भारत अब विश्व में शीर्ष सुधारकों में से एक माना जाता है: प्रधानमंत्री मोदी
जीएसटी के साथ हम एक आधुनिक कर व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें पारदर्शिता है, स्थिरता है और जिसका अनुमान लगाया जा सकता है।
हम भारत को एक ज्ञान आधारित, कौशल से पूर्ण और प्रौद्योगिकी आधारित समाज के रूप में विकसित करना चाहते हैं: पीएम मोदी
हमारा मंत्र है - रिफार्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म। हम आगे निरंतर और बेहतर करना चाहते हैं: प्रधानमंत्री मोदी

विश्‍व बैंक की सीईओ मिस क्रिस्‍टालिना जॉर्जीएवा,

मंत्रिपरिषद के मेरे साथियों,

वरिष्‍ठ अधिकारियों,

कारोबारी नेताओं,

देवियों और सज्‍जनों, 

आज गुरु परब का पवित्र अवसर है | गुरु नानक देव जी का पुण्य स्मरण देश की एकता, सत्यनिष्ठता और सत्य से भरे जीवन के लिए प्रेरणा देता है| दो वर्ष के बाद गुरू नानक देव जी के 550वां प्रकाश पर्व मनाने का पूरी मानव जाति को अवसर मिलने वाला है| ऐसे जगद्गुरु को प्रणाम करते हुये मैं आप सब को भी शुभकामनाएं देता हूँ |  

आज मैं यहां आकर बेहद खुश हूं। मुझे यहां जश्‍न मनाने का काफी अच्‍छा मूड दिख रहा है। कारोबारी सुगमता के संदर्भ में हमारे द्वारा किए गए शानदार कार्य को विश्‍व बैंक ने मान्‍यता दी है। कारोबारी सुगमता की रैंकिंग में अब हम शीर्ष 100 देशों में शामिल हो चुके हैं। महज तीन साल के मामूली समय में हमने 42 पायदान की छलांग लगाई है।

इस शुभ अवसर पर हमारे साथ मौजूद होने के लिए मैं सुश्री क्रिस्‍टालिना जॉर्जीएवा को धन्‍यवाद देता हूं। इससे समाज और अर्थव्‍यवस्‍था के हित में सुधार कार्यक्रमों की पहल करने के लिए देशों को प्रोत्‍साहित करने के लिए विश्‍व बैंक की प्रतिबद्धता झलकती है। आज उनकी मौजूदगी आने वाले दिनों और महीनों में बेहतर कार्य करने के लिए हमारी टीम को प्रेरित करेगी। 

मैं पिछले तीन वर्षों के दौरान घरेलू और विदेशी निवेशक समुदाय को लगातार कहता रहा हूं कि कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए भारत में हम गंभीरतापूर्वक प्रसास कर रहे हैं। 

और मित्रों, भारत अपनी बातों पर खरा उतरा है।

इस साल की रैंकिंग में भारत ने सबसे लंबी छलांग लगाई है। भारत को सुधार करने वाले एक प्रमुख देश के रूप में पहचाना गया है। इसके लिए काम करने वाले सभी लोगों को बधाई। आपने देश को गौरवान्वित किया है। 

यह सुधार महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि:

- यह देश में सुशासन का एक संकेतक है,

- यह हमारी लोक नीतियों की गुणवत्ता का एक पैमाना है,

- यह प्रक्रियाओं में पारदर्शिता का एक बेंचमार्क है,

- कारोबारी सुगमता से जीवन की सुगमता सुनिश्चित होती है,

- और अंतत: इसकी झलक जीवनचर्या, कार्य और समाज के व्‍यवहार में मिलती है।

मित्रों,

लेकिन यह सब संबंधित हितधारकों के फायदे के लिए है। मेरे लिए, विश्‍व बैंक की यह रिपोर्ट दर्शाती है कि प्रतिबद्धता और कठिन परिश्रम से कितना बदलाव संभव है। निरंतर प्रसास करने से हमें आगे भी सुधार करने में मदद मिल सकती है। 

और वैसे भी आप जानते हैं मेरे पास तो और कोई काम है नहीं | इसलिए मुझे इसमें भी आगे काम ही दिखाई दे रहा है | मेरा देश , मेरे देश के सौ करोड़ लोग , उनके जीवन में कुछ बदलाव लाना और इसलिए जो अपेक्षाएं दुनिया हमसे रख रही है उन्हें पूरा करने में हम कोई कमी नहीं रखेंगे यह मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ|  

मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्‍योंकि भारत उस स्थिति में पहुंच चुका है जहां से अब आगे सुधार करना कहीं अधिक आसान है। हमारे प्रयासों से इसमें तेजी आई है। प्रबंधन की भाषा में कहें तो हमने आसान उड़ान के लिए गंभीर मुकाम हासिल कर लिया है। 

उदाहरण के लिए, इस रिपोर्ट में वस्‍तु एवं सेवा कर अथवा जीएसटी के लागू होने को ध्‍यान में नहीं रखा गया है। जैसा कि आप सब जानते हैं, जीएसटी भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में सबसे बड़ा कर सुधार है। और यह कारोबार करने के तमाम पहलुओं को प्रभावित करता है। जीएसटी के साथ हम एक आधुनिक कर व्‍यवस्‍था की ओर बढ़ रहे हैं जो पारदर्शी, स्थिर और उम्‍मीद के मुताबिक है।

और इसलिए जब जीएसटी की चर्चा हुई है तो मैं कहना चाहूँगा , यहाँ पर व्यापार जगत के बहुत लोग हैं और इस फोरम के माध्यम से देश भर के व्यापारियों से कहना चाहता हूँ| जिस समय हमने जीएसटी लाने का संकल्प किया तब लोगों को लगता था कि पता नहीं आएगा कि नहीं,  एक जुलाई को लागू होगा कि नहीं, फिर होने के बाद लगा, कि अब मर गए ...यह मोदी है, कोई सुधार नहीं करेगा और हमने तब कहा था कि तीन महीना हमें इसे बारीकी से देखने दीजिये क्योंकि हिंदुस्तान इतना बड़ा है और दिल्ली में ही बुद्धि भरी हुयी है ऐसा नहीं है जी| 

देश के सामान्य मानवी के पास भी समझ है| हम उससे समझेंगे, सीखेंगे, कठिनाइयों का अंदाज करेंगे, रास्ते खोजेंगे और तीन महीने के बाद जब जीएसटी कौंसिल की मीटिंग हुयी जितनी चीजें सामने आई उसका समाधान किया| कुछ चीजों के लिए काउन्सिल में कुछ राज्य सहमत नहीं थे तो हमने राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों की समितियां बनाईं और मुझे आज यह कहते हुए खुशी हो रही है कि verbatim रिपोर्ट अभी मेरे पास पहुँचा नहीं है। लेकिन मंत्रियों की कमिटी, जीएसटी काउंसिल जो बनाई थी उन्होंने मिल करके ही बनाई थी और उस मीटिंग में जो हुआ है और जिसकी छोटी मोटी जानकारी मेरे पास है पूरा रिपोर्ट तो नहीं है मेरे पास, लेकिन मैं कह सकता हूँ कि जितने issues सामान्य व्यापारियों ने उठाये थे कारोबारियों की तरफ से जो सुझाव आये थे करीब करीब सारे विषयों को सकारात्‍मक तौर पर स्वीकार किया जा रहा है| और नौ और दस तारीख की जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में अगर कोई राज्य कठिनाई पैदा नहीं करेगा, तो मुझे विश्वास है कि भारत के व्यापार जगत को और भारत की आर्थिक व्यवस्था को नई ताकत देने में जो भी आवश्यक सुधार होंगे, वह किये जायेंगे। उसके बावजूद भी आगे भी ऐसी कोई बातें आयेंगी क्योंकि आखिर एक नई व्यवस्था को स्वीकार करना होता है , सालों की पुरानी व्यवस्था से बाहर निकलना होता है, तो सरकार का ही दिमाग काम करे यह जरूरी नहीं है। सभी हितधारकों का दिमाग काम में आता है तब उत्तम से उत्तम परिणाम आता है। जीएसटी उसके लिए भी एक उत्तम उदाहरण बनने वाला है कि सबकी भावनाओं का आदर करते हुए व्यवस्थाओं को foolproof कैसे बनाया जा सकता है यह जीएसटी की process से नजर आता है| 

वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट में मई 2017 तक के ही reforms count हुए हैं जबकि जीएसटी उसके बाद जुलाई 2017 से लागू हुआ है| इसलिए आप अंदाज कर सकते हैं कि जब 2018 में चर्चा होगी तो हमारे जो initiative हैं वह count होने वाले हैं| 

कई अन्‍य सुधार ऐसे हैं जो पहले ही हो चुके हैं। लेकिन विश्‍व बैंक के संज्ञान में आने से पहले उन्‍हें परिपक्‍व और स्थिर होने के लिए थोड़े समय की आवश्‍यकता है। कुछ सुधार ऐसे हैं जहां हमारी टीम और विश्‍व बैंक की टीम को साझा आधार तलाशने की जरूरत है। बेहतर कार्य करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता के साथ यह सब मुझे विश्‍वास दिलाता है कि अगले वर्ष और उसके बाद के वर्षों में विश्‍व बैंक की रिपोर्ट में भारत एक गौरवपूर्ण स्‍थान हासिल करेगा। 

दुनिया भर में कारोबारी सुगमता को बेहतर बनाने के लिए विभिन्‍न देशों के साथ जुड़ने के लिए मैं विश्‍व बैंक की सराहन करता हूं। इस वर्ष की रिपोर्ट के विषय- 'रोजगर सृजन के लिए सुधार' के लिए भी मैं उन्‍हें बधाई देता हूं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कारोबार हमारे जीवन की एक प्रमुख ताकत है। यह वृद्धि, रोजगार सृजन, संपत्ति सृजन और वस्‍तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति का एक इंजन है जो हमारे जीवन को सहज बनाता है।

हम एक युवा देश हैं और रोजगार सृजन हमारे लिए एक अवसर के साथ-साथ चुनौती भी है। इसलिए अपने युवाओं की ऊर्जा का फायदा उठाने के लिए हम भारत को एक स्‍टार्टअप देश और एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्‍थापित कर रहे हैं। इसी उद्देश्‍य से हमने मेक इन इंडिया और स्‍टार्टअप इंडिया जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। 

एक औपचारिक अर्थव्‍यवस्‍था के नए वातावरण और एकीकृत कर व्‍यवस्‍था के साथ इन कार्यक्रमों के जरिये हम एक नया भारत बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक ऐसा भारत होगा जहां जरूरतमंदों के फायदे और उपयोग के लिए संभावनाएं सृजित होंगी। हम भारत को एक ज्ञान आधारित, कौशल समर्थित और प्रौद्योगिकी से संचालित समाज के रूप में विकसित करने के लिए विशेष रूप से इच्‍छुक हैं। डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया कार्यक्रम के माध्‍यम से इसकी अच्‍छी शुरुआत की गई है।

 

मित्रों,

भारत बेहतर के लिए तेजी से बदल रहा है। मैं ऐसे कुछ अन्‍य वैश्विक पहचान का उल्‍लेख करना चाहूंगा जहां इसकी झलक मिलती है:

- हम विश्‍व आर्थिक मंच के वैश्विक प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता सूचकांक में पिछले दो वर्षों में 32 पायदान ऊपर चढ़े हैं। यह किसी देश के लिए सर्वाधिक है।

- डब्‍ल्‍यूआईपीओ के वैश्विक नवाचार सूचकांक में भी हम पिछले दो वर्षों में 21 पायदान ऊपर चढ़े।

- विश्‍व बैंक के लॉजिस्टिक्‍स प्रदर्शन सूचकांक 2016 में 19 पायदान ऊपर चढ़े।

- हम UNCTAD द्वारा सूचीबद्ध शीर्ष एफडीआई जगहों में शामिल हैं।

कुछ लोगों को भारत की रैकिंग 142 से 100 होने की बात समझ नहीं आती। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। इनमें से कुछ लोग तो पहले वर्ल्ड बैंक में भी रह चुके हैं। वो आज भी भारत की रैंकिंग पर सवाल उठा रहे हैं। यदि Insolvency code, Bankruptcy code   कमर्शियल कोर्ट जैसे कानूनी सुधार आपके time में ही हो जाते तो हमारी रैकिंग पहले ही सुधर जाती। यह रैंकिंग आपके सौभाग्य में आती| देश की स्थिति नहीं सुधरती नहीं क्या | किया कुछ नहीं, और जो कर रहा है उस पर सवाल कर रहे हैं|

वैसे ये भी संयोग की बात है कि वर्ल्ड बैंक ने कारोबारी सुगमता की प्रक्रिया साल 2004 में शुरू की थी। बड़ा महत्वपूर्ण साल है| इसके बाद 2014 तक देश में किसकी सरकार रही ये भी आप सभी को पता है। 

मैं ऐसा प्रधानमंत्री हूँ जिसने वर्ल्ड बैंक की building भी नहीं देखी है। जबकि पहले वर्ल्ड बैंक को चलाने वाले लोग यहाँ बैठा करते थे।  

मैं तो कहता हूं कि आप वर्ल्ड बैंक की इस रैकिंग पर सवाल उठाने के बजाय हमारा सहयोग करिए ताकि हम देश को और ऊंचे पायदान पर ले जा सकें। न्यू इंडिया बनाने के लिए साथ आगे बढाने का संकल्प करें|  

हमारा मंत्र है सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन। हम बेहतर से बेहतर करना चाहते हैं। मुझे यह बताने में खुशी हो रही है कि विश्‍व बैंक इस संदर्भ में उप-राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी हमारी मदद कर रहा है। भारत जैसे संघीय लोकतंत्र में सुधार प्रक्रिया के दौरान हरेक हितधारक सामने लाना आसान नहीं है। हालांकि पिछले तीन साल के दौरान केंद्र और राज्‍य दोनों स्‍तरों पर सरकारों की प्रतिक्रिया में जबरदस्‍त परिवर्तन हुआ है। राज्‍य सरकार व्‍यापार के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए नए तरीके तलाश रही हैं। व्‍यापार सुधारों को लागू करते समय अक्‍सर एक-दूसरे से प्रतिस्‍पर्धा करते हुए वे उन्‍हें कार्यान्वित करने में एक-दूसरे की मदद भी कर रहे हैं। यह एक रोमांचक वातावरण है जहां प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता और सहयोग सह-अस्तित्‍व मौजूद है। 

मित्रों,

विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई संरचनात्‍मक बदलाव करने, कई कठिन निर्णय लेने और कई नए कानून बनाने की आवश्‍यकता है। इसके अलावा अफसरशाही के नजरिये को भी बदलने की जरूरत है ताकि निडर होकर और ईमानदारी से काम कर सकें। पिछले तीन साल के दौरान केंद्र सरकार ने इन मोर्चो पर बहुत कुछ किया है। हमने कारोबारियों और कंपनियों के सामने आने वाले कई नियामकीय और नीतिगत समस्‍याओं का समाधान किया है। 

विनिर्माण के साथ-साथ बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भी हम तेजी से प्रगति पर जोर दे रहे हैं। इसलिए हम हमारे निवेश वातावरण में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं। पिछले साढ़े तीन साल के दौरान हमने 21 क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सुधार किए हैं जो नीति के 87 क्षेत्रों को कवर करते हैं। मैं दो साल तक सुनता रहता था big band, big bang reforms अब बंद कर दिया  क्योंकि लोगों की मालूम चल गया कि reforms की स्पीड और level और size इतनी है कि आलोचना करने वाले match ही नहीं कर पा रहे।   

इन सुधारों के दायरे में रक्षा, रेलवे, निर्माण विकास, बीमा, पेंशन, नागरिक उड्डयन और औषधि जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। अब 90 प्रतिशत से अधिक एफडीआई मंजूरियां ऑटोमेटिक मार्ग से हो रही हैं। यह बहुत बड़ी बात है। अब हम एफडीआई के लिए सबसे अधिक खुली अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शामिल हैं।

इसके परिणामस्‍वरूप प्रत्‍यक्ष विदेशी पूंजीनिवेश (एफडीआई) में बढ़ोतरी हुई है जो साल दर साल नए रिकॉर्ड बना रही है। मार्च 2016 में समाप्‍त वर्ष के लिए एफडीआई निवेश 55.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर सर्वकालिक ऊंचाई पर रहा। अगले वर्ष भारत में 60.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई निवेश दर्ज किया गया जो अपेक्षाकृत कहीं अधिक रहा। परिणामस्‍वरूप महज तीन साल के दौरान देश में कुल एफडीआई निवेश में 67 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 

चालू वित्त वर्ष के दौरान अगस्‍त तक कुल 30.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्राप्‍त हुआ जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अगस्‍त 2017 में भारत ने कुल 9.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर एफडीआई प्राप्‍त किया जो किसी एक महीने के दौरान प्राप्‍त अब तक का सर्वाधिक एफडीआई है।

 

मित्रों,

पिछले तीन साल के दौरान हमने व्‍यवस्थित तरीके से और गंभीरतापूर्वक व्‍यापार कानूनों का मूल्‍यांकन किया है। हमने सरकार से सामना होने के संदर्भ में व्‍यापारियों की मुश्किलों को समझने की कोशिश की। हमने नियमित तौर पर व्‍यापारियों से बातचीत कर उनकी समस्‍याओं को समझा और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए कानून में संशोधन किया। 

मैंने अक्‍सर जोर दिया है कि प्रशासन में बदलाव के लिए प्रौद्योगिकी का अवश्‍य इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए। प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल से physical interface को कम करने और समयबद्ध निर्णय लेने में मदद मिली चाहिए। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि कई सरकारी विभाग और राज्‍य सरकार प्रशासन को बेहतर बनाने और सेवाएं प्रदान करने में प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल कर रही हैं। 

प्रौद्योगिकी के साथ-साथ व्‍यापार से निपटने के दौरान हमें अपने नजरिये को बदलने की जरूरत है। दिमाग और मशीन दोनों स्‍तरों पर समग्र री-इंजीनियरिंग की आवश्‍यकता होती है। अत्‍यधिक नियंत्रण वाली पहले की मानसिकता को न्‍यूनतम सरकार, अधिकतम शासन की अवधारणा से बदला जाना चाहिए। यही हमारा लक्ष्‍य है और मेरी सरकार इस उद्देश्‍य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इसी उद्देश्‍य से कानून को नए सिरे से बनाने और सरकारी प्रक्रियाओं को नए सिरे से व्‍यवस्थित करने के लिए व्‍यापक पहल की गई है ताकि कारोबारी माहौल को कहीं अधिक सरल और अनुकूल बनाया जा सके। भारतीय नियामकीय वातावरण को अंतरराष्‍ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप ढ़ालने के लिए कोशिश की गई है। हालांकि हम Ease of Doing Business रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए कोशिश कर रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा किए गए सुधारों का दायरा कहीं अधिक व्‍यापक है। इसके लिए आपको एक उदाहरण देते हैं, हमने 1,200 से अधिक पुराने कानूनों और अधिनियमों को खत्‍म कर दिया है जो शासन को केवल उलझा रहे थे। उन्‍हें वैधानिक किताब से हटा दिया गया है। इसी प्रकार राज्‍य स्‍तर पर भी हजारों महत्‍वपूर्ण सुधार किए गए हैं। ये अतिरिक्‍त प्रसास विश्‍व बैंक की आवश्‍यकता का हिस्‍सा नहीं हैं।

केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, राज्‍य सरकारों के साथ-साथ नियामकों को सर्वोत्तम अंतरराष्‍ट्रीय प्रथाओं की पहचान करनी चाहिए, उनके हितधारकों से परामर्श करना चाहिए और अपने कानूनों एवं प्रक्रियाओं को सर्वोत्तम अंतरराष्‍ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप ढ़ालना चाहिए। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन एजेंसियों में काम करने वाले लोग अपनी क्षमता और लोक सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिहाज से दुनिया में किसी से पीछे नहीं हैं।


मित्रों, 

इस रैंकिंग को भले ही कारोबारी सुगमता कहते हैं लेकिन मैं मानता हूं कि ये कारोबारी सुगमता के साथ ही जीवन यापन की सुगमता की भी रैंकिंग है। ये रैंकिंग सुधरने का मतलब है कि देश में आम नागरिक, देश के मध्यम वर्ग की जिंदगी और आसान हुई है। 

मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि इस रैंकिंग के लिए जो parameters चुने जाते हैं, उनमें से अधिकांश आम नागरिक, देश के नौजवानों की जिंदगी से जुड़े हुए हैं। 

भारत की रैंकिंग में इतना सुधार इसलिए आया है क्योंकि पिछले तीन वर्षों में सरकार ने देश के आम नागरिक की जिंदगी में होने वाली मुश्किलों को कम करने के लिए सुधार का रास्ता अपनाया है। तीन वर्षों में देश में टैक्स भरने की प्रक्रिया में बहुत सुधार आया है। इनकम टैक्स रिटर्न के लिए अब महीनों इंतजार नहीं करना पड़ा। पीएफ रजिस्ट्रेशन और पीएफ का पैसा निकालने के लिए पहले आपको दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब सब कुछ ऑनलाइन हो गया है। 

मेरे नौजवान साथी अब सिर्फ एक दिन में अपनी नई कंपनी रजिस्टर करा सकते हैं। कारोबारी मुकदमों की सुनवाई भी आसान हुई है। तीन वर्षों में भारत में construction permit लेना आसान हुआ है। बिजली कनेक्शन लेना आसान हुआ है। रेलवे रिजर्वेशन कराना आसान हुआ है। जो पासपोर्ट पहले महीनों में मिलता था, अब एक हफ्ते के भीतर मिल जाता है। ये जीवन की सुगमता नहीं है तो क्या है?  

मैं विशेष तौर पर इस तथ्‍य का उल्‍लेख करना चाहूंगा कि कारोबारी सुगमता सभी कारोबारियों के लिए महत्‍वपूर्ण है, जबकि यह छोटे विनिर्माताओं सहित छोटे कारोबारियों के लिए भी काफी महत्‍वपूर्ण है। यह क्षेत्र देश में अधिकांश रोजगार मुहैया कराता है और उन्‍हें कहीं अधिक प्रतिस्‍पर्धी बनाने के लिए हमने कारोबार करने की लागत को घटा दिया है। कारोबारी सुगमता पर किए गए इस कार्य से इन छोटे कारोबारियों एवं विनिर्माताओं की समस्‍याओं को भी अवश्‍य दूर करना होगा।

मैं एक बार फिर कारोबारी सुगमता के विभिन्‍न पहलुओं पर काम कर रही टीम को उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए बधाई देता हूं। मुझे विश्‍वास है कि हम साथ मिलकर भारत के इतिहास का एक नया अध्‍याय लिखेंगे और भारत में बदलाव लाएंगे ताकि हमारे लोगों की आकांक्षाओं और सपनों को पंख लग सके।

मैं कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए हमारे प्रयासों में मार्गदर्शन करने के लिए विश्‍व बैंक का एक बार फिर धन्‍यवाद देता हूं। मुझे बताया गया है कि भारत जैसे विशाल देश में विकास की प्रकिया का प्रभावित किए बिना निर्णायक बदलाव लाने का अनुभव अन्‍य देशों के लिए उदाहरण बन सकता है। दूसरों से सीखने की गुंजाइश हमेशा बनी होती है। जरूरत पड़ी तो हमें अन्‍य देशों से अपने अनुभव साझा करने में प्रसन्‍नता होगी। 

धन्यवाद!

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !!

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Prime Modi addresses the Indian community in Oman
December 18, 2025

Prime Minister today addressed a large gathering of Indian community members in Muscat. The audience included more than 700 students from various Indian schools. This year holds special significance for Indian schools in Oman, as they celebrate 50 years of their establishment in the country.

Addressing the gathering, Prime Minister conveyed greetings to the community from families and friends in India. He thanked them for their very warm and colorful welcome. He stated that he was delighted to meet people from various parts of India settled in Oman, and noted that diversity is the foundation of Indian culture - a value which helps them assimilate in any society they form a part of. Speaking of how well Indian community is regarded in Oman, Prime Minister underlined that co-existence and cooperation have been a hallmark of Indian diaspora.

Prime Minister noted that India and Oman enjoy age-old connections, from Mandvi to Muscat, which today is being nurtured by the diaspora through hard work and togetherness. He appreciated the community participating in the Bharat ko Janiye quiz in large numbers. Emphasizing that knowledge has been at the center of India-Oman ties, he congratulated them on the completion of 50 years of Indian schools in the country. Prime Minister also thanked His Majesty Sultan Haitham bin Tarik for his support for welfare of the community.

Prime Minister spoke about India’s transformational growth and development, of its speed and scale of change, and the strength of its economy as reflected by the more than 8 percent growth in the last quarter. Alluding to the achievements of the Government in the last 11 years, he noted that there have been transformational changes in the country in the fields of infrastructure development, manufacturing, healthcare, green growth, and women empowerment. He further stated that India was preparing itself for the 21st century through developing world-class innovation, startup, and Digital Public Infrastructure ecosystem. Prime Minister stated that India’s UPI – which accounts for about 50% of all digital payments made globally – was a matter of pride and achievement. He highlighted recent stellar achievements of India in the Space sector, from landing on the moon to the planned Gaganyaan human space mission. He also noted that space was an important part of collaboration between India and Oman and invited the students to participate in ISRO’s YUVIKA program, meant for the youth. Prime Minister underscored that India was not just a market, but a model for the world – from goods and services to digital solutions.

Prime Minister conveyed India’s deep commitment for welfare of the diaspora, highlighting that whenever and wherever our people are in need of help, the Government is there to hold their hand.

Prime Minister affirmed that India-Oman partnership was making itself future-ready through AI collaboration, digital learning, innovation partnership, and entrepreneurship exchange. He called upon the youth to dream big, learn deep, and innovate bold, so that they can contribute meaningfully to humanity.