भारतीय नौसेना में आईएनएस कलवरी के शामिल होने से रक्षा क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी: प्रधानमंत्री मोदी
आईएनएस कलवरी ‘मेक इन इंडिया’ का एक बेहतरीन उदाहरण: पीएम मोदी
हम ‘SAGAR - सिक्यॉरिटी ऐंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन’ अर्थात ‘क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और उनका विकास’ के सिद्धांत से प्रेरितहिंद महासागर क्षेत्र हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता: पीएम मोदी

महाराष्ट्र के गवर्नर श्रीमान विद्या सागर. राव जी, रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्रीमान देवेंद्र फडणवीस जी, रक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे जी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्रीमान अजीत डोवाल जी, फ्रांस के राजदूत अलेक्सेंडर जिगरल व अन्य फ्रांसीसी अतिथिगण, नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लान्बा जी, कमांडिंग इन चीफ, वेस्टर्न नेवल कमांड वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा जी, वाइस एडमिरल डी एम देशपांडे जी, सी एम डी, एम डी एल, श्रीमान राकेश आनंद, कैप्टेन एस.डी. मेहंदले, नौसेना के अन्य अधिकारी एवं सैनिकगण, MDL (मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड) के अधिकारी एवं कर्मचारीगण, कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्‍य महानुभाव। 

आज सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए यह गौरव से भरा हुआ एक महत्‍वपूर्ण दिवस है। मैं सभी देशवासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 

INS कलवरी पनडुब्बी को राष्ट्र को समर्पित करना, मेरे लिए एक बहुत ही सौभाग्य का अवसर है। 

मैं देश की जनता की तरफ से भारतीय नौसेना को भी अनेक-अनेक शुभकामनाएं अर्पित करता हूं। 

करीब दो दशक के अंतराल के बाद, भारत को इस तरह की पनडुब्बी मिल रही है। 

नौसेना के बेड़े में कलवरी का जुड़ना रक्षा क्षेत्र में हमारी तरफ से उठाया गया एक बहुत बड़ा कदम है। इसे बनाने में भारतीयों का पसीना लगा है, भारतीयों की शक्ति लगी है। ये Make In India का उत्तम उदाहरण है।

मैं कलवरी के निर्माण से जुड़े हर श्रमिक, हर कर्मचारी का आज भी हार्दिक अभिनंदन  करता हूं। कलवरी के निर्माण में सहयोग के लिए मैं फ्रांस को भी बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। 

ये पनडुब्बी भारत और फ्रांस की तेजी से बढ़ती स्ट्रैटेजिक पार्टनर-शिप का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है। 

साथियों, ये वर्ष भारतीय नौसेना की सबमरीन आर्म का स्वर्ण जयंती वर्ष है। अभी पिछले हफ्ते ही सबमरीन आर्म को प्रेसिडेंट्स कलर से सम्मानित किया गया है। कलवरी की शक्ति, या कहें टाइगर शार्क की शक्ति हमारी भारतीय नौसेना को और मजबूत करेगी। 

साथियों, भारत की सामुद्रिक परंपरा का इतिहास बहुत ही पुराना है। पाँच हजार साल पुराना, गुजरात का लोथल, दुनिया के शुरुआती sea-ports में से एक रहा है। इतिहासकार बताते हैं कि 84 देशों से व्यापार के लोथल के जरिए हुआ करता था। एशिया के अन्य देशों और अफ्रीका तक में हमारे संबंध समंदर की इन्हीं लहरों से होते हुए आगे बढ़े हैं। सिर्फ व्यापार ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक तौर पर भी हिंद महासागर ने हमें दुनिया के दूसरे देशों के साथ जोड़ा है, उनके साथ खड़े होने में हमारी मदद की है। 

हिंद महासागर ने भारत के इतिहास को गढ़ा है और अब वो भारत के वर्तमान को और मजबूती दे रहा है। 7500 किलोमीटर से ज्यादा लंबा हमारा समुद्री तट, 1300 के करीब छोटे-बड़े द्वीप, लगभग 25 लाख स्क्वायर किलोमीटर की Exclusive Economic Zone एक ऐसी सामुद्रिक शक्ति का निर्माण करते हैं, जिसका कोई मुकाबला नहीं है। हिंद महासागर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये महासागर दुनिया के दो तिहाई Oil Shipments,  दुनिया के एक तिहाई Bulk कार्गो और दुनिया के आधा Container Traffic  का भार वहन करता है। इससे होकर गुजरने वाला तीन-चौथाई Traffic दुनिया के दूसरे हिस्सों में जाता है। इसमें उठने वाली लहरें दुनिया के 40 देशों और 40 प्रतिशत जनसंख्या तक पहुंचती हैं। 

साथियों, कहा जाता है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। ये भी तय है कि 21वीं सदी के विकास का रास्ता हिंद महासागर से होकर के ही निकलेगा। और इसलिए हिंद महासागर की हमारी सरकार की नीतियों में एक विशेष उसका स्‍थान है, विशेष जगह है। ये अप्रोच, हमारे विजन में झलकती है। मैं इसे एक स्पेशल नाम से भी उल्‍लेख करता हूं- S. A. G. A. R.- “सागर” अगर मैं सागर कहता हूं। यानि कि सेक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन“सागर” हम हिंद महासागर में अपने वैश्विक, सामरिक और आर्थिक हितों को लेकर पूरी तरह सजग हैं, सतर्क हैं और इसलिए भारत की Modern और Multi-Dimensional नौसेना को पूरे क्षेत्र में शांति के लिए, स्थायित्व के लिए आगे बढ़कर के  नेतृत्व कर रही है। जिस तरह भारत की राजनीतिक और आर्थिक Maritime Partnership बढ़ रही है, क्षेत्रीय Frame-work को मजबूत किया जा रहा है, उससे इस लक्ष्य की प्राप्ति और आसान नजर आती है। 

साथियों, समुद्र में निहित शक्तियां हमें राष्ट्र निर्माँण के लिए आर्थिक शक्ति प्रदान करती हैं और इसलिए भारत उन चुनौतियों को लेकर भी गंभीर है, जिनका सामना भारत ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र के अलग-अलग देशों को भी करना पड़ता है। 

चाहे समुद्र के रास्ते आने वाला आतंकवाद हो, Piracy की समस्या हो, ड्रग्स की तस्करी हो, भारत इन सभी चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सबका साथ-सबका विकास का हमारा ये मंत्र है। जल-थल-नभ में भी एक ही समान है। 

पूरे विश्व को एक परिवार मानते हुए, वसुधैव कुटुम्‍ब की भावना को आगे बढ़ाते हुए भारत अपने वैश्विक उत्तरदायित्वों को लगातार निभा रहा है। भारत अपने साथी देशों के लिए उनके संकट के समय first responder बना हुआ है और इसलिए जब श्रीलंका में बाढ़ आती है तो भारत की नौसेना तत्परता से मदद के लिए सबसे पहले पहुँच जाती है। 

जब मालदीव में पानी का संकट आता है तो भारत से जहाज़ भर-भर के पानी तत्काल पहुंचाया जाता है। जब बांग्लादेश में चक्रवात आता है तो भारत की नौसेना बीच समंदर में फंसे बांग्ला-देशियों को बाहर निकालकर लाती है। म्यांमार तक में तूफान से पीड़ित लोगों की मदद के लिए भारतीय नौसेना पूरी शक्ति के साथ मानवीय दृष्टिकोण से मदद करने में कभी पीछे नहीं रहती है। इतना ही नहीं, यमन में संकट के समय जब भारतीय नौसेना अपने साढ़े चार हज़ार से अधिक नागरिकों को बचाती है, तो साथ में 48 और देशों के व्यक्तियों को भी सुरक्षित संकट से बाहर निकाल करके ले आती है। 

भारतीय डिप्लोमैसी और भारतीय सुरक्षा तंत्र का मानवीय पहलू ये भारत की विशेषता है, ये हमारी विशिष्‍टता है।  मुझे याद है जब नेपाल में भूकंप आया था, तो कैसे  भारतीय सेना और वायुसेना ने राहत कार्यों की कमान संभाली थी। 700 से ज्यादा उड़ानें, एक हजार टन से ज्यादा की राहत सामग्री, हजारों भूकंप पीड़ितों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना, सैकड़ों विदेशी नागरिकों को बाहर निकालना, ये “मैत्री-भाव” भारत के जहन में है, भारत के स्‍वभाव में  है। भारत मानवता के काम को किए बिना कभी रह नहीं सकता है। 

साथियों, समर्थ और सशक्त भारत सिर्फ़ अपने लिए नहीं संपूर्ण मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। आज हम दुनिया के विभिन्न देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। उनकी सेनाएं, हमारी सेना के साथ तालमेल बढ़ाने के लिए, हमसे अनुभव साझा करने के लिए आतुर रहती हैं। जब वे हमारे साथ Exercises में हिस्सा लेती हैं तो अक्‍सर ये चर्चा का विषय भी होता है। 

पिछले वर्ष ही भारत में International Fleet Review के लिए 50 देशों की नौसेनाएं जुटीं थीं। विशाखापट्टनम के पास समंदर में उस समय बने विहंगम दृश्य किसी के लिए भी शायद ही भूलना संभव है। 

इस वर्ष भी भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में अपने शौर्य से दुनिया का ध्यान खींचा है।

जुलाई में हुई Malabar Exercise में अमेरिका और जापान की नौसेना के साथ भारतीय नौसेना ने शानदार प्रदर्शन किया था। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया की नेवी के साथ, सिंगापुर की नेवी के साथ, म्यांमार, जापान, इंडोनेशिया की नेवी के साथ भारतीय नौसेना ने अलग-अलग महीनों में इस वर्ष Exercises का क्रम लगातार जारी रखा हैं। भारतीय सेना भी श्रीलंका, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, बांग्लादेश, सिंगापुर जैसे देशों के साथ संयुक्त अभ्यास कर चुकी है। 

भाइयों और बहनों, ये पूरी तस्वीर इस बात की गवाह है कि दुनिया के देश, शांति और स्थायित्व के मार्ग में भारत के साथ चलने के लिए आज इच्‍छुक है, प्रतिबद्ध हैं। 

साथियों, हम इस बात के प्रति भी सजग हैं कि देश की सुरक्षा के लिए चुनौतियों का स्वरूप बदल चुका है। हम अपनी रक्षा तैयारियों को इन चुनौतियों के अनुरूप करने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। Proactive कदम उठा रहे हैं। 

हमारा प्रयास है कि हमारी Defence Power, Economic Power, Technical Power के साथ International Relation की Power, Public के Confidence की Power, देश की Soft Power, इन सभी  Factors में एक सिनर्जी हो। ये परिवर्तन आज के  समय की माँग है। 

भाइयों और बहनों, पिछले तीन साल में रक्षा और सुरक्षा से जुड़े पूरे eco-system में बदलाव की एक शुरुआत हुई है। बहुत नई पहल की गई है। जहाँ एक ओर हम आवश्यक साजो सामान के विषय को प्राथमिकता के साथ Address कर रहे हैं, वहीं देश में ही आवश्यक technology के विकास के लिए Pro-active agenda भी सेट किया जा रहा है। 

Licensing प्रक्रिया से Export प्रक्रिया तक, हम पूरे सिस्टम में पारदर्शिता और संतुलित प्रतिस्पर्धा ला रहे हैं। विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए भी हमारी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। अब 49 प्रतिशत FDI automatic route से किया जा सकता है। डिफेंस सेक्टर के कुछ क्षेत्रों में तो अब 100 प्रतिशत FDI का रास्ता खुल गया है। Defence Procurement Procedure में भी हमने बड़े बदलाव किये हैं। इनसे Make in India को भी बढ़ावा मिल रहा है। इससे रोजगार के भी नए अवसरों का निर्माण हो रहा है। 

जैसे, मुझे बताया गया है कि INS कलवरी के निर्माण में लगभग 12 लाख Man-days लगे हैं। इसके निर्माण के दौरान जो तकनीकि दक्षता भारतीय कंपनियों को, भारतीय उद्योगों को, छोटे उद्यमियों को और हमारे इंजीनियरों को मिली है, वो देश के लिए एक तरह से “Talent Treasure” है। ये Skill-Set हमारे लिए एक asset है जिसका लाभ देश को भविष्‍य में लगातार मिलेगा।

साथियों, भारतीय कंपनियां डिफेंस सेक्टर के product’s  बनाएं औऱ उसे दुनिया भर में export करे, इसके लिए defence exports पॉलिसी में भी हमने आमूल-चूल परिवर्तन किया है। जो product’s यहां बन रहे हैं, वो हमारे सैन्य बल भी आसानी से खरीद सकें, इसके लिए लगभग डेढ़-सौ non-core items की एक लिस्ट बनाई गई है। इनकी खरीद के लिए सैन्य बलों को Ordnance Factories से मंजूरी की जरूरत नहीं है, वे सीधे प्राइवेट कंपनियों से ये product खरीद सकती हैं।

देश को डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने के लिए, सरकार, भारतीय प्राइवेट सेक्टर के साथ Strategic Partnership Model लागू कर रही है। हमारी कोशिश है कि विदेशों की तरह ही भारतीय कंपनियां भी फाइटर प्लेन से लेकर हेलीकॉप्टर और टैंक से लेकर सबमरीन तक का निर्माण इसी धरती पर करें। भविष्य में यही Strategic Partner भारत की डिफेंस इंडस्ट्री को और मजबूत बनाएंगे। 

सरकार ने रक्षा क्षेत्र से जुड़े सामान की खरीद में भी तेजी लाने के लिए भी अनेक नीतिगत फैसले लिए हैं। रक्षा मंत्रालय और सर्विस हेडक्वार्टर स्तर पर financial powers में भी बढोतरी की गई है। पूरी प्रक्रिया को और सरल और कारगर बनाया गया है। इन महत्वपूर्ण सुधारों से रक्षा-व्यवस्था और देश की सेनाओं की क्षमता और भी मज़बूत होंगी। 

भाइयों और बहनों, हमारी सरकार की सुरक्षा नीतियों का अनुकूल प्रभाव बाहरी ही नहीं बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा पर भी सकारात्‍मक प्रभाव पैदा कर रहा है। 

आप सभी जानते हैं कि किस प्रकार आतंकवाद को भारत के खिलाफ एक प्रॉक्सी वॉर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारी सरकार की नीतियां और हमारे सैनिकों की वीरता का ये परिणाम है कि जम्मू-कश्मीर में हमने ऐसी ताकतों को सफल होने नहीं दिया है। जम्मू-कश्मीर में इस साल अब तक 200 से ज्यादा आतंकी, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों के सहयोग से मारे जा चुके हैं। पत्थरबाजी की घटनाओं में भी काफी कमी आई है। 

उत्तर पूर्व के राज्यों में भी, north eastern state में भी स्थिति में भी काफी सुधार दिखता है। नक्सली-माओवादी हिंसा भी कम हुई है। ये स्थिति इस बात का भी संकेत है कि इन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा लोग अब विकास की मुख्यधारा में वापिस लौट रहे हैं। 

मैं आज इस अवसर पर हर उस व्यक्ति का आभार व्यक्त करता हूं जिसने देश की सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है। 

राज्यों के पुलिस बल, अर्ध सैनिक बल, हमारी सेनाएं, सुरक्षा में लगी हर वो एजेंसी जो दिखती है, और हर वो एजेंसी जो नहीं दिखती है, उनके प्रति इस देश के सवा-सौ करोड़ लोग कृतज्ञ हैं। उनका अभिनंदन करता हूं। मैं उनका धन्‍यवाद करता हूं। 

साथियों, देश की मजबूती हमारे सुरक्षाबलों की मजबूती से जुड़ी हुई है और इसलिए सुरक्षाबलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, बिना विलंब किए हुए, उनके लिए फैसले लेना, उनके साथ खड़े रहना ये इस सरकार की प्राथमिकता है। और ये सरकार के स्‍वभाव में है। ये हमारी ही कमिटमेंट थी जिसके कारण कई दशकों से लंबित One Rank One Pension का वायदा हकीक़त में बदल चुका है। अब तक 20 लाख से अधिक रिटायर्ड फौजी भाइयों को लगभग 11 हजार करोड़ रुपए एरियर के तौर पर दिए भी जा चुके हैं। 

भाइयों और बहनों, आज इस अवसर पर मैं सागर परिक्रमा के लिए निकली भारतीय नौसेना की 6 वीर, जांबाज अफसरों को भी याद करना चाहूंगा। उनका गौरव करना चाहूंगा। 

हमारे देश के रक्षामंत्री श्रीमति निर्मला जी की प्रेरणा से, भारत की नारी शक्ति का संदेश लेकर, वो बहुत हौसले के साथ, ये हमारे छ: जांबाज सेनानी आगे बढ़ती चली जा रही हैं। 

साथियों, आप ही जल-थल-नभ में इसी अथाह भारतीय सामर्थ्य को सहेजे हुए हैं। आज INS कलवरी के साथ एक नए सफर की शुरुआत हो रही है। 

समुद्र देव आपको सशक्त रखें, आपको सुरक्षित रखें। “शम: नौ वरुण:” आपका ही ये Motto है। हमारी इसी कामना के साथ मैं आपको एक बार फिर नमन करता हूं, शुभकामनाओं के साथ आप सबको इस golden jubilee पर एक नये पदापर्ण के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते हुए मेरी वाणी को विराम देता हूं। 

बहुत-बहुत धन्‍यवाद 

भारत माता की जय 

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Text of PM’s address at third edition of Kautilya Economic Conclave in New Delhi
October 04, 2024
Today, India is the fastest growing major economy:PM
Government is following the mantra of Reform, Perform and Transform:PM
Government is committed to carrying out structural reforms to make India developed:PM
Inclusion taking place along with growth in India:PM
India has made ‘process reforms’ a part of the government's continuous activities:PM
Today, India's focus is on critical technologies like AI and semiconductors:PM
Special package for skilling and internship of youth:PM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी, Institute of Economic Growth के प्रेसिडेंट N K Singh जी, Conclave में देश-विदेश से आए अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

कौटिल्य कॉन्क्लेव का ये तीसरा एडिशन है। और मेरे लिए खुशी की बात है कि मुझे आप लोगों से मिलने का अवसर मिल रहा है। तीन दिनों तक यहां अनेक सेशन होने वाले हैं, इकॉनॉमी से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर चर्चा होने वाली है, मुझे विश्वास है कि ये चर्चा, भारत की ग्रोथ को गति देने में मददगार सिद्ध होगी।

साथियों,

इस बार का ये कॉन्कलेव ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया के दो बड़े रीजन में युद्ध की स्थिति है। ये दोनों रीजन ग्लोबल इकॉनॉमी के लिए, खासतौर पर एनर्जी सिक्योरिटी के लिहाज़ से बहुत अहम हैं। इतनी बड़ी global uncertainty के बीच हम सभी यहां – The Indian Era यानि भारत के युग की चर्चा कर रहे हैं। ये दिखाता है कि आज भारत पर विश्वास कुछ अलग ही है...ये दिखाता है कि आज भारत का आत्मविश्वास कुछ विशेष है।

साथियों,

आज भारत, दुनिया की fastest growing major economy है। आज भारत, GDP के हिसाब से fifth largest economy है। हम ग्लोबल फिनटेक एडॉप्शन रेट के मामले में नंबर-वन हैं। आज हम, smartphone data consumption के मामले में नंबर-वन हैं। हम इंटरनेट यूजर्स के मामले में दुनिया में नंबर- दो हैं। दुनिया की करीब-करीब आधी रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन आज भारत में हो रही है। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम है। रीन्युएबल एनर्ज़ी कैपेसिटी के मामले में भारत, नंबर- चार पर है। अगर मैन्युफेक्चरिंग की बात करें, तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा mobile manufacturer है। भारत two-wheelers और tractors का सबसे बड़ा manufacturer है। और इतना ही नहीं, भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा scientists और technicians का पूल भारत में है। यानि साइंस हो, टेक्नॉलॉजी हो, इनोवेशन हो, भारत clearly एक स्वीट स्पॉट पर उपस्थित है।

साथियों,

रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर चलते हुए, हम लगातार निर्णय ले रहे हैं, देश को तेज गति से आगे बढ़ा रहे हैं। यही वो इंपेक्ट है, जिसके कारण भारत के लोगों ने 60 साल बाद, लगातार तीसरी बार किसी सरकार को चुना है। जब लोगों का जीवन बदलता है, तब लोगों में ये भरोसा आता है कि देश सही रास्ते पर चल रहा है। यही भावना, भारत की जनता के मैंडेट में दिखती है। 140 करोड़ देशवासियों का ये विश्वास इस सरकार की सबसे बड़ी पूंजी है। हमारा कमिटमेंट है कि भारत को विकसित बनाने के लिए लगातार structural reforms करते रहेंगे। हमारा ये कमिटमेंट आप हमारे थर्ड टर्म के पहले तीन महीनों के काम में भी देख सकते हैं। Bold policy changes...Jobs और स्किल्स को लेकर मज़बूत कमिटमेंट, sustainable growth और innovation पर फोकस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, क्वालिटी ऑफ लाइफ, और तेज़ ग्रोथ की कंटीन्यूटी, ये हमारे पहले तीन महीनों की पॉलिसीज का रिफ्लेक्शन है। इस दौरान 15 ट्रिलियन रुपीज यानि 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक के डिसीज़न्स लिए गए हैं। इन्हीं तीन महीनों में भारत में अनेक mega infrastructure projects पर काम शुरू हुआ है। हमने देश में 12 industrial nodes बनाने का भी निर्णय लिया है। हमने देश में 3 करोड़ नए घर बनाने को भी मंजूरी दी है।

साथियों,

भारत की ग्रोथ स्टोरी का एक और notable फैक्टर है और वो है इसकी inclusive spirit, पहले ये सोचा जाता था कि ग्रोथ होती है तो inequality, असमानता भी साथ ही बढ़ती है। लेकिन भारत में इसके विपरीत हो रहा है। भारत में ग्रोथ के साथ inclusion भी हो रहा है। इसी का परिणाम है पिछले 10 साल में Two Fifty million…यानि 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। भारत की तेज प्रगति के साथ हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि inequality कम हो विकास का लाभ सभी तक पहुंचे।

साथियों,

आज भारत की ग्रोथ को लेकर जो भी predictions हो रही हैं, उनका कॉन्फिडेंस भी बताता है कि भारत किस दिशा में है। ये आप पिछले कुछ हफ्तों और महीनों के आंकड़ों में भी देख सकते हैं। पिछले साल हमारी इकॉनॉमी ने हर prediction से बाहर कहीं बेहतर किया है। वर्ल्ड बैंक हो, IMF हो, मूडीज़ हो, सभी ने भारत से जुड़े फोरकास्ट को upgrade किया है। ये सारे संस्थान कह रहे हैं कि global uncertainty के बावजूद भारत सेवन प्लस रेट के साथ ग्रो करता है । वैसे हम भारतीयों को पूरा कॉन्फिडेंस है कि हम इससे भी कहीं better perform करेंगे।

Friends,

भारत के इस कॉन्फिडेंस के पीछे कुछ ठोस कारण हैं। मैन्युफेक्चरिंग हो या फिर सर्विस सेक्टर आज दुनिया भारत को इन्वेस्टमेंट के लिए पसंदीदा जगह मान रही है। ये कोई co-incidence नहीं है, बल्कि ये बीते 10 साल में हुए बड़े रिफॉर्म्स का ही नतीजा है। इन रिफॉर्म्स ने भारत के macroeconomic fundamentals को ट्रांसफॉर्म कर दिया है। जैसे एक उदाहरण भारत के बैंकिंग रिफॉर्म्स का है। हमारे बैंकिंग रिफॉर्म्स ने बैंकों की financial conditions को तो मज़बूत किया ही है, उनकी lending capacity को भी बढ़ाया है। इसी तरह, GST ने अलग-अलग सेंट्रल और स्टेट Indirect taxes को integrate किया है। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड यानि IBC ने responsibility, recovery और resolution का नया क्रेडिट कल्चर डेवलप किया है। भारत ने माइनिंग, डिफेंस, स्पेस जैसे अनेक सेक्टर्स को प्राइवेट प्लेयर्स के लिए, हमारे young entrepreneurs के लिए खोला है। हमने FDI policy को liberalise किया, ताकि दुनियाभर के इन्वेस्टर्स के लिए यहां ज्यादा से ज्यादा अवसर बन सकें। हम अपनी logistics cost और time को कम करने के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रहे हैं। हमने बीते दशक में Infrastructure पर investments को अभूतपूर्व स्केल पर बढ़ाया है।

साथियों,

भारत ने Process Reforms को सरकार की Continuous Activities का हिस्सा बनाया है। हमने 40 हजार से ज्यादा Compliances को खत्म किया, Companies Act को Decriminalize किया। ऐसे दर्जनों provisions थे, जिनके कारण पहले बिजनेस मुश्किल था, हमने उनमें बदलाव किया। कंपनी स्टार्ट करने, बंद करने, क्लियरेंस को आसान बनाने के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया। अब हम राज्य स्तर पर प्रोसेस रिफॉर्म को गति देने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

साथियों,

भारत में मैन्युफेक्चरिंग को गति देने के लिए हम Production linked Incentives लेकर आए हैं। इसका इंपेक्ट आज बहुत सारे सेक्टर्स में दिख रहा है। अगर मैं बीते 3 साल में ही PLI के impact की बात करुं, तो करीब 1.25 ट्रिलियन यानि सवा लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट आया है। इससे करीब Eleven Trillion यानि 11 लाख करोड़ रुपए का प्रोडक्शन और सेल्स हुई है। स्पेस और डिफेंस सेक्टर में भी आज भारत की ग्रोथ शानदार है। इन दोनों सेक्टर्स को open किए अभी ज्यादा टाइम नहीं हुआ है। स्पेस सेक्टर में 200 से ज्यादा स्टार्ट अप्स आ चुके हैं। आज हमारी टोटल डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग का 20 परसेंट कंट्रीब्यूशन हमारी प्राइवेट डिफेंस कंपनियों का है।

साथियों,

इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की ग्रोथ स्टोरी तो और भी अद्भुत है। 10 साल पहले तक भारत ज्यादातर मोबाइल फोन का बड़ा इंपोर्टर था। आज Three Hundred thirty million यानि 33 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन भारत में बन रहे हैं। यानि आप कोई भी सेक्टर देख लें, आज भारत में Investors के लिए investments और investment पर ज्यादा रिटर्न के बेहतरीन मौके हैं।

साथियों,

आज भारत का फोकस AI और सेमीकंडक्टर जैसी critical technologies पर भी है। इनमें हम काफी ज्यादा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। हमारे AI mission से AI के क्षेत्र में research और skills, दोनों में वृद्धि होगी। India semiconductor mission के कारण 1.5 ट्रिलियन रुपए यानि डेढ़ लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट हो रहा है। बहुत जल्द ही भारत के 5 सेमीकंडक्टर प्लांट्स, दुनिया के कोने-कोने में मेड इन इंडिया चिप्स पहुंचाने लगेंगे।

Friends,

आप सभी जानते ही हैं कि भारत affordable intellectual power का सबसे बड़ा सोर्स है। इसकी गवाही, दुनियाभर की कंपनियों के 1700 से अधिक global capability centres हैं, जो आज भारत में काम कर रहे हैं। इनमें 2 मिलियन यानि 20 लाख से ज्यादा भारतीय नौजवान दुनिया को highly skilled services दे रहे हैं। आज भारत अपने इस demographic dividend पर अभूतपूर्व रूप से फोकस कर रहा है। और इसके लिए Education, Innovation, Skills और Research पर खास ध्यान दिया जा रहा है। हमने न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनाकर इस क्षेत्र में बहुत बड़ा रिफॉर्म किया है। बीते 10 साल में हर हफ्ते एक नई यूनिवर्सिटी और हर दिन दो नए कॉलेज खोले गए हैं। इन 10 सालों में हमारे यहां मेडिकल कॉलेजों की संख्या दो गुनी हो गई है।

औऱ साथियों,

Quantity ही नहीं बल्कि हम, quality education पर भी उतना ही बल दे रहे हैं। इसलिए ही बीते 10 साल में QS World University Rankings में भारतीय इंस्टीट्यूशन्स की संख्या तीन गुना से ज्यादा हो चुकी है। इस साल के बजट में हमने करोड़ों युवाओं की स्किलिंग और इंटर्नशिप के लिए स्पेशल पैकेज अनाउंस किया है। पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत पहले दिन ही 111 कंपनियों ने पोर्टल पर रजिस्टर किया है। इस स्कीम के तहत हम एक करोड़ युवाओं को बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप में मदद कर रहे हैं।

साथियों,

बीते 10 सालों में भारत का रिसर्च आउटपुट और पेटेंट्स भी तेजी से बढ़े हैं। 10 साल से भी कम समय में, भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स की रैंकिग में Eighty First (81) से Thirty Ninth (39) स्थान तक पहुंचा है। यहां से हमें और आगे जाना है। अपने रिसर्च इकोसिस्टम को मज़बूत करने के लिए भारत ने One Trillion रुपये का रिसर्च फंड भी बनाया है।

साथियों,

आज ग्रीन फ्यूचर, ग्रीन जॉब्स के मामले में भी भारत में और भारत से बहुत उम्मीदें हैं। और उतनी ही आपके लिए इस सेक्टर में opportunities भी हैं। आप सभी ने भारत की प्रेसीडेंसी में हुई G20 Summit को फॉलो किया है। इस समिट की अनेक success story में से एक, ग्रीन ट्रांज़िशन को लेकर नया उत्साह भी रहा। G-20 समिट के दौरान ही भारत की पहल पर ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया गया। G-20 के सदस्य देशों ने भारत के green hydrogen energy development को मज़बूती से समर्थन दिया। भारत में हमने इस दशक के अंत तक 5 Million टन Green Hydrogen के production का टारगेट रखा है। भारत में हम सोलर पावर प्रोडक्शन को भी माइक्रो लेवल पर ले जा रहे हैं।

भारत सरकार ने PM सूर्यघर मुफ्त बिजली स्कीम शुरु की है। ये एक Rooftop Solar स्कीम है, लेकिन इसका स्केल बहुत बड़ा है। रूफटॉप सोलर सेटअप के लिए हम हर फैमिली को फंड कर रहे हैं, सोलर इंफ्रा install करने में भी सपोर्ट कर रहे हैं। अब तक 13 मिलियन यानि 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा Families इसमें रजिस्टर हो चुकी हैं। यानि इतने लोग सोलर पावर प्रोड्यूसर बन चुके हैं। इससे हर फैमिली को on an average, twenty five thousand रुपए की बचत होने वाली है। हर तीन किलोवॉट सोलर बिजली पैदा करने पर, 50-60 टन कार्बन डाई-ऑक्साइड का एमिशन भी रुकेगा। इस स्कीम से करीब 17 लाख Jobs पैदा होंगी, स्किल्ड युवाओं की भी एक बड़ी फौज तैयार होगी। यानि आपके लिए इस सेक्टर में भी इंवेस्टमेंट करने के लिए नए मौके बन रहे हैं।

साथियों,

आज Indian economy एक बहुत बड़े transformational change से गुजर रही है। मजबूत economic fundamentals के आधार पर Indian economy, sustained high growth के रास्ते पर है। भारत आज सिर्फ टॉप पर पहुंचने के लिए ही तैयारी नहीं कर रहा है, बल्कि टॉप पर बने रहने के लिए मेहनत कर रहा है। हर सेक्टर में आज दुनिया की अपार opportunities हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में आपकी चर्चा से अनेक valuable inputs आएंगे। मैं इस प्रयास को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि ये हमारे लिए debating club नहीं है। यहाँ जो चर्चाएँ होती हैं, जो बातें उभर करके आती हैं, Do’s and Don’ts के लिए उसमें से जो हमारे लिए उपयोगी होते हैं, हम इसको religiously सरकार के सिस्टम में फॉलो करते हैं। हम इसको हमारी पॉलिसी का हिस्सा बनाते हैं, वो हमारे governance का हिस्सा बनाते हैं, और इसलिए आप जो समय दे करके ये जो मंथन में जुड़ते हैं, वो अमृत हैं। हमारे देश में हम हमारे भविष्य को और अधिक उज्ज्वल बनाने के लिए काम में लेते हैं, और इसलिए आपका योगदान हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपका एक-एक शब्द हमारे लिए मूल्यवान है। आपके विचार आपका अनुभव ये हमारी पूंजी है। मैं फिर एक बार आप सबके इस योगदान के लिए आपका धन्यवाद करता हूँ, मैं इस प्रयास के लिए एन के सिंह और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ, धन्यवाद !