि हम सरकार बनाएं, इसीलिए हमने कभी क्लेम नहीं किया, सबसे ज्यादा सदस्य हमारे चुनकर आए थे. लेकिन हम वो कर नहीं सकते थे, ऐसी स्थिति में कश्मीर के हित में एक मिनिमम एजेंडा लेकर कुछ कर सकते हैं क्या? हमने चलाने की कोशिश की और कई अच्छे काम भी किए, लेकिन मुफ्ती साहब चले गए, महबूबा जी के साथ काम करना था, महबूबा जी का एक अलग काम करने का तरीका था. अब मुद्दा एक बड़ा महत्वपूर्ण आया जिसके कारण ब्रेक हुआ, हमारा साफ मत था कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकायों के चुनाव होने चाहिए, पंचायत के, नगरपालिका के और वहां की जनता को अपना कारोबार चलाने का हक देना चाहिए. दूसरा, जैसा हिन्दुस्तान के हर राज्य में है कि पंचायतों के पास सीधे पैसे जाते हैं, वैसे ही पंचायतों के पास पैसे जाने चाहिए जिससे वो अपना फैसला कर सकें.

पीडीपी पर पीएम मोदी का बड़ा आरोप

ये नहीं चाहते थे कि पंचायतों की ताकत बढ़े, मैं चाहता था कि जो भी आए वो जम्मू-कश्मीर सरकार के हाथों में ही आ जाए. हमने कहा कि चुनाव करवाने पड़ेंगे . अब उन्होंने डर पैदा करने की कोशिश की, चुनाव कराएंगे तो हत्याएं हो जाएंगी, खून बह जाएगा, पता नहीं क्या कुछ कहा. आखिर में ये फैसला हुआ कि अगर आप चुनाव नहीं कराते हैं तो हम आपसे दूर जाते हैं, हम अलग हो गए, गवर्नर रूल आया, चुनाव हुए आज हजारों की तादाद में पंच-सरपंच वहां कारोबार चला रहे हैं और भारत सरकार से जो फंड जाता है, राज्य सरकार से जो फंड जाता है वो सीधा अब उनके खाते में जाने लगा है. और वो काम कर रहे हैं. 70-75 परसेंट वोटिंग हुई, लेकिन एक भी हिंसा की घटना नहीं हुई. ये बड़े गौरव की बात है, इसकी ओर देश का ध्यान जाना चाहिए.

ABP न्यूज का सवालः इसका मतलब गलती हो गई थी, गठबंधन करके?

नरेंद्र मोदी का जवाबः हमारी कोशिश थी, अच्छा करें, कुछ कमी रह गई हम नहीं कर पाए. नहीं कर पाए तो हम जम्मू-कश्मीर की जनता पर बोझ नहीं बनना चाहते थे, हमने कहा भाई नमस्ते, हमें जाने दीजिए.

ABP न्यूज का सवालः मैंने इसलिए ये सवाल पूछा आपसे कि क्या आने वाले दिनों में कभी दोबारा गठबंधन की कोशिश हो सकती है? कश्मीर की पार्टियों से, पीडीपी से या नेशनल कॉन्फ्रेंस से, क्योंकि आप दोनों के साथ अति में संबंध बना चुके हैं. गठबंधन कर चुके हैं.

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं समझता हूं कि राजनीति में जो और तो के आधार पर, अगर और लेकिन के आधार पर मीडियावार्ता में नेताओं को उलझना नहीं चाहिए.

ABP न्यूज का सवाल- मोदी जी मैं कश्मीर के बारे में आपसे जानना चाहती हूं और जब मैं आपसे ये बात कर रही हूं तो मैं चाहती हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले जो शब्द को प्रधानमंत्री को हटा दें. अलग कर दें. नरेंद्र मोदी जब अकेले में कभी सोचते हैं तो क्या उनको लगता है कि कश्मीर को बेहतर ढंग से हैंडल किया जा सकता था और नरेंद्र मोदी सरकार या नरेंद्र मोदी उस काम को नहीं कर पाए

नरेंद्र मोदी का जवाबः एक तो आपका सवाल बहुत लोडेड है. आपने खुद न्यायधीश बनकर आरोप भी लगा दिया. जजमेंट भी दे दिया लेकिन आपको शायद पता नहीं होगा. मैं बहुत सालों तक जब आतंकवाद चरम सीमा पर था पंजाब में. जम्मू कश्मीर में. उस समय यहां पार्टी के संगठन का काम करता था. मैं यहां के हर ब्ल़ॉक में बस में बैठकर के दौरा किया हुआ इंसान हूं. मैं उसकी बारीकियों को जानता हूं और जब हम जम्मू कश्मीर की बात करते हैं तो हमें लद्दाख, श्रीनगर वैली और जम्मू. सबकी चर्चा करनी चाहिए.

जम्मू कश्मीर को लेकर पीएम मोदी का बड़ा बयान

आप देखिए जो घटनाएं पहले होती थी. उसमें बहुत बड़ी मात्रा में कमी आई है. जो विकास रुका हुआ था वो बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है. आपको जानकर खुशी होगी आज जम्मू कश्मीर जो मेरा हर घर बिजली पहुंचाने का काम है, जम्मू कश्मीर में हर घर में बिजली पहुंच गई. ये बड़े गर्व की बात है. हम वहां पर शौचालय बनाने में पूरी तरह सफल हो गए. खुले में शौच मुक्त वहां के सब जिले घोषित हो चुके हैं. एक के बाद एक काम हो रहे हैं. विकास क्या हो रहा है.. आर्थिक प्रगति. आज वहां से एक्सपोर्ट बढ़ रहा है. वहां के सेब पूरे हिंदुस्तान में जा रहे हैं. कृषि क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है.. खादी जैसा क्षेत्र जो बिल्कुल गड्ढे में गया था उसको भी हमने वहां रिवाइव कर दिया है. तो इसलिए जम्मू कश्मीर की प्रगति. जम्मू कश्मीर का टूरिज्म बढ़ रहा है. पहले की तुलना में बढ़ रहा है.

पीएम ने कहा कश्मीर की फिजाओं में दिख रहा है बदलाव

अमरनाथ यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. वैष्णो देवी यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. हमने एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बहुत बड़े बड़े बनाए. हमने स्पोर्ट्स जम्मू कश्मीर का एक बहुत बड़ा टैलेंट है जिस पर देश को गर्व करना चाहिए कि वहां बच्चे स्पोर्ट्स में बहुत ही काबिल हैं. हमने स्पोर्ट्स में उनको बहुत बढ़ावा दिया है और इन दिनों अभी उन्होंने बंगाल की मशहूर फुटबॉल टीम को हराया है कश्मीर के बच्चों ने. ये बदलाव है ये. तो मुझे बहुत संतोष है कि हम सही दिशा में चले हैं. सही दिशा में जा रहे हैं. हां सेपेरेटिस्टों के प्रति नरमी बरतकर के अब देश को लाभ नहीं होगा

ABP न्यूज़ का सवालः इसका मतलब अगर आप सत्ता में वापस लौटते हैं तो हुर्रियत जैसे संगठनों को और कड़ाई से सामना करना पड़ेगा कानूनों का

नरेंद्र मोदी का जवाबः हमने एक के बाद एक कदम उठाए हैं क्योंकि आप देखिए जम्मू, लद्दाख, श्रीनगर उसमें भी एक दो ढाई जिले हैं जहां ये हरकतें चल रही हैं बाकी सब जगह पर सामान्य हालात हैं तो हम उस प्रकार की व्यूह रचना करके आगे बढ़ेंगे जो आगे बढ़ना चाहते हैं. उनको अवसर देंगे. जो हम अटल जी का जो सिद्धांत है. जम्हूरियत. कश्मीरियत. इंसानियत. इन तीन मुद्दों पर ही हम चल रहे हैं और चलेंगे

ABP न्यूज़ का सवालः इंसानियत का जिक्र इमरान खान भी कर रहे हैं और चूंकि जम्मू की बात है मैं जरा वहां की तरफ जाना चाहूंगी


नरेंद्र मोदी का जवाबः मेरा कोई कॉपीराइट नहीं है. कोई भी कर सकता है

ABP न्यूज़ का सवालः और वो ये कह रहे हैं मोदी जी करतारपुर का एक तो कार्ड खेलकर वो इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि देखिए भई मैं तो बात करने की बहुत कोशिश कर रहा हूं. मैंने तो 99 कदम चल लिए हैं. मोदी जी एक कदम आगे नहीं बढ़ा रहे हैं. आपको लगता है कि नवाज शरीफ के मुकाबले में थोड़ा चालाकी से इमरान खान इस पूरे के पूरे मसले को डील कर रहे हैं

नरेंद्र मोदी का जवाबः ये पाकिस्तान की जनता को जज करने दीजिए. मेरा काम भारत के हितों की रक्षा करना है. पाकिस्तान चलाना मेरी जिम्मेदारी नहीं है. वो क्या करते हैं क्या नहीं करते हैं. कैसे करते हैं. वो सारी बातें पाकिस्तान की जनता पर हम छोड़ दें


ABP न्यूज़ का सवालः जो बात रुबिका ने पूछी उसको मैं अलग तरीके से पूछने की कोशिश करता हूं. कौन बेहतर है हिंदुस्तान के लिए. अगर पाकिस्तान के साथ संबंध मधुर बनाने हैं. नवाज शरीफ को टैकल करना आसान था या इमरान खान को टैकल करना आसान है.


नरेंद्र मोदी का जवाबः अभी तक मैंने दुनिया के कई नेताओं से पूछा है और जो मैंने सुना है और जो मैं अनुभव कर रहा हूं कि एक बहुत बड़ी मुश्किल है दुनिया के लोगों की कि पाकिस्तान में आखिर पता ही नहीं चलता है कि देश कौन चलाता है. चुनी हुई सरकार चलाती है. सेना चलाती है. ISI चलाती है या जो लोग पाकिस्तान से भागकर विदेशों में बैठे हैं वो चला रहे हैं और इसलिए हर किसी के लिए ये बड़ा चिंता का विषय है कि किससे बात करें..


ABP न्यूज़ का सवालः मोदी जी अगर मैं इसको ऐसे सवाल पूछूं कि ऐसा क्या पाकिस्तान करे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर हिंदुस्तान सोचे. विचार करें कि चलिए क्योंकि शुरुआत आपने की थी

नरेंद्र मोदी का जवाबः बहुत मुश्किल नहीं है. बहुत सिंपल है. ये आतंकवाद एक्सपोर्ट करना बंद कर दें. बस सिंपल बात है ये. मुश्किल काम नहीं है. तय कर लें. ये आंतकवाद एक्सपोर्ट नहीं करना है आतंकवाद बंद हो जाए. बाकी देखिए चीन. चीन के साथ हमारे विवाद हैं. चीन के साथ हमारे जमीन के प्रश्न भी हैं. सीमा के प्रश्न हैं. बहुत कुछ है लेकिन आना जाना होता है. मिलना होता है. मीटिगें होती हैं. निवेश होता है. राजनीतिक बातचीत होती है. मुद्दा है तो चर्चा भी होती है और मन बना लिया है कि हम हमारे मतभेदों को विवादों में बदलने नहीं देंगे. मतभेद हैं. विवाद नहीं होने देंगे. तो इस समझ के साथ चीन और हमारी गाड़ी चल रही है


ABP न्यूज का सवालः लेकिन पाकिस्तान की गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए आपने उन्हें सबक सिखाया या हिंदुस्तान की सेना ने उनको सबक सिखाया. एयर स्ट्राइक आपने की.. मोदी जी पूरा विपक्ष आपसे सबूत मांग रहा है. मेरा सवाल बहुत बेसिक.. बहुत सिंपल है. क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास या हमारी सेना के पास. हिंदुस्तान के पास सबूत हैं. क्या कभी वक्त आने पर वो सबूत दिखाए जाएंगे

नरेंद्र मोदी का जवाबः पहली बात है कि सबसे बड़ा सबूत पाकिस्तान ने स्वयं ने ट्वीट करके दिया दुनिया को. हमने तो कोई दावा नहीं किया था. हम तो अपना काम करके चुप बैठे थे जी. पाकिस्तान ने कहा कि आए हमको मारा. ये किया. फिर उन्हीं के लोगों ने वहां से बयान दिया. इस सारे में कितने मरे. कितने नहीं मरे. मरे कि नहीं मरे. ये जिसको विवाद करना है करते रहें. पाकिस्तान की मुसीबत क्या है वो समझिए.

पीएम ने बताया कि कैसे किया एयर स्ट्राइक

अगर हमने सेना पर कुछ किया होता या नागरिकों पर कुछ किया होता तो पाकिस्तान दुनिया में चिल्लाकर भारत को बदनाम कर देता. तो हमारी रणनीति ये थी कि हम गैर सैनिक एक्टिविटी करेंगे और जनता का कोई नुकसान ना हो इसका ध्यान रखेंगे. ये पहला हमारा मूलभूत सिद्धांत था और हम टार्गेट आंतकवाद को ही करेंगे. आतंकवादियों को ही करेंगे तो वो सारा हमने रिसर्च किया.


कहां करना चाहिए. सब तय किया और एयरफोर्स ने जो करना था अपना बहुत सफलतापूर्वक काम किया. अब इसको स्वीकार करने में पाकिस्तान की दिक्कत ये है कि इसका मतलब उसको स्वीकार करना पड़ेगा कि उस जगह पर आतंकवादी गतिविधि चलती थी. आज जो दुनिया को पाकिस्तान नकारता रहा है कि हमारे यहां ऐसा कुछ नहीं है वो ढकोसला खुल जाता. इसलिए किसी भी हालत में पाकिस्तान को इसको दबाए रखना है.


मैं हैरान हूं कि हिंदुस्तान के लोग क्यों ये पाकिस्तान को पसंद आए ऐसी भाषा बोल रहे हैं. चिंता का विषय वो है जी. चिंता का विषय वो है. अब जैसे कल मीडिया में चल पड़ा कि भई इतनी चौकी तोड़ी. इतने लोग मार दिए. कोई नहीं मांग रहा है सबूत.

ABP न्यूज़ का सवालः पर प्राइममिनिस्टर साहब, क्योंकि मुझे पता है, क्योंकि हमने आपके और भी पुराने इंटरव्यू देखे हैं, जो आपने अलग अलग जगह पर देखे हैं. जब उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक हुई. आपने कहा कि आप शामिल थे, आप देख रहे थे, आपको जानकारियां मिल रही थी. आपने खुद माना है. क्या इस वक्त भी जब बालाकोट हुआ, एयर स्ट्राइक हुई, तब भी आप शामिल थे? आपको पता था? क्या आपके पास जानकारियां आ रहीं थीं?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं अपने विषय में कुछ बताऊं, वो मुझे शोभा नहीं देता है, लेकिन जब आपने पूछ ही लिया है तो मैं बता देता हूं. अगर मुझे कभी पता चल जाता है कि टूरिस्टों की एक बस खाई में गिर गई, तो आप हैरान हो जाएंगे. मैं रात देर तक फोन करता रहता कि उन लोगों का क्या हुआ, निकाला या नहीं निकाला, अस्पताल पहुंचाया या नहीं. ये मेरे स्वभाव का हिस्सा है. ये मेरा एक कमिटमेंट है कि जो चीजें मेरे ध्यान में आती है तो मैं फिर उसमें शामिल हो जाता हूं.

एयर स्ट्राइक में जवानों की जिंदगी दाव पर

मैं करता हूं. ये तो बहुत बड़ा काम था. हमारे सेना के जवानों की जिंदगी दाव पर लगी थी. मैं राजनीतिक तराजू से चीजों को ना सोचता हूं और ना चलाता हूं. मैं एक तरह से गैर-राजनीतिक व्यक्ति हूं और इसलिए मेरा बहुत स्वाभाविक था तो इसमें मैंने कोई बहुत बड़ी तीसमारी कर दी, ऐसा नहीं है जी. ये मेरे दायित्व का हिस्सा है और मैं कैसे सो सकता हूं जी. जब मुझे पता है कि एक बजे ये होने वाला है, डेढ़ बजे ये होने वाला है, दो बजे ये होने वाला है, ये पता है और मैं खुद उसमें शामिल हूं तो मैं ये तो नहीं चाहता था कि हर पल कोई मुझे रिपोर्ट करे कि क्या हुआ ? क्या हुआ ? लेकिन मैं इतना जरूर चाहता था कि होने के बाद मैं जाता हूं, आप चिंता मत करिए, होने के बाद मुझे बताइए. खैर उनका भी एक स्वभाव है कि मैं बहुत बारीकी में इंटरस्ट लेता हूं तो वे मुझे बताते रहते थे.

एयर स्ट्राइक कर जवान सुरक्षित लौट चुके हैं भारत

जब सुबह एग्जेक्टली उन्होंने करीब 3.40 पर आखिरी बताया कि सब लोग आ गए हैं वापिस, सब हो गया है. वो कोड की भाषा होती है, कोड की भाषा में बात होती है. उसके बाद मैं सो सकता था लेकिन मैं सोया नहीं. मेरे मन मैं आया कि यार मैं देखूं, नेट पर सर्फिंग करूं कि दुनिया मैं कुछ हलचल शुरू हुई है क्या? दुनिया में इस प्रकार की चीजों में जो रुचि रखने वाले ऐसी जगह पर जाकर. नेट पर मैं देखने लगा, करीब पांच, सवा पांच बजे तक कोई हलचल मुझे नजर नहीं आई.

पाकिस्तान ने खुद बताया कि मेरे यहां एयर स्ट्राइक हुआ है

इतने मैं मैंने देखा कि पाकिस्तान का ट्वीट आ गया, तो फिर मैंने सब हमारे लोग जो गए थे उनको जगाया और कहा कि अब स्थिति हमें बदलनी पड़ेगी. तुरंत सबके साथ बैठना पड़ेगा. मैं सात बजे सुबह मीटिंग बुलाई.

ABP न्यूज़ का सवालः सच मैं ना आप सोते हैं, ना सोने देते हैं?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं किसी को जगाता नहीं हूं, कोई सो नहीं पाए तो उनकी मजबूरी है.

ABP न्यूज का सवालः मोदी जी इसी से जुड़ा हुआ सवाल है कि आप कह रहे हैं कि अगर किसी का एक्सिडेंट हो जाए यात्रियों से भरी गाड़ी का, तब भी मैं सो नहीं पाता हूं, लेकिन पुलवामा में जब शहीद हुए थे तब आप पर बहुत गंभीर आरोप लगे और ये कहा गया कि आप जिम कोर्बेट में लगातार शूटिंग करवाते रहे. सच्चाई बताइए ना मोदी जी

नरेंद्र मोदी का जवाबः कोई ऐसे आरोप पर भरोसा नहीं करेगा जी. कोई भरोसा नहीं करेगा जी, आप क्या बात करते हैं. मुझे बहुत दुख होता है जब ऐसी बातें करते हैं. पुलवामा की घटना मुझे पहले से पता थी क्या ? कि इसलिए मैं चला गया. मेरा तो रूटीन कार्यक्रम था उत्तराखंड में और आप मुझे बताइए. कुछ चीजें ऐसे होती हैं जिसका हैंडल करने का तरीका होता है.

पटना रैली के दौरान बम धमाके पर बोले पीएम मोदी

मैं पटना में था, 2013 अक्टूबर में. लाखों लोगों की भीड़ थी गांधी मैदान में, जनसभा चल रही थी और जनसभा के अंदर बम धमाके हो रहे थे. निर्दोष लोग मारे जा रहे थे. अब उस समय मेरे मुंह से थोड़ी सी भी बात निकल जाती तो कितना बड़ा तूफान खड़ा हो जाता. मैं लगातार इसको दबाता रहा इस खबर को. एक बार तो मैंने ये भी कहा कि कुछ उत्साही लोग पटाखे फोड़ रहे हैं, ऐसा भी कह दिया मैंने जबकि मुझे मालूम था मंच पर आ गया था मेरे पास.

अगर सभा बंद कर देता तो...

कुछ लोगों ने ये भी कहा कि मोदी जी ने सभा बंद क्यों नहीं की. अगर मैं सभा बंद करता, तो लाखों लोग थे, ना जाने क्या हो जाता. अगर ये भीड़ कहीं और चल पड़ती, किसी को टार्गेट कर देती तो क्या होता? ऐसी परिस्थिति में मानसिक संतुलन रखते हुए चीजों को बचाना होता है. अब ऐसे समय कौन मुझ पर क्या आरोप करेगा और मैं भी उछल पडूं क्या? क्योंकि उस समय मैं मोबाइल फोन पर, मैंने उत्तराखंड की सभा में जाना कैंसिल कर दिया. लेकिन मोबाइल फोन पर मैंने इसका जिक्र बिल्कुल भी नहीं किया. जब तक मैं कंट्रोलिंग स्थिति पर पहुंचता नहीं हूं. मैं तुरंत सड़क के रास्ते से, घंटों तक और उस दिन बहुत बारिश थी. मैं तुरंत बरेली आया और वहां से हवाई जहाज पकड़ने के लिए. रास्ते में एक स्थान आया मैंने वहां पर उतरकर सारी स्थिति का रिव्यू किया सारी स्थिति का, जो भी इंस्ट्रक्शन देने चाहिए थे वो दिए, फिर मैं भागा और फिर मैं आया.

ABP न्यूज़ का सवालः कुछ राजनीतिक सवालों पर मैं आना चाहता हूं मैं आपकी इजाजत से. क्या ये बात ठीक है प्रधानमंत्री जी कि आपको गांधी नेहरू परिवार से निजी दिक्कतें हैं क्योंकि ये आरोप लगता है कि आपने अपने राजनीतिक हितों के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा को मुकदमों में फंसा दिया है ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं चाहूंगा कि इस प्रकार से सिंपैथी हासिल करने के लिए जो ड्रामेबाजी कर रहे हैं, वे सबूत बताएं कि मोदी ने ऐसा क्या किया है. आप मुझे बताइए कि जैसे लालू जी जेल में हैं. ये केस कांग्रेस के जमाने में शुरू हुआ था. अब मेरे कार्यकाल में सजा हुई. अब इसको आप मेरे षडयंत्र के साथ जोड़ देंगे. इन सबके आरोप हरियाणा के एक आईएएस अफसर ने 2009-10 में लगाए थे. पहले की सरकार के दरमियान उसे दबा दिया गया था. हमने कहा कि जो सत्य है वो बाहर आना चाहिए. अब मुझे बताइए कि ये काम मुझे करना चाहिए या नहीं करना चाहिए ?

देश को लूटने वालों से पाई-पाई वापिस लाउंगा

मैंने देश को कहा है कि मैं देश को लूटने वालों से पाई-पाई वापिस लौटाऊंगा. ये मेरा वादा है मुझे पूरा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए ? अब सामान्य मानवी को भी देना पड़ रहा है, तो कोई स्पेशल केटेगिरी का तो है नहीं देश में. दूसरा इनको जमानत पर आना पड़ा है. मुझे बताइए नेशनल हेराल्ड का केस, क्या मेरे आने के बाद शुरू हुआ क्या ? पहले से चल रहा था, लेकिन दबा दिया गया था, तो सवाल आपको उनको पूछना चाहिए कि आपने सत्ता में रहते हुए इन मामलों को दबाया क्यों था ? क्यों आपने देश की जनता के साथ धोखा किया ? प्रश्न ये होना चाहिए.

देश के पूर्व वित्त मंत्री को काटना पड़ रहा है कोर्ट का चक्कर

आप प्रश्न मुझे पूछ रहे हैं कि मोदी क्या किया. मैं तो कानूनी काम कर रहा हूं जी. अब देश के एक वित्त मंत्री थे. आज उनको कोर्ट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. देश की जनता चर्चा कर रही है कि वे सामान्य मानवी को इतनी डेट मिलती है क्या ? उनको क्यों मिल रही है? देश के मन में प्रश्न है.

ABP न्यूज़ का सवालः देश के मन में एक और प्रश्न है और वो प्रश्न मैं आपसे पूछना चाहती हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोनों गांधी भाई-बहनों में से बेहतर नेता कौन लगता है?

नरेंद्र मोदी का जवाबः ऐसा है कि ये करीब सवा सौ साल से भी ज्यादा उम्र वाली पार्टी है. इस पार्टी का ऐसा क्या दरिद्र है कि देश में से नेता उभरते नहीं है पार्टी में. ये एक चिंता का विषय है. बाकि उनमें कौन अच्छा या कौन बुरा, मैं व्यक्तिगत रूप से किसी से परिचित नहीं हूं. ना कभी बैठकर कभी किसी विषय पर हमें चर्चा करने का सौभाग्य मिला है और इसलिए उनका ऐसा जजमेंट लेना मेरा हक बनता नहीं है और ये कांग्रेस पार्टी का अंदरुनी विषय है, उनको जो अच्छा लगे उसे नेता बनाए.

ABP न्यूज़ का सवालः ये भी चर्चा है कि शायद प्रियंका गांधी वाड्रा आपको खिलाफ वाराणसी में चुनाव लड़ेंगी?

नरेंद्र मोदी का जवाबः देखिए लोकतंत्र में कोई भी, कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है.

ABP न्यूज़ का सवालः आपको चिंता होती है, आपको परेशानी होती है ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः देखिए, मोदी चुनाव जीते या हारे, ये निर्णय जनता का है. मोदी तो जब पहली बार बनारस में जब चुनाव लड़ा तो नामांकन भरने गया था और बाद में जिस दिन कैंपेन पूरा हुआ. उस दिन मैंने पब्लिक मीटिंग के लिए इजाजत मांगी थी लेकिन वहां की सरकार ऐसी थी, वहां का इलेक्शन कमीशन ऐसा था कि मुझे पब्लिक मीटिंग करने पर प्रतिबंध लगा दिया था. आप हैरान होंगे ये जानकर और देश की मीडिया ने ये चर्चा नहीं की. बनारस का लोकसभा का चुनाव मेरा ऐसा था कि जिसमें मुझे एक भी पब्लिक मीटिंग नहीं करने दी. इतना ही नहीं जिस दिन मैं नामांकन भरने के लिए गया था तो उस जुलूस को सभा में बदलना था, उस पर भी आखिरी समय में मना कर दिया था. तो जुलूस हुआ और फिर मैं उतरकर सीधा दफ्तर में चला गया और फॉर्म भरकर वापिस आ गया. पूरे कैंपेन में मुझे एक पब्लिक मीटिंग नहीं करने दी. एक परमिशन नहीं दी लेकिन जनता ने जिता दिया.

ABP न्यूज़ का सवालः मोदी जी आपने गुजरात के बाहर बनारस को ही क्यों चुना ? बनारस में ऐसा क्या खास लगाव रहा आपका ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः पहली बात है कि एक तो ये निर्णय मैं नहीं करता हूं. मेरे जीवन का कोई निर्णय मैंने कभी नहीं किया है. संगठन को मैं समर्पित होता हूं, संगठन जो तय करे वो मैं करता हूं तो उस समय संगठन के लोगों को लगा कि मुझे बनारस जाकर चुनाव लड़ना चाहिए. डॉ. मुरली मनोहर जोशी जी ने वहां काफी अच्छा काम किया हुआ था. जोशी जी के आशीर्वाद थे तो स्वाभाविक है कि पार्टी ने तय किया था तो मैं चला गया था.

ABP न्यूज़ का सवालः तो अब आप बनारस से ही लड़ेंगे, दूसरी सीट से नहीं लड़ेंगे?

नरेंद्र मोदी का जवाबः पार्टी ने अभी घोषित कर दिया है. मुझे अब जब नामांकन की डेट होगी वो भी मुझे पूछना पड़ेगा कि डेट कौन सी है. उस दिन मैं चला जाऊंगा.

ABP न्यूज़ का सवालः प्रधानमंत्री जी, राहुल गांधी दो सीटों से लड़ रहे हैं. इस पर इतना बवाल क्यों हो रहा है ? दो सीटों से आप भी चुनाव लड़े थे, दो सीटों से अटल बिहारी वाजपेयी भी लड़े थे. वो वायनाड चुन रहे हैं और आप पर आरोप लगाकर चुन रहे हैं कि आप देश को बांट चुके हैं और इसलिए देश को एकजुट करने के लिए दक्षिण भारत का रुख कर रहा हूं.

नरेंद्र मोदी का जवाबः जिस कांग्रेस ने देश के टुकड़े किए, वो कांग्रेस जिसने आंध्र और तेलंगाना में ऐसा झगड़ा करवाया राजनीति के लिए. देश को तोड़ने वाले लोग कौन हैं ये देश के लोग भली-भांती जानते हैं. चुनाव वो कहां से लड़े, कहां से ना लड़े, वो मेरा विषय नहीं है, वो उनकी पार्टी का विषय है और भारत के संविधान ने मौका दिया है लेकिन जिस तरीके से जाना पड़ा है. ये चर्चा हमने शुरू नहीं की है, तुरंत मीडिया ने उठाया था कि अमेठी अब उनके लिए मुश्किल है. तो इस अर्थ में वो गए हैं. बाकि उसके लिए उनको जो कहना पड़े वो कहे.

ABP न्यूज़ का सवालः मोदी जी ऐसा क्यों है कि जो चीज आपकी पार्टी कर रही है वो सारा जस्टिफाइबल है और अगर वो विपक्ष कर रहा है तो वो गड़बड़ है. मैं आपको उदाहरण देती हूं कि जैसे ये दो सीट, हालांकि आपने साफ कर दिया कि दो सीट से वो लोकतंत्र में कहीं भी चुनाव लड़ सकते हैं.

नरेंद्र मोदी का जवाबः दो सीट पर कोई सवाल कर ही नहीं रहा है, ना बीजेपी ने किया है. अमेठी से उनको भागना क्यों पड़ा, उसकी चर्चा है और वो चर्चा राजनीतिक दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी का पूरा हक बनता है.

ABP न्यूज का सवालः दूसरा गठबंधन, आप उसे ठगबंधन कहते हैं.

नरेंद्र मोदी का जवाबः जी नहीं. मैं उसे महामिलावट कहता हूं.

ABP न्यूज़ का सवलाः लेकिन मोदी जी आपके साथ भी तो चालीस पार्टियां हैं, आपका गठबंधन, सचबंधन और उनका गठबंधन, महामिलावटी ऐसा क्यों है?

नरेंद्र मोदी का जवाबः इसका कारण है, देखिए मैंने जम्मू-कश्मीर में जो किया था उसको मैं गठबंधन नहीं कह सकता हूं. हमने साथ चलने का प्रयास किया. हम पास पास आए लेकिन साथ साथ नहीं थे. एक राजनीतिक मजबूरी ऐसी थी, एक ऐसा मेंडेट था कि हमको चलना पड़ा और लोकतंत्र में, पब्लिक में हमारा एक दायित्व भी होता है कि चलो भाई चार चीजों कोंप्रोमाइज करके आगे चलो. आज भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े हुए जो लोग हैं उनके बीच में इस प्रकार का कोई कोंट्राडिक्शन नहीं है. हम जहां है वहां एक दूसरे के पूरक होते हैं. अगर हम पंजाब में अकाली दल के साथ हैं तो हम एक दूसरे के पूरक होते हैं और वो सालों से हम काम कर रहे हैं. अच्छी स्थिति हो तब भी हम साथ चले हैं, बुरी स्थिति हो तब भी हम साथ चले हैं.

राहुल-अखिलेश पर बोला हमला

उत्तर प्रदेश में दो साल पहले दो लड़के काला जेकेट पहनकर के टीवी शूटिंग कर रहे थे और वही सामने सामने हो गए तब सवाल उठता है कि ये किस प्रकार का है. दूसरा आप मुझे बताइए इनके महामिलावट में.

कांग्रेस-एनसीपी पर बोला हमला

उमर अबदुल्ला कहते हैं कि देश में दो प्रधानमंत्री होने चाहिए. अब कांग्रेस पार्टी को जबाव देना पड़ेगा कि आपका साथी कह रहा है कि दो प्रधानमंत्री होने चाहिए तो आपका स्टैंड क्या है ? फिर उसके साथ क्यों चलते हो ? एनसी का एक कैंडिडेट, उम्मीदवार जो कांग्रेस समर्थन से चुनाव लड़ रहा है वो कहता है अगर कोई पाकिस्तान को गाली देगा तो मैं हिंदुस्तान को सौ गाली दूंगा. उसके साथ आप चुनाव में भागीदार हैं, ये महामिलावट है. एक सहमना है, हो सकता है 100 प्रसेंट नहीं है लेकिन 80 प्रेसेंट है, 90 प्रेसेंट है, 95 प्रसेंट है.

ABP न्यूज़ का सवालः तीसरा प्वाइंट और है मोदी जी. हमने दो सीट की बात कर दी, गठबंधन की बात कर दी, तीसरा है वंशवाद. आपको गांधी परिवार का ही वंशवाद क्यों दिखता है प्रधानमंत्री जी ? अकालियों में भी वंशवाद है, शिवसेना में भी वंशवाद है. आपके बहुत सारे साथी हैं, पासवान में भी वंशवाद है. सिर्फ गांधी परिवार ही क्यों ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मुख्यधारा वाले जो लोग होते हैं उन्होंने उसूल बनाने होते हैं तो बाकि लोग भी सोचेंगे. अगर भारतीय जनता पार्टी ही बुरे रास्ते पर चल जाएगी और भारतीय जनता पार्टी दूसरों को कहे कि आप सही रास्ते पर चलो तो कैसे संभव होगा तो इसलिए कांग्रेस पार्टी से अपेक्षाएं ज्यादा हैं.

वंशवाद पर बाबा साहब अंबेडकर का दिया रेफरेंस

लोकतंत्र में आप बाबा साहब अंबेडकर के भाषण सुन लीजिए. पंजाब के अंदर उनका भाषण है, 1937 का. पुणे के अंदर एक यूनिवर्सिटी में उनका एक भाषण है. बाबा साहब आंबेडकर ने उस समय कहा था कि वंशवाद लोकतंत्र के लिए खतरा है, ये उनका भाषण है. तब तो मोदी पैदा भी नहीं हुआ था. उस विचार के व्यक्ति ने देश को संविधान दिया है. उस अर्थ में मैं कहता हूं कि लोकतंत्र में वंशवाद ये उचित नहीं है. मैं किसी का नाम नहीं लेता हूं. अच्छा कुछ लोग कभी क्या कहते हैं कि फलां नेता का बेटा भी चुनाव लड़ रहा है. फलाने नेता का बेटा चुनाव लड़े तो वो वंशवाद नहीं है जी. उससे भी बच सकते हैं तो बचना चाहिए लेकिन पार्टी का अध्यक्ष आज ये है तो कल उसका बेटा बनेगा.

वंशवाद का दिया नया फॉर्मुला

पार्टी के निर्णय वो परिवार करेगा बाकि लोग उनके साथ. ये जो वंशवाद का कल्चर है, बिल्कुल अलग है. जिस वंशवाद की मैं आलोचना करता हूं वो बिल्कुल अलग है. आप इसको एक दो परिवार के दो सज्जन राजनीति में है इसलिए बुरा मान लें इस अर्थ में मैं नहीं कह रहा हूं. हम इसको इतना छोटा ना करें और ये गंभीर चर्चा का विषय है, गंभीर चर्चा होनी चाहिए. आरोप-प्रत्यारोप, तू-तू, मैं-मैं, उसमें जाने की जरूरत नहीं है जी.


ABP न्यूज़ का सवालः इसलिए मैं आपसे पूछ रहा हूं कि क्या राष्ट्रीय पार्टियों को, खासकर भाजपा जैसा पार्टी को, जिसमें वंशवाद ना के बराबर हैं, जिसके अध्यक्ष को लेकर तय ही नहीं है कि अगला अध्यक्ष कौन होगा. उस पार्टी को ये प्रेसीडेंट नहीं स्थापित करना चाहिए कि ऐसी पार्टियां जो वंशवाद को बढ़ावा देती हैं, चाहे शिवसेना हो या अकाली हो चाहे पासवान जी हों, उनसे हम गठबंधन नहीं करेंगे. उनसे हम दूरी बनाएंगे जब तक कि उनके अंदर इंटरनल डेमोक्रेसी नहीं आती.


नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं समझता हूं कि हमारे विचारों से वे परिचित हैं. हम इन विचारों को पब्लिकली कहते हैं. सभी दलों को हम कहते हैं.

ABP न्यूज़ का सवालः एक चीज मैं तब से नोट कर रहा हूं, जब से आप कांग्रेस के जबाव दे रहे थे. कई दिनों से ये बात मैं सोचता भी था कि आपसे पूछूंगा कभी मिलने पर कि आप कभी अपने मुंह से राहुल गांधी का नाम क्यों नहीं लेते हैं ? कभी शहजादा बोलते हैं, कभी राजा साहब बोलते हैं कभी महाराजा, नामदार, क्यों ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं समझता नहीं हूं कि आपको पीड़ा क्यों हो रही है?

ABP न्यूज़ का सवालः मैं तो सवाल पूछ रहा हूं.

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं किसी का नाम दूं या ना दूं. इसमें आपको पीड़ा क्यों हो रही है? दूसरी बात है कि मैं बहुत सामान्य परिवार से आया हूं. चाय बेचने वाला परिवार, जिसका बैकग्राउंड, एक कामदार व्यक्ति. साहब ये बड़े बड़े नामदार हैं, हम उनका नाम लेने की हिम्मत ही नहीं कर सकते जी. हम तो छोटे लोग हैं जी. ये तो देश की जनता ने मुझे प्रधानमंत्री बना दिया, वर्ना हमारा तो लालन-पालन ऐसे ही सामान्य लोगों से हुआ है. हमने तो उनको बहुत बड़े बड़े देखा हुआ है जी. हम वो हिम्मत नहीं कर सकते जी.

ABP न्यूज़ का सवालः ये कनेक्ट आप सच में देश में लेकर आ गए हैं. ये जो बात आप कहते हैं कि गाली को आप गहना बना देते हैं. ये आपकी स्ट्रेंथ है, आपने अपनी कमजोरी को स्ट्रेंथ बना दिया है और इसी से जुड़ता हुआ मेरा दूसरा सवाल है प्रधानमंत्री जी. आप इसलिए मजबूत हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्योंकि विपक्ष कमजोर है या आपकी मजबूती की वजह से विपक्ष कमजोर है ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः एक तो पहले जो आपने मुझ पर आरोप लगाया मैं उसका जवाब देता हूं कि मैं मेरी कमजोरी को मैं ताकत में बदल देता हूं, जी नहीं. अगर मेरी कोई कमजोरी है और मेरे ध्यान में आती है तो मैं भाग्यवान हूं क्योंकि आमतौर पर मनुष्य को अपनी कमजोरी ध्यान में आना मुश्किल होता है, लेकिन अगर मुझे ध्यान में आती है तो मैं बहुत भाग्यवान मानूंगा अपने आप को लेकिन आपके जैसे मित्र और बाहर के किसी सर्किल से मुझे अपनी कमजोरी ध्यान में आती है तो मैं बहुत सजगता से उसमें से बाहर निकलने का प्रयास करता हूं. अपने आपको कमजोरी का गुलाम नहीं बनने देता तो वो मेरा पर्सनल विषय है. मैं कोशिश करता हूं कि भई दुनिया की नजर में ठीक नहीं है तो दूर रहना चाहिए. अगर मुझमें कमी है तो बाहर आने के लिए प्रयास करना चाहिए. आ पाऊंगा, नहीं आ पाऊंगा, अलग बात है, एक तो ये बात है.

गाली को बना लेता हूं गहना

गाली को गहना बनाता हूं, वो तो मेरी ताकत है जी. वो मेरी कमजोरी नहीं है क्योंकि मैं तलवार की नोंक पर चलने वाला इंसान हूं. मैं तपस्या करके निकला हुआ इंसान हूं, तप करके निकला हुआ इंसान हूं और धरती से उठकर के आया हूं और इसलिए मुझे मालूम है कि झूठ झूठ होता है और उस झूठ का किस प्रकार से जबाव देना है मैं पूरी तरह से जानता हूं और इसलिए मैं हर गाली का गहना बना सकता हूं क्योंकि मुझे मालूम है कि गाली अपने आप में गलत है. गाली देने वाला गलत है. गाली देने वालों का इरादा गलत है और जब मेरे भीतर अच्छाई के प्रति पूरा भरोसा है इसलिए मैं बना पाता हूं. गाली को गहना बनाने के लिए खुद के अंदर मेटल होता है, ये कोई चालाकी से गहने नहीं बनते.

ABP न्यूज़ का सवालः आपको डर लगता है?

नरेंद्र मोदी का जवाबः ईश्वर से डरता हूं. हर पल डरता हूं. मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों से… अगर उनको थोड़ी सी भी चोट पहुंचाई जाए, मैं डरता हूं.

ABP न्यूज़ का सवालः मैं आगे बढ़ता हूं, आपकी इजाजत से. हम यूपी की बात कर रहे थे. गठबंधन के दौर की बात चल रही थी. आपको लगता है कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा का जो गठबंधन हुआ है वो बीजेपी के लिए इस बार सबसे बड़ी चुनौती है, 273 के आंकड़े को पार करने के लिए ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः पहली बात है कि लोकतंत्र में चुनौती होनी चाहिए. हर राजनीतिक दल को कसना चाहिए. लोकतंत्र बहुत ही वाइबरेंट होना चाहिए और मैं चाहता हूं कि चुनौतियां और बढ़ें ताकि हम भी निखरकर बाहर आएं लेकिन मीडिया के अंदर कौन कितनी जगह ले जा रहा है, उसको कोई चुनौती मानता है तो उससे बड़ी कोई गलती नहीं है. टीवी के पर्दे पर कौन छाया रहता है, अखबार में किसकी पहले पन्ने पर खबर छपती है उसको चुनौती मानने की गलती मैं नहीं करता हूं. जब जनता आपके खिलाफ हो जाए तब चुनौती होती है.

देश में दिख रहा है फिर से मोदी लहर

जहां तक जनता का सवाल है, मैं कहीं एंटी इंकमबेंसी इस चुनाव में नहीं देख रहा हूं. मैं पहली बार देख रहा हूं कि प्रो इंकमबेंसी वेव है, लहर है. मैं भी तो जनता में जाकर आता हूं. मैं हिंदुस्तान के करीब 70 प्रतिशत राज्यों में पिछले सात दिनों में होकर आया हूं. मैं कल सुबह अरुणाचल से शुरू किया था पासीघाट से और रात को महाराष्ट्र के गोदिया में पूरा करके लेट नाइट दिल्ली आया था. मैं जनता के बीच में रहने वाला इंसान हूं. मैं देख रहा हूं कि प्रो- गवर्मेंट लहर, ये अपने आप में हिंदुस्तान के लोकतंत्र में एक खुशनुमा पल है.

ABP न्यूज़ का सवलाः आप तो सुरक्षा दायरे में रहते हैं? स्टेज के ऊपर रहते हैं. वहां से मूड भांप लेते हैं आप ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः जी नहीं. मैं लोगों से मिलता हूं जी. मैं लोगों से मिलता हूं, लोगों से बात करता हूं. मैं चौखट में और दायरे में जिंदगी जीने वाला इंसान नहीं हूं. आपने अब तक प्रधानमंत्री देखे हैं और मेरे जीवन को देखोगे तो आपको पता चलेगा कि मेरी जिंदगी कुछ और है.

ABP न्यूज़ का सवालः मोदी जी, इस सवाल को पूछने पर हो सकता है कि बड़ी आलोचना हो, लेकिन मैं पूछना चाहती हूं. मैं भी एक इंसान हूं, सुमित भी इंसान हैं, आप भी इंसान हैं. मेरी भी दो आंखें हैं, आपकी भी दो आंखें हैं. मैं भी कई बार ऐसा होता है कि थक जाती हूं और मैं ये कहती हूं कि बहुत थकान हो गई है कि अब नहीं होगा. सच बताइए आप थकते क्यों नहीं हैं ? आप बहुत ज्यादा पोजेसिव हैं अपनी कुर्सी को लेकर, आपको मजा आता है अपना काम करने में या फिर कोई टोनिक वगरैह आप ले रहे हैं. राज क्या है ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः पहली बात है मेरे जिंदगी में कुर्सी नाम की चीज तो 2001 में आई. 2001 से पहले तो मेरा कोई लेना-देना नहीं था राजनीति से, ना मैं चुनाव लड़ने से मेरा कोई लेना-देना नहीं था लेकिन तब भी जो मेरे जीवन को जानते हैं, मुझे मेरी अपनी बात बतानी पड़ रही है, वो मुझे शोभा नहीं देता लेकिन मैं बता देता हूं. इस देश में 450 से ज्यादा जिले ऐसे होंगे जहां रात्रि में मैंने काम किया होगा. 450 से ज्यादा जिले जहां मैंने रात्रि में काम किया होगा और मेरा करीब 45 साल का जीवन परिवाजक का जीवन रहा है. मेरे जीवन का बहुत बड़ा कालखंड मैंने रेल की पटरी पर, ट्रेन के डिब्बे में गुजारा है, ट्रेवेलिंग में.

मेरा परिश्रम जिम्मेदारियों के प्रति कमिटमेंट है

मैं चाय बेचता था, मैं बहुत दिनों की बात नहीं कर रहा हूं, वो एक अलग, मैं बाद की जिंदगी कहता हूं तो मैं एक प्रकार से बहुत परिवराजक रहा हूं. 450 जिलों में तो नाइट होल्ड तो, ये कंजरवेटिव है उससे ज्यादा भी होगा. इसका मतलब मुझे हिंदुस्तान के हर कोने का मेरा कैसा तव्वजो. तब भी मैं ऐसा ही कठोर परिश्रम करता था जी. तब भी ऐसा ही कठोर परिश्रम करता था तो परिश्रम ये मेरा, जिम्मेवारियों के प्रति मेरा कमिटमेंट है, किसी की चिंता मैं नहीं करता हूं. आप हैरान होंगे, मैं हिमाचल प्रदेश में काम करता था और हमारे यहां भारतीय आर्गेनाइजेशन में शक्ति केंद्र की रचना होती है यानि एक ब्लॉक को भी 6 हिस्सों में बांटते हैं. एक शक्ति केंद्र में जाना है तो हिमाचल में मुझे एक दिन जाता था, पहाड़ चढ़ना, उस जगह पर जाना फिर उतरना, एक दिन जाता था. मैं एक ऐसा इंसान था जिसने हिमाचल प्रदेश के सभी शक्ति केंद्रों का ट्रेवेलिंग किया था, जाकर मीटिंग करता था.

हर दायित्व को बखूबी निभाया

ये जो भी दायित्व मुझे मिले उसको जी जान से, उत्साह के साथ उसको करना, ये मेरे शायद बचपन के मेरे संस्कारों का परिणाम हो. मेरी पारिवारिक स्थिति में से निकली हुई चीज हो उससे है. जहां तक थकने का सवाल है, शरीर है, मेरा भी थकता है, ऐसा तो मैं कभी दावा नहीं कर सकता कि मुझे थकान नहीं लगती लेकिन मेरी कमिटमेंट ऐसी है तो मैं हमेशा सोचता हूं कि देखिए राखी का त्योहार है, एक पुलिसवाला खड़ा है. बारिश हो रही है वो काम कर रहा है. ये सेना का जवान, 6 महीने पहले उसकी ड्यूटी हिमालय में थी, माइनस डिग्री में जिंदगी गुजारता था, अब रेगिस्तान में है 44 प्लस में काम कर रहा है. कोई मजदूर मैं देखता हूं, पहनने को कपड़े नहीं है वो इतने गर्मी में खुले पैर चल रहा है. जब ऐसे लोगों का स्मरण करता हूं तो मुझे लगता है कि मुझे रूकने का हक नहीं है. मुझे थकान मंजूर नहीं है.

ABP न्यूज़ का सवालः आप कमिटमेंट की बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री जी. मुझे अच्छे से याद है कि भारतीय जनता पार्टी ने, क्योंकि बहुत नजदीक से राजनीति का छात्र हूं, कई दिनों से कवर कर रहा हूं चीजों को, राम मंदिर आंदोलन को बहुत बड़ा मुद्दा बनाया और आप लोगों ने पूरी पार्टी 2 से लेकर 280 से ज्यादा हो गई, जो खड़ी हुई उसमें राम मंदिर आंदोलन की बड़ी भूमिका है. बड़े बड़े नेताओं ने त्याग किया, बलिदान किया उस चीज को लेकर. क्या आपको लगता है कि इन पांच सालों में ये कमिटमेंट दिल्ली में आपकी सरकार, यूपी में आपकी सरकार आप पूरा नहीं कर पाए, ये कमी रह गई

नरेंद्र मोदी का जवाबः हम संविधान को सुप्रीम मानते हैं और जब मामला न्यायिक व्यवस्था में हो तब सरकार के नाते न्याय प्रक्रिया के अंदर हमने हमारा वो पक्ष रखा है जो हम जनता के सामने रखते हैं. हम इंतजार कर रहे हैं कि जितना जल्द हो सके न्यायिक प्रक्रिया पूरी हो.

ABP न्यूज़ का सवलाः आप चाहेंगे मंदिर बने?

नरेंद्र मोदी का जवाबः कौन नहीं चाहेगा. मैं नहीं. कौन नहीं चाहेगा. कौन नहीं चाहेगा.

ABP न्यूज़ का सवालः अभी गांधी परिवार की सदस्य प्रियंका वहां थीं और उन्होंने दर्शन नहीं किए रामलला के… हनुमानगढ़ी से लौट गईं… इसको कैसे देखते हैं

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं इन चीजों में उलझना नहीं चाहता.

ABP न्यूज़ का सवालः विवादित स्थल कहा उसको?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं इन चीजों में उलझना नहीं चाहता.

ABP न्यूज़ का सवालः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी. प्रभु राम का जिक्र हुआ है. मंदिर का जिक्र हुआ है. तो उस पक्ष का भी जिक्र होना चाहिए और ये सवाल मेरे दिल के बहुत करीब है. मैं आपको बहुत दिनों से ये सवाल पूछना चाह रही थी और एक मुसलमान होने के नाते मैं ये सवाल पूछूंगी. नरेंद्र मोदी का हिंदुस्तान के मुसलमानों से रिश्ता क्या है.. मुसलमान बीजेपी पर भरोसा क्यों नहीं कर पाता है. क्या वजह है?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं एक अनुभव बताता हूं. मनमोहन सिंह जी की सरकार ने एक सच्चर कमेटी बनाई थी और वो सच्चर कमेटी गुजरात आई थी. मैं मुख्यमंत्री था तो सच्चर कमेटी के सारे मेंबर्स बैठे थे. मेरी सरकार के सारे अफसर बैठे थे. और वो अपना रिपोर्ट तैयार कर रहे थे. उन्होंने मुझसे प्रश्न पूछा कि मोदी जी आपकी सरकार ने मुसलमानों के लिए क्या किया?

सच्चर कमेटी को नरेंद्र मोदी का जवाब

मैंने उनको जवाब दिया था, मेरी सरकार ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया है और कुछ भी नहीं करेगी और फिर मैंने कहा लेकिन आगे सुन लीजिए. मेरी सरकार ने हिंदुओं के लिए भी कुछ नहीं किया है और हिंदुओं के लिए भी कुछ नहीं करेगी. मेरी सरकार गुजरात के सभी नागरिकों के लिए काम करती है और मेरी सरकार सब नागरिकों के लिए काम करेगी.

मेरा मंत्रः सबका साथ, सबका विकास

मेरा मंत्र है सबका साथ, सबका विकास. जब मैं कहता हूं कि मैं 2022 तक हिंदुस्तान का एक भी परिवार ऐसा नहीं होगा जिसके पास अपना पक्का घर नहीं होगा. अब मुझे बताइए क्या मुझे ये कहना चाहिए कि मैं मुसलमानों का पक्का घर बनाऊंगा. फिर यादव मिले तो तुम्हारा पक्का घर बनाऊंगा. दलित मिले तो कहूं. जी नहीं. मैं कहता हूं मैं हिंदुस्तान के सभी लोगों के लिए. जब मैं कहता हूं मैं बिजली दूंगा. हर परिवार को, हर परिवार मतलब 100%. मैं कहता हूं कि 18 हजार गांव जहां बिजली नहीं पहुंची है, मैं पहुंचाउंगा, मैंने पहुंचा दिया. फिर मैं नहीं पूछता वहां कौनसी जनसंख्या है. देश के शासकों को ये अलगाववादी विचारों से मुक्त होना चाहिए. देश को एक इकाई के रूप में यूनिटी के रूप में देखना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए. इसलिए मेरी सारी योजनाएं सबका साथ सबका विकास इस मंत्र को लेकर चल रही हैं और उसको मैं Religiously फॉलो कर रहा हूं

ABP न्यूज़ का सवालः एक और सवाल, मोदी जी ऐसा क्यों है कि दुनियाभर के मुसलमान. मैं मरकज जो केंद्र है इस्लाम का. वहां का जो सुप्रीम है. वो आपको बाहों में लेता है. वो इतनी मोहब्बत आपसे करता है. ये परसेप्शन हिंदुस्तान में क्यों नहीं है. मैं इसको सच में समझना चाहती हूं और दिल से समझना चाहती हूं

नरेंद्र मोदी का जवाबः देश में राजनीति को इस दायरे में बांधकर के. देश को मुसलमानों को गुमराह करके. डर दिखाकर के वोट पाने का एक तरीका सूट कर गया है कुछ लोगों को. इसलिए वो इसको चला रहे हैं. हमारा दोष कहो या हमारी ताकत कहो हम इन विचारों को बल देना नहीं चाहते. तो गालियां खाते भी रहते हैं और सबका साथ सबका विकास का मंत्र लेकर चलते रहते हैं. जहां तक दुनिया का सवाल है. बहुत बड़ी घटना है कि इस्लामिक संस्थाओं के अंदर पहले यहां जो अपने आपको बड़ा सेक्यूलर के ठेकेदार मानते थे. उनके यहां गए हुए दरवाजे से बाहर निकाला था हमारे देश के नेताओं को.

पहली बार गेस्ट स्पीकर के रूप में किसी भारतीय को बुलाया गया

पहली बार उन्होंने गेस्ट स्पीकर के रूप में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी को बुलाया और वहां पर उनका भाषण हुआ. सारी दुनिया को समझ आया है और आप देखिए सउदी अरेबिया का एक बहुत बड़ा बुद्धिजीवी है. उसने एक आर्टिकल लिखा कि हम सब नमाज और कुरान से जुड़े हुए लोग आपस में एक दूसरे को काट रहे हैं और हिंदुस्तान मॉडल है कि जहां इतनी बड़ी तादाद में सब संप्रदाय के लोग रहते हैं लेकिन कैसे साथ जीना चाहिए उन्होंने सीख लिया है. इसका मतलब ये नहीं है कि छोटा मोटा तनाव नहीं होता होगा लेकिन मोटे तौर पर सीख लिया है. दुनिया को इस मॉडल पर सोचना चाहिए सउदी अरेबिया के बुद्धिजीवी लोगों को आर्टिकल से

ABP न्यूज़ का सवालः तो मोदी जो आप उन लोगों से नाराज रहते हैं या आपको गुस्सा आता है जब ये कहते हैं कि मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए?

नरेंद्र मोदी का जवाबः पहली बात है कि मैं कभी भी इस प्रकार की भाषा को स्वीकार नहीं करता

ABP न्यूज़ का सवालः पर आप कार्रवाई भी नहीं करते हैं. आपके केंद्रीय मंत्री...?

नरेंद्र मोदी का जवाबः कौन कहता है कार्रवाई नहीं करते. मेरी पार्टी पक्की कार्रवाई करती है. मीडिया में जाएं तभी कार्रवाई मानी जाती है क्या?

ABP न्यूज़ का सवालः आप डांट लगाते हैं क्या?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करता हूं. ये काम पार्टी का है और पार्टी करती है. उचित रूप में करती है.

ABP न्यूज़ का सवालः मुझे एक चीज और आपसे जाननी थी अगर ये बेहतर नहीं होता कि बीजेपी इस विश्वास को बढ़ाने के लिए अल्पसंख्यकों में. मुसलमानों में कुछ लोगों को उम्मीदवार बनाती. टिकट देती. ऐसे चेहरों को उतारती.

नरेंद्र मोदी का जवाबः बनाते हैं, उम्मीदवार बनाते हैं. बनाते हैं. हमने तो अब्दुल कलाम साहब को राष्ट्रपति बनाया था. हम तो करते ही हैं. हमें तो कोई दिक्कत है ही नहीं.

ABP न्यूज़ का सवालः शाहनवाज की जो सीट है वो दूसरी पार्टी की झोली में चली गई. इकलौता बड़ा नाम थे.

नरेंद्र मोदी का जवाबः वो गठबंधन के अपने समझौते होते हैं. उसमें किसी व्यक्ति का कारण थोड़ा होता है. किसी व्यक्ति के लिए इधर उधर नहीं जाती है.

ABP न्यूज का सवालः सर एक और बड़ा जरूरी मुद्दा ये है आप नोटबंदी को अपनी सफलता बताते हैं. विपक्ष उसके असफलता बताता है. चुनाव के वक्त में लोग कहते हैं कि चुनाव पर डिबेट होना चाहिए. हिंदू मुसलमान पर नहीं होनी चाहिए. आपको लगता है कि नोटबंदी को लेकर अब ये वक्त असली है जब चुनाव के वक्त जनता को समझाएं कि कितनी बड़ी कामयाबी मिली इससे आपको

नरेंद्र मोदी का जवाबः उसी समय मैंने समझा दिया है. बार बार समझाया है. आगे भी जरूरत पड़ी तो समझाऊंगा. इस देश में फॉर्मल इकॉनोमी का इतना बढ़ावा होगा. टेक्सपेयर की संख्या का इतना डबल हो जाना. करीब एक, आंकड़े मुझे शायद ध्यान नहीं रहेंगे.. गलती हो जाएगी

ABP न्यूज़- जी.

नरेंद्र मोदी का जवाबः लेकिन मैं समझता हूं कि करोडों की तादाद में हमारे यहां गुप्त इनकम, पैसे पाए गए, बेनामी संपत्ति. हजारों करोड़ों में कब्जा हुई. तीन लाख फर्जी कंपनियों पर ताले लग गए. हजारों करोड़ की ये संपत्ति जब्त होना. ये सारी चीजें. बेनामी और वो सारा. सारे कारोबार. नोटबंदी के बाद.. भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी जो लड़ाई का एक, एक हिस्सा नोटबंदी है. एक बहुत बड़ा कैनवास है. जिसमें अलग अलग कदम उठाए गए. जो भाग जाते हैं. वो भी आज पैसे उनके जब्त हो रहे हैं. प्रॉपर्टी जब्त. विदेशों में प्रॉपर्टी जब्त हो रही है. विदेश की जड़ों तक जाना पड़ता है क्योंकि हमने कानूनी बदलाव किया है तो नोटबंदी ने भी देश की इकॉनोमी में. ईमानदारी की तरफ ताकत बढ़ाई है. बहुत बड़ी मात्रा में लोग ईमानदारी की तरफ आगे आए हैं. टैक्स भरने लगे हैं. टैक्स का दायरा बढ़ने लगा है तो एक प्रकार से ये हमारा प्रयास. हिम्मत भरा कदम था. बड़ा सफल रहा है और मैं मानता हूं देश को विश्वास हो गया है कि मोदी ईमानदारी को पुरस्कृत करते हैं.

ABP न्यूज़ का सवालः मोदी जी आपकी सरकार के पास सारे आंकड़े हैं. नौकरी के आंकड़े क्यों नहीं हैं

नरेंद्र मोदी का जवाबः देखिए, हमारे देश में ये मेरी सरकार का नहीं है. हर एक को देखना होगा. अब मुझे बताइए मुद्रा योजना. मुद्रा योजना के अंदर 17 करोड़ लोगों को बिना गारंटी लोन मिला. उसमें से चार करोड़ 25 लाख लोग ऐसे हैं जिनको पहली बार मिला है. इसका मतलब कि उस पैसों से उसने कारोबार शुरू किया है. उसने कारोबार शुरू किया है तो किसी एक दो लोगों को और उसने काम दिया है. आप इसको रोजगार मानेंगे कि नहीं मानेंगे.

बढ़े हैं रोजगार के आंकड़े

CII ने एक रिपोर्ट दी है.. MSME के अंदर करोड़ों की तादाद में रोजगार का है मोटा मोटा शायद 6 करोड़ लोगों का है कि MSME में मिला है. आपको ये भी पता होना चाहिए कि हमारे देश में फॉर्मल और इन फॉर्मल, देश के अंदर जिसको बिल्कुल सरकार के. बैंक के कॉरपोरेट वर्ल्ड के. जो फॉर्मल जॉब होते हैं वो 10 पर्सेंट ही हैं. 85 पर्सेंट करीब करीब इन-फॉर्मल सेक्टर है. फॉर्मल सेक्टर में 10-15 पर्सेंट है. उसमें भी आप देखिए हमारी पेंशन स्कीम होती है कि जो सरकार की पेंशन स्कीम में जुड़ता है तो वो अपना पैसा जमा करता है. 55 लाख लोगों ने इसमें जमा किया है. बिना रोजगार कैसे हुआ होगा.

रोजगार को लेकर पीएम मौदी का जवाब

अब मुझे बताइए पहले से डबल रोड बन रहे हैं. बिना रोजगार ही ये बन जाता होगा क्या. पहले से डबल रेल बन रही है. बिना रोजगार बन जाती होगी क्या. पहले से ज्यादा एयरपोर्ट काम कर रहे हैं. बिना रोजगार ही करते होंगे क्या. मैं ये समझ नहीं पाता हूं हमारे देश में व्हीकल जितने खरीदे गए, उस व्हीकल में कोई जॉब पीरियड होता होगा कि नहीं होता होगा. व्हीकल रिपेयरिंग करने वाली दुनिया में जॉब क्रिएट होता होगा कि नहीं होता होगा.

वाजपेयी सरकार में भी रोजगार को लेकर लगे थे आरोप

आप किसी चीज को मानने को ही तैयार नहीं हो और आप देखिए अटल बिहारी वाजपेयी की जब सरकार थी तब भी ऐसे ही आरोप लगाए थे. ये कांग्रेस की मोडस ऑपरेंडी वैसी ही है. उस समय भी उन्होंने जॉर्ज फर्नांडिस पर रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. सारा झूठा निकला. उस समय उन्होंने रोजगार नहीं ऐसे झूठे आरोप लगाए और जब एनडीए सरकार.. यूपीए सरकार बनी तो बाहर आया कि अटल जी के समय 6 करोड़ जॉब मिले थे लोगों को. और इनके समय में सिर्फ सवा करोड़ मिले थे.. तो ये झूठ बनाने वाला जो इनका इको सिस्टम है जिसमें आप लोग फंस जाते हैं. वो इन चीजों को चलाते रहते हैं.

ABP न्यूज़ का सवालः आजकल एक टीवी चैनल की बड़ी चर्चा है. आपको पता है. आपके नाम से एक टीवी चैनल चल रहा है हिंदुस्तान में.. क्या है ये विवाद

नरेंद्र मोदी का जवाबः हां चैनल चल रहा है. चल रहा है

ABP न्यूज़ का सवालः टी-शर्ट आपके नाम से बिक रही हैं. टोपियां आपके नाम से बिक रही हैं. अब एक टीवी चैनल आ गया है नमो टीवी.

नरेंद्र मोदी का जवाबः चला रहे हैं कुछ लोग. मैं देख नहीं पाया हूं अभी. मैं देख नहीं पाया हूं. मुझे समय नहीं मिलता है इतना.

ABP न्यूज़ का सवालः दिलचस्प है आपको जरूर देखना चाहिए लेकिन अब मैं जरा क्योंकि हम लोग एंड की तरफ बढ़ रहे हैं मैं बंगाल आपको ले जाना चाह रही हूं. पश्चिम बंगाल. बड़ी उम्मीदों से बीजेपी पश्चिम बंगाल की तरफ देख रही है और आपने ये कहा है कि दीदी जो है वो बैरियर की तरह हैं. रुकावट हैं. और दीदी कह रही हैं कि स्पीड ब्रेकर आप उनको कह रहे हैं और वो ये कह रही हैं कि आप एक्सपायरी डेट से आपकी तुलना कर रही हैं. आपकी एक्सपायरी डेट है मोदी जी.

नरेंद्र मोदी का जवाबः देखिए हर व्यक्ति पैदा होता है. एक्सपायरी डेट लेकर के ही आता है. मैं नहीं मानता कि कोई दुनिया में ऐसा जीव है जिसकी एक्सपायरी डेट नहीं है. मेरी एक्सपायरी डेट क्या है मुझे मालूम नहीं है. अगर उनके पास है

ABP न्यूज़ का सवालः इस (पीएम) पद पर.

नरेंद्र मोदी का जवाबः तो उन्हें बता देनी चाहिए.

ABP न्यूज़ का सवालः प्राइममिनिस्टरशिप की. प्राइममिनिस्टरशिप की एक्सपायरी डेट?

नरेंद्र मोदी का जवाबः देखिए वो 130 करोड़ देशवासी तय करेंगे.

ABP न्यूज़ का सवालः आपको लगता है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो पाएंगें. वहां चुनाव में हिंसा का इतिहास रहा है?

नरेंद्र मोदी का जवाबः सभी चुनाव आयुक्तों ने यह रिपोर्ट की है. लेफ्ट था तभी यही हाल था. जबसे ममता आईं तब भी यही हाल है. हिंसा बहुत बड़ी मात्रा में हो रही है. यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है. मैं चाहूंगा कि लोकतंत्र पर नजर रखने वाले लोग इस पर भी नजर रखें.

ABP न्यूज़ का सवालः इस बार अमित भाई भी चुनाव लड़ रहे हैं.

नरेंद्र मोदी का जवाबः अमित भाई सालों तक विधानसभा में जीतकर आए. गुजरता विधानसभा में तो शायद सबसे ज्यादा वोटों से जीतकर आए. वो उनका ट्रैक रिकॉर्ड है. वे सचमुच में जनप्रतिनिधि हैं. इसलिए उनका लोकसभा लड़ना कोई बड़ी चीज नहीं है, वो स्वाभाविक असेंबली तो लड़ते ही थे.

ABP न्यूज का सवालः क्या अमित शाह आने वाली सरकार में नंबर दो की पोजिशन में होंगे?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं समझता हूं कि ये आप इस प्रकार के खेल खेल रहे हैं, आप मेरी पार्टी में आग लगाना चाहते हैं. अगर अमित भाई अगर सरकार में आना चाहते तो वो राज्यसभा के सदस्य तो थे ही. एक डेढ़ साल से, तब भी मंत्री बन सकते हैं. तो ये बेकार की बातें हैं, तो इस तरह का विवाद पैदा करके आपको टीआरपी मिलेगा या नहीं मैं नहीं जानता हूं.

ABP न्यूज़ का सवालः इस चीज यूपी को लेकर अमित भाई लगातार कहते रहे कि हमको 73 से ज्यादा सीटें आएंगी और अभी एक कार्यक्रम में माननीय राजनाथ जी ने कहा कि हमारी 15-20 सीटें कम हो जाएंगी. आपका खासकर यूपी को लेकर क्या आंकलन है?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं पूरे देश का आंकलन बता देता हूं. मैंने शुरू में कहा कि मैंने ऐसी लहर 2013-14 में जब मैं देशभर में भ्रमण करता था, मैंने नहीं देखी थी. उससे कई गुना ज्यादा लहर सरकार के पक्ष में है और जैसा कि आपने ही कहा कि जो पहली बार वोट करने वाले हैं वो मजबूत सरकार की तरफ जा रहे हैं और मैं मानता हूं कि देश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार होनी चाहिए, ये मेरा स्पष्ट मत है क्योंकि इतना बड़ा देश चलाने के लिए बहुत जरूरी होता है और निष्पक्ष मीडिया ने भी, कमिटिड मीडिया के लोग हों तो मुझे उनके लिए कुछ कहना नहीं. निष्पक्ष मीडिया का भी यही संदेश होना चाहिए कि देश को पूर्ण बहुमत की सरकार मिले.

देश में पूर्ण बने पूर्ण बहुमत की सरकार

किसकी हो किसकी नहीं इसके पक्ष में आप ना पड़ें ये तो मैं समझ सकता हूं लेकिन पूर्ण बहुमत की सरकार होनी चाहिए ये बात डंके की चोट पर कहनी चाहिए. जहां तक मेरा भ्रमण हुआ है उसके आधार पर मैं कहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी का अपना टैली पहले से बहुत बढ़ेगा. हमारे जो एनडीए के साथी हैं उनका भी टैली पहले की तुलना मैं बहुत बढ़ेगा और हम एक बहुत बड़ी ताकत के साथ इस बार देश की जनता हमें सेवा करने का मौका देगी.

ABP न्यूज़ का सवालः जाते जाते सुमित मैं ये सवाल जरूर पूछना चाह रही हूं कि पिछले पांच सालों में मेहूल चौकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या भाग गए यहां से, उनको वापिस लाने के लिए अब देश आपसे सवाल पूछ रहा है और विपक्ष भी जोर-शोर से इस मुद्दे को उठा रहा है. आप कैसे देश को समझाएंगे ?


नरेंद्र मोदी का जवाबः पहली बात ये है कि जो हमने कदम उठाए हैं उसी का कारण है कि भागने वालों को वहां की जेलों में भी जाना पड़ रहा है. इसकी का कारण है कि उनकी सारी संपत्ति जब्त हो रही हैं और देश पूरी तरह देख रहा है कि हम एक के बाद जो भी हमारे पास कानूनी हथियार हैं, क्योंकि देश तो नियम से चलता है, उसका पूरा इस्तेमाल हम कर रहे हैं, लेकिन इनको भागना क्यों पड़ा. वो तो मौज कर रहे थे. दस साल में ही उन्होंने ये रूपये मारे हैं. ये हमारे आने के बाद नहीं मारे हैं.

बीजेपी सरकार से डर कर भागे घोटालेबाज

ये सारे रूपये उस समय मारे हैं लेकिन उनको पता ही नहीं था कि कोई ऐसी भी सरकार आएगी कि जो रूपये निकलवाएगी तो वो भाग गए, भागना पड़ा है. पच्चीस साल के बाद भी कोई सरकार ऐसी आ गई तो ये हंसते हुए वापिस आ जाएंगे. हम लाएंगे तो सीधा जेल के अंदर डालेंगे ये पक्का है. दूसरा भागने को तो कहते हैं वॉल्टर एंडरसन, भोपाल वाला, गैस कांड. सरकारी जहाज में लाए और भगाया. इतने लोगों की मौत हो गई थी. आप देखिए थिएटर में आग लगी तो लोग भुगत रहे हैं. उसको सरकारी विमान में लाकर हिंदुस्तान से बाहर भेजा गया. वो भगाना कहते हैं जो कांग्रेस के लोगों ने किया.

ABP न्यूज़ का सवालः प्राइममिनिस्टर साहब, आखिर में हम लोग आ गए हैं आपने पांच साल पहले कहा था कि मैं तो दिल्ली का आदमी नहीं हूं. दिल्ली में नया हूं. एडजस्ट हो पाऊंगा या नहीं. पांच साल बीत गए हैं अब आपको लगता है कि दिल्ली आपको भा गई है ? आप अगले पांच साल की बात कर रहे हैं. आप कह दे रह हैं कि आप रूकेंगे यहां.


नरेंद्र मोदी का जवाबः जब मैं दिल्ली की बात करता हूं तब मैं यहां के कोई हवा, पेड़, पौधों या पानी की बात नहीं कर रहा हूं. दिल्ली के राजनीतिक गलियारों की जो बू आ रही थी, दिल्ली की लुटियन दुनिया की जो बू आ रही थी. उसके संदर्भ में मैं कहता हूं और ना मैंने उनको स्वीकार किया है ना उन्होंने मुझे स्वीकार किया है और भगवान मुझ पर बनाए रखे आशीर्वाद कि मैं ऐसी परंपरा और आदतों से ना जुड़ुं. दूसरा सवाल है कि मैंने पूरे हिंदुस्तान को अपना बना लिया है और पूरे हिंदुस्तान में दिल्ली एक हिस्सा है.

दिल्ली को सभी राज्यों में ले गया

दिल्ली हिंदुस्तान से बाहर नहीं है लेकिन मैंने सबसे बड़ा काम किया है कि मैं दिल्ली को ही पूरे देश में ले गया. देश को दिल्ली के लिए मिलाना या मजबूर करने की बजाय मैं दिल्ली को ही उठाकर ले गया. आप जब नॉर्थ-ईस्ट जाएंगे तो करीब करीब, एवरेज हर पंद्रह दिन मैं मेरा कोई मंत्री नॉर्थ –ईस्ट में गया है. रात्रि विश्राम किया है. मैं दिल्ली को बाहर ले गया हूं. सारे सरकारी स्कीम पहले विज्ञान भवन में लॉन्च होती थी मैं अब हिंदुस्तान के कोने कोने में ले जाता हूं और राज्यों को पार्टनर बनाता हूं और वहां करता हूं.

ABP न्यूज़ का सवालः आपने रात्रि का जिक्र किया, नवरात्रि शुरू होने वाले हैं. बहुत सारी रैलियां हैं. आप इस बार भी व्रत रखेंगे ?

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं करीब 40-45 सालों से कर रहा हूं तो मेरी कोशिश रहती है कि उसे निभाऊं. कठिन होता है, लेकिन ये वाली नवरात्रि उतनी कठिन नहीं होती है, जितना मेरा सितंबर-अक्टूबर वाला होती है. ये थोड़ा सरल होता है लेकिन गर्मी बहुत होती है, लेकिन मैं जमा लूंगा मामला.

ABP न्यूज़ का सवालः क्या आप नवरात्रि में कुछ नहीं खाते हैं ? पूरी तरह उपवास करते हैं?

नरेंद्र मोदी का जवाबः जी नहीं.

ABP न्यूज़ का सवालः तो फिर आप कैसे कह रहे हैं कि इसमें आपको कम थकान होती है ? उसमें क्या ज्यादा कठिन तपस्या होती है ? इसमें कम होती है व्रत की?

नरेंद्र मोदी का जवाबः ऐसा है कि जो सितंबर-अक्टूबर में नवरात्रि होती है उसमें मेरा समय थोड़ा व्यक्तिगत साधना वगरैह में जाता है. इसमें मुझे उतना समय नहीं देना पड़ता है क्योंकि इसका टाइम-टेबल मेरा थोड़ा अलग होता है. उसमें मैं सिर्फ पानी लेता हूं और कुछ नहीं लेता. इसमें ऐसा नहीं है. इसमें मैं, मान लीजिए कि मैं तय करूं कि इस नवरात्रि को मैं पपीता लूंगा तो पपीते के अलावा मैं किसी चीज को हाथ नहीं लगाता हूं. तो ऐसे एक चीज तय करता हूं और उसके आधार पर चलता हूं.

ABP न्यूज़ का सवालः तो क्या आपने इस बार तय कर लिया है?

नरेंद्र मोदी का जवाबः वो करुंगा मैं, वो पब्लिक का विषय नहीं होता है.

ABP न्यूज़ का सवालः वैसे पब्लिक अब अपना मन बनाएंगी. आप रैलियों में जाएंगे. ABP न्यूज नेटवर्क की तरफ से आपको शुभकामनाएं. ये लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है और इसको हम भी बहुत खूबसूरत तरीके से कवर करेंगे और हम चाहेंगे कि पब्लिक भी बहुत खूबसूरत तरीके से, जैसा आपसे वादा किया था हमने, ABP न्यूज नेटवर्क जो है वो ये बता भी रहा है कि लोकतंत्र का ये पर्व है और हर कोई बढ़-चढ़ कर इसमें हिस्सा ले. बहुत बहुत शुक्रिया प्रधानमंत्री जी.

नरेंद्र मोदी का जवाबः मैं भी अभारी हूं. आज मेरे एक दिन का बीच में और सरकारी कामों के लिए यहां था तो आपसे बात करने का मौका मिल गया. मैं ABP के दर्शकों से भी यही प्रार्थना करूंगा कि आप वोट जरूर करें. लोकतंत्र एक बहुत बड़ा उत्सव होता है.

मतदान को लेकर पीएम मोदी की अपील

किसको वोट देंगे वो आपकी मर्जी लेकिन वोट जरूर दें. गर्मी बहुत हैं वोट देने जाएं तो पानी की एक बोतल साथ लेकर जाएं ताकि आपको कोई दिक्कत ना हो. इस बार रमजान भी है, क्रिकेट के मैच भी चल रहे हैं, कई त्योहार भी हैं, इसके बावजूद शासन ने सारी चीजों को संभालने की जिम्मेवारी लेने की कोशिश की है. मुझे विश्वास है कि उमंग और उत्साह के साथ ये लोकतंत्र का पर्व पूर्ण होगा. नई सरकार बनेगी, फिर से एक बार मैं आपकी आशा और आकांक्षा को पूरा करने के लिए जी जान से जुटा रहूंगा.

मैं आप सभी के लिए काम करता रहुंगा

कभी कभी लोगों को लगता है कि एक टर्म के बाद दूसरे टर्म के लिए क्यों मेहनत करे. दो टर्म हों या दस टर्म हों मैं जीवन के आखिरी पल तक आपके लिए हूं, आपके लिए काम करता रहूंगा. मैं यह विश्वास देता हूं. आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद.

Source: ABP News

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PM chairs Fifth National Conference of Chief Secretaries in Delhi
December 28, 2025
Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence in governance, delivery and manufacturing: PM
PM says India has boarded the ‘Reform Express’, powered by the strength of its youth
PM highlights that India's demographic advantage can significantly accelerate the journey towards Viksit Bharat
‘Made in India’ must become a symbol of global excellence and competitiveness: PM
PM emphasises the need to strengthen Aatmanirbharta and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect’
PM suggests identifying 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience
PM urges every State must to give top priority to soon to be launched National Manufacturing Mission
PM calls upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and make India a Global Services Giant
PM emphasises on shifting to high value agriculture to make India the food basket of the world
PM directs States to prepare roadmap for creating a global level tourism destination

Prime Minister Narendra Modi addressed the 5th National Conference of Chief Secretaries in Delhi, earlier today. The three-day Conference was held in Pusa, Delhi from 26 to 28 December, 2025.

Prime Minister observed that this conference marks another decisive step in strengthening the spirit of cooperative federalism and deepening Centre-State partnership to achieve the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised that Human Capital comprising knowledge, skills, health and capabilities is the fundamental driver of economic growth and social progress and must be developed through a coordinated Whole-of-Government approach.

The Conference included discussions around the overarching theme of ‘Human Capital for Viksit Bharat’. Highlighting India's demographic advantage, the Prime Minister stated that nearly 70 percent of the population is in the working-age group, creating a unique historical opportunity which, when combined with economic progress, can significantly accelerate India's journey towards Viksit Bharat.

Prime Minister said that India has boarded the “Reform Express”, driven primarily by the strength of its young population, and empowering this demographic remains the government’s key priority. Prime Minister noted that the Conference is being held at a time when the country is witnessing next-generation reforms and moving steadily towards becoming a major global economic power.

He further observed that Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence and urged all stakeholders to move beyond average outcomes. Emphasising quality in governance, service delivery and manufacturing, the Prime Minister stated that the label "Made in India' must become a symbol of excellence and global competitiveness.

Prime Minister emphasised the need to strengthen Aatmanirbharta, stating that India must pursue self-reliance with zero defect in products and minimal environmental impact, making the label 'Made in India' synonymous with quality and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect.’ He urged the Centre and States to jointly identify 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience in line with the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised the need to map skill demand at the State and global levels to better design skill development strategies. In higher education too, he suggested that there is a need for academia and industry to work together to create high quality talent.

For livelihoods of youth, Prime Minister observed that tourism can play a huge role. He highlighted that India has a rich heritage and history with a potential to be among the top global tourist destinations. He urged the States to prepare a roadmap for creating at least one global level tourist destination and nourishing an entire tourist ecosystem.

PM Modi said that it is important to align the Indian national sports calendar with the global sports calendar. India is working to host the 2036 Olympics. India needs to prepare infrastructure and sports ecosystem at par with global standards. He observed that young kids should be identified, nurtured and trained to compete at that time. He urged the States that the next 10 years must be invested in them, only then will India get desired results in such sports events. Organising and promoting sports events and tournaments at local and district level and keeping data of players will create a vibrant sports environment.

PM Modi said that soon India would be launching the National Manufacturing Mission (NMM). Every State must give this top priority and create infrastructure to attract global companies. He further said that it included Ease of Doing Business, especially with respect to land, utilities and social infrastructure. He also called upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and strengthen the services sector. In the services sector, PM Modi said that there should be greater emphasis on other areas like Healthcare, education, transport, tourism, professional services, AI, etc. to make India a Global Services Giant.

Prime Minister also emphasized that as India aspires to be the food basket of the world, we need to shift to high value agriculture, dairy, fisheries, with a focus on exports. He pointed out that the PM Dhan Dhanya Scheme has identified 100 districts with lower productivity. Similarly, in learning outcomes States must identify the lowest 100 districts and must work on addressing the issues around the low indicators.

PM also urged the States to use Gyan Bharatam Mission for digitization of manuscripts. He said that States may start a Abhiyan to digitize such manuscripts available in States. Once these manuscripts are digitized, Al can be used for synthesizing the wisdom and knowledge available.

Prime Minister noted that the Conference reflects India’s tradition of collective thinking and constructive policy dialogue, and that the Chief Secretaries Conference, institutionalised by the Government of India, has become an effective platform for collective deliberation.

Prime Minister emphasised that States should work in tandem with the discussions and decisions emerging from both the Chief Secretaries and the DGPs Conferences to strengthen governance and implementation.

Prime Minister suggested that similar conferences could be replicated at the departmental level to promote a national perspective among officers and improve governance outcomes in pursuit of Viksit Bharat.

Prime Minister also said that all States and UTs must prepare capacity building plan along with the Capacity Building Commission. He said that use of Al in governance and awareness on cyber security is need of the hour. States and Centre have to put emphasis on cyber security for the security of every citizen.

Prime Minister said that the technology can provide secure and stable solutions through our entire life cycle. There is a need to utilise technology to bring about quality in governance.

In the conclusion, Prime Minister said that every State must create 10-year actionable plans based on the discussions of this Conference with 1, 2, 5 and 10 year target timelines wherein technology can be utilised for regular monitoring.

The three-day Conference emphasised on special themes which included Early Childhood Education; Schooling; Skilling; Higher Education; and Sports and Extracurricular Activities recognising their role in building a resilient, inclusive and future-ready workforce.

Discussion during the Conference

The discussions during the Conference reflected the spirit of Team India, where the Centre and States came together with a shared commitment to transform ideas into action. The deliberations emphasised the importance of ensuring time-bound implementation of agreed outcomes so that the vision of Viksit Bharat translates into tangible improvements in citizens’ lives. The sessions provided a comprehensive assessment of the current situation, key challenges and possible solutions across priority areas related to human capital development.

The Conference also facilitated focused deliberations over meals on Heritage & Manuscript Preservation and Digitisation; and Ayush for All with emphasis on integrating knowledge in primary healthcare delivery.

The deliberations also emphasised the importance of effective delivery, citizen-centric governance and outcome-oriented implementation to ensure that development initiatives translate into measurable on-ground impact. The discussions highlighted the need to strengthen institutional capacity, improve inter-departmental coordination and adopt data-driven monitoring frameworks to enhance service delivery. Focus was placed on simplifying processes, leveraging technology and ensuring last-mile reach so that benefits of development reach every citizen in a timely, transparent and inclusive manner, in alignment with the vision of Viksit Bharat.

The Conference featured a series of special sessions that enabled focused deliberations on cross-cutting and emerging priorities. These sessions examined policy pathways and best practices on Deregulation in States, Technology in Governance: Opportunities, Risks & Mitigation; AgriStack for Smart Supply Chain & Market Linkages; One State, One World Class Tourist Destination; Aatmanirbhar Bharat & Swadeshi; and Plans for a post-Left Wing Extremism future. The discussions highlighted the importance of cooperative federalism, replication of successful State-level initiatives and time-bound implementation to translate deliberations into measurable outcomes.

The Conference was attended by Chief Secretaries, senior officials of all States/Union Territories, domain experts and senior officers in the centre.