Let’s welcome the new decade with a resolution for a stronger tomorrow…

Published By : Admin | December 31, 2010 | 14:43 IST

मित्रों,

साल 2010 समाप्त होने की कगार पर है। देखते ही देखते 21 वीं सदी का प्रथम दशक पूरा भी हो गया। 2011 का नया साल दुनिया के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। नये साल पर सबको शुभकामनाएँ।

२० वीं सदी के अन्त में गुजरात कहा पर था और आज २१ वीं सदी के पहले दशक की समाप्ति पर गुजरात किस दिशा में जा रहा है, यह एक मंथन का विषय है | 

बीते पूरे दशक पर एक नजर दौड़ाएं तो पता चलता है त्रासदियों ने गुजरात में अपनी काली छाया फैलाई रखी लेकिन समस्याओं, मुसीबतों से संघर्ष करते हुए प्रदेश ने निरंतर विकास की ऊंचाइयों को छुआ।

आइए पहले नजर डालते हैं इस दशक की त्रासदियों पर... 

बीते दशक में खौफनाक भूकंप ने हर तरफ मौत की चादर बिछा दी, इस दर्द से कराहता गुजरात उबरने के लिए संघर्ष कर ही रहा था कि गोधरा कांड ने गुजरात के घाव को फिर से हरा कर दिया। मानवताविहीन तत्वों ने निर्दोष कारसेवकों को जिंदा जला दिया, गुजरात में एक बार फिर हाहाकार मच गया। यह घाव भर ही रहा था कि सहकारी बैंकों में अनियमितताओं ने गुजरात के आर्थिक तंत्र में भूकंप ला दिया। इसने सहकारी बैंकों की साख धूल में मिला दी। उधर सूरत के तापी के घोडापुर की घटना, अक्षरधाम के ऊपर आंतकी हमला और अहमदाबाद-सूरत में आतंकी बम विस्फोट ने गुजरात को लगभग हिला दिया | तूफान जैसे कुदरती कहर ने भी इस दशक में कोहराम मचाया ।

इतिहास में तो सबने पढ़ा है की ‘विषमताओं से डिगना नहीं चाहिए’, लेकिन गुजरात ने इस दशक में हर रोज इसे जिया है | नित नये षड़यंत्र, गुजरात की अश्मिता पर रोज नये आक्रमण |चुनौतियों का यथा-उत्तर देते हुए उद्यमशीलता और कर्मठता के साथ सतत आगे बढते रहने की परम्परा को जीवन्त अनुभव करने का अवसर इस दशक ने गुजरात की पीढ़ी को दिया है | इस अनुभव से गढ़ कर तैयार हुई पीढ़ी का सहज स्वभाव ही विजेता का बन गया हैं | इसलिए गुजरात इन सब चुनौतियों के बीच हर क्षेत्र में नित नये कीर्तिमान खड़े करता है | भ्रमित करने वाले प्रयासों के बीच, गुजराती समाज के सहज बंधुभाव को वोटबैंक में तोड़ने के षड़यंत्रो के बीच, गुजरात निरन्तर विजय प्राप्त करता चला आ रहा है|

स्वर्णिम गुजरात एक मिसाल है, जहां साढ़े पांच करोड़ गुजराती एक सुर, एक लक्ष्य, एक दिशा के साथ विकास का जन उत्सव मना रहे है औऱ दुनिया को दिखा दी गुजरात की ताकत... गुजरातियों के संकल्प की शक्ति...और एकजुटता की हस्ती...। 

विकास के हर रास्ते पर गतिशील गुजरात...

गुजरात आज अभावग्रस्त राज्य की श्रेणी से बाहर आ गया है। राज्य ने कृषि से लेकर दुग्ध क्रांति हो या फिर औद्योगिक विकास हो, हर दिशा में नए आयाम स्थापित किए हैं। प्रदेश ने गरीबी और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई का अभियान हो या फिर जन्म से पहले गर्भस्थ शिशु को मारने के खिलाफ जीवनयात्रा, हर क्षेत्र में बाकी राज्यों के लिए नया आदर्श स्थापित किया है। तकनीकी का आम जनों के लिए प्रयोग करने में भी गुजरात कहीं पीछे नहीं रहा है। आम जनता को अतिशीघ्र न्याय दिलाने के लिए ऑनलाइन टेक्नोलॉजी अपनाई गई। ‘वायब्रंट गुजरात - ग्लोबल इंन्वेस्टर्स समिट’ करके वैश्विक मंदी के खिलाफ लड़ने का आत्मविश्वास भी दिखलाया। क्लाइमेट चेंज के वैश्विक संकट से उबरने के लिए ‘प्रकृति प्रेमी’ और ‘ग्रीन क्रेडिट’ के रूप में एक नई पहल गुजरात ने की।

...और देश का ग्रोथ इंजन बन गया प्रदेश

इस मंत्र को साकार करने के लिए गुजरात पिछले एक दशक में जैसे हिंदुस्तान के अर्थतंत्र का ग्रोथ इंजन बन गया है। प्रदेशवासी तो गुजरात पर गर्व करता ही है, देशवासी भी गुजरात की इस ताकत को सराहते नहीं थक रहे हैं। 

लेकिन अपना सपना तो यह है... 

प्रत्येक गुजराती दुनिया में अपना सिर गर्व से ऊंचा रखे..... विश्व में जो श्रेष्ठ है वह गुजरात में हो.... बेहतर विश्व बनाने में हर गुजराती अपना योगदान दे....

गुजरात निरोगी हो, गुजरात स्वच्छ और हरियाला हो, गुजरात का एक-एक नागरिक भारतमाता के लिए कर्तव्यभाव से समर्पित हो।

तो आइए... 

२१ वीं सदी के दूसरे दशक की शुरुवात में एक ऐसे गुजरात के निर्माण का संकल्प करें जिसमे आने वाली पीढ़ी और अधिक शक्तिशाली और सामर्थ्यवान बने | 

जय जय गरवी गुजरात | जय जय स्वर्णिम गुजरात |

आपका,

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आपकी पूंजी, आपका अधिकार
December 10, 2025

कुछ दिन पहले ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में अपनी स्पीच के दौरान, मैंने कुछ चौंकाने वाले आंकड़े रखे थे:

भारतीय बैंकों में हमारे अपने नागरिकों के 78,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इंश्योरेंस कंपनियों के पास करीब 14,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास लगभग 3,000 करोड़ रुपये हैं और 9,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड भी अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इन बातों ने बहुत से लोगों को चौंका दिया है।

आखिरकार, ये एसेट्स अनगिनत परिवारों की मेहनत से बचाई गई सेविंग और इन्वेस्टमेंट को दिखाते हैं।

इसे ठीक करने के लिए, अक्टूबर 2025 में आपकी पूंजी, आपका अधिकार - Your Money, Your Right पहल शुरू की गई थी।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक अपने अधिकार के अनुसार अपना हक वापस पा सके।

फंड को ट्रैक करने और क्लेम करने की प्रक्रिया को आसान व पारदर्शी बनाने के लिए, डेडिकेटेड पोर्टल भी बनाए गए हैं। जो इस प्रकार हैं:

• भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) – UDGAM पोर्टल https://udgam.rbi.org.in/unclaimed-deposits/#/login

• भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) – बीमा भरोसा पोर्टल: https://bimabharosa.irdai.gov.in/Home/UnclaimedAmount

• भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)– MITRA पोर्टल: https://app.mfcentral.com/links/inactive-folios

• कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय, IEPFA पोर्टल: https://www.iepf.gov.in/content/iepf/global/master/Home/Home.html

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिसंबर 2025 तक, पूरे ग्रामीण और शहरी भारत के 477 जिलों में फैसिलिटेशन कैंप लगाए गए हैं। हमारा जोर दूर-दराज के इलाकों को कवर करने पर रहा है।

सरकार, नियामक संस्थाओं, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों सहित सभी हितधारकों की संयुक्त कोशिशों के माध्यम से, करीब 2,000 करोड़ रुपये पहले ही वास्तविक हकदारों को वापस मिल चुके हैं।

लेकिन हम आने वाले दिनों में इस अभियान को और बढ़ाना चाहते हैं। और ऐसा करने के लिए, मैं आपसे इन बातों पर मदद का अनुरोध करता हूँ:

पता कीजिए कि क्या आपके या आपके परिवार के पास कोई अनक्लेम्ड डिपॉजिट, बीमा की रकम, डिविडेंड या इन्वेस्टमेंट हैं।

ऊपर बताए गए पोर्टलों पर जाएं।

अपने जिले में सुविधा कैंप का लाभ उठाएं।

जो आपका है, उसे क्लेम करने के लिए अभी कदम बढ़ाएं और एक भूली हुई फाइनेंशियल संपत्ति को एक नए अवसर में बदलें। आपका पैसा आपका है। आइए, यह सुनिश्चित करें कि यह आपको वापस मिले।

आइए, साथ मिलकर एक पारदर्शी, आर्थिक रूप से सशक्त और समावेशी भारत बनाएं!