Excellencies,

मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली और प्रधानमंत्री डिकॉन मिचेल के साथ दूसरी भारत-कैरीकॉम समिट की मेजबानी करते हुए मुझे हार्दिक खुशी हो रही है।मैं कैरीकॉम परिवार के सभी सदस्यों का हार्दिक स्वागत करता हूँ, और राष्ट्रपति इरफान अली को इस समिट के शानदार आयोजन के लिए विशेष रूप से धन्यवाद देता हूँ।

कुछ महीनों पहले "हरीकेन बेरिल” से प्रभावित देशों में हुई जान-माल की हानि के लिए मैं सभी भारतवासियों की ओर से गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूँ।

Excellencies,

आज की हमारी बैठक पाँच साल के अंतराल के बाद हो रही है। इन पाँच वर्षों में विश्व में अनेक बदलाव आए हैं, मानवता को अनेक तनावों और संकटों का सामना करना पड़ा है।

इनका सबसे बड़ा और नकारात्मक प्रभाव हम जैसे ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ा है। इसलिए भारत ने सदैव कैरीकॉम के साथ मिलकर साझा चुनौतियों से निपटने का प्रयास किया है।

कोविड हो या natural disasters, capacity building हो या विकास के कार्य, भारत एक विश्वसनीय पार्टनर के रूप में आप सभी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ा है।

Excellencies,

पिछली बैठक में हमने कई नए और सकारात्मक initiatives की पहचान की थी। मुझे खुशी है कि उन सभी पर प्रगति हो रही है। भविष्य में हमारे सहयोग को मजबूत करने के लिए मैं कुछ प्रस्ताव रखना चाहूँगा।

यह प्रस्ताव सात मुख्य स्तंभों पर आधारित हैं। और ये स्तम्भ हैं: C, A, R, I, C, O, M यानि कैरीकॉम।पहला, ‘C’ यानि Capacity Building भारत scholarships, ट्रेनिंग और तकनीकी सहायता के माध्यम से कैरीकॉम देशों की capacity building में अपना योगदान देता रहा है। आज मैं भारत द्वारा दी जा रहीI TEC (आई-टेक) scholarships में अगले पाँच वर्ष के लिए 1000 slots की वृद्धि का प्रस्ताव रखता हूँ।

युवाओं की technical training और skill development को बढ़ावा देने के लिए हमने बेलीज़ में Technical Development Centre बनाया है। सभी कैरीकॉम देशों द्वारा इसके इस्तेमाल के लिए हम इसके scale और size का विस्तार करेंगे।

हम कैरीकॉम क्षेत्र के लिए Forensic Centre बनाने पर भी काम करेंगे। भारत में civil servants की निरंतर capacity building के लिए हमने "i-GOT कर्मयोगी पोर्टल” बनाया है।

इस पोर्टल पर टेक्नोलॉजी, administration, कानून, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में online courses उपलब्ध हैं। कैरीकॉम देशों के लिए एक ऐसा ही पोर्टल तैयार किया जा सकता है। लोकतंत्र की जननी के रूप में, भारत अपने कैरीकॉम साथियों के साथ पार्लियामेंटरी ट्रेनिंग पर भी काम करने के लिए तैयार है।

दूसरा, ‘A’ यानि Agriculture and Food Securityकृषि क्षेत्र में, Drones, Digital Farming, Farm Mechanisation, Soil testing जैसी तकनीकों से भारत में कृषि का स्वरूप बदला है। Nano Fertilizers के साथ-साथ हमnatural farming पर भी बल दे रहे हैं। Food security को बढ़ावा देने के लिए हम millets को promote कर रहे हैं। भारत की पहल पर UN ने वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया था।

Millets एक ऐसा superfood है, जो किसी भी climate में grow कर सकता है। कैरीकॉम देशों के लिए भी यह climate change का सामना करने के साथ साथ food security बढ़ाने का प्रभावी माध्यम बन सकता है। आपके यहाँ "सरगासम seaweed (सी-वीड)” एक बड़ी समस्या है। इसका प्रभाव होटल और tourism industry पर भी पड़ रहा है।भारत में हमने इस seaweed (सी-वीड) से fertiliser बनाने की technology विकसित की है।

इस टेक्नॉलजी से इस समस्या का हल भी हो सकता है, साथ ही crop yield भी बढ़ सकती है। इन सभी अनुभवों को भारत कैरीकॉम देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है।

तीसरा, "R” यानि Renewable Energy and Climate Change पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियाँ हम सभी के लिए प्राथमिकता का विषय हैं। इस विषय में वैश्विक समन्वय बढ़ाने के लिए हमने International Solar Alliance, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Mission LiFE, यानि Lifestyle for Environment, Global Biofuel Alliance जैसी पहलों की शुरुआत की है।

मुझे खुशी है कि आप International Solar Alliance से जुड़े हैं। मैं बाकी initiatives से भी जुड़ने का आग्रह करना चाहूँगा। Renewable energy के क्षेत्र में हम बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। हमारा प्रस्ताव है कि हम कैरीकॉम के सभी देशों में कम से कम एक government building को solar powered बनाने में मदद करेंगे। चौथा, ‘I’ (आई) यानि Innovation, Technology and Trade ।

आज भारत की पहचान टेक्नॉलॉजी और startup हब के रूप में हो रही है। भारत की विशिष्टता ये है कि भारत में विकसित technology solutions हमारे विविधता से भरे समाज और समय की कसौटी से निकल कर आते हैं। इसलिए इनकी सफलता विश्व के किसी भी देश में guaranteed है। भारत के Digital Public Infrastructure यानि India Stack से हम अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को revolutionise कर रहे हैं।

आज भारत में एक क्लिक में करोड़ों लोगों को direct benefits transfers किए जाते हैं। भारत द्वारा बनाए गए UPI यानि Unified Payments Interface से UAE, सिंगापुर, फ्रांस, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस जैसे देश जुड़ चुके हैं।

मेरा प्रस्ताव है कि कैरीकॉम देशों में भी इसकी adoption के लिए हम मिलकर काम कर सकते हैं। सामान्य जन द्वारा अपने सभी दस्तावेज़ों को सुरक्षित तरीके से store करने के लिए हमने cloud-based Digi Locker प्लेटफॉर्म बनाया है।

हम कैरीकॉम देशों में इसे pilot project के रूप में लॉन्च कर सकते हैं। भारत में public procurement और सुगम, और transparent बनाने के लिए हमने Government e-Marketplace यानि GeM पोर्टल बनाया है।

इस पोर्टल पर मेडिकल equipment और कंप्यूटर से लेकर, फर्नीचर और kids toys तक हर चीज़ उपलब्ध है। हमें यह पोर्टल कैरीकॉम देशों के साझा करने में ख़ुशी होगी। 5Ts यानि Trade, Technology, Tourism, Talent और Tradition को बढ़ावा देने के लिए हम सभी देशों के प्राइवेट सेक्टर तथा stakeholders को आपस में जोड़ने के लिए एक online portal बना सकते हैं।

SME सेक्टर में भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। पिछले वर्ष India-CARICOM बैठक के दौरान हमने SME projects के लिए 1 मिलियन डॉलर की ग्रांट की घोषणा की थी। हमें इसके implementation को गति देनी चाहिए। Space Technology में भारत विश्व के अग्रणी देशों में से हैं। Space technology का इस्तेमाल करते हुए हम कैरीकॉम देशों में resource mapping, climate studies, agriculture जैसे क्षेत्रों के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।

पिछले वर्ष, सितम्बर में G-20 समिट के दौरान हमने G-20 Satellite for Environment and Climate Observation की घोषणा की थी। 2027 तक इसे लॉन्च किया जाएगा। हम इस मिशन से आने वाले डाटा को विश्व के सभी देशों, खास तौर पर ग्लोबल साउथ के देशों के साथ साझा करेंगे।

पांचवां, ‘C’ यानि Cricket and Cultureक्रिकेट हमारे देशों के बीच एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण connecting link है।बात 1983 के क्रिकेट विश्व कप फाइनल की हो, या IPL की, भारत के लोगों में West Indies के cricketers के लिए विशेष लगाव रहा है।

इस वर्ष आपके यहाँ हुए T-20 World Cup से भारतीय क्रिकेट fans का कैरीबियन की ओर आकर्षण और बढ़ा है। और यह मैं सिर्फ इसलिए नहीं कह रहा हूँ क्योंकि भारत ने ये विश्व कप जीता था! मेरा प्रस्ताव है कि क्रिकेट संबंधों के साथ साथ महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए हम कैरीकॉम के हर देश से ग्यारह युवा महिला cricketers की भारत में training कर सकते हैं।

हमारी साझा सांस्कृतिक धरोहर को विश्व पटल पर रखने के लिए हम अगले वर्ष कैरीकॉम देशों में Days of Indian Culture का आयोजन कर सकते हैं। बॉलीवुड की लोकप्रियता को देखते हुए, कैरीकॉम देशों के साथ मिलकर फिल्म फेस्टिवल organise किये जा सकते हैं।छठा, ‘O’ (ओ) यानि Ocean Economy and Maritime Securityभारत के लिए आप Small Island States नहीं, lekin Large Ocean Countries हैं।

मेरा प्रस्ताव है कि इस क्षेत्र में connectivity बढ़ाने के लिए हम पैसेंजर और कार्गो ferries की आपूर्ति करेंगे। हम मिलकर maritime domain mapping और hydrography पर काम कर सकते हैं। पिछले वर्ष कैरीकॉम द्वारा maritime security strategy जारी की गई।

इसमें drug trafficking, piracy, illegal fishing, human trafficking के साथ-साथ आर्थिक सहयोग के untapped potential को भी रेखांकित किया गया है। भारत को इन सभी विषयों पर आपके साथ सहयोग बढ़ाने में खुशी होगी।सातवाँ, ‘M’ यानि Medicine and Healthcare कैरीकॉम देशों की स्वास्थ्य सुरक्षा भारत के लिए उच्च प्राथमिकता का विषय रहा है।

भारत ne सामान्य मानवी को quality and affordable healthcare प्रदान करने के लिए जन औषधि केंद्र खोले हैं। मेरा प्रस्ताव है कि हम इस model पर कैरीकॉम के सभी देशों में जन औषधि केंद्र खोल सकते हैं। भारत और सभी देशों के बीच फार्माकोपिया को मान्यता देने के लिए समझौता संपन्न किया जाये तो इस प्रयास में गति ला सकते हैं।

हम कैरीकॉम देशों में Drug Testing Labs बनाने पर भी विचार कर सकते हैं। कैरीकॉम देशों में कैंसर और दूसरे non-communicable diseases एक बहुत बड़ी चुनौती है। इससे लड़ने के लिए हम भारत में बनी कैंसर therapy मशीन, सिद्धार्थ Two, उपलब्ध कराएंगे।

Remote locations पर लोगों के सुगम और on the spot इलाज के लिए हमने भारत में "भीष्म” mobile hospital बनाए हैं। इन्हें कुछ मिनटों में ही set up किया जा सकता है, और बिना समय गँवाए सभी प्रकार के trauma का इलाज किया जा सकता है। हमें यह mobile hospitals कैरीकॉम के मित्रों को उपलब्ध करने में खुशी होगी।

दिव्यांग लोगों को artificial foot की मानवीय सहायता देने के लिए हम हर वर्ष किसी न किसी कैरीकॉम देश में Jaipur Foot camps लगाने का प्रस्ताव रखते हैं। हम Dialysis Units तथा sea ambulance भी प्रदान करने का प्रस्ताव रखते है। डायबिटीज, hypertension जैसी lifestyle diseases से बचने के लिए योग बहुत ही असरदार है। मन और शरीर के बीच सामंजस्य लाने पर केंद्रित यह साधना पूरी मानवता के लिए भारतीय सभ्यता का उपहार है।

इसे 2015 में UN द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में recognise किया गया था। इसे लोगों द्वारा छोटी उम्र से ही अपनाने के लिए हम इसे स्कूलों में करीक्यूलम का हिस्सा बना सकते हैं। हम सभी कैरीकॉम देशों में भारत सेयोग teachers और trainers भी भेजने का प्रस्ताव रखते हैं। हम कैरीकॉम देशों में योग थेरेपी और भारतीय traditional medicines के इस्तेमाल पर भी काम करेंगे।

Excellencies,

"कैरीकॉम” के हमारे इन सातों स्तंभों में एक बात समान है - यह सभी आपकी प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं पर आधारित हैं। यह हमारे सहयोग का मूलभूत सिद्धांत है।मैं इन विषयों पर आप सभी के विचार सुनना चाहूँगा।

बहुत बहुत धन्यवाद।

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भारत की 81% कंपनियों का पीएम की इंटर्नशिप स्कीम को समर्थन: निर्मला सीतारमण ने इंडस्ट्री के गेम-चेंजिंग सपोर्ट को सराहा
January 17, 2025

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री की इंटर्नशिप योजना को लेकर कॉरपोरेट इंडिया से मिले जबरदस्त समर्थन की सराहना की और युवाओं तथा देश की अर्थव्यवस्था के लिए इसकी परिवर्तनकारी क्षमता का हवाला दिया। इस योजना के लिए भारतीय उद्योग जगत से मिले 81% प्रभावशाली समर्थन पर प्रकाश डालने वाली रिपोर्टों पर बोलते हुए मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह पहल शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटेगी और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट की संस्कृति को बढ़ावा देगी।

टीमलीज और जी-न्यूज द्वारा किए गए अध्ययनों के अनुसार, बढ़ती संख्या में कंपनियां अपनी CSR रणनीतियों में इंटर्नशिप को एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रिपोर्टों के अनुसार, 2025 में कॉरपोरेट इंडिया का 10% पीएम-इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्न को जोड़ने की योजना बना रहा है, जो उद्योग और शिक्षा क्षेत्र दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

मंत्री सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम-इंटर्नशिप योजना केवल रोजगार की पहल नहीं है, बल्कि स्किल्ड वर्कफोर्स को विकसित करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा, "यह पहल हमारे युवाओं को व्यावहारिक अनुभव के साथ सशक्त बनाने और उन्हें तेजी से आगे बढ़ रहे वैश्विक नौकरी बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार करने की दिशा में एक कदम है।"

रिपोर्ट से पता चला है कि व्यवसायों के बीच यह मान्यता बढ़ रही है कि इंटर्नशिप न केवल छात्रों के लिए फायदेमंद है, बल्कि संगठनों को नए दृष्टिकोण, इनोवेटिव सॉल्यूशंस और भविष्य के लिए तैयार प्रतिभाओं की एक पाइपलाइन भी प्रदान करती है। यह सरकार के आत्मनिर्भर भारत के विजन के साथ पूरी तरह से मेल खाता है, जहाँ स्किल डेवलपमेंट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मंत्री सीतारमण ने इस योजना को सफल बनाने में पब्लिक-प्राइवेट सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "पीएम-इंटर्नशिप योजना शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह साझेदारी यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है कि हमारे युवा अपनी शैक्षणिक शिक्षा के साथ व्यावहारिक ज्ञान और तकनीकी कौशल हासिल करें।"

उन्होंने अपने ऑर्गनाइजेशनल फ्रेमवर्क में इंटर्नशिप को शामिल करने में सक्रिय भूमिका के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र की भी प्रशंसा की। 81% भारतीय कंपनियों ने इस योजना का समर्थन किया है, जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ उद्योग के तालमेल को दर्शाता है। यह कार्यक्रम कंपनियों को युवाओं की ऊर्जा और रचनात्मकता का लाभ उठाने का अवसर प्रदान करता है, जबकि छात्रों को उद्योग के मानकों और कार्य संस्कृति से परिचित होने का अवसर मिलता है।

इंटर्नशिप को अपने CSR पहलों में इंटीग्रेट करके, कंपनियाँ स्किल्ड वर्कफोर्स प्राप्त करते हुए सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करती हैं। मंत्री सीतारमण ने पीएम-इंटर्नशिप योजना के दोहरे लाभों पर जोर देते हुए इसे "विन-विन" स्थिति बताया, जहाँ छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिलता है, और व्यवसाय; सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए भविष्य के लिए तैयार प्रतिभाओं का निर्माण करते हैं।

मंत्री सीतारमण ने कहा, "पीएम-इंटर्नशिप योजना सिर्फ़ शहरी छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि ग्रामीण और वंचित समुदायों के छात्रों के लिए भी बनाई गई है। हम ऐसे स्ट्रक्चर बनाने के लिए काम कर रहे हैं जो भौगोलिक या सामाजिक-आर्थिक बाधाओं के बावजूद अवसरों तक समान पहुँच सुनिश्चित करें।"

मंत्री सीतारमण ने भारत के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने पर पीएम-इंटर्नशिप योजना के दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में भी आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, "आज के युवा कल के नेता हैं। उन्हें उद्योग-संबंधित स्किल और वास्तविक दुनिया के अनुभव के साथ तैयार करके, हम अपने देश के भविष्य में निवेश कर रहे हैं।"

जैसे-जैसे पीएम-इंटर्नशिप योजना गति पकड़ती जा रही है; यह एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट और रोजगार के अवसरों को एक साथ लाने के सरकार के संकल्प का एक शानदार उदाहरण है। मंत्री निर्मला सीतारमण की टिप्पणी एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने में सामूहिक प्रयास के महत्व को दर्शाती है जहाँ युवाओं की आकांक्षाएँ आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के दृष्टिकोण के साथ मेल खाती हैं।