प्रधानमंत्री मोदी ने तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुर्बांगुली बर्दिमुहम्मेदोव के साथ व्यापक वार्ता की
पीएम मोदी और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच संस्थागत संपर्क को  मजबूत बनाने की जरूरत पर बल दिया
भारत और तुर्कमेनिस्तान सीमा पार के खतरों, आतंकवाद एवं ड्रग्स की अवैध तस्करी के खिलाफ अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने पर सहमत
भारत और तुर्कमेनिस्तान द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में तेजी लाने के लिए काम करेंगे

तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति महामहिम श्री गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव के निमंत्रण पर भारत गणराज्‍य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 10-11 जुलाई, 2015 को तुर्कमेनिस्‍तान का आधिकारिक दौरा किया।

इस यात्रा के दौरान, भारत गणराज्‍य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के अलावा आपसी हित के क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्दों पर तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति श्री गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव के साथ व्‍यापक चर्चा की। दोनों नेताओं ने गहरे सभ्‍यतागत, ऐतिहासिक एवं सांस्‍कृतिक सहलग्‍नाताओं तथा अंतर्राष्‍ट्रीय एवं क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता में साझे हित पर आधारित द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास पर संतोष व्‍यक्‍त किया।



राजनीतिक और राजनयिक भागीदारी

दोनों नेताओं ने हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच उच्‍च स्‍तरीय आदान - प्रदान में वृद्धि को संतोष के साथ नोट किया तथा दोनों देशों के बीच सहयोग की गति को सुदृढ़ करने में नियमित रूप से द्विपक्षीय बातचीत के महत्‍व को दोहराया। दोनों नेताओं ने सभी स्‍तरों पर आदान - प्रदान में सतत वृद्धि को प्रोत्‍साहित किया जिसमें नेताओं, मंत्रियों, संसद सदस्‍यों एवं वरिष्‍ठ अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय रूप में आदान - प्रदान और बहुपक्षीय कार्यक्रमों के दौरान अतिरिक्‍त समय में आदान - प्रदान शामिल है।

दोनों नेताओं ने 8 अप्रैल, 2015 को अशगाबाट में आयोजित व्‍यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी सहयोग पर भारत - तुर्कमेनिस्‍तान अंतर्सरकारी संयुक्‍त आयोग की 5वीं बैठक की सफल समाप्ति का स्‍वागत किया। उन्‍होंने नोट किया कि इस आयोग ने सहयोग के नए एवं संभावित क्षेत्रों की पहचान की है तथा उन्‍होंने इस बैठक में लिए गए निर्णयों को कारगर ढंग से कार्यान्वित करने का आह्वान किया। उन्‍होंने अन्‍य संस्‍थानिक सहलग्‍नताओं को सुदृढ़ करने की आवश्‍यकता पर जोर दिया तथा इस संबंध में अपने - अपने वरिष्‍ठ अधिकारियों को विद्यमान तंत्रों जैसे कि विदेश कार्यालय परामर्श, कांसुलर परामर्श, ऊर्जा पर संयुक्‍त कार्य समूह के माध्‍यम से और साथ ही परस्‍पर सहमत मुद्दों पर अतिरिक्‍त तंत्र स्‍थापित करके द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर नियमित रूप से वार्ता का आयोजन करने का निर्देश दिया।

रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग

दोनों नेताओं ने नोट किया कि हाल के वर्षों में अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद का स्‍वरूप एवं तेजी से इसका विस्‍तार आज सर्वाधिक गंभीर विश्‍व व्‍यापी खतरों में से एक है। दोनों नेताओं ने सुरक्षा से जुड़े विभिन्‍न खतरों से निपटने में चल रहे सहयोग को गहन करने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया। वे सीमा पारीय खतरों जैसे कि आतंकवाद, संगठित अपराध तथा ड्रग्‍स की अवैध तस्‍करी के विरूद्ध प्रयासों में वृद्धि करने पर भी सहमत हुए।

दोनों नेताओं ने इस यात्रा के दौरान रक्षा सहयोग करार पर हस्‍ताक्षर होने का स्‍वागत किया, जो उच्‍च एवं मध्‍यम स्‍तरीय यात्राओं के आदान - प्रदान, दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों और अन्‍य संगत संगठनों के बीच प्रशिक्षण एवं वार्ता के माध्‍यम से द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को गहन करने की रूपरेखा प्रदान करेगा। यह क्षमता निर्माण एवं तकनीकी सहयोग को भी संभव बनाएगा और इस प्रकार, रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय साझेदारी को एक नई गति प्रदान करेगा।

आर्थिक भागीदारी

दोनों नेताओं ने इस बात को स्‍वीकार किया कि पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय व्‍यापार में निरंतर वृद्धि के बावजूद दोनों देशों के बीच व्‍यापार की मात्रा संभावित रूप से दोनों देशों के परस्‍पर लाभ के लिए कई गुना अधिक हो सकती है।

इस प्रयोजन के लिए, दोनों नेता द्विपक्षीय व्‍यापार, निवेश एवं आर्थिक सहयोग के स्‍तरों में तेजी से वृद्धि करने की दिशा में सक्रियता से काम करने पर सहमत हुए।

दोनों नेताओं ने विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्‍प किया तथा दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों के रूप में ऊर्जा, भेषज पदार्थ, परिवहन, संचार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, वस्‍त्र उद्योग, रसायन एवं फार्मास्‍यूटिकल उद्योग, निर्माण एवं कृषि प्रसंस्‍करण की पहचान की।

दोनों नेता दोनों देशों की निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा देने और अनुकूल स्थितियां सृजित करने पर भी सहमत हुए जिसमें दोनों देशों में अवसंरचना एवं निवेश की विभिन्‍न परियोजनाओं में संयुक्‍त उद्यमों का निर्माण शामिल है।

दोनों नेताओं ने भारत और तुर्कमेनिस्‍तान दोनों में राष्‍ट्रीय प्रदर्शनियों, व्‍यवसाय मंचों एवं अन्‍य कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए अपनी - अपनी तत्‍परता की फिर से पुष्टि की जिसमें दोनों देशों के बीच कारोबारी बातचीत एवं सहलग्‍नता को सुगम बनाने के लिए दोनों देशों के कारोबारी समुदाय शामिल होंगे।

ऊर्जा एवं पेट्रो रसायन



दोनों नेताओं ने नोट किया कि ऊर्जा क्षेत्र, विशेष रूप से, तुर्कमेनिस्‍तान - अफगानिस्‍तान - पाकिस्‍तान - भारत (टी ए पी आई) पाइपलाइन परियोजना में सहयोग दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी का मुख्‍य स्‍तंभ है।

उन्‍होंने इस बात को स्‍वीकार किया कि टी ए पी आई परियोजना के कार्यान्‍वयन का दोनों देशों के बीच व्‍यापार पर परिवर्तनकारी प्रभाव होगा और उन्‍होंने इस महत्‍वपूर्ण क्षेत्रीय परियोजना को जल्‍दी से कार्यान्वित करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने का निर्णय लिया। उन्‍होंने नवंबर, 2014 में अशगाबाट एक विशेष प्रयोजन वाहन (एस पी वी) के रूप में तापी लिमिटेड की स्‍थापना का स्‍वागत किया तथा इस बात को स्‍वीकार किया कि यह इस सामरिक परियोजना के कार्यान्‍वयन में एक मील पत्‍थर है।

दोनों नेताओं ने चार देशों के लोगों के साझे लाभ के लिए इस सामरिक परियोजना के समय पर कार्यान्‍वयन की दिशा में अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की तथा इस बात को नोट किया कि इस परियोजना के लिए कंसोर्टियम लीडर का चयन, जिसे एक सितंबर, 2015 तक अंतिम रूप दिया जाएगा, इस परियोजना के जल्‍दी से कार्यान्‍वयन की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम होगा।

दोनों नेताओं ने रसायन एवं पेट्रो रसायन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि के साथ ही तुर्कमेनिस्‍तान में ओ एन जी सी विदेश लिमिटेड का एक प्रतिनिधि कार्यालय खोलने का स्‍वागत किया। दोनों नेताओं ने तुर्कमेनिस्‍तान से लंबी अवधि तक यूरिया की आपूर्ति के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने के लिए राज्‍य प्रतिष्‍ठान तुर्कमेंहिमिया और भारतीय पी एस यू राष्‍ट्रीय केमिकल्‍स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर होने का भी स्‍वागत किया।

दोनों नेताओं ने तुर्कमेनिस्‍तान की संस्‍थाओं के साथ मिलकर तुर्कमेनिस्‍तान में यूरिया उत्‍पादन की एक सुविधा स्‍थापित करने के लिए भारत के प्रस्‍ताव का भी स्‍वागत किया तथा नोट किया कि इस तरह के प्रस्‍ताव से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के दायरे का विस्‍तार होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सूचित किया कि तेल एवं गैस क्षेत्र में भारत की सार्वजनिक कंपनियों के पास प्रशिक्षण, डिजाइनिंग, निर्माण, अन्‍वेषण और उत्‍पादन में विविध विशेषज्ञता है और तुर्कमेनिस्‍तान की कंपनियों को इन भारतीय फर्मों के साथ दीर्घ अवधि के सहयोग में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव ने इस प्रस्‍ताव का स्‍वागत किया तथा इस बात को स्‍वीकार किया कि भारत की तकनीकी विशेषज्ञता तुर्कमेनिस्‍तान के हाइड्रो कार्बन एवं पेट्रो रसायन क्षेत्र का और विकास करने के लिए इसके प्रयासों में मदद करने के लिए मूल्‍यावान हो सकती है।

परिवहन एवं संपर्क

दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच संपर्क के अतिरिक्‍त विकल्‍पों के लिए परिवहन के वैकल्पिक कोरिडोर का पता लगाने में साथ मिलकर काम करने की अपनी मंशा की फिर से पुष्टि की। दोनों नेताओं ने जून, 2015 में दिल्‍ली में भारत और तुर्कमेनिस्‍तान के बीच संपर्क पर पहली विशेषज्ञ स्‍तरीय बैठक का स्‍वागत किया तथा वे भारत और तुर्कमेनिस्‍तान के बीच संकर्प के विभिन्‍न विकल्‍पों का पता लगाने के लिए संयुक्‍त कार्य समूह की रूपरेखा के तहत चर्चा एवं बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए। तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने अशगाबाट करार में शामिल होने के लिए भारत की मंशा का स्‍वागत किया।

दोनों नेताओं ने मध्‍य एशिया के अन्‍य देशों तथा कैस्पियन क्षेत्र के लिए एक महत्‍वपूर्ण गेटवे के रूप में तुर्कमेनिस्‍तान के महत्‍व को स्‍वीकार किया तथा वे माल की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए परिवहन कोरिडोर एवं अवसंरचना की वृद्धि करने में एक - दूसरे की पहलों का समर्थन करने पर सहमत हुए। तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने तुर्कमेनिस्‍तान सहित मध्‍य एशिया और इससे इतर देशों और भारत के बीच माल के परिवहन के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय उत्‍तर - दक्षिण परिवहन कोरिडोर (आई एन एस टी सी) को बढ़ावा देने में भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की तथा सूचित किया कि ऊपर उल्लिखित कोरिडोर का पक्षकार बनने पर तुर्कमेनिस्‍तान विचार करेगा। भारत गणराज्‍य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नोट किया कि हाल ही में जिस कजाकिस्‍तान - तुर्कमेनिस्‍तान - ईरान रेल लाइन का उद्घाटन किया गया है वह भारत और तुर्कमेनिस्‍तान तथा इससे आगे के देशों के बीच माल एवं वस्‍तुओं की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए आई एन एस टी सी का एक संबद्ध कोरिडोर हो सकती है।



दोनों नेताओं ने नोट किया कि दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क से कुछ हद तक दोनों देशों के बीच सीधे भूतल संपर्क के अभाव की इस प्राकृतिक बाधा दूर हो सकती है। इस संदर्भ में, उन्‍होंने दोनों देशों के बीच उड़ानों की बारंबारता बढ़ाने का आह्वान किया जिसमें व्‍यवहार्यता में वृद्धि के लिए उड़ान के पांच अधिकार प्रदान करना शामिल है। दोनों नेताओं ने महसूस किया कि दोनों देशों के बीच सीधे हवाई संपर्क की क्षमता का बेहतर उपयोग भारत से तुर्कमेनिस्‍तान को माल के निर्यात को प्रोत्‍साहित करने के लिए किया जा सकता है तथा वे अपनी - अपनी एयरलाइंस के माध्‍यम से कार्गो के परिवहन को प्रोत्‍साहित करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने पर सहमत हुए।

क्षमता निर्माण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

दोनों नेताओं ने तुर्कमेनिस्‍तान के नागरिकों के क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास में तथा तुर्कमेनिस्‍तान की विकास कर रही अर्थव्‍यवस्‍था की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्‍न क्षेत्रों में तुर्कमेनिस्‍तान में प्रतिभावान पेशेवरों के एक पूल का सृजन करने में भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आई टी ई सी) कार्यक्रम की भूमिका की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कमेनिस्‍तान सरकार की इच्‍छा के अनुसार नए क्षेत्रों में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए भारत की तत्‍परता से अवगत कराया। तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने इस प्रस्‍ताव का स्‍वागत किया।

दोनों नेताओं ने तुर्कमेनिस्‍तान के नागरिकों को लगातार उन्‍नत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारत की सहायता से अशगाबाट में भारत - तुर्कमेनिस्‍तान औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के सफल उन्‍नयन का स्‍वागत किया।

दोनों नेताओं ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग कार्यक्रम पर हस्‍ताक्षर होने का भी स्‍वागत किया, जो इस महत्‍वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग के लिए एक रूपरेखा को अधिक गति प्रदान करेगा।

सांस्‍कृतिक सहयोग

दोनों नेताओं ने इस बात को रेखांकित किया कि सांस्‍कृतिक आदान - प्रदान ने दोनों देशों के बीच व्‍यापक सहयोग के विकास में और दोनों देशों के लोगों के बीच मैत्री एवं परस्‍पर समझ के रिश्‍ते को गहन करने में महत्‍वपूर्ण एवं सकारात्‍मक योगदान दिया है। दोनों नेताओं ने नोट किया कि वर्ष 2014 में भारत में तुर्कमेनिस्‍तान सांस्‍कृतिक महोत्‍सव तथा भारतीय सांस्‍कृतिक संबद्ध परिषद (आई सी सी आर) का इस साल तुर्कमेनिस्‍तान के विभिन्‍न भागों में नमस्‍ते तुर्कमेनिस्‍तान महोत्‍सव का सफल आयोजन किया गया तथा भविष्‍य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया।

दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच सांस्‍कृतिक सहयोग कार्यक्रम को जल्‍दी से अंतिम रूप देने का आह्वान किया। दोनों नेताओं ने लोकप्रिय स्‍तर पर मजबूत रिश्‍तों का निर्माण करने में तुर्कमेनिस्‍तान के छात्रों को भारतीय सांस्‍कृतिक संबद्ध परिषद (आई सी सी आर) द्वारा प्रदान की गई छात्रवृत्तियों के योगदान के महत्‍व को भी स्‍वीकार किया।

दोनों नेताओं ने अशगाबाट में एक परंपरागत औषधि एवं योग केंद्र के उद्घाटन के माध्‍यम से अपने सांस्‍कृतिक संबंधों में एक नए अध्‍याय की शुरूआत का आभार प्रकट किया। दोनों नेताओं ने योग के सार्वभौमिक महत्‍व तथा स्‍वास्‍थ्‍य पर इसके सकारात्‍मक एवं समग्र प्रभाव को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने यह स्‍वीकार किया कि परंपरागत औषधि केंद्र भारत और तुर्कमेनिस्‍तानके परंपरागत चिकित्‍सा ज्ञान एवं प्रथा को संयोजित करने में मदद करेगा, जिससे लोगों को काफी लाभ होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस (आई डी वाई) के रूप में 21 जून को घोषित करने में उनके समर्थन के लिए और अशगाबाट में पहले अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के व्‍यापक समारोहों के लिए राष्‍ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव का धन्‍यवाद किया।

दोनों नेताओं ने अशगाबाट में महात्‍मा गांधी जी की एक आवक्ष प्रतिमा के अनावरण का स्‍वागत किया जो शांतिपूर्ण विश्‍व व्‍यवस्‍था की दिशा में साथ मिलकर काम करने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

दोनों नेता 2017 में अशगाबाट में 5वें एशियाई इंडोर और मार्शल आर्ट गेम्‍स के सफल आयोजन के लिए काम करने पर सहमत हुए जिसमें इस यात्रा के दौरान हस्‍ताक्षरित खेल के क्षेत्र में करार के अंदर काम करना शामिल है।



अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग

दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए अपनी - अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया जिसमें संयुक्‍त राष्‍ट्र तथा अन्‍य क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों में बातचीत में वृद्धि शामिल है, जिसके वे सदस्‍य हैं। उन्‍होंने वैश्विक मुद्दों को दूर करने और संपोषणीय विकास की सुरक्षा करने में एक सार्वभौमिक इंस्‍ट्रूमेंट के रूप में संयुक्‍त राष्‍ट्र तथा इसकी संस्‍थाओं की भूमिका में वृद्धि के महत्‍व को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में स्‍थाई तटस्‍थता के अंगीकरण की 20वीं वर्षगांठ पर तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव और तुर्कमेनिस्‍तान सरकार को बधाई दी तथा नोट किया कि इस नीति ने तुर्कमेनिस्‍तान में और इस संपूर्ण क्षेत्र में शांति, विकास और स्थिरता में योगदान दिया है।

दोनों नेताओं ने महत्‍वपूर्ण समकालीन चुनौतियों से निपटने में संयुक्‍त राष्‍ट्र की भूमिका को सुदृढ़ करने एवं विस्‍तारित करने के संदर्भ में संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करने के लिए तात्‍कालिक आवश्‍यकता को स्‍वीकार किया।

दोनों पक्ष संयुक्‍त राष्‍ट्र की रूपरेखा के अंदर बहुपक्षीय फार्मेट में अपने सहयोग को और सुदृढ़ करेंगे, दोनों देशों के विकास के लिए अनुकूल अंतर्राष्‍ट्रीय माहौल सृजित करने के लिए उद्देश्‍य से घनिष्‍ठ समन्‍वय एवं संपर्क स्‍थापित करेंगे।

आगे की राह

दोनों नेताओं ने उन मुद्दों पर निकटता से काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की जिन पर उनके बीच चर्चा हुई तथा वे अपनी आधिकारिक वार्ता के दौरान विद्यमान द्विपक्षीय तंत्रों एवं अन्‍य साधनों के माध्‍यम से आने वाले दिनों में घनिष्‍ठ द्विपक्षीय साझेदारी का निर्माण करने के लिए ठोस परिणामों का सुनिश्‍चय करने पर सहमत हुए।

दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की यात्रा ने भारत और तुर्कमेनिस्‍तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे सौहार्द्रपूर्ण संबंधों को सुदृढ़ एवं गहन करने में तथा दोनों देशों के बीच परस्‍पर लाभप्रद साझेदारी बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा को परिभाषित करने में मदद की है।

भारत गणराज्‍य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रदान किए गए गर्मजोशीपूर्ण स्‍वागत के लिए स्‍वागत के लिए तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुहामेदेव और तुर्कमेनिस्‍तान के लोगों का आभार प्रकट किया। उन्‍होंने सुविधाजनक समय पर भारत गणराज्‍य का आधिकारिक दौरा करने के लिए तुर्कमेनिस्‍तान के राष्‍ट्रपति को आमंत्रित किया। इस निमंत्रण को सहर्ष स्‍वीकार कर लिया गया।

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।