पीएम मोदी और राष्ट्रपति रहमान ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक वार्ता की
भारत और ताजिकिस्तान आतंकवाद और उग्रवाद का सामूहिक रूप से मुकाबला करने के लिए तैयार
पीएम मोदी ने स्थिरता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए ताजिकिस्तान के रक्षा क्षमताओं के विकास में सहयोग देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया
पीएम ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किये जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में समर्थन करने हेतु ताजिकिस्तान को धन्यवाद दिया
प्रधानमंत्री ने शंघाई सहयोग संगठन में भारत की सदस्यता का समर्थन करने के लिए ताजिकिस्तान को धन्यवाद दिया

ताजिकिस्‍तान गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति महामहिम श्री एमोमाली रहमान के निमंत्रण पर भारत गणराज्‍य के प्रधानमंत्री महामहिम श्री नरेंद्र मोदी ने 12 और 13 जुलाई, 2015 को ताजिकिस्‍तान गणराज्‍य का राजकीय दौरा किया।

  1. राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्दों पर बहुत विस्‍तार से बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच चर्चा गर्मजोशीपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण थी तथा इस यात्रा के परिणाम दोनों देशों के बीच मौजूद परस्‍पर विश्‍वास को दर्शाते हैं।
  2. राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भारत और ताजिकिस्‍तान के बीच उत्‍कृष्‍ट संबंधों पर संतोष व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने नोट किया कि उनके देश साझे इतिहास तथा दोनों देशों के लोगों के बीच सांस्‍कृतिक भाई-चारे पर आधारित हैं। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को अपने – अपने देशों के लोगों के परस्‍पर लाभ के लिए बहुआयामी सामरिक साझेदारी में परि‍वर्तित करने के लिए सभी आवश्‍यक कदम उठाने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की।
  3. दोनों नेताओं ने मंत्रियों एवं वरिष्‍ठ अधिकारियों के स्‍तर पर सतत आदान – प्रदान का स्‍वागत किया, जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का काम करता है। उन्‍होंने दोनों देशों के बीच सहयोग के विकास के लिए विद्यमान विस्‍तृत कानूनी रूपरेखा को नोट किया तथा विभिन्‍न क्षेत्रों में द्विपक्षीय करारों / एम ओ यू के तहत परिकल्पित परिणामों को लागू करने पर अधिक बल देने का आह्वान किया।
  4. दोनों नेताओं ने विश्‍व के अनेक भागों में तथा अपने सन्निकट पड़ोस में आतंकवाद एवं अतिवाद की बढ़ती रूझान को नोट किया, जो भारत एवं ताजिकिस्‍तान के लिए और पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है। दोनों पक्षों ने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा द्वारा ‘’अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद पर व्‍यापक अभिसमय’’ अपनाने की आवश्‍यकता पर भी जोर दिया।

    दोनों नेताओं ने अपने देशों के आर्थिक विकास एवं समृद्धि के लिए स्थिर एवं सुरक्षित माहौल के महत्‍व को रेखांकित किया। वे आतंकवाद एवं अतिवाद के खिलाफ संघर्ष में अपनी सक्रिय भागीदारी एवं सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए तथा उन्‍होंने आतंकवाद का समर्थन करने वाले संगठनों एवं एजेंसियों के विरूद्ध दृढ़ता के साथ काम करने की अपनी प्र‍तिबद्धता की फिर से पुष्टि की।
    प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद एवं कट्टरवाद पर अंकुश लगाने में और धर्म निरपेक्ष अभिशासन का सुनिश्‍चय करने में ताजिकिस्‍तान के प्रयासों की प्रशंसा की, जो दोनों देशों के सामान्‍य आदर्श हैं।
  5. दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए आतंकवाद की खिलाफत पर संयुक्‍त कार्य समूह (जे डब्‍ल्‍यू जी) की रूपरेखा में अधिकारियों के स्‍तर पर बातचीत को सक्रिय करने का निर्णय लिया तथा हिदायत दी कि संयुक्‍त कार्य समूह की जल्‍दी से जल्‍दी बैठक होनी चाहिए। उन्‍होंने आतंकवाद एवं अतिवाद की बढ़ती बुराई से निपटने के लिए सूचना का आदान – प्रदान करने वाले तंत्रों सहित अपनी सुरक्षा एजेंसियों के बीच सतत सहयोग की आवश्‍यकता पर बल दिया।
  6. दोनों नेताओं ने चल रहे रक्षा सहयोग पर संतोष व्‍यक्‍त किया, जो दोनों देशों के बीच साझेदारी के मुख्‍य स्‍तंभों में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्थिरता एवं सुरक्षा बढ़ाने के लिए ताजिकिस्‍तान की रक्षा क्षमता के विकास में सहायता करने संबंधी भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। ताजिकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने ताजिकिस्‍तान के रक्षा बलों के क्षमता निर्माण में भारत की सहायता का स्‍वागत किया।
  7. घनिष्‍ठ पड़ोसी देश होने के बावजूद दोनों नेताओं ने नोट किया कि भारत और ताजिकिस्‍तान के बीच व्‍यापार एवं आर्थिक संबंध उनकी क्षमता के अनुरूप नहीं हैं। उन्‍होंने संतुलित एवं संपोषणीय द्विपक्षीय संबंध के विकास में व्‍यापार एवं निवेश के महत्‍व पर प्रकाश डाला तथा दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में रूकावट पैदा करने वाले ढांचागत एवं प्रकार्यात्‍मक मुद्दों को दूर करने के लिए साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता की। दोनों नेताओं ने व्‍यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर भारत - ताजिकिस्‍तान संयुक्‍त आयोग (जे सी एम) के आठवें सत्र को इस साल दुशांबे में बैठक करने तथा व्‍यापार एवं निवेश संबंधों को गहन करने के लिए एक ठोस रणनीति तैयार करने और कारोबारी समुदायों के बीच आदान – प्रदान को सुगम बनाने के लिए विशिष्‍ट कदमों की पहचान करने का अधिदेश दिया।
  8. दोनों नेताओं ने व्‍यापार एवं वाणिज्‍य की पूर्ण क्षमता को साकार करने के लिए इस क्षेत्र में संपर्क में सुधार लाने के महत्‍व को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र के अन्‍य देशों के सहयोग से एक वैकल्पिक भूतल मार्ग विकसित करने की संभावना का पता लगाने के तरीकों और उपायों पर चर्चा की। ताजिकिस्‍तान ने अंतर्राष्‍ट्रीय उत्‍तर – दक्षिण परिवहन कोरिडोर (आई एन एस टी सी) के लिए अपने समर्थन को दोहराया, जिससे भारत एवं मध्‍य एशिया तथा इससे आगे के देशों के बीच माल की परिवहन की लागत तथा पारगमन समय में काफी कटौती होगी और उन्‍होंने इसके कार्यान्‍वयन की गति बढ़ाने के लिए हाल में उठाए गए कदमों का स्‍वागत किया।
  9. दोनों नेताओं ने इस बात को स्‍वीकार किया कि प्रस्‍तावित पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान और ताजिकिस्‍तान त्रिपक्षीय ट्रांजिट व्‍यापार करार पर (पी ए टी टी टी टी ए) ताजिकिस्‍तान तथा दक्षिण एशियाई क्षेत्र के देशों के बीच व्‍यापार को सुगत बनाएगा। उन्‍होंने यह निर्णय लिया कि इस व्‍यवस्‍था में भारत को शामिल करने पर आगे परामर्श किया जाएगा।
  10. दोनों नेताओं ने व्‍यापार एवं आर्थिक संबंधों के अलावा पर्यटन एवं अधिक जन दर जन संपर्कों को सुगम बनाने के लिए दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क में वृद्धि के महत्‍व पर जोर दिया। उन्‍होंने दोनों देशों के संगत प्राधिकरणों से कैरियर के लिए फिफ्थ फ्रीडम अधिकार का प्रावधान सहित दिल्‍ली – दुशांबे सेक्‍टर पर उड़ानों की बारंबारता बढ़ाने के उपायों एवं तरीकों का रचनात्‍मक ढंग से पता लगाने क आह्वान किया।
  11. दोनों देशों की अर्थव्‍यवस्‍थाओं में कृषि के महत्‍व को रेखांकित करते हुए तथा अनुसंधान, विकास एवं कृषि उत्‍पादों का प्रसंस्‍करण सहित कृषि क्षेत्र में भारत की विशेषज्ञता को देखते हुए दोनों नेता कृषि क्षेत्र में सहयोग को गहन करने पर सहमत हुए। ताजिकिस्‍तान ने भारत के साथ कृषि सहयोग को सुगम बनाने की अपनी मंशा व्‍यक्‍त की और विशेष रूप से ताजिकिस्‍तान में कृषि क्षेत्र में भारतीय कंपनियों की अधिक भागीदारी का स्‍वागत किया। दोनों नेताओं ने नोट किया कि दोनों देशों की शोध संस्‍थाओं एवं संगठनों के विशेषज्ञों, अधिकारियों, निजी उद्यमों और कारोबारी नेताओं के दौरों के सिलसिले में कृषि पर एक कार्यशाला आयोजित की जा रही है। उन्‍होंने इस कार्यशाला में निर्धारित किए गए परिणामों एवं करारों को जल्‍दी से कार्यान्वित करने का आह्वान किया।
  12. दोनों नेताओं ने त्‍वरित आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा सुरक्षा की केंद्रीय भूमिका को नोट किया। ताजिकिस्‍तान ने भारत हैवी इलेक्टिकल्‍स लिमिटेड (भेल) और नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन (एन एच पी सी) के माध्‍यम से वर्जोब-1 जल विद्युत केंद्र के सफल उन्‍नयन एवं आधुनि‍कीकरण के लिए तथा जल विद्युत के क्षेत्र में ताजिकिस्‍तान के विशेषज्ञों के लिए आयोजित विभिन्‍न कार्यक्रमों के लिए भारत का धन्‍यवाद किया। उपयोग में न लाई गई विशाल विद्युत क्षमता पर प्रकाश डालते हुए ताजिकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने ताजिकिस्‍तान में जल विद्युत उत्‍पादन के क्षेत्र में भारत की अधिक भागीदारी की मांग की।
  13. दोनों नेताओं ने नोट किया कि स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र द्विपक्षीय सहयोग का एक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र है। चिकित्‍सा उपचार के लिए ता‍जिकिस्‍तान से अधिकाधिक संख्‍या में लोगों के भारत आने को देखते हुए वे दोनों देशों के लोंगों के लाभ के लिए स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में सहयोग का विस्‍तार करने पर सहमत हुए। ताकिस्‍तान ने भारत के प्रतिष्ठित मल्‍टी स्‍पेशियल्‍टी अस्‍पतालों को चिकित्‍सा परामर्श एवं शिक्षा प्रदान करने के लिए ताजिकिस्‍तान से अन्‍य क्षेत्रों तथा दुशांबे में अस्‍पतालों के साथ जोड़कर ताजिकिस्‍तान में एक टेली मेडिसीन परियोजना कार्यान्वित करने के लिए भारत के प्रस्‍ताव का स्‍वागत किया।
  14. दोनों नेताओं ने राष्‍ट्र निर्माण में शिक्षा एवं मानव संसाधन विकास के महत्‍व पर जोर दिया तथा वे दोनों की शैक्षिक संस्‍थाओं के बीच अधिक‍ आदान – प्रदान के माध्‍यम से शिक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों नेताओं ने भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आई टी ई सी) के तहत तथा ताजिकिस्‍तान में क्षमता निर्माण के लिए भारतीय सांस्‍कृति संबंध परिषद (आई सी सी आर) द्वारा प्रस्‍तावित छात्रवृत्तियों का बेहतर उपयोग करने के महत्‍व पर भी प्रकाश डाला।
  15. दोनों नेताओं ने खाद्य प्रसंस्‍करण, खनन, भेषज पदार्थ, टेक्‍सटाइल, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, संस्‍कृति एवं पर्यटन में सहयोग को भावी सहयोग के लिए उदीयमान क्षेत्रों के रूप में पहचान दी। दोनों नेताओं ने आर्थिक भागीदारी में वृद्धि के लिए दोनों देशों की कारोबारी संस्‍थाओं एवं निवेश संवर्धन एजेंसियों के बीच घनिष्‍ट अंत:क्रिया के महत्‍व को रेखांकित किया।
  16. दोनों नेताओं ने भारत और ताजिकिस्‍तान के लोगों के बीच घनिष्‍ट संबंधों को और गहन करने में सांस्‍कृतिक अंत:क्रिया की केंद्रीय भूमिका पर बल दिया। उन्‍होंने 2016-18 की अवधि के लिए कला एवं संस्‍कृति पर भारत और ताजिकिस्‍तान के बीच सहयोग कार्यक्रम को सक्रियता से लागू करने का आह्वान किया तथा वे इस बात पर सहमत हुए कि संगत संगठनों को एक – दूसरे के देश में ''संस्‍कृति दिवस’’ का आयोजन करना चाहिए।
  17. प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के रूप में 21 जून को घोषित करने में ताजिकिस्‍तान के समर्थन के लिए और दुशांबे में तथा ताजिकिस्‍तान के विभिन्‍न इलाकों में 21 जून, 2015 के अवसर पर कार्यक्रमों का सफल आयोजन करने के लिए ताजिकिस्‍तान का धन्‍यवाद किया। दोनों नेताओं ने योग की भूमिका तथा इससे जुड़े स्‍वास्‍थ्‍य लाभों को नोट किया तथा वे ताजिकिस्‍तान में योग को बढ़ावा देने में और सहयोग करने पर सहमत हुए। उन्‍होंने ताजिकिस्‍तान में योग तथा अन्‍य परंपरागत भारतीय चिकित्‍सा पद्धतियों के बारे में सूचना को साझा करने के लिए भारतीय दूतावास, दुशांबे में प्रस्‍तावित आयुष सूचना प्रकोष्‍ठ का स्‍वागत किया।
  18. प्रधानमंत्री मोदी ने दुशांबे में भारतीय कवि रवीन्‍द्रनाथ टैगोर की एक आवक्ष प्रतिमा लगाने के लिए ताजिकिस्‍तान का धन्‍यवाद किया। दोनों नेताओं ने टैगोर के लेखन की समकालीन प्रासंगिकता को स्‍वीकार किया तथा वे इस बात पर सहमत हुए कि ताजिकिस्‍तान में टैगोर की प्रतीकात्‍मक उपस्थिति से दोनों देशों की संस्‍कृतियों में सामंजस्‍य में वृद्धि होगी।
  19. ताजिकिस्‍तान में भारतीय सिनेमा की खूब लोकप्रियता को देखते हुए दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि टेलीविजन रेडियो प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग से जन दर जन संपर्कों तथा सांस्‍कृतिक समझ में और वृद्धि होगी।
  20. अधिक सहयोग तथा अधिक जन दर जन संपर्क के महत्‍व को रेखांकित करते हुए दोनों नेताओं ने अपने – अपने अधिकारियों को विद्यमान वीजा व्‍यवस्‍था के उदारीकरण पर चर्चा करने के लिए जल्‍दी से कांसुलर परामर्श का आयोजन करने की राय दी।
  21. दोनों नेताओं ने नोट किया कि एशिया में अफगानिस्‍तान का एक महत्‍वपूर्ण स्‍थान है और उन्‍होंने अफगानिस्‍तान के नेतृत्‍व और अफगानिस्‍तान के स्‍वामित्‍व वाली प्रक्रिया के माध्‍यम से अफगानिस्‍तान में शांति एवं सुरक्षा के लिए अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की।
  22. दोनों नेताओं ने संयुक्‍त राष्‍ट्र तथा अन्‍य अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों में अपनी – अपनी पहलों के लिए परस्‍पर समर्थन और बहुपक्षीय मुद्दों पर दोनों देशों के बीच उत्‍कृष्‍ट सहयोग पर संतोष व्‍यक्‍त किया। दोनों नेताओं ने दोनों देशों तथा कुल मिलाकर विकासशील देशों की रूचि के मुद्दों पर ऐसी अंत:क्रिया को गहन करने की आवश्‍यकता को रेखांकित किया। ताजिकिस्‍तान ने विस्‍तारित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थाई सदस्‍यता के लिए भारत की उम्‍मीदवारी के लिए अपने समर्थन को दोहराया।
  23. प्रधानमंत्री मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एस सी ओ) में भारत की सदस्‍यता के लिए ताजिकिस्‍तान के समर्थन के लिए ताजिकिस्‍तान का धन्‍यवाद किया। दोनों नेता इस क्षेत्र के आर्थिक विकास, सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए एस सी ओ की रूपरेखा के अंदर साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
  24. दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि इस यात्रा के दौरान जो सहमति हुई है तथा परिणाम सामने आए हैं वे निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच एक दीर्घावधिक सामरिक साझेदारी के विकास में मील पत्‍थर हैं। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच गहन विश्‍वास एवं भरोसे की सराहना की तथा इस बात को रेखांकित किया कि भारत और ताजिकिस्‍तान के बीच सामरिक साझेदारी उनके दोनों देशों के परस्‍पर लाभ एवं अधिक क्षेत्रीय स्थिरता के लिए है।
  25. प्रधानमंत्री मोदी ने ताजिकिस्‍तान की अपनी यात्रा के दौरान प्रदान किए गए भव्‍य अतिथि सत्‍कार तथा गर्मजोशीपूर्ण स्‍वागत के लिए राष्‍ट्रपति रहमान का दिल से आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने जल्‍दी से जल्‍दी से भारत का दौरान करने के लिए ताजिकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति को निमंत्रण दिया। निमंत्रण को सहर्ष स्‍वीकार कर लिया गया।
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Prime Minister Shri Narendra Modi emphasises importance of Harmony and Forgiveness in our lives on the auspicious occasion of Samvatsari
September 07, 2024

On the auspicious occasion of Samvatsari, Prime Minister Shri Narendra Modi shared a heartfelt message on X, highlighting the importance of harmony and forgiveness in our lives. He urged citizens to embrace empathy and solidarity, fostering a spirit of kindness and unity that can guide our collective journey.

In his tweet, he stated, "Samvatsari highlights the strength of harmony and to forgive others. It calls for embracing empathy and solidarity as our source of motivation. In this spirit, let us renew and deepen bonds of togetherness. Let kindness and unity shape our journey forward. Michhami Dukkadam."