कांग्रेस जवाब दे कि वे क्यों अर्बन माओवादियों की रक्षा के लिए बयानबाजी करती है: प्रधानमंत्री मोदी
बम-बंदूक के रास्ते से समस्याओं के समाधान नहीं होते हैं: पीएम मोदी
लोकतंत्र ही हमारी समस्याओं का समाधान दे सकता है: प्रधानमंत्री

‘’18 साल के छत्तीसगढ़ के सपने एक नौजवान के सपने हैं। वो अधीर होता है, वो ज्यादा इंतजार नहीं करता है और मैं भी अधीर हूं, आपके विकास के लिए। आइए, आपके सपने...हमारा पसीना, आपके सपने...हमारा पुरुषार्थ, आपके सपने...हमारा संकल्प लेकर चल पड़ें, एक नया बस्तर बनाएं और नया छत्तीसगढ़ बनाएं।

अपनी स्थापना के 18 वर्ष पूरे कर चुके छत्तीसगढ़ के विकास की अगली यात्रा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना ये संकल्प जगदलपुर की जनसभा में जताया। प्रधानमंत्री मोदी को सुनने के लिए इस जनसभा में लोगों का भारी हुजूम उमड़ा था, जिसमें महिलाओं की बड़ी तादाद दिखी। श्री मोदी ने कहा, ‘’ये चुनाव सभा नहीं, ऐसा लग रहा है, विकास की जो रैली चली है वो आज यहां जनसागर में परिवर्तित हो गई है।‘’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उन सपनों को पूरा करने तक चैन से नहीं बैठने वाले, जो उन्होंने छत्तीसगढ़ को लेकर देखे थे। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए वे रमन सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के चलना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ जब मध्य प्रदेश का हिस्सा था, तब सालों तक राज करने वाली कांग्रेस की सरकार में यहां लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ता था। लोगों को ये चिंता सताती रहती थी कि रात में घर का चूल्हा जलेगा या नहीं जलेगा, आंसू पीकर सोएंगे या कुछ खा-पीकर सोएंगे? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यही वो बदहाली थी जिसका समाधान करने के लिए, बस्तर की विशेष आवश्यकताओं पर ध्यान देने के लिए वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शुरू में जो सरकार आई थी वह नवगठित राज्य के सपनों को चूर-चूर करने पर उतर आई थी, लेकिन जनता ने समझदारी दिखाते हुए फौरन उसे बेदखल कर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य की मौजूदा  विकास यात्रा को कहीं अटकने नहीं देना है। 18 साल के बाद की यात्रा, ये ऐसा समय है, जहां वो दिन दूर नहीं होगा, जब छत्तीसगढ़ की गिनती हिंदुस्तान के समृद्ध राज्यों में होने लगेगी। लोग रोजी-रोटी कमाने, पूंजी निवेश करने छत्तीसगढ़ आने लगेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में जब कांग्रेस की सरकार थी तो 10 सालों तक उसने लगातार छत्तीसगढ़ से मुंह फेरे रखा। 10 सालों तक वह सरकार छत्तीसगढ़ को लेकर यही सोचती रही कि यहां की हर योजना अटक जाए, लटक जाए या भटक जाए। उन्होंने कहा कि तब जनता में असंतोष पैदा करने के कारनामे किए गए लेकिन भाजपा का स्वभाव किसी की कृपा पर रहने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘’हमारा तो हाईकमान 125 करोड़ हिन्दुस्तानी हैं, कोई एक व्यक्ति हमारा हाईकमान नहीं हो सकता है, जनता जनार्दन सर्वोपरि है।‘’  

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकारें तो पहले भी बनती थीं, लेकिन अपने मतलब के सीमित क्षेत्र की भलाई करना ही उनका उद्देश्य रहता था ताकि उनकी अपनी दुनिया चलती रहे। लेकिन अब वो सरकार है, जिसने इस स्थिति को बदल दिया है। अब अपना -पराया नहीं, शहर और गांव में भेदभाव नहीं, दलित, पीड़ित, शोषित, आदिवासी में भेदभाव नहीं, स्त्री-पुरुष में भेदभाव नहीं। यह सब इसलिए संभव हुआ है क्योंकि यह सरकार एक ही मंत्र लेकर चली है और वो मंत्र है-सबका साथ सबका विकास। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यही वो मंत्र है जिसकी बदौलत रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने भी विकास की कई ऊंचाइयों को छूकर दिखाया है। श्री मोदी ने कहा, ‘’हमें साथ भी सबका चाहिए, हमें विकास भी सबका करना है। मेरे-तेरे का खेल अब देश के अंदर कोई स्वीकार करने वाला नहीं है।‘’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मौजूदा सरकार की योजनाएं गर्भ में पल रहे शिशु से लेकर जीवन के हर पड़ाव में जनता जनार्दन की मदद के लिए हैं। चाहे वो रोजगार हो या घर बनाने की बात हो, खेतीबाड़ी से जुड़ी कोई व्यवस्था हो या बुजुर्ग की जरूरतें, हर कदम पर यह सरकार लोगों के साथ खड़ी रहती है, उनकी चिंता करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे इस क्षेत्र के विकास के लिए कुछ ना कुछ योजनाओं के साथ यहां बार-बार आते रहे हैं और उसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी सरकारें नक्सल और माओवादी का नाम लेकर विकास नहीं कर पाने का बहाना बनाया करती थीं, लेकिन मौजूदा सरकार ने यह तय कर लिया कि वो इन क्षेत्रों का भी विकास करके रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों के हाथ में कलम होनी चाहिए, उन बच्चों के हाथ में राक्षसी प्रवृत्ति के लोग बंदूक पकड़ा देते हैं..उनकी जिंदगी बर्बाद करते हैं...उनके मां बाप के सपनों को तबाह कर देते हैं। उन्होंने कहा कि जो स्कूल में आग लगा देते हैं वो राक्षसी प्रवृत्ति के नहीं तो क्या हैं, जो अस्पताल में लोगों को काम नहीं करने देते वो राक्षसी मनोवृत्ति के नहीं तो क्या हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘’आपने देखा होगा जो अर्बन माओवादी हैं वो शहरों में एयरकंडीशंड घरों में रहते हैं साफ सुथरे दिखते हैं, अच्छे खासे लोगों में बैठने-उठने का रुतबा दिखाते हैं, उनके बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं, अच्छी-अच्छी गाड़ियों में घूमते हैं लेकिन वहां बैठे-बैठे रिमोट सिस्टम से हमारे आदिवासी बच्चों की जिंदगी तबाह करने का काम करते हैं।‘’

प्रधानमंत्री मोदी ने अर्बन माओवादियों की रक्षा के लिए बयानबाजी करने वाले कांग्रेस के लोगों से जवाब मांगते हुए कहा कि उनके खिलाफ सरकार कानूनी कार्रवाई करती है तो ये लोग उनको बचाने के लिए मैदान में आ जाते हैं। श्री मोदी ने लोगों से पूछा, ‘’नक्सलवाद के खिलाफ ढुलमुल बातें करके वोट तलाशने वाले ऐसे लोगों को आप माफ करेंगे क्या, क्या ऐसे लोगों को छत्तीसगढ़ की धरती पर घुसने देना है, हमें बस्तर बचाना है कि नहीं बचाना है, हमें नया बस्तर बनाना है कि नहीं बनाना है?’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि धोखे से भी बस्तर के किसी कोने में ऐसे लोग आ गए, तो वो पूरे बस्तर के सपनों में दाग लगा देंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पिछले चुनावों में जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में यहां आए थे, तब उन्होंने कहा था कि केंद्र में ऐसी सरकार आने वाली है जिससे छत्तीसगढ़ को विकास का डबल इंजन मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में हमें मौका मिला तो जो काम 10 साल में नहीं हो पाया था, वो छत्तीसगढ़ की धरती पर चार साल में हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन चार सालों में नौ हजार से अधिक गांवों को सड़क से जोड़ा गया। करीब 35 हजार करोड़ रुपये लगाकर तीन हजार किलोमीटर के नेशनल हाईवे का काम छत्तीसगढ़ की धरती पर किया गया। इस नेशनल हाईवे से छत्तीसगढ़ देश की अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा का हिस्सा बन गया है। करीब 12 हजार करोड़ रुपये के बजट से सात नई रेलवे लाइनों को मंजूरी दी गई, इसके साथ ही 11 हजार करोड़ रु से ज्यादा लागत की 15 हजार किलोमीटर की रेल लाइन के चौड़ीकरण का काम भी मौजूदा सरकार ने शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसने सोचा था कि जगदलपुर से भी लोग हवाई उड़ान भरकर दिल्ली का सफर तय करेंगे, लेकिन आज उसे संभव बनाया जा चुका है। बस्तर की अपनी यूनिवर्सिटी हो, मेडिकल कॉलेज हो, इंजीनियरिंग कॉलेज हो, राजधानी रायपुर जैसी सुविधाएं सुकमा और दंतेवाड़ा में उपलब्ध हों-ये सब क्या किसी ने सोचा था लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे करके दिखाया है।

श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी तो दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, इन सबको अपना खजाना मानती है। इन्हें वो इंसान के रूप में नहीं वोट बैंक के रूप में देखती है। यही वजह है कि इतने साल सरकार में रहने के बावजूद उसने अलग से आदिवासियों के विकास का मंत्रालय नहीं बनाया। ये काम करके भी दिखाने वाले थे तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी। आदिवासी समाज के वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ तो वाजपेयी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सोने के चम्मच लेकर पैदा हुए नेता कभी आदिवासी की समस्याओं को समझ नहीं सकते। यही वो वजह थी जिसके चलते उन्होंने बांस को भी पेड़ की कैटेगरी में डाल दिया था। पर्यावरण संबंधी कानून के चलते आदिवासी लोग बांस भी नहीं काट सकते थे। इसलिए मौजूदा सरकार ने आदिवासियों को उनका हक दिलाने के लिए बांस को घास की कैटेगरी में डालने का काम किया। इससे कानूनी उलझन खत्म हो चुकी है और बांस आदिवासियों की अर्थव्यवस्था के केंद्र में आ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ का भविष्य भी बस्तर की आर्थिक समृद्धि से जुड़ने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने लगातार झूठ बोलने का मंत्र ले लिया है लेकिन हमारा मंत्र बस विकास का है। श्री मोदी ने लोगों से 12 नवंबर को – बार बार भाजपा का मंत्र लेकर अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने की अपील की। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वो चुनाव को रक्त रंजित करने का सपना देखने वालों को अभूतपूर्व मतदान करके जवाब दें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’लोकतंत्र ही हमारी समस्याओं का समाधान दे सकता है। बैठकर विचार-विमर्श से समस्याओं का समाधान हो सकता है। बम बंदूक के रास्ते समस्याओं के समाधान नहीं होते हैं। हमें शांति की राह पर चलना है।‘’

 

 

 

 

 

 

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PM Modi hails the commencement of 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage in India
December 08, 2025

The Prime Minister has expressed immense joy on the commencement of the 20th Session of the Committee on Intangible Cultural Heritage of UNESCO in India. He said that the forum has brought together delegates from over 150 nations with a shared vision to protect and popularise living traditions across the world.

The Prime Minister stated that India is glad to host this important gathering, especially at the historic Red Fort. He added that the occasion reflects India’s commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

The Prime Minister wrote on X;

“It is a matter of immense joy that the 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage has commenced in India. This forum has brought together delegates from over 150 nations with a vision to protect and popularise our shared living traditions. India is glad to host this gathering, and that too at the Red Fort. It also reflects our commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

@UNESCO”