प्रगति की पंचशक्ति के तहत आज सूरत में स्वर्णिम गुजरात ज्ञानशक्ति महोत्सव में गुजरात के छह जिलों में से ज्ञानशक्ति के विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागी होने के लिए विराट मानवशक्ति उमड़ पड़ी। मुख्यमंत्री ने ज्ञानशक्ति आधारित ज्ञान-विज्ञान की उपलब्धियों की यात्रा करवाने वाली प्रदर्शनी का एक घण्टे तक निरीक्षण किया। स्वर्णिम अस्मिता यात्रा को प्रस्थान करवा कर इंडोर स्टेडियम में हजारों की संख्या में मौजूद युवा शक्ति और नागरिकों ने ग्रंथदान और समयदान के संकल्प किए। शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित स्वर्णिम साफल्य गाथा पुस्तक सहित ज्ञान उपासना के ग्रंथ का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया तथा श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा कौशल्य संवर्द्घन की स्किल वाउचर स्कीम का शुभारंभ भी किया। भर्ती मेले में नौकरी के लिए चयनित युवक-युवतियों को नियुक्ति के आदेश पत्र मुख्यमंत्री ने प्रदान किए।
यह स्वर्णिम जयंति का अवसर पूर्ण होने के कगार पर है, ऐसे में भविष्य के सशक्त गुजरात के निर्माण के लिए नई ताकत और नए संकल्प के साथ आगे कदम बढ़ाने हैं। श्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी-ज्ञान की सदी में ज्ञानशक्ति की आराधना के लिए गुजरात ने पहल की है। इसका जब भी उल्लेख किया जाए तब हमें उन सभी का ऋण स्वीकार करना चाहिए, जिसने ज्ञान संपदा में योगदान दिया है।
गुजरात सरकार ने ज्ञानशक्ति के मानवबल विकास हेतु जो विशिष्ट आराधना की है, इसकी प्रेरक जानकारी देते हुए श्री मोदी ने कहा कि प्राथमिक शाला में कन्याओं के लिए हजारों सेनिटेशन यूनिट का निर्माण कर सरकार ने सरकार ने उन बेटियों को अभ्यास छोड़ने से रोक दिया है, जो बेटियां टॉयलेट के अभाव में शाला छोड़ दिया करती थीं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए प्राथमिक शाला में कन्या सेनिटेशन यूनिट का निर्माण सरदार सरोवर डेम के निर्माण जितना ही महत्वपूर्ण था। इन दस वर्षों में गुजरात में जो विशिष्ट यूनिवर्सिटियां बनी हैं उनका मानवसंसाधन विकास में कितना महत्व है, इसका अभ्यास, अध्ययन करने के लिए उन्होंने संशोधकों को आह्वान किया।
वांचे गुजरात, खेल महाकुंभ और ग्रंथदान-समयदान में विराट युवाशक्ति द्वारा ज्ञान की उपासना किए जाने पर उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर
कॉम्पेडियम तथा
स्वर्णिम साफल्य गाथा पुस्तकों का विमोचन मुख्यमंत्री ने किया। मेयर श्री राजेन्द्र देसाई ने पुस्तकें अर्पित कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री की कन्या केळवणी निधि में विभिन्न संस्थाओं, औद्योगिक गृहों तथा दाताओं की ओर से 78.51 लाख रुपये का दान दिया गया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रमणलाल वोरा ने भी अपने विचार रखे।
करण घेलो पुस्तक के लेखक सूरत के श्री नंदकिशोर महेता की आज जन्मतिथि के मौके पर उन्हें याद करते हुए मुख्यमंत्री ने वीर नर्मद की भूमि की साहित्य साधना की सराहना की। इस मौके पर उपस्थित आठ हजार जितने विद्यार्थियों ने हर्षनाद करते हुए मुख्यमंत्री का स्वागत किया।