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साधु, संतों और मठों ने हमारे देश के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हम उनसे काफी प्रेरित हैं: प्रधानमंत्री मोदी
कांग्रेस के नेता पहले के हर चुनाव में गरीब-गरीब की माला जपते रहते थे, गरीबों की आंखों में धूल झोंकते थे। लेकिन जबसे एक गरीब मां के बेटे को इस देश के गरीबों ने प्रधानमंत्री बना दिया तबसे कांग्रेस पार्टी ने गरीबों का नाम लेना बंद कर दिया: पीएम मोदी
यह सबको पता है कि कांग्रेस ने कृषि क्षेत्र पर कभी ध्यान नहीं दिया: प्रधानमंत्री
कर्नाटक के लोगों को कांग्रेस और जेडी (एस) के बीच गठबंधन को जानने की जरूरत है: प्रधानमंत्री मोदी
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार केवल ‘नामदारों’ के लिए काम कर रही है, ना कि ‘कामगारों’ के लिए: पीएम मोदी
कर्नाटक में कांग्रेस झूठ बोल रही है और समाज को विभाजित कर रही है, हर दिन वे एक नया नाटक करते हैं: प्रधानमंत्री
कांग्रेस ने कर्नाटक में माफिया नेटवर्क स्थापित किया है, वे ‘वसूली’ में उत्कृष्ट हैं: प्रधानमंत्री मोदी
कर्नाटक चुनावों के नतीजे आने के बाद इंडियन नेशनल कांग्रेस PPP कांग्रेस बन जाएगी जिसका मतलब है पंजाब-पुडुचेरी-परिवार कांग्रेस: पीएम मोदी
महादायी नदी के नाम पर कांग्रेस पार्टी लोगों को गुमराह करने में लगी है: प्रधानमंत्री
आधुनिक, गतिशील, प्रगतिशील और विकासशील कर्नाटक हमारा लक्ष्य है: प्रधानमंत्री मोदी
झूठ फैलाना कांग्रेस के लिए एक व्यवसाय बन गया है: पीएम मोदी
कांग्रेस के ‘C’ और Corruption के ‘C’ के बीच कोई अंतर नहीं है: प्रधानमंत्री
कांग्रेस के लिए केवल एक परिवार सबकुछ है, मेरे लिए 125 करोड़ भारतीय मेरे परिवार हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कर्नाटक में चार जनसभाओं को संबोधित किया। तुमकुरु, गडग, शिवमोगा और मंगलुरु में हुई इन जनसभाओं में प्रधानमंत्री को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी जिनमें महिलाओं और युवाओं की भी बड़ी संख्या रही।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले 30-35 महीनों में उनकी सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर किसानों को पानी पहुंचाने के प्रयास किए हैं। किसानों को सिंचाई सुविधा देने से जुड़े देश के बड़े प्रोजेक्टों में से 5 कर्नाटक के हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बूंद-बूंद पानी बचाकर जल संरक्षण और माइक्रो इरिगेशन पर बल दे रही है। माइक्रो इरिगेशन को 24 लाख हेक्टेयर भूमि में देश भर में आगे बढ़ाया गया है।

श्री मोदी ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले कांग्रेस के नेताओं से वे यह पूछना चाहते हैं कि हेमवती नदी का पानी तुमकुरु के किसानों को क्यों नहीं मिला? प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ईमानदारी के साथ हेमवती और नेत्रवती नदियों को जोड़कर पानी पहुंचाने का काम पूरा करना चाहते हैं जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना रहा है। इससे तुमकुरु और आसपास के लाखों किसानों को सीधा-सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए नदियों को जोड़ना अहम है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि महादायी नदी के नाम पर कांग्रेस पार्टी लोगों को गुमराह करने में लगी है। उन्होंने कहा कि राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री को नहीं पता कि खुद उनकी नेता सोनिया गांधी ने 2007 में गोवा चुनावों के दौरान महादायी को लेकर ये कहा था कि महादायी का पानी कर्नाटक को ना मिले, इसके लिए कांग्रेस पार्टी कमिटेड है। आज गोवा से कांग्रेस गायब है इसलिए अब वह कर्नाटक के लोगों को महादायी के नाम पर भड़का रही है। श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने चाहे जो भी किया हो, लेकिन उनकी पार्टी मिल-बैठकर इसका समाधान निकालने के लिए कृतसंकल्प है।

तुमकुरु में श्री मोदी ने कहा कि यह क्षेत्र नारियल का सबसे बड़ा उत्पादक है लेकिन यहां के किसान नारियल की फसलों पर प्रकृति की जिस मार को सहते आए हैं उस पर राज्य की मौजूदा सरकार ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि अगर इस समस्या पर समुचित ध्यान दिया जाए तो इस पूरे क्षेत्र का कायाकल्प हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कोकोनट एक्सपोर्ट में 60 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी की है और इसी के कारण किसानों को कुछ मिलने की संभावना बनी है। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के  क्षेत्र में ठोस पहल कर पुरानी सरकार ने कृषि उत्पादों के वैल्यू ऐडिशन पर जोर दिया होता तो आज किसानों की हालत कहीं बेहतर होती।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कर्नाटक को तुमकुरु सहित सात शहरों के लिए 836 करोड़ रुपये केंद्र से मिले लेकिन उनमें से 12 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए और 824 करोड़ रुपये यूं ही पड़े हुए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के नेता पहले के हर चुनाव में गरीब-गरीब की माला जपते रहते थे, गरीबों की आंखों में धूल झोंकते थे और चुनाव जीतने के लिए खेल खेलते थे। लेकिन जबसे एक गरीब मां के बेटे को इस देश के गरीबों ने प्रधानमंत्री बना दिया तबसे कांग्रेस पार्टी ने गरीबों का नाम लेना बंद कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में जिन्हें फसलों के बारे में मामूली ज्ञान भी नहीं है वे आज किसान-किसान कर रहे हैं।

श्री मोदी ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और जेडीएस नूरा कुश्ती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच पर्दे के पीछे दरअसल एक साठगांठ है। श्री मोदी ने कहा कि लगभग सारे चुनाव सर्वेक्षण कह रहे हैं कि कर्नाटक चुनावों में जेडीएस नंबर तीन पर रहेगी, वह सरकार नहीं बना सकती है, इसलिए उसे अपना वोट देकर वोट खराब ना करें। अगर सरकार कोई बदल सकती है, तो भारतीय जनता पार्टी ही बदल सकती है।

गडग की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कामगारों की भी धरती है। यहां के श्रमशील लोगों ने पसीना बहाकर इस क्षेत्र की पहचान बनाई लेकिन पिछले पांच साल से कर्नाटक में ऐसी सरकार है जिसे कामगारों की नहीं, बल्कि खुद के कमाने की, जेब भरने की चिंता है। वहीं केंद्र सरकार ने खादी और हैंडलूम के क्षेत्र में ऐसे प्रयास कर दिखाए हैं जिनसे उत्पादन और कारोबार बढ़ने के साथ गरीबों की रोजी भी बढ़ी है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 15 मई को कर्नाटक चुनावों के रिजल्ट आने के बाद इंडियन नेशनल कांग्रेस PPP कांग्रेस बन जाएगी जिसका मतलब है पंजाब-पुडुचेरी-परिवार कांग्रेस। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कर्नाटक ही है जिसे भारतीय जनता पार्टी को उत्तर से दक्षिण ले जाने का क्रेडिट जाता है और 15 मई को एक बार फिर कर्नाटक की जनता नया इतिहास रचने जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2022 तक वे दो काम पक्का करना चाहते हैं..एक तो किसानों की इनकम डबल करना और दूसरा ये कि हिन्दुस्तान में कोई परिवार ऐसा नहीं हो जिसका अपना घर ना हो। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार ने गरीब से गरीब को घर देने का बीड़ा उठाया है लेकिन कर्नाटक की सरकार इस काम में रोड़ा अटकाने में लगी है।

शिवमोगा की जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां से उनका विशेष नाता रहा है। उन्होंने बताया कि 1991 में एकता यात्रा के दौरान उन्हें यहां आमसभा को संबोधित करने का अवसर मिला था जो विशाल संख्या में किसी सभा को संबोधित करने का उनके लिए पहला अवसर था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शिवमोगा की जनसभा में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा भी मौजूद थे। श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के साथ गलत व्यवहार कर रही है, उनके लिए गलत भाषा का प्रयोग करने में लगी है। उन्होंने कहा कि किसान पुत्र येदियुरप्पा के गरीब के घर जाने का कांग्रेस ने जिस प्रकार से मजाक उड़ाया वह पूरे देश के गरीबों का अपमान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिवमोगा का क्षेत्र सुपारी के लिए प्रसिद्ध है। पूरे भारत की आधी सुपारी इसी क्षेत्र में पैदा होती है लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने कोर्ट में दिए अपने एफिडेविट में सुपारी को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताकर किसानों के साथ बड़ा खिलवाड़ करने का काम किया था। उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा के विरोध के बाद ही कांग्रेस को यूटर्न लेने पर मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने येदियुरप्पा की ये कहते हुए प्रशंसा की कि उन्होंने बीजेपी के मैनिफेस्टो में सुपारी पैदा करने वाले किसानों की बेहतरी का वादा किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस लोगों को इसी बात में उलझाती रहती थी कि लोगों को 9 गैस सिलेंडर दिए जाएं या 12, लेकिन उनकी सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत देश भर में अब तक करीब 4 करोड़ गैस सिलेंडर कनेक्शन मुफ्त में बांटे हैं। इनमें से कर्नाटक में 9 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है। शिवमोगा में 17 हजार को गैस कनेक्शन मुफ्त में दिए गए जिनमें से 6 हजार दलित-आदिवासी परिवार की माताएं-बहनें हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में विकास की अपार संभावनाएं हैं और कर्नाटक का विकास होगा तभी हिन्दुस्तान का विकास होगा।

 

 

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काशी और संस्कृति एक ही ऊर्जा के दो नाम: पीएम मोदी
September 23, 2023
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Inaugurates 16 Atal Awasiya Vidyalayas
“Efforts like Kashi Sansad Sanskritik Mahotsav strengthen the cultural vibrancy of this ancient city”
With the blessings of Mahadev, Kashi is scripting unprecedented dimensions of development”
“Kashi and culture are the two names of the same energy”
“Music flows in every corner of Kashi, after all, this is the city of Natraj himself
“When I came here in 2014, the dream of development and heritage of Kashi that I had imagined is now slowly coming true”
“Varanasi has been a center of learning for centuries due its all inclusive spirit”
“I want the culture of tourist guides to flourish in Kashi and Tourist Guides of Kashi to be the most respected in the world”

हर हर महादेव!

उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, मंच पर उपस्थित सभी महानुभाव, काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के सभी प्रतिभागी साथियों, और रुद्राक्ष सेंटर में उपस्थित मेरे प्यारे काशीवासियों!

बाबा के आशीर्वाद से काशी का सम्मान आज नित नई-नई ऊँचाइयों को छू रहा है। G-20 समिट के जरिए भारत ने पूरी दुनिया में अपना झण्डा गाड़ा है, लेकिन उसमें काशी की चर्चा विशेष है। काशी की सेवा, काशी का स्वाद, काशी की संस्कृति और काशी का संगीत....जी-20 के लिए जो-जो मेहमान काशी आया वो इसे अपनी यादों में समेटते हुए साथ लेकर के गया है। मैं मानता हूँ कि G-20 की ये अद्भुत सफलता महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुई है।

साथियों,

बाबा की कृपा से काशी अब विकास के ऐसे आयाम गढ़ रही है, जो अभूतपूर्व हैं। आपको भी लगता है ना? आप बोलेंगे तो पता चलेगा। मैं जो कह रहा हूं आपको सच लग रहा है? आप बदलाव देख रहे हैं? काशी चमक रही है? दुनिया में काशी का नाम बढ़ता चला जा रहा है?

साथियों,

आज ही मैंने बनारस के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया है। और अभी-अभी मुझे यूपी के 16 अटल आवासीय विद्यालयों के लोकार्पण का अवसर भी मिला है। मैं इन सभी उपलब्धियों के लिए काशीवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई देता हूं, मेरे श्रमिक परिवारों को बधाई देता हूं।

मेरे परिवारजनों,

2014 में जब मैं यहाँ आया था, तो मैंने जिस काशी की कल्पना की थी, विकास और विरासत का वो सपना अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है। दिल्ली में व्यस्तता के बीच भी मैं काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के जो आपका कार्यक्रम चला और मैंने तो देखा बहुत व्यापक रूप से लोगों ने हिस्सा लिया, तो मैं कभी रात को देर से पहुंचता था तो भी दो पांच दस मिनट निकालकर के वीडियो देख लेता था क्या चल रहा है? और मैंने देखा बड़ी प्रभावित करने वाली आपकी प्रस्तुतियां थी। अद्भुत संगीत, अद्भुत प्रस्तुति! मुझे गर्व है कि सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के जरिए मुझे इस क्षेत्र की, इस धरती की, इतनी प्रतिभाओं से सीधा जुड़ने का अवसर मिल गया। और अभी तो इस आयोजन का ये पहला साल रहा है। लेकिन फिर भी इसमें करीब 40 हजार लोगों ने, कलाकारों ने हिस्सा लिया, और लाखों दर्शक प्रत्यक्ष रूप में इसका आनंद लेने के लिए आए। मुझे विश्वास है, बनारस के लोगों के प्रयास से, आने वाले वर्षों में ये सांस्कृतिक महोत्सव अपने आप में काशी की एक अलग पहचान बनने वाला है। इसका सामर्थ्य इतना बढ़ने वाला है कि हर कोई लिखेगा कि मैं उस स्पर्धा में मैंने हिस्स लिया था। मैंने उस स्पर्धा में ईनाम पाया था। और दुनिया भी पूछेगी अच्छा उसमें आप नंबर लाए थे तो आ जाइये आपके इंटरव्यू की जरूरत नहीं है, ये होने वाला है। ये देश दुनिया के पर्यटकों के लिए ये हमारा काशी आकर्षण का एक नया केंद्र भी बनेगा ये मानकर के चलिए।

मेरे परिवारजनों,

काशी और संस्कृति, एक ही चीज के, एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं। आप उनको अलग कर ही नहीं सकते। और काशी को तो देश की सांस्कृतिक राजधानी होने का गौरव प्राप्त है। और काशी की तो गली-गली में गीत गूँजते हैं। और ये स्वाभाविक भी है। क्योंकि ये नटराज की अपनी नगरी है। और सारी नृत्य कलाएं नटराज के तांडव से ही प्रकट हुई हैं। सारे स्वर महादेव के डमरू से उत्पन्न हुये हैं। सारी विधाओं ने बाबा के विचारों से जन्म लिया है। इन्हीं कलाओं और विधाओं को भरत मुनि जैसे आदि आचार्यों ने व्यवस्थित और विकसित किया। और काशी मतलब ‘सात वार- नौ त्यौहार’, ये ‘सात वार- और नौ त्यौहार’ वाली मेरी काशी में कोई भी उत्सव गीत-संगीत के बिना पूरा हो ही नहीं सकता। चाहे घर की बैठकी हो या बजड़े पर बुढवा मंगल, भरत मिलाप हो या नाग नथैया, संकटमोचन का संगीत समारोह हो या देव-दीपावली पर यहाँ सब कुछ सुरों में समाया हुआ है।

साथियों,

काशी में शास्त्रीय संगीत की जितनी गौरवशाली परंपरा है, उतने ही अद्भुत यहाँ के लोकगीत भी हैं। यहाँ तबला भी है, यहाँ शहनाई और सितार भी है। यहाँ सारंगी के सुर भी हैं, यहाँ वीणा का वादन भी है। ख्याल, ठुमरी, दादरा, चैती और कजरी जैसी कितनी ही विधाओं को बनारस ने सदियों से सहेजकर रखा है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी परिवारों ने, गुरू-शिष्य परम्पराओं ने भारत की इस मधुर आत्मा को जीवित बनाए रखा। बनारस का तेलिया घराना, पियरी घराना, रामापुरा-कबीरचौरा मोहल्ले के संगीतज्ञ, ये विरासत अपने आपमें कितनी समृद्ध रही है! बनारस के ऐसे कितने ही कलाकार हैं, जिन्होंने पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ी है। मैं सबके नाम लेना शुरू करूंगा तो शायद कितने दिन निकल जाएँ। कितने ही विश्व प्रसिद्ध नाम यहाँ अभी हमारे सामने उपस्थित हैं। मेरा सौभाग्य है कि मुझे बनारस के ऐसे कई सांस्कृतिक आचार्यों से मिलने का, उनके साथ समय बिताने का सौभाग्य मिला है।

साथियों,

आज यहां काशी सांसद खेल प्रतियोगिता के पोर्टल को भी लॉन्च किया गया है। सांसद खेल प्रतियोगिता हो, सांसद सांस्कृतिक महोत्सव हो, काशी में नई परंपराओं की ये तो शुरुआत है। अब यहां काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। कोशिश यही है कि काशी के इतिहास, यहां की समृद्ध विरासत, यहां के त्योहार, यहां के खान-पान के प्रति जागरूकता और बढ़े। सांसद ज्ञान प्रतियोगिता भी बनारस के शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग स्तर पर आयोजित की जाएगी।

साथियों,

काशी के बारे में सबसे ज्यादा काशी के ही लोग जानते हैं, और यहां का हर व्यक्ति, हर परिवार वो सच्चे अर्थों में काशी का ब्रांड एंबेसडर है। लेकिन साथ ही ये भी जरूरी है कि सभी लोग काशी के बारे में अपनी जानकारी को अच्छी तरह बता पाएं। और इसलिए शायद देश में पहली बार मेरे मन में एक इच्छा है, यहां शुरू करूं। अब सबका साथ मिलेगा? आपको पता तो है नहीं मैं क्या कहने वाला हूं, फिर भी हां कह दिया। देखिए कोई भी टूरिस्ट प्लेस होता है, यात्रा धाम होता है तो वहां पर आज के युग में उत्तम से उत्तम गाइड बहुत आवश्यक होते हैं। और गाइड प्रतिभावान हो, जानकारियों के संबंध में परफैक्ट हो, गोलमोल नहीं। ये दो सौ साल है दूसरा बोलेगा ढाई सो साल पुराना है, तीसरा बोलेगा तीन सौ साल पुराना है, ऐसा नहीं। वो 240 बोलेगा मतलब 240। ये ताकत काशी में होनी चाहिए। और आजकल टूरिस्ट गाइड का भी एक बहुत बड़ा रोजगार बन रहा है। क्योंकि जो टूरिस्ट आता है वो सब चीजों को समझना चाहता है। और टूरिस्ट गाइड को पैसे भी देना चाहता है। और इसलिए मेरी एक इच्छा है और मैं कोशिश कर रहा हूं शुरू करेंगे अब यहां काशी सांसद टूरिस्ट गाइड उसकी कम्पटीशन भी आयोजित की जाएगी। आप गाइड बनकर के आइये, लोगों को समझाइये कि जगह के विषय में और इनाम पाईये। उसके कारण लोगों को पता चलेगा कि इस शहर में गाइड का एक कल्चर बन रहा है। और मुझे ये काम इसलिए करना है कि मैं चाहता हूं कि मेरी काशी का पूरी दुनिया में डंका बजना चाहिए। और में चाहता हूं कि पूरी दुनिया में अगर कोई कहीं गाइड की बात करे तो काशी के गाइड्स का नाम सबसे सम्मान से लिया जाए। मैं सभी काशी वासियों से अपील करना चाहूंगा कि आप अभी से तैयारी करिए, और बढ़-चढ़कर के उसमें हिस्सा लें।

मेरे परिवारजनों,

हमारा बनारस सदियों से शिक्षा का भी एक बड़ा केंद्र रहा है। बनारस की शैक्षणिक सफलता का सबसे बड़ा आधार है- इसका सर्वसमावेशी स्वभाव! देश और दुनिया के कोने-कोने से आकर लोग यहाँ पढ़ाई करते हैं। आज भी दुनिया के कितने ही देशों से लोग यहाँ संस्कृत सीखने आते हैं, ज्ञान लेने आते हैं। आज हमने इसी भावना को केंद्र में रखकर यहाँ से अटल आवासीय विद्यालयों का शुभारंभ किया है। आज जिन अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण हुआ है उन पर करीब 11 सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। और ये स्कूल इतने भव्य स्कूल हमारे श्रमिक, हमारे यहां मजदूरी करने वाले जो लोग हैं और समाज के जो सबसे कमजोर वर्ग हैं, उनके बेटे बेटियों के लिए किया गया काम है। और इससे उनको अच्छी शिक्षा मिलेगी, संसकार मिलेंगे, आधुनिकतम शिक्षा मिलेगी। जिन लोगों की कोरोना में दु:खद मृत्यु हो गई, उनके बच्चों को भी इन आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क पढ़ाया जाएगा। मुझे बताया गया है कि इन स्कूलों में कोर्स के साथ-साथ संगीत, कला, क्राफ्ट, कंप्यूटर, और स्पोर्ट्स के लिए भी शिक्षक होंगे। यानी, गरीब के बच्चे भी अब अच्छी से अच्छी पढ़ाई का, सर्वांगीण शिक्षा का सपना पूरा कर पाएंगे। और केंद्र सरकार की ओर से हमने इसी तरह जनजातीय समाज के बच्चों के लिए एकलव्य आवासीय स्कूल बनाए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए हमने शिक्षा व्यवस्था की पुरानी सोच को भी बदला है। अब हमारे स्कूल्स आधुनिक बन रहे हैं। क्लासेस स्मार्ट हो रही हैं। भारत सरकार ने देश के हजारों स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए पीएम-श्री अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत देश के हजारों स्कूलों को मॉर्डन टेक्नोल़ॉजी से लैस किया जा रहा है।

साथियों,

काशी में सांसद के तौर पर जो भी नए कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं, उन सभी में मुझे आपका भरपूर सहयोग मिल रहा है। ये जो अटल आवासीय विद्यालय है ना, ये जो construction workers होते हैं। जो कभी ये गांव दूसरे गांव ऐसा काम करते हैं ना, बच्चों की पढ़ाई छुट जाती है और उसके लिए एक बजट रखा जाता है। उसमें से उनके बच्चों की चिंता करने का विषय होता है। आप देखिए कि तत्कालीन राजनीतिक लाभ लेने का जिनका इरादा नहीं होता है, स्वार्थभाव नहीं होता है वो कैसे काम करते हैं। और जिनके दिल दिमाग में सिर्फ चुनाव ही भरा रहता है, कैसे भी करके वोट बटोरने के खेल खेलने की आदत रहती है। वो ऐसे पैसों को कैसे बर्बाद करते हैं आप हिन्दुस्तान में जानकारी लेंगे तो पता चलेगा। ये पैसे सभी राज्यों के पास हैं और भारत सरकार ने पूरी की पूरी उनको छूट देकर रखी है। लेकिन ज्यादातर राज्य वोट मिलने वाले कामों के लिए उन पैसों को खपा रहे हैं। जबकि योगी जी ने और मेरी बात तो बहुत पहले हुई थी लेकिन उन्होंने मन में रखा और आज और ये बच्चे इतने तैयार होंगे ना उस परिवार को फिर मजदूरी करने की नौबत ही नहीं रहेगी। अभी मैं अटल आवासीय विद्यालय के कुछ बच्चों से मिलकर आया, श्रमिक परिवार के बच्चे थे, पक्का घर भी कभी देखा नहीं था। लेकिन इतने कम समय में जो आत्मविश्वास मैंने उनका देखा, मैं उनके सभी टीचर्स को भी बधाई देता हूं। जिस आत्मविश्वास से वो बातें कर रहे थे और प्रधानमंत्री को जिस प्रकार से वो बता रहे थे, ऐसे सवाल पूछ रहे थे, मैं भी तो कोई स्लेबस पढ़कर आया नहीं था। मुझे दिख रहा था कि इन बच्चों में स्पार्क है, सामर्थ्य है, मैं पक्का मानता हूं दोस्तों, 10 साल के भीतर-भीतर देखना इन स्कूलों में से उत्तरप्रदेश की और काशी की आन-बान-शान निखरने वाली है।

मेरे प्यारे काशीवासियों,

मुझ पर अपने आशीर्वाद ऐसे ही बनाए रखिए। इसी भावना के साथ, आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद!

हर हर महादेव!