आज, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुष्टि की कि 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी, यू.एस.-भारत व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी, निर्णायक रूप से एक महत्वाकांक्षी एजेंडे को पूरा कर रही है जो वैश्विक हित के लिए है। दोनों नेताओं ने उस ऐतिहासिक समय पर विचार किया जब संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के मध्य विश्वास और सहयोग के अभूतपूर्व स्तर पर था। दोनों नेताओं ने पुष्टि की कि यू.एस.-भारत साझेदारी को लोकतंत्र, स्वतंत्रता, कानून के शासन, मानवाधिकारों, बहुलवाद और सभी के लिए समान अवसरों को बनाए रखने में प्रयास करना चाहिए क्योंकि हमारे देश अधिक परिपूर्ण संघ बनने और हमारे समान लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास करते हैं। दोनों नेताओं ने इस प्रगति की सराहना की जिसने यू.एस.-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी को वैश्विक सुरक्षा और शांति का स्तंभ बना दिया है, इसमें उन्होंने परिचालन समन्वय, सूचना-साझेदारी और रक्षा औद्योगिकी में नवाचार में वृद्धि के लाभों का उल्‍लेख किया। राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने आशा और अत्यधिक विश्वास व्यक्त किया कि हमारे लोगों, हमारे नागरिक और निजी क्षेत्रों और हमारी सरकारों के गहरे संबंधों को मजबूत करने के अथक प्रयासों ने अमेरिका-भारत साझेदारी को आने वाले दशकों में और भी अधिक ऊंचाइयों की ओर आगे बढ़ाया है।

राष्ट्रपति बाइडेन ने विश्व मंच पर भारत के नेतृत्व, विशेष रूप से जी-20 और ग्लोबल साउथ में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए क्वाड को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए अपनी अपार प्रशंसा व्यक्त की। भारत कोविड-19 महामारी के लिए वैश्विक प्रयासों का सहयोग करने से लेकर दुनिया भर में संघर्षों के विनाशकारी परिणामों का समाधान करने में सबसे अधिक दबाव वाली चुनौतियों का समाधान खोजने के प्रयासों में सबसे आगे है। राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून की महत्ता सहित पोलैंड और दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली ऐतिहासिक यात्रा और यूक्रेन के लिए चल रहे मानवीय सहयोग एवं शांति के उनके संदेश के लिए उनकी सराहना की। दोनों नेताओं ने मध्य पूर्व में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों सहित स्वतंत्र नौवहन और वाणिज्य की सुरक्षा के लिए पुन: अपना समर्थन जताया। भारत 2025 में अरब सागर में समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए संयुक्त समुद्री बलों के साथ काम करने के लिए संयुक्त कार्य बल 150 का सह-नेतृत्व करेगा। राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत की वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन करता है। दोनों नेताओं ने विचार व्यक्त किए कि विश्व के लिए एक स्वच्छ, समावेशी, अधिक सुरक्षित और अधिक समृद्ध भविष्य के निर्माण के प्रयासों की सफलता के लिए अमेरिकी-भारत की एक करीबी साझेदारी महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर और उन्नत दूरसंचार सहित प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को गहरा करने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर पहल की सफलता की सराहना की। दोनों नेताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए निरंतर जुड़ाव के लिए प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए चल रहे प्रयासों का उल्‍लेख किया जिसमें क्वाड और इस साल की शुरुआत में शुरू की गई यू.एस.-भारत-आरओके त्रिपक्षीय प्रौद्योगिकी पहल शामिल है जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए अधिक सुरक्षित और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करना और यह सुनिश्चित करना है कि हम सामूहिक रूप से नवाचार में अग्रणी बने रहें। दोनों नेताओं ने अपनी सरकारों को भारत-यू.एस. रणनीतिक व्यापार वार्ता सहित प्रौद्योगिकी सुरक्षा की समस्याओं का समाधान करते समय निर्यात नियंत्रणों का समाधान, उच्च प्रौद्योगिकी वाणिज्य को बढ़ाने, दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में बाधाओं को कम करने के प्रयासों को दोगुना करने के निर्देश दिए। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय साइबर सुरक्षा वार्ता के माध्यम से गहन साइबरस्पेस सहयोग के लिए नए तंत्रों का भी समर्थन किया। दोनों नेताओं ने सौर, पवन और परमाणु ऊर्जा में अमेरिका-भारत सहयोग बढ़ाने तथा लघु मॉड्यूलर रिएक्टर प्रौद्योगिकियों के विकास के अवसर तलाशने सहित स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और उपयोग को बढ़ाने के लिए पुनः प्रतिबद्धता व्यक्त की।

भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी साझेदारी की रूपरेखा तैयार करना

राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा, अगली पीढ़ी के दूरसंचार और हरित ऊर्जा अनुप्रयोगों के लिए उन्नत संवेदन, संचार और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स पर केंद्रित एक नए सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण व्यवस्था की सराहना की। इंफ्रारेड, गैलियम नाइट्राइड और सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर के निर्माण के उद्देश्य से स्थापित किए जाने वाले इस संयंत्र को भारत सेमीकंडक्टर मिशन के सहयोग के साथ-साथ भारत सेमी, 3rdiTech और अमेरिकी अंतरिक्ष बल के बीच एक रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी द्वारा सक्षम बनाया जाएगा।

दोनों नेताओं ने भारत के कोलकाता में ग्लोबलफाउंड्रीज (जीएफ) द्वारा जीएफ कोलकाता पावर सेंटर के निर्माण सहित लचीली, सुरक्षित और टिकाऊ सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए संयुक्त प्रयासों की प्रशंसा की। यह चिप निर्माण में अनुसंधान और विकास में पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ाएगा और शून्य और कम उत्सर्जन के साथ-साथ कनेक्टेड वाहनों, इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइस, एआई और डेटा सेंटर के लिए गेम-चेंजिंग प्रगति में सहयोग करेगा। उन्होंने भारत के साथ दीर्घकालिक, सीमा-पार विनिर्माण और प्रौद्योगिकी साझेदारी की संभावनाओं को तलाशने की जीएफ की योजनाओं का उल्‍लेख किया, जिससे हमारे दोनों देशों में उच्च गुणवत्ता वाले रोज़गार उत्पन्न होंगें। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा और नवाचार (आईटीएसआई) कोष के संबंध में अमेरिकी विदेश विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के भारत सेमीकंडक्टर मिशन के बीच नई रणनीतिक साझेदारी की भी प्रशंसा की।

दोनों नेताओं ने अमेरिकी, भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय ऑटोमोटिव बाजारों के लिए सुरक्षित, संरक्षित और लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए हमारे उद्योग द्वारा उठाए जा रहे कदमों सहित फोर्ड मोटर कंपनी द्वारा वैश्विक बाजारों में निर्यात के लिए विनिर्माण हेतु अपने चेन्नई संयंत्र का उपयोग करने के लिए आशय पत्र प्रस्तुत करने का स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने 2025 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए नासा और इसरो द्वारा पहले संयुक्त प्रयास की दिशा में प्रगति का स्वागत किया। उन्होंने सिविल स्पेस ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप के तहत पहल और विचारों के आदान-प्रदान की सराहना की और आशा व्यक्‍त की कि 2025 की शुरुआत में इसकी अगली बैठक सहयोग के नए अवसर देगी। उन्होंने सिविल और वाणिज्यिक अंतरिक्ष क्षेत्रों में नए प्लेटफॉर्म की खोज सहित संयुक्त नवाचार और रणनीतिक सहयोग को गहरा करने के अवसरों को तलाश करने का संकल्प लिया।

दोनों नेताओं ने हमारे अनुसंधान और विकास तंत्रों के बीच सहयोग बढ़ाने के प्रयासों का भी स्वागत किया। इनकी अगले पांच वर्षों में यू.एस.-भारत वैश्विक चुनौती संस्थान के लिए यू.एस. और भारत सरकार से 90+ मिलियन डॉलर से अधिक की धनराशि जुटाने की योजना हैं ताकि यू.एस. और भारतीय विश्वविद्यालयों तथा शोध संस्थानों के बीच उच्च प्रभाव वाली आरएंडडी साझेदारी का सहयोग किया जा सके इसमें जून 2024 की आईसीईटी बैठक में हस्ताक्षरित आशय पत्र को लागू करने के विकल्पों की पहचान करना भी शामिल है। दोनों नेताओं ने अमेरिकी और भारतीय विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और निजी क्षेत्र के शोधकर्ताओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए एक नए यू.एस.-भारत उन्नत सामग्री आरएंडडी फोरम के शुभारंभ का भी स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन और भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के बीच 11 फंडिंग पुरस्कारों के चयन की घोषणा की, जो अगली पीढ़ी के दूरसंचार, कनेक्टेड वाहन, मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में संयुक्त यू.एस.-भारत अनुसंधान परियोजनाओं के लिए संयुक्त रूप से 5+ मिलियन डॉलर अनुदान का सहयोग करेंगे। दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत लगभग 10 मिलियन डॉलर के संयुक्त परिव्यय के साथ 12 फंडिंग पुरस्कारों के पुरस्कार की घोषणा की ताकि सेमीकंडक्टर, अगली पीढ़ी के संचार प्रणालियों, धारणीय और हरित प्रौद्योगिकियों और परिवहन प्रणालियों के क्षेत्रों में संयुक्त यू.एस.-भारत बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग किया जा सके। इसके अलावा, एनएसएफ और एमईआईटीवाई दोनों पक्षों पर बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान तंत्र को बढ़ाने और तालमेल बिठाने के लिए अनुसंधान सहयोग के नए अवसर तलाश कर रहे हैं।

दोनों नेताओं ने इस बात पर खुशी जताई कि भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन के साथ मिलकर फरवरी 2024 में जटिल वैज्ञानिक चुनौतियों का समाधान करने और सिंथेटिक और इंजीनियरिंग जीव विज्ञान, सिस्टम और कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञान और अन्य संबंधित क्षेत्रों में प्रगति का लाभ उठाने वाले नए समाधानों को नया रूप देने के लिए सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं के लिए पहली संयुक्त कॉल की घोषणा की जो भविष्य के जैव निर्माण समाधान विकसित करने और जैव अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है। प्रस्तावों के लिए पहली कॉल के तहत, संयुक्त अनुसंधान टीमों ने उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया दी और परिणामों की 2024 के अंत तक घोषणा होने की संभावना है।

दोनों नेताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), क्वांटम और अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में हमारे द्वारा किए जा रहे अतिरिक्त सहयोग का भी उल्लेख किया। उन्होंने अगस्त में वाशिंगटन में यू.एस.-भारत क्वांटम समन्वय तंत्र के दूसरे आयोजन के बारे में बताया और यू.एस.-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी बंदोबस्ती निधि (आईयूएसएसटीएफ) के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम पर दोनों राष्ट्रों के मध्य अनुसंधान और विकास सहयोग के लिए सत्रह नए पुरस्कारों की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने उभरती प्रौद्योगिकियों पर निजी क्षेत्र के नए सहयोग का स्वागत किया, जैसे कि आईबीएम द्वारा भारत सरकार के साथ हाल ही में किए गए समझौता ज्ञापन के माध्यम से, जो भारत के ऐरावत सुपरकंप्यूटर पर आईबीएम के वाटसनएक्स प्लेटफॉर्म को सक्षम करेगा और नए एआई नवाचार अवसरों को बढ़ावा देगा, उन्नत सेमीकंडक्टर प्रोसेसर पर अनुसंधान एवं विकास सहयोग को बढ़ाएगा, और भारत के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन में सहयोग करेगा।

दोनों नेताओं ने 5जी परिनियोजन और अगली पीढ़ी के दूरसंचार के क्षेत्र में अधिक व्यापक सहयोग के प्रयासों की सराहना की; इसमें यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट की एशिया ओपन आरएएन अकादमी का विस्तार करने की योजना शामिल है, जिसमें इस कार्यबल प्रशिक्षण पहल को दुनिया भर में, भारतीय संस्थानों के साथ दक्षिण एशिया में भी विकसित करने के लिए शुरुआती 7 मिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा।

दोनों नेताओं ने "इनोवेशन हैंडशेक" एजेंडे के तहत दोनों देशों के नवाचार तंत्र को बढ़ाने के लिए वाणिज्य विभाग और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बीच नवंबर 2023 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से हुई प्रगति का स्वागत किया। तब से, दोनों पक्षों ने स्टार्टअप, निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी फर्मों, कॉर्पोरेट निवेश विभागों और सरकारी अधिकारियों को एक साथ लाने के लिए यू.एस. और भारत में दो औद्योगिक गोलमेज सम्मेलन आयोजित किए हैं ताकि इनमें संबंध बनाए जा सकें और नवाचार में निवेश में तेजी लाई जा सके।

अगली पीढ़ी की रक्षा साझेदारी को मजबूत बनाना

राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत द्वारा 31 जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) रिमोट से संचालित विमान और उनके संबंधित उपकरणों की खरीद को अंतिम रूप देने की दिशा में प्रगति का स्वागत किया जो सभी क्षेत्रों में भारत के सशस्त्र बलों की खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) क्षमताओं को बढ़ाएगा।

दोनों नेताओं ने यू.एस.-भारत रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप के तहत उल्लेखनीय प्रगति को स्वीकार किया जिसमें जेट इंजन, युद्ध सामग्री और ग्राउंड मोबिलिटी सिस्टम के लिए प्राथमिकता वाले सह-उत्पादन व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए चल रहे सहयोग शामिल हैं। उन्होंने मानव रहित सतह वाहन प्रणालियों के सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए लिक्विड रोबोटिक्स और सागर डिफेंस इंजीनियरिंग की टीम सहित रक्षा औद्योगिक साझेदारी का विस्तार करने के प्रयासों का भी स्वागत किया जो समुद्र के नीचे और समुद्री डोमेन जागरूकता को मजबूत करते हैं। दोनों नेताओं ने हाल ही में आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा (एसओएसए) के निष्कर्ष की सराहना की, जिससे रक्षा वस्तुओं और सेवाओं की पारस्परिक आपूर्ति में वृद्धि हुई। दोनों नेताओं ने रक्षा वस्तुओं और सेवाओं की पारस्परिक आपूर्ति को और सक्षम करने के लिए अपने-अपने रक्षा खरीद प्रणालियों को संरेखित करने पर चल रही चर्चाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई।

राष्ट्रपति बाइडेन ने सभी विमानों और विमान इंजन भागों सहित रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) क्षेत्र पर 5 प्रतिशत का एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) निर्धारित करने के भारत के फैसले का स्वागत किया, जिससे कर व्यवस्था सरल हो गई और भारत में एमआरओ सेवाओं के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। दोनों नेताओं ने उद्योग को सहयोग को बढ़ावा देने और भारत के एक प्रमुख विमानन केंद्र बनने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहित किया। दोनों नेताओं ने विमान और मानव रहित हवाई वाहनों की मरम्मत सहित भारत की एमआरओ क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए अमेरिकी उद्योग की प्रतिबद्धताओं का स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने हाल ही में लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के बीच सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान पर टीमिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की सराहना की। ये दोनों कंपनियां यू.एस.-भारत सीईओ फोरम की सह-अध्यक्ष हैं। लंबे समय से चले आ रहे उद्योग सहयोग के आधार पर, यह समझौता भारत में एक नई रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधा स्थापित करेगा, जो भारतीय बेड़े और सी-130 सुपर हरक्यूलिस विमान का संचालन करने वाले वैश्विक भागीदारों की तैयारी में सहयोग करेगा। यह यू.एस.-भारत रक्षा और एयरोस्पेस सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है और दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक और प्रौद्योगिकी साझेदारी संबंधों की प्रगाढ़ता को दर्शाता है।

दोनों नेताओं ने 2023 में शुरू की गई भारत-यू.एस. डिफेंस एक्सलेरेशन ईकोसिस्टम (इंडस-एक्स) पहल द्वारा बढ़ावा दिए जाने वाले हमारी सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच बढ़ते रक्षा नवाचार सहयोग की सराहना की और इस महीने की शुरुआत में सिलिकॉन वैली में तीसरे इंडस-एक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हासिल हुई प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने सिलिकॉन वैली शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के माध्यम से भारतीय रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) और अमेरिकी रक्षा विभाग की रक्षा नवाचार इकाई (डीआईयू) के बीच बढ़े हुए सहयोग का स्वागत किया। आईएनडीयूएसडब्ल्यूईआरएक्स संघ के माध्यम से इंडस-एक्स नेटवर्क में रक्षा और दोहरे उपयोग वाली कंपनियों के लिए दोनों देशों में प्रमुख परीक्षण रेंज तक पहुँचने के लिए मार्ग को सुगम बनाने के प्रयासों की सराहना की गई।

दोनों नेताओं ने अमेरिकी रक्षा विभाग के डीआईयू और भारतीय रक्षा मंत्रालय के रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) द्वारा डिजाइन की गई "संयुक्त चुनौतियों" के शुभारंभ के माध्यम से इंडस-एक्स के तहत रक्षा नवाचार के साझा लक्ष्य की स्पष्ट प्राप्ति को भी मान्यता दी। 2024 में, हमारी सरकारों ने अमेरिकी और भारतीय कंपनियों को अलग-अलग 1+ मिलियन डॉलर का पुरस्कार दिया है, जिन्होंने अंडरसी संचार और समुद्री खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) पर केंद्रित तकनीक विकसित की है। इस सफलता के आधार पर, हालिया इंडस-एक्स शिखर सम्मेलन में एक नई चुनौती की घोषणा की गई, जो लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस (एसएसए) पर केंद्रित थी।

दोनों नेताओं ने यह देखते हुए कि भारत ने मार्च 2024 के टाइगर ट्रायम्फ अभ्यास के दौरान आज तक के हमारे सबसे जटिल, सबसे बड़े द्विपक्षीय, त्रि-सेवा अभ्यास की मेजबानी की, स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को बनाए रखने के लिए हमारी सैन्य साझेदारी और अंतर-संचालन को गहरा करने के लिए चल रहे प्रयासों का स्वागत किया। उन्होंने चल रहे द्विपक्षीय सेना युद्ध अभ्यास के दौरान भारत में जैवलिन और स्ट्राइकर प्रणालियों के पहली बार प्रदर्शन सहित नई तकनीकों और क्षमताओं को शामिल करने का भी स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने संपर्क अधिकारियों की तैनाती के संबंध में समझौता ज्ञापन के समापन और यूएस स्पेशल ऑपरेशंस कमांड (एसओसीओएम) में भारत से पहले संपर्क अधिकारी की तैनाती प्रक्रिया की शुरुआत का स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष और साइबर सहित उन्नत क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए काम की सराहना की और यू.एस.-भारत साइबर सहयोग तंत्र को बढ़ाने के लिए नवंबर 2024 के द्विपक्षीय साइबर जुड़ाव की आशा की। नए सहयोग के क्षेत्रों में खतरे की जानकारी साझा करना, साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण और ऊर्जा और दूरसंचार नेटवर्क में भेद्यता शमन पर सहयोग शामिल होगा। दोनों नेताओं ने मई 2024 में होने वाली दूसरी अमेरिकी-भारत उन्नत क्षेत्र रक्षा वार्ता का भी उल्लेख किया, जिसमें पहली बार द्विपक्षीय रक्षा अंतरिक्ष टेबल-टॉप अभ्यास शामिल था।

स्वच्छ ऊर्जा प्रसारण को बढ़ाना

राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षित और संरक्षित वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए यू.एस.-भारत रोडमैप का स्वागत किया, जिसने स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और घटकों के यू.एस. और भारतीय विनिर्माण के माध्यम से सुरक्षित और संरक्षित स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं के विस्तार में तेजी लाने के लिए एक नई पहल शुरू की। अपने प्रारंभिक चरण में, यू.एस. और भारत अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण, पावर ग्रिड और ट्रांसमिशन प्रौद्योगिकियों, उच्च दक्षता वाले शीतलन प्रणालियों, शून्य उत्सर्जन वाहनों और अन्य उभरती हुई स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के लिए स्वच्छ ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में परियोजनाओं में सहयोग करने के लिए 1 बिलियन डॉलर के बहुपक्षीय वित्तपोषण की व्यवस्था करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

दोनों नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण का विस्तार करने और आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने के लिए भारत के निजी क्षेत्र के साथ यू.एस. अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) की साझेदारी का भी उल्लेख किया। आज तक, डीएफसी ने भारत में सौर सेल विनिर्माण सुविधा के निर्माण के लिए टाटा पावर सोलर को 250 मिलियन डॉलर का ऋण और भारत में सौर मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा के निर्माण और संचालन के लिए फर्स्ट सोलर को 500 मिलियन डॉलर का ऋण दिया है।

दोनों नेताओं ने रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी (एससीईपी) के तहत मजबूत सहयोग की सराहना की जिसे हाल ही में 16 सितंबर, 2024 को वाशिंगटन डीसी में ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने, स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के लिए अवसर पैदा करने, जलवायु परिवर्तन का समाधान करने और क्षमता निर्माण तथा उद्योग और अनुसंधान एवं विकास के बीच सहयोग सहित रोजगार सृजन के अवसर पैदा करने के लिए आयोजित किया गया था।

दोनों नेताओं ने भारत में हाइड्रोजन सुरक्षा के लिए एक नए राष्ट्रीय केंद्र पर सहयोग का स्वागत किया और हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण पर सार्वजनिक-निजी कार्यबलों के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर सहयोग बढ़ाने के लिए नए अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी अनुयोजन मंच (आरईटीएपी) का उपयोग करने के अपने इरादे की पुष्टि की।

दोनों नेताओं ने यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट और इंटरनेशनल सोलर अलायंस के बीच सहयोग के एक नए ज्ञापन की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य विविध अक्षय ऊर्जा स्रोतों का लाभ उठाने वाली अधिक उत्तरदायी और टिकाऊ ऊर्जा तंत्र को बढ़ावा देना है।

दोनों नेताओं ने मूल्य श्रृंखला के साथ रणनीतिक परियोजनाओं को लक्षित करते हुए खनिज सुरक्षा साझेदारी के तहत महत्वपूर्ण खनिजों के लिए विविध और टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकास में तेजी लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पुन: व्यक्त की। दोनों नेताओं ने आगामी यू.एस.-भारत वाणिज्यिक वार्ता में महत्वपूर्ण खनिजों के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद जताई और अधिक तकनीकी सहायता और अधिक वाणिज्यिक सहयोग के माध्यम से महत्वपूर्ण खनिजों की लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को तेज करने का संकल्प लिया।

दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा कार्यक्रम पर समझौते के प्रावधानों के अनुसार आईईए सदस्यता की दिशा में काम करने के लिए भारत के लिए 2023 से संयुक्त प्रयासों पर हुई प्रगति का स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने भारत में अक्षय ऊर्जा, बैटरी भंडारण और उभरती हुई स्वच्छ प्रौद्योगिकी के विनिर्माण और तैनाती में तेजी लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) और अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम के बीच हो रही प्रगति का स्वागत किया, जिसमें ग्रीन ट्रांजिशन फंड को आगे बढ़ाने के लिए 500 मिलियन डॉलर तक की राशि प्रदान करने के साथ-साथ निजी क्षेत्र के निवेशकों को इन प्रयासों में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। दोनों पक्ष ग्रीन ट्रांजिशन फंड के शीघ्र संचालन की आशा करते हैं।

भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाना और वैश्विक स्वास्थ्य एवं विकास को बढ़ावा देना

दोनों नेताओं ने पिलर III, पिलर IV और समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) पर व्यापक समझौते के तहत समझौतों पर भारत के हस्ताक्षर और अनुसमर्थन का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने इस बात को रेखांकित किया कि आईपीईएफ अपने हस्ताक्षरकर्ताओं की अर्थव्यवस्थाओं की लचीलापन, स्थिरता, समावेशिता, आर्थिक विकास, निष्पक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है। उन्होंने 14 आईपीईएफ भागीदारों की आर्थिक विविधता का भी उल्लेख किया जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 40 प्रतिशत और वैश्विक वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार का 28 प्रतिशत मात्रा का प्रतिनिधित्व करते हैं।

राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने 21वीं सदी के लिए नए यू.एस.-भारत ड्रग पॉलिसी फ्रेमवर्क और इसके साथ समझौता ज्ञापन की सराहना की जो सिंथेटिक दवाओं और पूर्ववर्ती रसायनों के अवैध उत्पादन और अंतर्राष्ट्रीय तस्करी को रोकने के लिए सहयोग को मजबूत करेगा और एक समग्र सार्वजनिक स्वास्थ्य साझेदारी को गहरा करेगा।

दोनों नेताओं ने सिंथेटिक दवाओं के खतरों से निपटने के लिए वैश्विक गठबंधन के उद्देश्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और समन्वित कार्यों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पारस्परिक रूप से सहमत पहलों के माध्यम से सिंथेटिक दवाओं और उनके भावी खतरे से निपटने की दिशा में काम करने का संकेत दिया।

दोनों नेताओं ने अगस्त 2024 में पहली बार आयोजित अमेरिका-भारत कैंसर वार्ता की सराहना की, जिसमें कैंसर के खिलाफ प्रगति दर में तेजी लाने के लिए अनुसंधान और विकास को बढ़ाने के लिए दोनों देशों के विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया। दोनों नेताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, आरओके, जापान और यूरोपीय संघ के बीच हाल ही में शुरू की गई बायो5 साझेदारी की सराहना की, जो दवा आपूर्ति श्रृंखलाओं पर घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देती है। दोनों नेताओं ने बच्चों के लिए हेक्सावेलेंट (एक में ही छह) टीके बनाने के लिए भारतीय कंपनी पैनेसिया बायोटेक को विकास वित्त निगम द्वारा 50 मिलियन डॉलर के ऋण की सराहना की, जो प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के लिए सहयोग बढ़ाने सहित साझा वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने के लिए हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

दोनों नेताओं ने व्यापार और निर्यात वित्त, प्रौद्योगिकी और डिजिटल व्यापार, हरित अर्थव्यवस्था और व्यापार सुविधा जैसे क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यशालाओं के माध्यम से वैश्विक बाजार में उनकी भागीदारी में सुधार करके अमेरिकी और भारतीय लघु और मध्यम आकार के उद्यमों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय और लघु व्यवसाय प्रशासन के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया। समझौता ज्ञापन में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और दोनों देशों के महिला स्वामित्व वाले छोटे व्यवसायों के बीच व्यापार साझेदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए उनके लिए कार्यक्रमों के संयुक्त संचालन का भी प्रावधान है। दोनों नेताओं ने इस बात पर खुशी जताई कि जून 2023 की राजकीय यात्रा के बाद से, विकास वित्त निगम ने भारतीय छोटे व्यवसायों को सहयोग करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए आठ परियोजनाओं में 177 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।

दोनों नेताओं ने जलवायु-स्मार्ट कृषि, कृषि उत्पादकता वृद्धि, कृषि नवाचार और फसल जोखिम संरक्षण और कृषि ऋण से संबंधित सर्वोत्तम व्यवस्थाओं को साझा करने जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी कृषि विभाग और भारत के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के बीच कृषि पर बढ़े हुए सहयोग का स्वागत किया। दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए नियामक मुद्दों और नवाचार पर चर्चा के माध्यम से निजी क्षेत्र के साथ सहयोग भी बढ़ाएंगे।

दोनों नेताओं ने नई यू.एस.-भारत वैश्विक डिजिटल विकास भागीदारी की औपचारिक शुरुआत का स्वागत किया, जिसका उद्देश्य एशिया और अफ्रीका में उभरती डिजिटल प्रौद्योगिकियों के जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग के लिए यू.एस. और भारतीय निजी क्षेत्र की कंपनियों, प्रौद्योगिकी और संसाधनों को एक साथ लाना है।

दोनों नेताओं ने वैश्विक विकास चुनौतियों का संयुक्त रूप से समाधान करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट और भारत के विकास भागीदारी प्रशासन के नेतृत्व में त्रिकोणीय विकास भागीदारी के माध्यम से तंजानिया के साथ मजबूत त्रिपक्षीय सहयोग का स्वागत किया। यह भागीदारी सौर ऊर्जा सहित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है, ताकि तंजानिया में ऊर्जा अवसंरचना और पहुंच को बढ़ाया जा सके, जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा मिले। उन्होंने विशेष रूप से डिजिटल स्वास्थ्य और नर्सों और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण सहित आपसी हित के महत्वपूर्ण तकनीकी क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य सहयोग के क्षेत्रों में त्रिकोणीय विकास भागीदारी के विस्तार का पता लगाने की भी इच्छा जताई।

दोनों नेताओं ने जुलाई 2024 में एक द्विपक्षीय सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने को स्वीकार किया जो सांस्कृतिक संपत्ति के अवैध आयात, निर्यात और स्वामित्व के हस्तांतरण को रोकने और रोकने के साधनों पर 1970 के कन्वेंशन के कार्यान्वयन में सहयोग करेगा। यह समझौता दोनों देशों के विशेषज्ञों द्वारा वर्षों के अथक कार्य की परिणति को चिह्नित करता है और राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी की जून 2023 में मुलाकात के दौरान संयुक्त वक्तव्य में व्यक्त की गई सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता को पूरा करता है। इस संदर्भ में, दोनों नेताओं ने 2024 में अमेरिका से भारत में 297 भारतीय पुरावशेषों को लौटाने का स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने रियो डी जेनेरियो में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए साझा प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए भारत की महत्वाकांक्षी जी20 अध्यक्षता का निर्माण करने के लिए तत्पर हैं जिनमें बड़े, बेहतर और अधिक प्रभावी एमडीबी, जिसमें विकासशील देशों को वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में मदद करने के लिए विश्व बैंक की क्षमता को बढ़ाने के लिए नई दिल्ली में नेताओं की प्रतिज्ञाओं का पालन करना शामिल है, जबकि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की अनिवार्यता को पहचानना; अधिक पूर्वानुमानित, व्यवस्थित, समयबद्ध और समन्वित संप्रभु ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया; तथा वित्त तक पहुंच बढ़ाकर और देश विशेष की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राजकोषीय गुंजाइश बनाकर बढ़ते ऋण बोझ के बीच वित्तपोषण की चुनौतियों का सामना कर रहे उच्च महत्वाकांक्षा वाले विकासशील देशों के लिए विकास का मार्ग प्रशस्त करना शामिल हैं।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Indian professionals flagbearers in global technological adaptation: Report

Media Coverage

Indian professionals flagbearers in global technological adaptation: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से भेंट की
December 10, 2024

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा:

“मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।