प्रिय मित्रों,

नवीन संशोधन करने वाले और नये विचारों के वाहक लोगों को प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में काम करने में अद्भुत आनन्द की अनुभूति होती है। संशोधक इस क्षेत्र में विविध नवीनतम पद्घतियों का उपयोग कर अत्यन्त संंतोषजनक नतीजे हासिल कर सकते हैं। दुर्भाग्य से, आजादी के पश्चात प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में हमारे देश में कोई बेहतर प्रयास नहीं किए गए। बालकों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराना और उन्हें सत्र के बीच में ही स्कूल छोडक़र जाने से रोकना ये हमारी मुख्य समस्या है। दरअसल, हमारे देश में राजनीति का चरित्र कुछ ऐसा है कि, जहां वोट मिलने की गुंजाइश होती है काम भी वहीं होता है। स्कूल के बच्चों को तो मतदान का अधिकार ही नहीं होता, शायद इसलिए ही हमारे यहां प्राथमिक शिक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है। इस परिस्थिति में बदलाव के लिए सबसे बेहतर रास्ता यही है कि एक ऐसा माहौल स्थापित किया जाए जहां नवीन संशोधनों को प्रोत्साहन मिले।

मित्रों, संशोधनों को प्रोत्साहन मिले ऐसे वाइब्रेंट वातावरण का निर्माण करने के लिए गुजरात ने कई कदम उठाए हैं। संशोधकों की प्रतिभा निखारने, उन्हें प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करने की अभिलाषा के साथ एक पूर्णकालिक इनोवेशन कमीशन का गठन करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य है। मौजूदा साल के सितंबर महीने में गुजरात सरकार ने च्आई-क्रिएटज् इन्क्युबेशन सेन्टर की स्थापना की है। इसके माध्यम से संशोधक अपने नवीन संशोधन एवं विचारों को वास्तविक दुनिया के समक्ष पेश कर सकें, इसके लिए सरकार उन्हें हर संभव मदद करेगी।

नवीन पद्घतियों के जरिए बुनियादी स्तर पर प्राथमिक शिक्षा देने का काम कर रहे संशोधकों के कार्य को समर्थन देने का गुजरात एजुकेशनल इनोवेशन्स कमीशन की ओर से प्रयास किया गया है। इसके तहत नवीन पद्घतियों और संशोधनों के जरिए प्राथमिक शिक्षा की कायापलट करने वाले करीब 25 शिक्षकों के कार्य को समावेशित कर एक पुस्तक तैयार की गई है।

इन 25 कर्मयोगियों ने अपने आसपास के समाज में एक बड़े परिवर्तन को अंजाम दिया है। फिर चाहे वह च्नाइट ग्रुप स्कूलज् के जरिए समाज के बाशिंदों की विकास की परिभाषा को बदलने वाले धर्मेश रामानुज हो या स्थानीय तरीकों के उपयोग से वृक्षों को बचाने वाले जयेश पटेल हो; ये लोग वास्तव में एक उच्च स्तर का कार्य कर रहे हैं और सर्जनात्मकता तथा परिवर्तन का वातावरण खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। जयंतिलाल जोताणी और प्रेरणा महेता जैसे लोगों का कार्य कन्या शिक्षा को गति प्रदान कर रहा है वहीं, नशामुक्ति के लिए लालजीभाई प्रजापति का कार्य निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है। यह सूची यहां समाप्त नहीं होती! इस पुस्तक में ऐसे 20 अन्य कर्मयोगियों का जिक्र है जो आने वाली पीढिय़ों के शिक्षकों के लिए प्रेरणारूप बन गए हैं।

च्अहं ब्रह्मास्मिज् मंत्र पर हमें परम श्रद्घा है। इस मंत्र का सूचित अर्थ यह है कि, हम सभी के भीतर सर्जक का वास है! मनुष्य को सिर्फ इस आंतरिक सर्जक के साथ तार जोडऩा है। यदि ऐसा हो तो एक सामान्य आदमी भी असामान्य सर्जन कर अपना योगदान दे सकता है। यह तार तब जुड़ता है जब व्यक्ति अपने सीमित अस्तित्व को असीमित अस्तित्व के साथ जोड़ दे, जब व्यक्ति यह समझने लगे कि यह परिवार, समाज और राष्ट्र कुछ और नहीं बल्कि उसी का विस्तृत स्वरूप है। ऐसा होने पर एक शिक्षक अपने विद्यार्थी में ईश्वर का स्वरूप निहारता है। वह अपने कार्य में एकाकार हो जाता है और फिर सर्जन सम्पूर्णत: उसके भीतर से प्रवाहित होने लगता है। स्वामी विवेकानंद के शब्द च्विस्तार का नाम ही जीवन है और संकुचन मृत्यु हैज् का मतलब भी यही है। इन सर्जनात्मक शिक्षकों ने अपने कार्य को अपने सीमित स्व से ऊपर रखा और नतीजा आज हम देख सकते हैं।

मित्रों, इन प्रयासों को विशाल परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है। विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक सभी शिक्षा को उत्सव के रूप में मनाएं, ऐसा वातावरण स्थापित करने के राज्य सरकार के मिशन में भी ऐसे प्रयास महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आज कक्षा 1 से 5 में स्कूल ड्रॉप-आउट की दर 20 फीसदी से घटकर 2 फीसदी और कक्षा 1 से 7 में 39 से घटकर 7.45 फीसदी पर पहुंच गई है। प्राथमिक शिक्षा में संशोधनात्मकता लाने के लिए गुजरात सरकार की एक और पहल है - गुणोत्सव कार्यक्रम। बालकों की सीखने की क्षमता में वृद्घि हो और च्टीचिंगज् के बजाय च्लर्निंगज् को महत्व मिले, ऐसे एक मूलभूत परिवर्तन का वातावरण स्थापित करने के उद्देश्य के साथ यह तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि मंत्रियों और आईएएस, आईएफएस तथा आईपीएस सहित करीब 3000 अधिकारी 30,000 से अधिक प्राथमिक स्कूलों की मुलाकात लेते हैं।

संशोधन का माहौल बने इसके लिए हमें अपने बालकों को श्रेष्ठ शिक्षा उपलब्ध करवाने का प्रयास करना चाहिए, जिससे वे ऊंचे ख्वाब देखें और देश को शिखर पर ले जाएं। यह पुस्तक 'Learning from Innovative Primary School Teachers of Gujarat' इस दिशा में आगे बढऩे का एक प्रयास है।

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आपकी पूंजी, आपका अधिकार
December 10, 2025

कुछ दिन पहले ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में अपनी स्पीच के दौरान, मैंने कुछ चौंकाने वाले आंकड़े रखे थे:

भारतीय बैंकों में हमारे अपने नागरिकों के 78,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इंश्योरेंस कंपनियों के पास करीब 14,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास लगभग 3,000 करोड़ रुपये हैं और 9,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड भी अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इन बातों ने बहुत से लोगों को चौंका दिया है।

आखिरकार, ये एसेट्स अनगिनत परिवारों की मेहनत से बचाई गई सेविंग और इन्वेस्टमेंट को दिखाते हैं।

इसे ठीक करने के लिए, अक्टूबर 2025 में आपकी पूंजी, आपका अधिकार - Your Money, Your Right पहल शुरू की गई थी।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक अपने अधिकार के अनुसार अपना हक वापस पा सके।

फंड को ट्रैक करने और क्लेम करने की प्रक्रिया को आसान व पारदर्शी बनाने के लिए, डेडिकेटेड पोर्टल भी बनाए गए हैं। जो इस प्रकार हैं:

• भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) – UDGAM पोर्टल https://udgam.rbi.org.in/unclaimed-deposits/#/login

• भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) – बीमा भरोसा पोर्टल: https://bimabharosa.irdai.gov.in/Home/UnclaimedAmount

• भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)– MITRA पोर्टल: https://app.mfcentral.com/links/inactive-folios

• कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय, IEPFA पोर्टल: https://www.iepf.gov.in/content/iepf/global/master/Home/Home.html

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिसंबर 2025 तक, पूरे ग्रामीण और शहरी भारत के 477 जिलों में फैसिलिटेशन कैंप लगाए गए हैं। हमारा जोर दूर-दराज के इलाकों को कवर करने पर रहा है।

सरकार, नियामक संस्थाओं, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों सहित सभी हितधारकों की संयुक्त कोशिशों के माध्यम से, करीब 2,000 करोड़ रुपये पहले ही वास्तविक हकदारों को वापस मिल चुके हैं।

लेकिन हम आने वाले दिनों में इस अभियान को और बढ़ाना चाहते हैं। और ऐसा करने के लिए, मैं आपसे इन बातों पर मदद का अनुरोध करता हूँ:

पता कीजिए कि क्या आपके या आपके परिवार के पास कोई अनक्लेम्ड डिपॉजिट, बीमा की रकम, डिविडेंड या इन्वेस्टमेंट हैं।

ऊपर बताए गए पोर्टलों पर जाएं।

अपने जिले में सुविधा कैंप का लाभ उठाएं।

जो आपका है, उसे क्लेम करने के लिए अभी कदम बढ़ाएं और एक भूली हुई फाइनेंशियल संपत्ति को एक नए अवसर में बदलें। आपका पैसा आपका है। आइए, यह सुनिश्चित करें कि यह आपको वापस मिले।

आइए, साथ मिलकर एक पारदर्शी, आर्थिक रूप से सशक्त और समावेशी भारत बनाएं!