गांधीनगर, सोमवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय बजट, 2011-12 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, भयंकर भ्रष्टाचार के भंवर में घिर चुकी केन्द्र सरकार ने देश की जनता का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाते हुए बजट में राहत के नाम पर झुनझुना थमाया है।
यूपीए सरकार में घोटालों, बेतहाशा महंगाई, विकास के क्षेत्रों में अमलीकरण की विफलता और सुशासन की दिशाशून्यता को इस बजट में छिपाने का प्रयास किया गया है। श्री मोदी ने कहा कि बेतहाशा महंगाई से पीडि़त जनता को राहत देने की कोई राजनैतिक इच्छाशक्ति इस बजट में प्रतीत नहीं होती। शहरी मध्यम वर्ग तथा शहरी गरीबों की उपेक्षा हुई है। खाद्य वस्तुओं में मुद्रा स्फीति की दर को नियंत्रित करने के कदम का इस बजट में अभाव प्रतीत होता है।
श्री मोदी ने कहा कि केन्द्रीय बजट में पश्चिम बंगाल, केरल तथा तमिलनाडु में आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा के विकास के नाम पर केन्द्रीय सहायता की खैरात बांटी गई है। गुजरात ने पूरे देश के लिए अनुकरणीय मानव संसाधन विकास में पथ प्रदर्शक विशिष्ट विश्व स्तरीय यूनिवर्सिटियां शुरु की है, लेकिन इनका उल्लेख तक बजट में नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार की राज्यों के प्रति भेदभाव की नीति लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। देश की युवा शक्ति को रोजगार और कौशल संवर्धन के अवसर उपलब्ध करवाकर विकास में भागीदार बनाने तथा युवाओं को प्रोत्साहन देने में केन्द्र सरकार विफल रही है।
कृषि क्षेत्र के सक्षम विकास की दूरदर्शी कार्ययोजना के बजाय किसानों को राहत-सब्सिडी के नाम पर उठाए गए कदमों से भारत जैसे कृषि प्रधान देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति का मौका छूट गया है। काले धन पर नियंत्रण कर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के कदम या स्विस बैंक में जमा काले धन को किस तरह देश में वापस लाया जाएगा, इस पर केन्द्र सरकार मौन है। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने सामूहिक दायित्व की बात की है, जो जिम्मेदारी से छूट जाने की केन्द्र सरकार की असहाय स्थिति को बताता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, केन्द्र सरकार द्वारा गुजरात के साथ हो रहे अन्याय और केन्द्र के समक्ष महत्वपूर्ण विकासलक्षी समस्याओं के निराकरण का कोई प्रोत्साहन केन्द्रीय बजट में नजर नहीं आया। गुजरात टेक्सटाइल तथा डायमंड उद्योग में अग्रसर है, लेकिन न तो उनकी समस्याओं पर कुछ कहा गया और न ही प्रोत्साहन दिया गया। और तो और ज्वैलरी उद्योग पर टैक्स लाद दिया गया है, जो ज्वैलरी उद्योग पर प्रतिकूल असर डालेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट से आम आदमी की समस्याओं का कोई निराकरण दिखता नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में आधा हिस्सा रखने वाले नारी वर्ग के सशक्तिकरण की आशा निराशा में बदल गई है। सिर्फ गुजरात में मिशन मंगलम् योजना के माध्यम से दो लाख सखी मंडलों के हाथों में 5 हजार करोड़ के आर्थिक कारोबार का कौशल्य नारी शक्ति के हाथों में सौंपने और गरीबों के जीवन स्तर को ऊंचा लाने की क्रांतिकारी पहल की है।
श्री मोदी ने केन्द्रीय बजट में ग्राम पंचायतों को ब्राड बैंड कनेक्टिविटी देने, ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहन देने, आदिवासी तथा दलित वर्ग के विद्यार्थियों के वजीफे में बढ़ोतरी करने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में बढ़ोतरी करने की घोषणाओं पर कहा कि यह घोषणाएं तो गुजरात सरकार पहले ही कर चुकी है। उन्होंने कहा कि आम जनता के लिए मामूली राहत के नाम पर जनता को बरगलाने वाला साबित होगा।
Complete text of Finance Minister's speech - Gujarat Budget 2011-12


