विकास की राजनीति का एजेंडा गुजरात ने प्रस्थापित कियाः मुख्यमंत्री
‘आर्थिक-सामाजिक परिवर्तन के लिए आयोजन का केन्द्रबिंदु आउटपुट नहीं बल्कि आउटकम होना चाहिए’
ओड़िशा-दिल्ली-मुंबई सहित देश के ५० गणमान्य राजनीतिक-सामाजिक अग्रणी रहे उपस्थित
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधीनगर में ओड़िशा के उद्योगपति आर.पी. गुप्ता लिखित अंग्रेजी पुस्तक- ‘टर्न अराउंड इंडिया’ का लोकार्पण करते हुए भारत के नीति निर्धारण और विकास विजन को नई दिशा देने के लिए आयोजन में आउटपुट नहीं बल्कि आउटकम पर ध्यान केन्द्रित करने का प्रेरक सुझाव दिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने देश में विकास की राजनीति का एजेंडा प्रस्थापित कर दिया है और भारत में प्राकृतिक संपदा और मानवशक्ति के संयोजन से ही सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन अवश्य लाया जा सकता है। ओड़िशा के उद्योग क्षेत्र में २६ वर्षों से कार्यरत श्री आर.पी. गुप्ता भारतीय अर्थव्यवस्था और सुशासन के संबंध में अपने मौलिक विचारों को प्रासंगिक लेखों के जरिए समय-समय पर अभिव्यक्त करते रहे हैं। उनकी इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पर ओड़िशा, दिल्ली और मुंबई सहित विविध राज्यों के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक वर्ग के गणमान्य अग्रणी उपस्थित थे। गुजरात-सोमनाथ की धरती पर ओड़िशा-जगन्नाथ के मिलन के इस अवसर को पश्चिम और पूर्वी हिन्दुस्तान के मिलन का अवसर करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी हिन्दुस्तान के ओड़िशा की भूमि की प्राकृतिक संपदा और उसका विनियोग करने की पश्चिम भारत के गुजरात की क्षमता का संयोजन हो तो देश के आर्थिक व्यवस्थापन को काफी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं कि देश की अर्थव्यवस्था में नये प्राण, नई शक्ति का संचार किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में इस बात की चर्चा हर रोज होती है कि देश में क्या नहीं हुआ और क्या होना चाहिए। जबकि जरूरत इस बात पर ध्यान केन्द्रित करने की है हमारे पास विकास की कितनी विशाल संभावना मौजूद है और उसका महत्तम विनियोग हम किस तरह कर सकते हैं। इस सन्दर्भ में समृद्ध-विकसित देशों की नीतियां तैयार करने में यूनिवर्सिटी और शिक्षा संशोधन संस्थानों के ‘इनपुट’ के निर्णायक योगदान का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने प्रेरक सुझाव दिया कि समाज के विविध क्षेत्रों, विभागों और बौद्धिक वर्गों ने अलग-अलग पहलुओं पर मंथन कर जो विचार दिये हैं उसे संस्थागत स्वरूप में विकसित कर देश की नीति-निर्धारण और विकास का विजन तैयार करने में उपयोग में लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस सन्दर्भ में पंचवर्षीय योजनाओं के निर्धारण में सातत्यपूर्ण स्तर पर देश की विविध मौलिक विचार-शक्तियों का उपयोग करने की हिमायत भी की।उन्होंने कहा कि हमारे बजट आयोजन में आउटपुट नहीं बल्कि आउटकम पर फोकस करने की जरूरत है। तभी हमारी नीति-निर्धारण की सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की सोच में नया आयाम आ सकेगा।
श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने १८,००० गांवों में चौबीस घंटे निरंतर थ्री फेज बिजली की सुविधा ही उपलब्ध नहीं कराई है, बल्कि ग्रामीण जीवन में आए सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के प्रभावों का संशोधन-पृथ्थकरण भी किया है। इस संबंध में उन्होंने साबरमती जैसी दशकों से सूखी नदी में नर्मदा का पानी प्रवाहित करने पर गुणवत्तायुक्त शुद्ध पानी से समाज जीवन में स्वास्थ्य रक्षा सहित सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के प्रभावों की रूपरेखा भी पेश की। अब देश में राज्यों के बीच विकास की स्वस्थ स्पर्धा के वातावरण और उस संबंध में हो रही चर्चा तथा अध्ययन एवं शिक्षा के सीमित दायरे से बाहर निकले अर्थव्यवस्था और विकास के विषयों को अच्छा संकेत करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों की उत्तम उपलब्धियों की तुलना का भी अभ्यास हो रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गौरवपूर्वक कहा कि गुजरात ने इस देश में विकास की राजनीति का एजेन्डा प्रस्थापित कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम दुर्व्यय और विकास में उसका अधिकतम उपयोग देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत उपकारक साबित होगा, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा। हिन्दुस्तान का दो तिहाई भू-भाग समुद्री संपदा-समुद्रतट से जुड़ा हुआ है, लेकिन समुद्रतट का जलमार्ग परिवहन के तौर पर विकास करने में हमने अब तक उपेक्षा की है। हमें प्राकृतिक संसाधनों, मानवशक्ति बल, बुद्धिबल, इन सभी का समन्वय कर उसे विकास के लिए नेतृत्व की क्षमता में प्रदर्शित करने की जरूरत है।
भारत माता का कर्ज चुकाने को हम जहां हैं, वहां से ऐसा दायित्व निभाएं कि विकसित भारत का निर्माण हो और आने वाली पीढ़ी पर कोई बोझ न रहे, ऐसी अभिलाषा व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने श्री आर.पी. गुप्ता को उनके लेखन आयाम के लिए शुभकामनाएं दी। पुस्तक के लेखक आर.पी. गुप्ता ने श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में गुजरात के शासन और आर्थिक-सामाजिक प्रगति की उपलब्धियों को पथप्रदर्शक करार दिया और भारत की सांप्रत अर्थव्यवस्था का विश्लेषण कर उसे प्राणवान बनाने के लिए अनोखे विचार व्यक्त किए। भारतीय लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए सच्ची दिशा की शासकीय नीतियों के लिए आत्मनिरीक्षण की जरूरत बतलाते हुए गुप्ता ने टीम स्पिरीट से सामूहिक दायित्व निभाने पर जोर दिया। इस अवसर पर श्री गुप्ता ने गुजरात का कर्ज चुकाने के बाद भारत का ऋण चुकाने के लिए नेतृत्व करने की श्री मोदी से हार्दिक विनती की। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अग्रणी जुएल ओराम, सांसद रामलाल अग्रवाल, शिवसेना सांसद भरत राउत, रमेश मेहता तथा आमंत्रितों के अलावा मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. कैलाशनाथन, अतिरिक्त अग्र सचिव जी.सी. मुर्मु तथा उच्च अधिकारी उपस्थित थे।


