Quoteकेवड़िया का देश की हर दिशा से सीधी रेल कनेक्टिविटी से जुड़ना पूरे देश के लिए अद्भुत क्षण है : प्रधानमंत्री
Quoteबीते वर्षों में देश के रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए जितना काम हुआ है, वह अभूतपूर्व है : प्रधानमंत्री
Quoteस्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए अब स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा पर्यटक पहुंचने लगे हैं : प्रधानमंत्री
Quoteप्रधानमंत्री ने एमजी रामचंद्रन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के विभिन्न भागों को केवड़िया से जोड़ने वाली 8 रेलगाड़ियों को झंडी दिखाकर रवाना किया। इन रेल गाड़ियों के चलने के बाद देश के विभिन्न क्षेत्रों से केवड़िया का निरंतर संपर्क स्थापित हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने दाभोई-चंदोद गेज लाइन के ब्रॉड गेज में बदले जाने, चंदोद- केवड़िया नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन, प्रतापनगर-केवड़िया के नए विद्युतीकरण खंड और दाभोई, चंदोद तथा केवड़िया स्टेशनों के नए भवन का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री और केंद्रीय रेल मंत्री भी उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि रेलवे के इतिहास में यह पहला अवसर है जब एक गंतव्य के लिए देश के विभिन्न भागों से रेलगाड़ियों की एक साथ शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि यह केवड़िया के महत्व को दर्शाता है, जो कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और सरदार सरोवर का केंद्र है। आज का यह आयोजन रेलवे के विजन और सरदार पटेल के मिशन का दृष्टांत बनेगा।

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पुरुचि थालिआइवर डॉ एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से केवड़िया जाने वाली नई रेल गाड़ी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत रत्न एमजीआर को उनकी जयंती पर नमन किया। श्री मोदी ने फिल्म जगत और राजनीति के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एमजीआर की राजनीतिक सेवा गरीबों को समर्पित थी और उन्होंने निचले तबकों के लोगों को सम्मानजनक जीवन दिलाने में अनाथक प्रयत्न किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उनके आदर्शों को पूरा करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने याद किया कि देश ने उनको सम्मान देने के लिए चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर एमजीआर किया।

प्रधानमंत्री ने केवड़िया के सीधे चेन्नई, वाराणसी, रीवा, दादर और दिल्ली से जुड़ने तथा केवड़िया और प्रतापनगर के बीच मेमू सेवाओं के शुरू होने, दाभोई-चंदोद के ब्रॉड गेज होने और चंदोद-केवड़िया के बीच नई रेल लाइन शुरू होने से केवड़िया में विकास का नया अध्याय शुरू होगा। यह पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय आदिवासियों को लाभ पहुंचाएगा। साथ ही इससे रोजगार के नए-नए अवसर पैदा होंगे। रेलवे लाइन नर्मदा पर पड़ने वाले धार्मिक विश्वास के पूजनीय स्थलों करनाली, पोईचा और गरुणेश्वर को जोड़ेगी।

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केवड़िया में विकास यात्रा के जारी रहने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केवड़िया अब किसी सुदूरवर्ती इलाके में बसा महज़ एक छोटा सा स्थान नहीं रह गया बल्कि यह अब दुनिया के सबसे बड़े पर्यटक स्थलों में स्थान रखता है। प्रधानमंत्री ने बताया कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी अब स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से भी अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की स्थापना से लेकर अब तक 50 लाख से अभी अधिक पर्यटक इसे देखने के लिए आ चुके हैं। कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के खुलने के बाद इसमें अब फिर से वृद्धि देखने को मिल रही है। एक अनुमान के अनुसार केवड़िया के देश के नए क्षेत्रों से सीधे जुड़ जाने के बाद प्रतिदिन केवड़िया आने वालों की संख्या बढ़ते हुए एक लाख तक पहुँच सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केवड़िया अर्थव्यवस्था और परिस्थितिकी के सुनियोजित विकास का सबसे अच्छा उदाहरण है, जिसके विकास में पर्यावरण के संरक्षण को भी महत्व दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शुरुआत में जब केवड़िया को प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव आया तब यह मन में फूटने वाला का लड्डू लगता था। ऐसा इसलिए था क्योंकि कार्यप्रणाली पुरानी थी, सड़क संपर्क नहीं था, गलियां नहीं थीं, प्रकाश की व्यवस्था नहीं थी, रेल संपर्क नहीं था और पर्यटकों के लिए ठहरने या अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। और अब केवड़िया पूरी तरह से बदल चुका है, जहां पर्यटकों को सभी सुविधाएं मिल रही हैं। केवड़िया में शानदार स्टेचू ऑफ यूनिटी है, सरदार सरोवर है, सरदार पटेल जूलॉजिकल पार्क है, आरोग्य वन है, और जंगल सफारी तथा पोषण पार्क है। इन सबके अलावा यहां ग्लो गार्डन और एकता क्रूज और वाटर स्पोर्ट्स का विकल्प भी पर्यटकों को मिलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन के पढ़ने से आदिवासी युवाओं को रोजगार मिल रहा है और स्थानीय लोगों को आधुनिक सुविधाएं मिल रही हैं। स्थानीय कारीगरों को एकता मॉल में हस्तशिल्प से जुड़े उत्पादों की आपूर्ति के रूप में नए अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में 200 कमरे विकसित किए जा रहे हैं जहां पर्यटक होम स्टे की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

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प्रधानमंत्री ने केवड़िया स्टेशन के बारे में भी चर्चा की जिसका विकास पर्यटकों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। इसमें आदिवासी कला दीर्घा और दर्शक दीर्घा भी बनाई गई है जहां आने वाले यात्री और पर्यटक स्टेच्यु ऑफ यूनिटी की झलकी ले सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने लक्ष्य आधारित प्रयासों से रेलवे के कायाकल्प किए जाने पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि यात्री और माल ढुलाई की पारंपरिक व्यवस्था से अलग रेलवे अब पर्यटन और धार्मिक महत्व के स्थानों को सीधे रेलवे नेटवर्क से जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद-केवड़िया समेत विभिन्न मार्गों पर चलने वाली ‘विस्टा डोम कोच’ वाली जन शताब्दी यात्रियों को आकर्षित करेगी।

प्रधानमंत्री ने रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास की परंपरा में बदलाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले मौजूद बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करते हुए पुरानी व्यवस्था को बनाए रखने तक ही ध्यान केन्द्रित किया जाता था जबकि नए विचारों और नई प्रौद्योगिकियों की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता था। इस सोच में बदलाव अपरिहार्य हो गया था। हाल के वर्षों में संपूर्ण रेलवे सिस्टम के कायाकल्प पर काम किया गया है और यह बजट में बढ़ोतरी तथा नई रेलगाड़ियां शुरू करने की घोषणा तक ही सीमित नहीं। बदलाव विभिन्न मोर्चों पर आए हैं। उन्होंने केवड़िया को देश के विभिन्न स्थानों से जोड़े जाने की वर्तमान में परियोजनाओं का उल्लेख किया जिन्हें रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है।

प्रधानमंत्री ने समर्पित माल गलियारे को पहले से जारी व्यवस्था में बदलाव की सोच का एक ताज़ा उदाहरण बताया। प्रधानमंत्री ने पूर्वी-पश्चिमी माल गलियारे को हाल ही में राष्ट्र को समर्पित किया था। इस परियोजना के अंतर्गत 2006 से 2014 तक कार्य की प्रगति मात्र कागजों पर हुई थी और इस दौरान 1 किलोमीटर का भी नया ट्रैक नहीं बिछाया जा सका था। अब अगले कुछ दिनों में कुल 1100 किलोमीटर पर निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है।

प्रधानमंत्री ने नए संपर्कों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब देश के उन भागों को भी संपर्क उपलब्ध कराया जा रह है जो अब तक देश से कटे हुए थे। ब्रॉडगेज लाइनों को बिछाने और गैर विद्युतीकरण वाले रेल मार्गों पर विद्युतीकरण परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। साथ ही तेज रफ्तार वाली गाड़ियों के लिए ट्रैक तैयार किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके चलते अब हम सेमी हाई स्पीड की रेलगाड़ियां चलाने में सक्षम हुए हैं और धीरे-धीरे उच्च गति वाली रेलगाड़ियां चलाने की क्षमता भी विकसित कर ली जाएगी। इसके लिए बजट में कई गुना की वृद्धि की गई है।

प्रधानमंत्री रेखांकित किया कि विकास के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि रेलवे पर्यावरण अनुकूल बना रहेगा। केवड़िया स्टेशन भारत का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन है जो हरित भवन प्रमाणन के साथ शुरू हो रहा है।

उन्होंने रेलवे से जुड़े उत्पादन और प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता के महत्व पर ज़ोर दिया, जिसके अब अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। यह स्थानीय उच्च हॉर्स पावर क्षमता के विद्युत लोकोमोटिव निर्माण के चलते ही संभव हुआ है कि भारत दुनिया की पहली लंबी दूरी वाली डबल डेकर की माल गाड़ियों को शुरू कर पाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अनेक स्वदेश निर्मित आधुनिक रेलगाड़ियां भारतीय रेल का हिस्सा बन गई हैं।

प्रधानमंत्री ने रेलवे के कायाकल्प की आवश्यकताओं की पूर्वी के लिए कुशल और विशेषज्ञ मानव संसाधन के महत्व पर ज़ोर दिया। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बड़ौदा में डीम्ड रेलवे विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। भारत दुनिया के कुछ उन देशों में है जहां ऐसे महत्वपूर्ण संस्थान हैं। रेल परिवहन के लिए आधुनिक सुविधाएं, बहु स्तरीय शोध आदि में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। रेलवे को बेहतर करने के लिए 20 राज्यों के प्रतिभाशाली युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन के समापन में कहा कि यह नवाचार और शोध के माध्यम से रेलवे के आधुनिकीकरण में सहायक होगा।

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  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

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  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

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  • Reena chaurasia August 29, 2024

    BJP BJP
  • Manda krishna BJP Telangana Mahabubabad District mahabubabad July 06, 2022

    🌹💐
  • R N Singh BJP June 27, 2022

    jai hind
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आज, नॉर्थ ईस्ट ‘ग्रोथ का फ्रंट-रनर’ बन रहा है: राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट में पीएम मोदी
May 23, 2025
QuoteThe Northeast is the most diverse region of our diverse nation: PM
QuoteFor us, EAST means - Empower, Act, Strengthen and Transform: PM
QuoteThere was a time when the North East was merely called a Frontier Region.. Today, it is emerging as the ‘Front-Runner of Growth’: PM
QuoteThe North East is a complete package for tourism: PM
QuoteBe it terrorism or Maoist elements spreading unrest, our government follows a policy of zero tolerance: PM
QuoteThe North East is becoming a key destination for sectors like energy and semiconductors: PM

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, सुकांता मजूमदार जी, मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला जी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा जी, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू जी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा जी, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा जी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग जी, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो जी, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा जी, सभी इंडस्ट्री लीडर्स, इन्वेस्टर्स, देवियों और सज्जनों!

आज जब मैं राइज़िंग नॉर्थईस्ट के इस भव्य मंच पर हूँ, तो मन में गर्व है, आत्मीयता है, अपनापन है, और सबसे बड़ी बात है, भविष्य को लेकर अपार विश्वास है। अभी कुछ ही महीने पहले, यहां भारत मंडपम् में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था, आज हम यहां नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टमेंट का उत्सव मना रहे हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में इंडस्ट्री लीडर्स आए हैं। ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपने हैं। मैं सभी मंत्रालयों और सभी राज्यों की सरकारों को इस काम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपके प्रयासों से, वहां इन्वेस्टमेंट के लिए एक शानदार माहौल बना है। नॉर्थ ईस्ट राइजिंग समिट, इसकी सफलता के लिए मेरी तरफ से, भारत सरकार की तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

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साथियों,

भारत को दुनिया का सबसे Diverse Nation कहा जाता है, और हमारा नॉर्थ ईस्ट, इस Diverse Nation का सबसे Diverse हिस्सा है। ट्रेड से ट्रेडिशन तक, टेक्सटाइल से टूरिज्म तक, Northeast की Diversity, ये उसकी बहुत बड़ी Strength है। नॉर्थ ईस्ट यानि Bio Economy और Bamboo, नॉर्थ ईस्ट यानि टी प्रोडक्शन एंड पेट्रोलियम, नॉर्थ ईस्ट यानि Sports और Skill, नॉर्थ ईस्ट यानि Eco-Tourism का Emerging हब, नॉर्थ ईस्ट यानि Organic Products की नई दुनिया, नॉर्थ ईस्ट यानि एनर्जी का पावर हाउस, इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए ‘अष्टलक्ष्मी’ हैं। ‘अष्टलक्ष्मी’ के इस आशीर्वाद से नॉर्थ ईस्ट का हर राज्य कह रहा है, हम निवेश के लिए तैयार हैं, हम नेतृत्व के लिए तैयार हैं।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण के लिए पूर्वी भारत का विकसित होना बहुत जरूरी है। और नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत का सबसे अहम अंग है। हमारे लिए, EAST का मतलब सिर्फ एक दिशा नहीं है, हमारे लिए EAST का मतलब है – Empower, Act, Strengthen, and Transform. पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है। यही Policy, यही Priority, आज पूर्वी भारत को, हमारे नॉर्थ ईस्ट को ग्रोथ के सेंटर स्टेज पर लेकर आई है।

साथियों,

पिछले 11 वर्षों में, जो परिवर्तन नॉर्थ ईस्ट में आया है, वो केवल आंकड़ों की बात नहीं है, ये ज़मीन पर महसूस होने वाला बदलाव है। हमने नॉर्थ ईस्ट के साथ केवल योजनाओं के माध्यम से रिश्ता नहीं जोड़ा, हमने दिल से रिश्ता बनाया है। ये आंकड़ा जो मैं बता रहा हूं ना, सुनकर के आश्चर्य होगा, Seven Hundred Time, 700 से ज़्यादा बार हमारे केंद्र सरकार के मंत्री नॉर्थ ईस्ट गए हैं। और मेरा नियम जाकर के आने वाला नहीं था, नाइट स्टे करना कंपलसरी था। उन्होंने उस मिट्टी को महसूस किया, लोगों की आंखों में उम्मीद देखी, और उस भरोसे को विकास की नीति में बदला, हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को सिर्फ़ ईंट और सीमेंट से नहीं देखा, हमने उसे इमोशनल कनेक्ट का माध्यम बनाया है। हम लुक ईस्ट से आगे बढ़कर एक्ट ईस्ट के मंत्र पर चले, और इसी का परिणाम आज हम देख रहे हैं। एक समय था, जब Northeast को सिर्फ Frontier Region कहा जाता था। आज ये Growth का Front-Runner बन रहा है।

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साथियों,

अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म को attractive बनाता है। जहां इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होता है, वहां Investors को भी एक अलग Confidence आता है। बेहतर रोड्स, अच्छा पावर इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक नेटवर्क, किसी भी इंडस्ट्री की backbone है। Trade भी वहीं Grow करता है, जहाँ Seamless Connectivity हो, यानि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, हर Development की पहली शर्त है, उसका Foundation है। इसलिए हमने नॉर्थ ईस्ट में Infrastructure Revolution शुरू किया है। लंबे समय तक नॉर्थ ईस्ट अभाव में रहा। लेकिन अब, नॉर्थ ईस्ट Land of Opportunities बन रहा है। हमने नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर लाखों करोड़ रुपए खर्च किए हैं। आप अरुणाचल जाएंगे, तो सेला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर आपको मिलेगा। आप असम जाएंगे, तो भूपेन हज़ारिका ब्रिज जैसे कई मेगा प्रोजेक्ट्स देखेंगे, सिर्फ एक दशक में नॉर्थ ईस्ट में 11 Thousand किलोमीटर के नए हाईवे बनाए गए हैं। सैकड़ों किलोमीटर की नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं, नॉर्थ ईस्ट में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो चुकी है। ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर वॉटरवेज़ बन रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में मोबाइल टावर्स लगाए गए हैं, और इतना ही नहीं, 1600 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड भी बनाया गया है। ये इंडस्ट्री को ज़रूरी गैस सप्लाई का भरोसा देता है। यानि हाईवेज, रेलवेज, वॉटरवेज, आईवेज, हर प्रकार से नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी सशक्त हो रही है। नॉर्थ ईस्ट में जमीन तैयार हो चुकी है, हमारी इंड़स्ट्रीज को आगे बढ़कर, इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए। आपको First Mover Advantage से चूकना नहीं है।

साथियों,

आने वाले दशक में नॉर्थ ईस्ट का ट्रेड पोटेंशियल कई गुना बढ़ने वाला है। आज भारत और आसियान के बीच का ट्रेड वॉल्यूम लगभग सवा सौ बिलियन डॉलर है। आने वाले वर्षों में ये 200 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा, नॉर्थ ईस्ट इस ट्रेड का एक मजबूत ब्रिज बनेगा, आसियान के लिए ट्रेड का गेटवे बनेगा। और इसके लिए भी हम ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेज़ी से काम कर रहे हैं। भारत-म्यांमार-थाईलैंड ट्रायलेटरल हाईवे से म्यांमार होते हुए थाईलैंड तक सीधा संपर्क होगा। इससे भारत की कनेक्टिविटी थाईलैंड, वियतनाम, लाओस जैसे देशों से और आसान हो जाएगी। हमारी सरकार, कलादान मल्टीमोडल ट्रांजिट प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने में जुटी है। ये प्रोजेक्ट, कोलकाता पोर्ट को म्यांमार के सित्तवे पोर्ट से जोड़ेगा, और मिज़ोरम होते हुए बाकी नॉर्थ ईस्ट को कनेक्ट करेगा। इससे पश्चिम बंगाल और मिज़ोरम की दूरी बहुत कम हो जाएगी। ये इंडस्ट्री के लिए, ट्रेड के लिए भी बहुत बड़ा वरदान साबित होगा।

साथियों,

आज गुवाहाटी, इम्फाल, अगरतला ऐसे शहरों को Multi-Modal Logistics Hubs के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मेघालय और मिज़ोरम में Land Custom Stations, अब इंटरनेशनल ट्रेड को नया विस्तार दे रहे हैं। इन सारे प्रयासों से नॉर्थ ईस्ट, इंडो पेसिफिक देशों में ट्रेड का नया नाम बनने जा रहा है। यानि आपके लिए नॉर्थ ईस्ट में संभावनाओं का नया आकाश खुलने जा रहा है।

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साथियों,

आज हम भारत को, एक ग्लोबल Health And Wellness Solution Provider के रुप में स्थापित कर रहे हैं। Heal In India, Heal In India का मंत्र, ग्लोबल मंत्र बने, ये हमारा प्रयास है। नॉर्थ ईस्ट में नेचर भी है, और ऑर्गोनिक लाइफस्टाइल के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन भी है। वहां की बायोडायवर्सिटी, वहां का मौसम, वेलनेस के लिए मेडिसिन की तरह है। इसलिए, Heal In India के मिशन में इन्वेस्ट करने के, मैं समझता हूं उसके लिए आप नॉर्थ ईस्ट को ज़रूर एक्सप्लोर करें।

साथियों,

नॉर्थ ईस्ट के तो कल्चर में ही म्यूज़िक है, डांस है, सेलिब्रेशन है। इसलिए ग्लोबल कॉन्फ्रेंसेस हों, Concerts हों, या फिर Destination Weddings, इसके लिए भी नॉर्थ ईस्ट बेहतरीन जगह है। एक तरह से नॉर्थ ईस्ट, टूरिज्म के लिए एक कंप्लीट पैकेज है। अब नॉर्थ ईस्ट में विकास का लाभ कोने-कोने तक पहुंच रहा है, तो इसका भी पॉजिटिव असर टूरिज्म पर पड़ रहा है। वहां पर्यटकों की संख्या दोगुनी हुई है। और ये सिर्फ़ आंकड़े नहीं हैं, इससे गांव-गांव में होम स्टे बन रहे हैं, गाइड्स के रूप में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। टूर एंड ट्रैवल का पूरा इकोसिस्टम डेवलप हो रहा है। अब हमें इसे और ऊंचाई तक ले जाना है। Eco-Tourism में, Cultural-Tourism में, आप सभी के लिए निवेश के बहुत सारे नए मौके हैं।

साथियों,

किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे जरूरी है- शांति और कानून व्यवस्था। आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी, हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है। एक समय था, जब नॉर्थ ईस्ट के साथ बम-बंदूक और ब्लॉकेड का नाम जुड़ा हुआ था, नॉर्थ ईस्ट कहते ही बम-बंदूक और ब्लॉकेड यही याद आता था। इसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ा। उनके हाथों से अनगिनत मौके निकल गए। हमारा फोकस नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के भविष्य पर है। इसलिए हमने एक के बाद एक शांति समझौते किए, युवाओं को विकास की मुख्य धारा में आने का अवसर दिया। पिछले 10-11 साल में, 10 thousand से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है, 10 हजार नौजवानों ने। आज नॉ़र्थ ईस्ट के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार के लिए, स्वरोजगार के लिए नए मौके मिल रहे हैं। मुद्रा योजना ने नॉर्थ ईस्ट के लाखों युवाओं को हजारों करोड़ रुपए की मदद दी है। एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स की बढ़ती संख्या, नॉर्थ ईस्ट के युवाओं को स्किल बढ़ाने में मदद कर रही है। आज हमारे नॉर्थ ईस्ट के युवा, अब सिर्फ़ इंटरनेट यूज़र नहीं, डिजिटल इनोवेटर बन रहे हैं। 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर, 4जी, 5जी कवरेज, टेक्नोलॉजी में उभरती संभावनाएं, नॉर्थ ईस्ट का युवा अब अपने शहर में ही बड़े-बडे स्टार्टअप्स शुरू कर रहा है। नॉर्थ ईस्ट भारत का डिजिटल गेटवे बन रहा है।

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साथियों,

हम सभी जानते हैं कि ग्रोथ के लिए, बेहतर फ्यूचर के लिए स्किल्स कितनी बड़ी requirement होती है। नॉर्थ ईस्ट, इसमें भी आपके लिए एक favourable environment देता है। नॉर्थ ईस्ट में एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट इकोसिस्टम पर केंद्र सरकार बहुत बड़ा निवेश कर रही है। बीते दशक में, Twenty One Thousand करोड़ रुपये से ज्यादा नॉर्थ ईस्ट के एजुकेशन सेक्टर पर इन्वेस्ट किए गए हैं। करीब साढ़े 800 नए स्कूल बनाए गए हैं। नॉर्थ ईस्ट का पहला एम्स बन चुका है। 9 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं। दो नए ट्रिपल आईटी नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। मिज़ोरम में Indian Institute of Mass Communication का कैंपस बनाया गया है। करीब 200 नए स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में स्थापित किए गए हैं। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी नॉर्थ ईस्ट में बन रही है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत नॉर्थ ईस्ट में सैकड़ों करोड़ रुपए के काम हो रहे हैं। 8 खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, और ढाई सौ से ज्यादा खेलो इंडिया सेंटर अकेले नॉर्थ ईस्ट में बने हैं। यानि हर सेक्टर का बेहतरीन टेलेंट आपको नॉर्थ ईस्ट में उपलब्ध होगा। आप इसका जरूर फायदा उठाएं।

साथियों,

आज दुनिया में ऑर्गेनिक फूड की डिमांड भी बढ़ रही है, हॉलिस्टिक हेल्थ केयर का मिजाज बना है, और मेरा तो सपना है कि दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर कोई न कोई भारतीय फूड ब्रैंड होनी ही चाहिए। इस सपने को पूरा करने में नॉर्थ ईस्ट का रोल बहुत महत्वपूर्ण है। बीते दशक में नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक खेती का दायरा दोगुना हो चुका है। यहां की हमारी टी, पाइन एप्पल, संतरे, नींबू, हल्दी, अदरक, ऐसी अनेक चीजें, इनका स्वाद और क्वालिटी, वाकई अद्भुत है। इनकी डिमांड दुनिया में बढ़ती ही जा रही है। इस डिमांड में भी आपके लिए संभावनाएं हैं।

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साथियों,

सरकार का प्रयास है कि नॉर्थ ईस्ट में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाना आसान हो। बेहतर कनेक्टिविटी तो इसमें मदद कर ही रही है, इसके अलावा हम मेगा फूड पार्क्स बना रहे हैं, कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क को बढ़ा रहे हैं, टेस्टिंग लैब्स की सुविधाएं बना रहे हैं। सरकार ने ऑयल पाम मिशन भी शुरु किया है। पाम ऑयल के लिए नॉर्थ ईस्ट की मिट्टी और क्लाइमेट बहुत ही उत्तम है। ये किसानों के लिए आय का एक बड़ा अच्छा माध्यम है। ये एडिबल ऑयल के इंपोर्ट पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगा। पाम ऑयल के लिए फॉर्मिंग हमारी इंडस्ट्री के लिए भी बड़ा अवसर है।

साथियों,

हमारा नॉर्थ ईस्ट, दो और सेक्टर्स के लिए महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बन रहा है। ये सेक्टर हैं- एनर्जी और सेमीकंडक्टर। हाइड्रोपावर हो या फिर सोलर पावर, नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य में सरकार बहुत निवेश कर रही है। हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए जा चुके हैं। आपके सामने प्लांट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश का अवसर तो है ही, मैन्युफेक्चरिंग का भी सुनहरा मौका है। सोलर मॉड्यूल्स हों, सेल्स हों, स्टोरेज हो, रिसर्च हो, इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश ज़रूरी है। ये हमारा फ्यूचर है, हम फ्यूचर पर जितना निवेश आज करेंगे, उतना ही विदेशों पर निर्भरता कम होगी। आज देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने में भी नॉर्थ ईस्ट, असम की भूमिका बड़ी हो रही है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सेमीकंडक्टर प्लांट से पहली मेड इन इंडिया चिप देश को मिलने वाली है। इस प्लांट ने, नॉर्थ ईस्ट में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए, अन्य cutting edge tech के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।

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साथियों,

राइज़िंग नॉर्थ ईस्ट, सिर्फ़ इन्वेस्टर्स समिट नहीं है, ये एक मूवमेंट है। ये एक कॉल टू एक्शन है, भारत का भविष्य, नॉर्थ ईस्ट के उज्ज्वल भविष्य से ही नई उंचाई पर पहुंचेगा। मुझे आप सभी बिजनेस लीडर्स पर पूरा भरोसा है। आइए, एक साथ मिलकर भारत की अष्टलक्ष्मी को विकसित भारत की प्रेरणा बनाएं। और मुझे पूरा विश्वास है, आज का ये सामूहिक प्रयास और आप सबका इससे जुड़ना, आपका उमंग, आपका कमिटमेंट, आशा को विश्वास में बदल रहा है, और मुझे पक्का विश्वास है कि जब हम सेकेंड राइजिंग समिट करेंगे, तब तक हम बहुत आगे निकल चुके होंगे। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !