प्रधानमंत्री मोदी ने तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुर्बांगुली बर्दिमुहम्मेदोव के साथ व्यापक वार्ता की
पीएम मोदी और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच संस्थागत संपर्क को  मजबूत बनाने की जरूरत पर बल दिया
भारत और तुर्कमेनिस्तान सीमा पार के खतरों, आतंकवाद एवं ड्रग्स की अवैध तस्करी के खिलाफ अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने पर सहमत
भारत और तुर्कमेनिस्तान द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में तेजी लाने के लिए काम करेंगे

तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति महामहिम श्री गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव के निमंत्रण पर भारत गणराज्‍य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 10-11 जुलाई, 2015 को तुर्कमेनिस्‍तान का आधिकारिक दौरा किया।

इस यात्रा के दौरान, भारत गणराज्‍य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के अलावा आपसी हित के क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्दों पर तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति श्री गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव के साथ व्‍यापक चर्चा की। दोनों नेताओं ने गहरे सभ्‍यतागत, ऐतिहासिक एवं सांस्‍कृतिक सहलग्‍नाताओं तथा अंतर्राष्‍ट्रीय एवं क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता में साझे हित पर आधारित द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास पर संतोष व्‍यक्‍त किया।



राजनीतिक और राजनयिक भागीदारी

दोनों नेताओं ने हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच उच्‍च स्‍तरीय आदान - प्रदान में वृद्धि को संतोष के साथ नोट किया तथा दोनों देशों के बीच सहयोग की गति को सुदृढ़ करने में नियमित रूप से द्विपक्षीय बातचीत के महत्‍व को दोहराया। दोनों नेताओं ने सभी स्‍तरों पर आदान - प्रदान में सतत वृद्धि को प्रोत्‍साहित किया जिसमें नेताओं, मंत्रियों, संसद सदस्‍यों एवं वरिष्‍ठ अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय रूप में आदान - प्रदान और बहुपक्षीय कार्यक्रमों के दौरान अतिरिक्‍त समय में आदान - प्रदान शामिल है।

दोनों नेताओं ने 8 अप्रैल, 2015 को अशगाबाट में आयोजित व्‍यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी सहयोग पर भारत - तुर्कमेनिस्‍तान अंतर्सरकारी संयुक्‍त आयोग की 5वीं बैठक की सफल समाप्ति का स्‍वागत किया। उन्‍होंने नोट किया कि इस आयोग ने सहयोग के नए एवं संभावित क्षेत्रों की पहचान की है तथा उन्‍होंने इस बैठक में लिए गए निर्णयों को कारगर ढंग से कार्यान्वित करने का आह्वान किया। उन्‍होंने अन्‍य संस्‍थानिक सहलग्‍नताओं को सुदृढ़ करने की आवश्‍यकता पर जोर दिया तथा इस संबंध में अपने - अपने वरिष्‍ठ अधिकारियों को विद्यमान तंत्रों जैसे कि विदेश कार्यालय परामर्श, कांसुलर परामर्श, ऊर्जा पर संयुक्‍त कार्य समूह के माध्‍यम से और साथ ही परस्‍पर सहमत मुद्दों पर अतिरिक्‍त तंत्र स्‍थापित करके द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर नियमित रूप से वार्ता का आयोजन करने का निर्देश दिया।

रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग

दोनों नेताओं ने नोट किया कि हाल के वर्षों में अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद का स्‍वरूप एवं तेजी से इसका विस्‍तार आज सर्वाधिक गंभीर विश्‍व व्‍यापी खतरों में से एक है। दोनों नेताओं ने सुरक्षा से जुड़े विभिन्‍न खतरों से निपटने में चल रहे सहयोग को गहन करने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया। वे सीमा पारीय खतरों जैसे कि आतंकवाद, संगठित अपराध तथा ड्रग्‍स की अवैध तस्‍करी के विरूद्ध प्रयासों में वृद्धि करने पर भी सहमत हुए।

दोनों नेताओं ने इस यात्रा के दौरान रक्षा सहयोग करार पर हस्‍ताक्षर होने का स्‍वागत किया, जो उच्‍च एवं मध्‍यम स्‍तरीय यात्राओं के आदान - प्रदान, दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों और अन्‍य संगत संगठनों के बीच प्रशिक्षण एवं वार्ता के माध्‍यम से द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को गहन करने की रूपरेखा प्रदान करेगा। यह क्षमता निर्माण एवं तकनीकी सहयोग को भी संभव बनाएगा और इस प्रकार, रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय साझेदारी को एक नई गति प्रदान करेगा।

आर्थिक भागीदारी

दोनों नेताओं ने इस बात को स्‍वीकार किया कि पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय व्‍यापार में निरंतर वृद्धि के बावजूद दोनों देशों के बीच व्‍यापार की मात्रा संभावित रूप से दोनों देशों के परस्‍पर लाभ के लिए कई गुना अधिक हो सकती है।

इस प्रयोजन के लिए, दोनों नेता द्विपक्षीय व्‍यापार, निवेश एवं आर्थिक सहयोग के स्‍तरों में तेजी से वृद्धि करने की दिशा में सक्रियता से काम करने पर सहमत हुए।

दोनों नेताओं ने विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्‍प किया तथा दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों के रूप में ऊर्जा, भेषज पदार्थ, परिवहन, संचार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, वस्‍त्र उद्योग, रसायन एवं फार्मास्‍यूटिकल उद्योग, निर्माण एवं कृषि प्रसंस्‍करण की पहचान की।

दोनों नेता दोनों देशों की निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा देने और अनुकूल स्थितियां सृजित करने पर भी सहमत हुए जिसमें दोनों देशों में अवसंरचना एवं निवेश की विभिन्‍न परियोजनाओं में संयुक्‍त उद्यमों का निर्माण शामिल है।

दोनों नेताओं ने भारत और तुर्कमेनिस्‍तान दोनों में राष्‍ट्रीय प्रदर्शनियों, व्‍यवसाय मंचों एवं अन्‍य कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए अपनी - अपनी तत्‍परता की फिर से पुष्टि की जिसमें दोनों देशों के बीच कारोबारी बातचीत एवं सहलग्‍नता को सुगम बनाने के लिए दोनों देशों के कारोबारी समुदाय शामिल होंगे।

ऊर्जा एवं पेट्रो रसायन



दोनों नेताओं ने नोट किया कि ऊर्जा क्षेत्र, विशेष रूप से, तुर्कमेनिस्‍तान - अफगानिस्‍तान - पाकिस्‍तान - भारत (टी ए पी आई) पाइपलाइन परियोजना में सहयोग दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी का मुख्‍य स्‍तंभ है।

उन्‍होंने इस बात को स्‍वीकार किया कि टी ए पी आई परियोजना के कार्यान्‍वयन का दोनों देशों के बीच व्‍यापार पर परिवर्तनकारी प्रभाव होगा और उन्‍होंने इस महत्‍वपूर्ण क्षेत्रीय परियोजना को जल्‍दी से कार्यान्वित करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने का निर्णय लिया। उन्‍होंने नवंबर, 2014 में अशगाबाट एक विशेष प्रयोजन वाहन (एस पी वी) के रूप में तापी लिमिटेड की स्‍थापना का स्‍वागत किया तथा इस बात को स्‍वीकार किया कि यह इस सामरिक परियोजना के कार्यान्‍वयन में एक मील पत्‍थर है।

दोनों नेताओं ने चार देशों के लोगों के साझे लाभ के लिए इस सामरिक परियोजना के समय पर कार्यान्‍वयन की दिशा में अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की तथा इस बात को नोट किया कि इस परियोजना के लिए कंसोर्टियम लीडर का चयन, जिसे एक सितंबर, 2015 तक अंतिम रूप दिया जाएगा, इस परियोजना के जल्‍दी से कार्यान्‍वयन की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम होगा।

दोनों नेताओं ने रसायन एवं पेट्रो रसायन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि के साथ ही तुर्कमेनिस्‍तान में ओ एन जी सी विदेश लिमिटेड का एक प्रतिनिधि कार्यालय खोलने का स्‍वागत किया। दोनों नेताओं ने तुर्कमेनिस्‍तान से लंबी अवधि तक यूरिया की आपूर्ति के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने के लिए राज्‍य प्रतिष्‍ठान तुर्कमेंहिमिया और भारतीय पी एस यू राष्‍ट्रीय केमिकल्‍स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर होने का भी स्‍वागत किया।

दोनों नेताओं ने तुर्कमेनिस्‍तान की संस्‍थाओं के साथ मिलकर तुर्कमेनिस्‍तान में यूरिया उत्‍पादन की एक सुविधा स्‍थापित करने के लिए भारत के प्रस्‍ताव का भी स्‍वागत किया तथा नोट किया कि इस तरह के प्रस्‍ताव से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के दायरे का विस्‍तार होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सूचित किया कि तेल एवं गैस क्षेत्र में भारत की सार्वजनिक कंपनियों के पास प्रशिक्षण, डिजाइनिंग, निर्माण, अन्‍वेषण और उत्‍पादन में विविध विशेषज्ञता है और तुर्कमेनिस्‍तान की कंपनियों को इन भारतीय फर्मों के साथ दीर्घ अवधि के सहयोग में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव ने इस प्रस्‍ताव का स्‍वागत किया तथा इस बात को स्‍वीकार किया कि भारत की तकनीकी विशेषज्ञता तुर्कमेनिस्‍तान के हाइड्रो कार्बन एवं पेट्रो रसायन क्षेत्र का और विकास करने के लिए इसके प्रयासों में मदद करने के लिए मूल्‍यावान हो सकती है।

परिवहन एवं संपर्क

दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच संपर्क के अतिरिक्‍त विकल्‍पों के लिए परिवहन के वैकल्पिक कोरिडोर का पता लगाने में साथ मिलकर काम करने की अपनी मंशा की फिर से पुष्टि की। दोनों नेताओं ने जून, 2015 में दिल्‍ली में भारत और तुर्कमेनिस्‍तान के बीच संपर्क पर पहली विशेषज्ञ स्‍तरीय बैठक का स्‍वागत किया तथा वे भारत और तुर्कमेनिस्‍तान के बीच संकर्प के विभिन्‍न विकल्‍पों का पता लगाने के लिए संयुक्‍त कार्य समूह की रूपरेखा के तहत चर्चा एवं बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए। तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने अशगाबाट करार में शामिल होने के लिए भारत की मंशा का स्‍वागत किया।

दोनों नेताओं ने मध्‍य एशिया के अन्‍य देशों तथा कैस्पियन क्षेत्र के लिए एक महत्‍वपूर्ण गेटवे के रूप में तुर्कमेनिस्‍तान के महत्‍व को स्‍वीकार किया तथा वे माल की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए परिवहन कोरिडोर एवं अवसंरचना की वृद्धि करने में एक - दूसरे की पहलों का समर्थन करने पर सहमत हुए। तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने तुर्कमेनिस्‍तान सहित मध्‍य एशिया और इससे इतर देशों और भारत के बीच माल के परिवहन के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय उत्‍तर - दक्षिण परिवहन कोरिडोर (आई एन एस टी सी) को बढ़ावा देने में भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की तथा सूचित किया कि ऊपर उल्लिखित कोरिडोर का पक्षकार बनने पर तुर्कमेनिस्‍तान विचार करेगा। भारत गणराज्‍य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नोट किया कि हाल ही में जिस कजाकिस्‍तान - तुर्कमेनिस्‍तान - ईरान रेल लाइन का उद्घाटन किया गया है वह भारत और तुर्कमेनिस्‍तान तथा इससे आगे के देशों के बीच माल एवं वस्‍तुओं की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए आई एन एस टी सी का एक संबद्ध कोरिडोर हो सकती है।



दोनों नेताओं ने नोट किया कि दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क से कुछ हद तक दोनों देशों के बीच सीधे भूतल संपर्क के अभाव की इस प्राकृतिक बाधा दूर हो सकती है। इस संदर्भ में, उन्‍होंने दोनों देशों के बीच उड़ानों की बारंबारता बढ़ाने का आह्वान किया जिसमें व्‍यवहार्यता में वृद्धि के लिए उड़ान के पांच अधिकार प्रदान करना शामिल है। दोनों नेताओं ने महसूस किया कि दोनों देशों के बीच सीधे हवाई संपर्क की क्षमता का बेहतर उपयोग भारत से तुर्कमेनिस्‍तान को माल के निर्यात को प्रोत्‍साहित करने के लिए किया जा सकता है तथा वे अपनी - अपनी एयरलाइंस के माध्‍यम से कार्गो के परिवहन को प्रोत्‍साहित करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने पर सहमत हुए।

क्षमता निर्माण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

दोनों नेताओं ने तुर्कमेनिस्‍तान के नागरिकों के क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास में तथा तुर्कमेनिस्‍तान की विकास कर रही अर्थव्‍यवस्‍था की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्‍न क्षेत्रों में तुर्कमेनिस्‍तान में प्रतिभावान पेशेवरों के एक पूल का सृजन करने में भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आई टी ई सी) कार्यक्रम की भूमिका की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कमेनिस्‍तान सरकार की इच्‍छा के अनुसार नए क्षेत्रों में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए भारत की तत्‍परता से अवगत कराया। तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने इस प्रस्‍ताव का स्‍वागत किया।

दोनों नेताओं ने तुर्कमेनिस्‍तान के नागरिकों को लगातार उन्‍नत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारत की सहायता से अशगाबाट में भारत - तुर्कमेनिस्‍तान औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के सफल उन्‍नयन का स्‍वागत किया।

दोनों नेताओं ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग कार्यक्रम पर हस्‍ताक्षर होने का भी स्‍वागत किया, जो इस महत्‍वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग के लिए एक रूपरेखा को अधिक गति प्रदान करेगा।

सांस्‍कृतिक सहयोग

दोनों नेताओं ने इस बात को रेखांकित किया कि सांस्‍कृतिक आदान - प्रदान ने दोनों देशों के बीच व्‍यापक सहयोग के विकास में और दोनों देशों के लोगों के बीच मैत्री एवं परस्‍पर समझ के रिश्‍ते को गहन करने में महत्‍वपूर्ण एवं सकारात्‍मक योगदान दिया है। दोनों नेताओं ने नोट किया कि वर्ष 2014 में भारत में तुर्कमेनिस्‍तान सांस्‍कृतिक महोत्‍सव तथा भारतीय सांस्‍कृतिक संबद्ध परिषद (आई सी सी आर) का इस साल तुर्कमेनिस्‍तान के विभिन्‍न भागों में नमस्‍ते तुर्कमेनिस्‍तान महोत्‍सव का सफल आयोजन किया गया तथा भविष्‍य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया।

दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच सांस्‍कृतिक सहयोग कार्यक्रम को जल्‍दी से अंतिम रूप देने का आह्वान किया। दोनों नेताओं ने लोकप्रिय स्‍तर पर मजबूत रिश्‍तों का निर्माण करने में तुर्कमेनिस्‍तान के छात्रों को भारतीय सांस्‍कृतिक संबद्ध परिषद (आई सी सी आर) द्वारा प्रदान की गई छात्रवृत्तियों के योगदान के महत्‍व को भी स्‍वीकार किया।

दोनों नेताओं ने अशगाबाट में एक परंपरागत औषधि एवं योग केंद्र के उद्घाटन के माध्‍यम से अपने सांस्‍कृतिक संबंधों में एक नए अध्‍याय की शुरूआत का आभार प्रकट किया। दोनों नेताओं ने योग के सार्वभौमिक महत्‍व तथा स्‍वास्‍थ्‍य पर इसके सकारात्‍मक एवं समग्र प्रभाव को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने यह स्‍वीकार किया कि परंपरागत औषधि केंद्र भारत और तुर्कमेनिस्‍तानके परंपरागत चिकित्‍सा ज्ञान एवं प्रथा को संयोजित करने में मदद करेगा, जिससे लोगों को काफी लाभ होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस (आई डी वाई) के रूप में 21 जून को घोषित करने में उनके समर्थन के लिए और अशगाबाट में पहले अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के व्‍यापक समारोहों के लिए राष्‍ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव का धन्‍यवाद किया।

दोनों नेताओं ने अशगाबाट में महात्‍मा गांधी जी की एक आवक्ष प्रतिमा के अनावरण का स्‍वागत किया जो शांतिपूर्ण विश्‍व व्‍यवस्‍था की दिशा में साथ मिलकर काम करने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

दोनों नेता 2017 में अशगाबाट में 5वें एशियाई इंडोर और मार्शल आर्ट गेम्‍स के सफल आयोजन के लिए काम करने पर सहमत हुए जिसमें इस यात्रा के दौरान हस्‍ताक्षरित खेल के क्षेत्र में करार के अंदर काम करना शामिल है।



अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग

दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए अपनी - अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया जिसमें संयुक्‍त राष्‍ट्र तथा अन्‍य क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों में बातचीत में वृद्धि शामिल है, जिसके वे सदस्‍य हैं। उन्‍होंने वैश्विक मुद्दों को दूर करने और संपोषणीय विकास की सुरक्षा करने में एक सार्वभौमिक इंस्‍ट्रूमेंट के रूप में संयुक्‍त राष्‍ट्र तथा इसकी संस्‍थाओं की भूमिका में वृद्धि के महत्‍व को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में स्‍थाई तटस्‍थता के अंगीकरण की 20वीं वर्षगांठ पर तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव और तुर्कमेनिस्‍तान सरकार को बधाई दी तथा नोट किया कि इस नीति ने तुर्कमेनिस्‍तान में और इस संपूर्ण क्षेत्र में शांति, विकास और स्थिरता में योगदान दिया है।

दोनों नेताओं ने महत्‍वपूर्ण समकालीन चुनौतियों से निपटने में संयुक्‍त राष्‍ट्र की भूमिका को सुदृढ़ करने एवं विस्‍तारित करने के संदर्भ में संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करने के लिए तात्‍कालिक आवश्‍यकता को स्‍वीकार किया।

दोनों पक्ष संयुक्‍त राष्‍ट्र की रूपरेखा के अंदर बहुपक्षीय फार्मेट में अपने सहयोग को और सुदृढ़ करेंगे, दोनों देशों के विकास के लिए अनुकूल अंतर्राष्‍ट्रीय माहौल सृजित करने के लिए उद्देश्‍य से घनिष्‍ठ समन्‍वय एवं संपर्क स्‍थापित करेंगे।

आगे की राह

दोनों नेताओं ने उन मुद्दों पर निकटता से काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की जिन पर उनके बीच चर्चा हुई तथा वे अपनी आधिकारिक वार्ता के दौरान विद्यमान द्विपक्षीय तंत्रों एवं अन्‍य साधनों के माध्‍यम से आने वाले दिनों में घनिष्‍ठ द्विपक्षीय साझेदारी का निर्माण करने के लिए ठोस परिणामों का सुनिश्‍चय करने पर सहमत हुए।

दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की यात्रा ने भारत और तुर्कमेनिस्‍तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे सौहार्द्रपूर्ण संबंधों को सुदृढ़ एवं गहन करने में तथा दोनों देशों के बीच परस्‍पर लाभप्रद साझेदारी बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा को परिभाषित करने में मदद की है।

भारत गणराज्‍य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रदान किए गए गर्मजोशीपूर्ण स्‍वागत के लिए स्‍वागत के लिए तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव और तुर्कमेनिस्‍तान के लोगों का आभार प्रकट किया। उन्‍होंने सुविधाजनक समय पर भारत गणराज्‍य का आधिकारिक दौरा करने के लिए तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति को आमंत्रित किया। इस निमंत्रण को सहर्ष स्‍वीकार कर लिया गया।

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PMO officers take part in ‘Ek Ped Maa Ke Naam’ Movement, led by Principal Secretary, Dr. PK Mishra
September 17, 2024

Officers of Prime Minister’s Office, led by Principal Secretary Dr. PK Mishra have participated in the ‘Ek Ped Maa Ke Naam’ movement this morning.

The Prime Minister’s Office posted on X;

“Collectively working towards a sustainable future.

Officers of the Prime Minister’s Office, led by Principal Secretary to the Prime Minister, Dr. PK Mishra Ji, took part in the ‘Ek Ped Maa Ke Naam’ movement this morning. #एक_पेड़_माँ_के_नाम”