गांधीनगर, गुरुवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वर्णिम गुजरात ज्ञानशक्ति महोत्सव कार्यक्रम में विश्वस्तरीय यूथ रिसर्च का इन्क्युबेशन सेन्टर बनाने की घोषणा की। यह सेन्टर युवा संशोधकों को उनके रिसर्च प्रोजेक्ट कार्यरत करने में सहायक सिद्घ होगा। जिन्होंने अपने बौद्घिक चिन्तन-कल्पना से संशोधन किए हैं, वह समाज की अमानत बनें और आने वाली पीढि़यों के लिए उपयोगी साबित हो, इस दिशा में युवाओं को प्रोत्साहित करने की बात कही।
गुजरात के विकास की गाड़ी निरन्तर दस वर्ष के बाद भी तेज गति से दौड़ती ही रहेगी, यह संकल्प व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि विकास की गाड़ी पटरी पर से उतरी नहीं है, क्योंकि इस सरकार ने राजनैतिक इच्छा शक्ति से विकास की राह में अवरोध पैदा करने वाले परिबलों को परास्त कर दिया है।

प्रगति की पंचशक्ति के तहत आज सूरत में स्वर्णिम गुजरात ज्ञानशक्ति महोत्सव में गुजरात के छह जिलों में से ज्ञानशक्ति के विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागी होने के लिए विराट मानवशक्ति उमड़ पड़ी। मुख्यमंत्री ने ज्ञानशक्ति आधारित ज्ञान-विज्ञान की उपलब्धियों की यात्रा करवाने वाली प्रदर्शनी का एक घण्टे तक निरीक्षण किया। स्वर्णिम अस्मिता यात्रा को प्रस्थान करवा कर इंडोर स्टेडियम में हजारों की संख्या में मौजूद युवा शक्ति और नागरिकों ने ग्रंथदान और समयदान के संकल्प किए। शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित स्वर्णिम साफल्य गाथा पुस्तक सहित ज्ञान उपासना के ग्रंथ का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया तथा श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा कौशल्य संवर्द्घन की स्किल वाउचर स्कीम का शुभारंभ भी किया। भर्ती मेले में नौकरी के लिए चयनित युवक-युवतियों को नियुक्ति के आदेश पत्र मुख्यमंत्री ने प्रदान किए।

उन्होंने कहा कि विकास करने की इच्छा सभी सरकारों की होती है, लेकिन इसमें आने वाले अवरोधों को पार करने की राजनैतिक इच्छा शक्ति नहीं होती, इसलिए गाड़ी पटरी पर से उतर जाती है। लेकिन गुजरात में दस वर्षों से विकास की यात्रा निरन्तर जारी है और सभी अवरोधों को पार करते हुए पंचशक्ति आधारित विकास की अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की गई है।

यह स्वर्णिम जयंति का अवसर पूर्ण होने के कगार पर है, ऐसे में भविष्य के सशक्त गुजरात के निर्माण के लिए नई ताकत और नए संकल्प के साथ आगे कदम बढ़ाने हैं। श्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी-ज्ञान की सदी में ज्ञानशक्ति की आराधना के लिए गुजरात ने पहल की है। इसका जब भी उल्लेख किया जाए तब हमें उन सभी का ऋण स्वीकार करना चाहिए, जिसने ज्ञान संपदा में योगदान दिया है।

मानवसंसाधन विकास में हम कमजोर पड़े तो भौतिक और ढांचागत सुविधाओं सहित अन्य विकास निरर्थक बन जाएगा। उन्होंने माता के गर्भस्थ शिशु से लेकर वैश्विक विश्वविद्यालय की विशिष्ट ज्ञानशक्ति में सरकार ने कितने व्यापक स्तर पर कार्य किया है, उन्होंने संस्कार, पालन-पोषण के लिए शिशुओं की आंगनवाड़ी, प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार, टेक्निकल एवं स्किल अपग्रेडेशन की टेक्नोलॉजी तथा भविष्य के वैश्विक बौद्घिक मानवबल की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विशिष्ट यूनिवर्सिटियों की भूमिका प्रस्तुत की।

गुजरात सरकार ने ज्ञानशक्ति के मानवबल विकास हेतु जो विशिष्ट आराधना की है, इसकी प्रेरक जानकारी देते हुए श्री मोदी ने कहा कि प्राथमिक शाला में कन्याओं के लिए हजारों सेनिटेशन यूनिट का निर्माण कर सरकार ने सरकार ने उन बेटियों को अभ्यास छोड़ने से रोक दिया है, जो बेटियां टॉयलेट के अभाव में शाला छोड़ दिया करती थीं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए प्राथमिक शाला में कन्या सेनिटेशन यूनिट का निर्माण सरदार सरोवर डेम के निर्माण जितना ही महत्वपूर्ण था। इन दस वर्षों में गुजरात में जो विशिष्ट यूनिवर्सिटियां बनी हैं उनका मानवसंसाधन विकास में कितना महत्व है, इसका अभ्यास, अध्ययन करने के लिए उन्होंने संशोधकों को आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत ज्ञान के आधार पर विश्व का नेतृत्व करने वाला हो तो, एन्वायर्नमेंटल टेक्नोलॉजी के आधार पर पर्यावरण सुरक्षित भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए गुजरात की ज्ञानशक्ति ही सक्षम बनेगी। निरन्तर ज्ञान की गंगा बहती रहे और उसमें स्थगितता नहीं आए, इसके लिए संशोधन-अभ्यास को महत्व देते हुए गुजरात शिक्षा विभाग द्वारा यूनिवर्सिटियों के अनुस्नातक संशोधनों के अभ्यास का डिजीटल डाक्यूमेंटेशन बनाया गया है।

वांचे गुजरात, खेल महाकुंभ और ग्रंथदान-समयदान में विराट युवाशक्ति द्वारा ज्ञान की उपासना किए जाने पर उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर
कॉम्पेडियम तथा
स्वर्णिम साफल्य गाथा पुस्तकों का विमोचन मुख्यमंत्री ने किया। मेयर श्री राजेन्द्र देसाई ने पुस्तकें अर्पित कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री की कन्या केळवणी निधि में विभिन्न संस्थाओं, औद्योगिक गृहों तथा दाताओं की ओर से 78.51 लाख रुपये का दान दिया गया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रमणलाल वोरा ने भी अपने विचार रखे।

करण घेलो पुस्तक के लेखक सूरत के श्री नंदकिशोर महेता की आज जन्मतिथि के मौके पर उन्हें याद करते हुए मुख्यमंत्री ने वीर नर्मद की भूमि की साहित्य साधना की सराहना की। इस मौके पर उपस्थित आठ हजार जितने विद्यार्थियों ने हर्षनाद करते हुए मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

कार्यक्रम में मंत्रिमंडल के सदस्य नरोत्तमभाई पटेल, मंगूभाई पटेल, जशवंतसिंह भाभोर, जयसिंह चौहान, वसुबेन त्रिवेदी, रणजीतभाई गिलीटवाली, ईश्वरभाई पटेल, सांसद सी.आर. पाटील, भरतसिंह परमार, दर्शनाबेन जरदोष, प्रवीण नायक, शिक्षा विभाग के अग्र सचिव हसमुख अढिया, जिला पंचायत अध्यक्ष अश्विनभाई पटेल, मनपा आयुक्त एस. अपर्णा, कलक्टर ए.जे. शाह, संयुक्त पुलिस कमिशनर ई. राधाकृष्णन, जिला विकास अधिकारी जे.बी. वोरा सहित कई जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद्, विद्यार्थी और नागरिक मौजूद थे। आदिजाति कल्याण मंत्री मंगूभाई पटेल ने आभार विधि की।

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प्रधानमंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत पर विदेश सचिव श्री विक्रम मिस्री का वक्तव्य
June 18, 2025

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात G7 summit की sidelines पर होनी तय थी। राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई।

इसके बाद, राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई। बातचीत लगभग 35 मिनट चली।

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन पर प्रधानमंत्री मोदी को शोक संवेदना प्रकट की थी। और आतंक के खिलाफ़ समर्थन व्यक्त किया था। उसके बाद दोनों लीडर्स की यह पहली बातचीत थी।

इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान occupied कश्मीर में सिर्फ़ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था। भारत के एक्शन बहुत ही measured, precise, और non-escalatory थे।

साथ ही, भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया था, कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा।

9 मई की रात को उपराष्ट्रपति Vance ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था। उपराष्ट्रपति Vance ने कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साफ़ शब्दों में बताया था कि यदि ऐसा होता है, तो भारत पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा।

9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का भारत ने बहुत सशक्त जवाब दिया, और पाकिस्तान की सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया। उसके मिलिटरी एयरबेसस को inoperable बना दिया। भारत के मुहतोड़ जवाब के कारण पाकिस्तान को भारत से सैन्य कारवाई रोकने का आग्रह करना पड़ा।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी, किसी भी स्तर पर, भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमरीका द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। सैन्य कारवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच, दोनों सेनाओं की existing channels के माध्यम से हुई थी, और पाकिस्तान के ही आग्रह पर हुई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दे कर कहा कि भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है, और न ही कभी करेगा। इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनैतिक एकमत है।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रधानमंत्री द्वारा विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लडाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को proxy war नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता है, और भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक कर जा सकते हैं। पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के कारण, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त की। दोनों लीडर्स ने तब तय किया कि वे निकट भविष्य में मिलने का प्रयास करेंगे।

राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की। रूस-यूक्रेन conflict पर दोनों ने सहमति जतायी कि जल्द से जल्द शांति के लिए, दोनों पक्षों में सीधी बातचीत आवश्यक है, और इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए। indo-pacific क्षेत्र के संबंध में दोनों नेताओ ने अपने परिपेक्ष साझा किये। और इस क्षेत्र में QUAD की अहम भूमिका के प्रति समर्थन जताया।

QUAD की अगली बैठक के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया। राष्ट्रपति ट्रम्प ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं।