"Gujarat announces new policy for increased land holding for Kutch district, simplifying the age-old unscientific method"

समग्र कच्छ में जमीन माप वृद्धि की नयी सरल नीति की घोषणा

कच्छ  के जमीन धारकों और किसानों को बरसों पुरानी परेशानी से मुक्त करने का श्री मोदी का स्तुत्य निर्णय

राजस्व मंत्री आनन्दी बेन पटेल के मार्गदर्शन में राजस्व विभाग ने तैयार की सरल नीति

 

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कच्छ के लोगों, खास तौर पर किसानों को जमीन माप वृद्धि की बरसों पुरानी परम्परागत पद्धति की वजह से होने वाली परेशानियों से मुक्त करने का स्तुत्य निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कच्छियों के आषाढ़ी दूज से प्रारम्भ होने वाले नववर्ष के उपहार के तौर पर दी गई इस नयी नीति में समग्र कच्छ जिले में वैज्ञानिक पद्धति से जमीन माप वृद्धि में वर्तमान तमाम प्रकार की विसंगतियों का निवारण कर कच्छ के स्थानीय जमीन धारकों और किसानों के लिए सम्पूर्ण सरल प्रक्रिया दाखिल की गई है।

राज्य की राजस्व मंत्री श्रीमती आनन्दी बेन पटेल के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री के आदेश से राजस्व विभाग ने कच्छ जिले की सर्वे विहीन और माप विहीन जमीनों की माप वृद्धि की पुरानी प्रक्रिया के सरलीकरण का भगीरथ अभियान चलाया था।

वर्तमान में ज्यादातर किसानों के पास जो जमीनें हैं उनका क्षेत्रफल पुरानी पद्धति के आधार पर है इसलिए उसमें निश्चितता नहीं थी और अन्दाज के आधार पर माप निर्धारित किया गया था। इसमें किसान खातेदार का होल्डिंग तय नहीं होने के कारण पुन:माप की समस्याएं पैदा होती थी। हजारों छोटे- बड़े किसान खातेदारों को जमीन सम्पादन के समय या बिन कृषि में अनुमति देते समय वृद्धि के विभिन्न आदेशों का अर्थघटन और विसंगतियों की अनेक समस्याएं पैदा होती थी और परेशानी होती थी। इस वजह से राजस्व विभाग में केसों का बोझ बढ़ता ही जा रहा था।

मुख्यमंत्री ने किसानों और जमीन धारकों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए राजस्व मंत्री से परामर्श कर समग्र प्रक्रिया का सरलीकरण करती जमीन माप वृद्धि की नयी नीति की घोषणा की है।

कच्छ में जमीन माप वृद्धि की नयी सरल नीति इस प्रकार है-

  • सर्वप्रथम खातेदार मूल होल्डिंग को उनके कब्जे के हक आकार के 20 पट्ट जितनी प्रिमियम की रकम वसूल कर विनियमित करेंगे। माप वृद्धि के केस विनियमित करते समय सर्वजनिक रास्तों, सीमाओं, पगडंडियों, पानी केरास्तों और सार्वजनिक हितों से सम्बन्धित स्थलों की परिस्थिति को यथावत रखेंगे।
  •  नयी नीति के तहत अब नगरपालिका सहित तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में खातेदार की मूल जमीन के क्षेत्रफल की 20 प्रतिशत वृद्धि, वर्तमान जंत्री दर की एकमुश्त कीमत वसूल कर विनियमित की जा सकेगी। 20 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि हो तो ऐसे मामलों में अतिरिक्त जमीनों को जंत्री दर की दोगुनी कीमत वसूल कर विनियमित किया जा सकेगा।
  •  पूर्व के आदेशों में, माप वृद्धि के क्षेत्रफल के आधार पर प्रतिशत की गणना कर माप वृद्धि विनियमित करने से कई समस्याएं पैदा होती थीं और किसानों, खातेदारों में व्यापक असंतोष पैदा होता था। और कई मामलों में अधिकार सौंपने सम्बन्धी समस्याएं भी होती थी जिनका निराकरण किया गया है।
  •  समग्र प्रक्रिया में सत्ता का विकेंद्रीकरण कर मूल क्षेत्रफल का 40 प्रतिशत और 15 लाख की वित्तीय सीमा में चार एकड़ तक की जमीन के मामले में कलेक्टर स्तर पर मंजूरी देने के अधिकार प्रदान किए गए हैं। इससे छोटे किसान खातेदारों और लोगों की समस्याओं का निवारण हो सकेगा।
  •  जब इन सीमाओं से ऊपर क्षेत्रफल या रकम बढ़ जाए तो ऐसे मामलों को विनियमित करने के अधिकार सरकार के पास रहेंगे।
  •  भूतकाल में माप वृद्धि के पुराने आदेशों के तहत विनियमित हुए मामले नयी नीति के अंतर्गत समीक्षा के पात्र नहीं होंगे। इसके बावजूद, उसमें गलत अर्थघटन हुआ हो अथवा बड़ी विसंगतता दिखाई दे, तो ऐसे मामलों को ध्यान में लिया जाएगा।
  •  पुराने रिकॉर्ड में सर्वे नंबर हो परंतु नये माप में वह शामिल नहीं किए गए हों ऐसे सर्वे नंबरों को डूब का सर्वे नंबर मानकर इस नयी नीति के अंतर्गत विनियमित किया जाएगा जिससे जमीन धारकों को भारी लाभ होगा।

राजस्व मंत्री श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने मुख्यमंत्री के इस स्तुत्य निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि माप वृद्धि की वजह से प्रवर्तमान तमाम विसंगतताओं का निवारण सत्ता के सरलीकरण, विकेन्द्रीकरण, स्थानीय लोगों किसानों को कम से कम आर्थिक बोझ द्वारा किया गया है। राजस्व विभाग के ऐसे मामलों का बोझ घट जाएगा। कच्छ के स्थानीय जमीन धारक, किसान रिकॉर्ड ऑफ राइट में अपने वास्तविक होल्डिंग को शामिल कर सकेंगे। उनके कब्जा अधिकार और माप वृद्धि की समस्याएं निपटने की वजह से बैंकों/ वित्तीय संस्थाओं में से आसानी से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। बिन कृषि के उद्देश्यों के आवेदनों का आसानी सेनिराकरण हो सकेगा और विकास प्रक्रिया को गति मिलने से अतिरिक्त रोजगार का निर्माण हो सकेगा।

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Prime Minister attends Sankranti and Pongal celebrations at the residence of Union Minister Shri G. Kishan Reddy
January 13, 2025
People across India celebrate Sankranti and Pongal with great fervor: PM
It is a celebration of gratitude, abundance and renewal, deeply rooted in the agricultural traditions of our culture: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi attended Sankranti and Pongal celebrations at the residence of his ministerial colleague, Shri G. Kishan Reddy, today. Shri Modi remarked that people across India celebrate Sankranti and Pongal with great fervour. "It is a celebration of gratitude, abundance and renewal, deeply rooted in the agricultural traditions of our culture", Prime Minister Shri Modi stated.

The Prime Minister posted on X:

"Attended Sankranti and Pongal celebrations at the residence of my ministerial colleague, Shri G. Kishan Reddy Garu. Also witnessed an excellent cultural programme.

People across India celebrate Sankranti and Pongal with great fervour. It is a celebration of gratitude, abundance and renewal, deeply rooted in the agricultural traditions of our culture.

My best wishes for Sankranti and Pongal. Wishing everyone happiness, good health and a prosperous harvest season ahead."

@kishanreddybjp

"Here are some more pictures from the Sankranti programme. Also lit the Bhogi fire."