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प्रत्येक गुजराती दुनिया में गौरवपूर्ण आंख से आंख मिला सके, ऐसे गुजरात के विकास का संकल्प

अमेरिका के अटलांटा में सौराष्ट्र पटेल कल्चरल समाज आयोजित गुजरात उत्सव का मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से किया शुभारंभ

                 मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के अटलांटा में सौराष्ट्र पटेल कल्चरल समाज द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गुजरात महोत्सव का आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शुभारंभ करते हुए प्रत्येक गुजराती दुनिया में सिर ऊंचा कर सके, ऐसे गौरवपूर्ण गुजरात के विकास का संकल्प जताया।

मुख्यमंत्री का अमेरिका स्थित गुजरातियों के लिए संदेश अक्षरश: इस प्रकार है:

आपकी गुजरात के लिए भावनाएं सराबोर हैं और आज तो गुजरात का नाम आते ही आप दुनिया में जहां भी जाते होंगे-जिससे भी मिलते होंगे, वह आपसे गर्मजोशी से हाथ मिलाता होगा। उसकी आंखों में आपको कभी कमी नजर नहीं आती होगी, हमेशा नमी नजर आती होगी और गुजराती कहते ही आपका सीना चौड़ा हो जाता होगा, इसका मुझे विश्वास है।

आप सिर ऊंचा करके मिल सको, सीना फुलाकर घूम सको, आप आंख में आंख मिलाकर बात कर सको, ऐसा काम करने का संकल्प गुजरात ने किया है और इस दस ही वर्ष में गुजरात कहां से कहां पहुंच गया है? एक समय था, जब कच्छ और काठियावाड़ के लिए हम कहते थे कि यह खारा समुद्र है, इसकी जमीन में कुछ भी उपज नहीं सकता। कच्छ-काठियावाड़ की धरती छोड़ो, मुंबई जाओ, सूरत जाओ, हीरे घिसो या झोंपड़ी में जिओ मगर यहां नहीं रहना। गांव के गांव खाली हो जाया करते थे। युवाओं को पलायन करना पड़ता था। बूढ़े मां-बाप को घर पर छोडक़र कहीं रोजीरोटी कमाने के लिए जाना ही पड़ता था।

आज स्थिति बदल चुकी है। इसी समुद्रतट को हिन्दुस्तान की समृद्घि का प्रवेशद्वार बना दिया गया है। 1600 किमी लंबे समुद्रीतट का अगर आज से 50 वर्ष पहले विकास हुआ होता तो आज कितनी शानोशौकत होती। लेकिन हमने इन दस वर्षों में जो कुछ किया है इसकी वजह से फिर एक बार कच्छ और काठियावाड़ में पूरा नया गुजरात आकार ले रहा है। हिन्दुस्तान की समृद्घि के प्रवेशद्वार के रूप में हमारे बंदरगाह गतिशील हैं। हमारे समुद्रतट पर अनेक नये उद्योग आ रहे हैं। जहां घास का एक तिनका भी पैदा नहीं होता था, उस जमीन पर आज उद्योग चल रहे हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में, इसमें भी पवन ऊर्जा (विंड एनर्जी), सौर ऊर्जा में गुजरात ने पहल की है। पश्चिम के देश भी दांतों तले उंगली दबा लें, ऐसा काम हमने रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में किया है।

24 घंटे ज्योतिग्राम योजना के कारण अब हीरे घिसने के लिए सूरत की नौकरियों में नहीं रहना पड़ता। मशीने गांव में ही आ गई हैं। गांव में हीरे की मशीनें घर-घर पहुंचने लगी हैं। गांव में ही रोजीरोटी मिलती है, बेटा भी कमाता है और बेटी भी। मां-बाप की भी सार-संभाल होती रहती है और पशुओं को संभालने की व्यवस्था भी हो जाती है। छोटी-बड़ी खेती-बाड़ी का काम भी संभव हो गया है। सबके लिये काम किया है।

नर्मदा का पानी गांव-गांव में पहुंचा है। सिंचाई, पशुपालन को हमने प्राथमिकता दी है। भूतकाल की सरकारों ने कच्छ-काठियावाड़ में डेयरियों को बंद करने के आदेश दिये थे। इस राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये का बजट आवंटित कर कच्छ-काठियावाड़ की सभी जिले की डेयरियों को पुनर्जीवित किया है और कई नई डेयरियां शुरू की हैं। इसकी वजह से कच्छ-काठियावाड़ का मेरा पशुपालक भाई हो या मेरा किसानभाई हो, जिसके घर में पशु हों, उसकी आय आज पर्याप्त होती है। इसका काफी लाभ मिल रहा है। इस एक ही दशक में दुग्ध उत्पादन में 68 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आप तो अमेरिका में बैठे हैं, आपको एक-एक डॉलर के हिसाब का पता चलता है। आप विचार कीजिए कि 68 प्रतिशत बढ़ोतरी किसे कहा जाता है?

कृषि उत्पादन की बात करें, तो हमारे देश में तीन प्रतिशत से ज्यादा कृषि विकास नहीं होता। जबकि हमारे देश के पास गंगा-जमुना-कृष्णा और गोदावरी जैसी नदियां हैं। गुजरात के पास नर्मदा या तापी के सिवाय कोई नदी नहीं है। दस वर्ष में से सात वर्ष अकाल रहता है। इसके बावजूद हमने कृषि विकास दर 11 प्रतिशत तक पहुंचाकर कृषि क्रांति कर डाली है। श्वेतक्रांति में हमने एक नया अध्याय जोड़ा है। कपास तीसरी श्वेतक्रांंति है। नमक पहली श्वेतक्रांति है और दूध दूसरी श्वेतक्रांति है। आज पूरी दुनिया के बाजार में गुजरात का कपास बिकता है। लेकिन हमको कपास तक रुकना नहीं है। हमने तय किया है कि यहां ही मूल्यवृद्घि हो और यहीं वैल्यू एडीशन हो। कपास में से सूत भी यहीं बने, सूत में से कपड़ा भी यहीं बने। कपड़े में से रेडीमेड गारमेंट यहीं पर तैयार हों और दुनिया के बाजारों में हमारा रेडीमेड गारमेंट बजे, ऐसी पॉलिसी लेकर यह राज्य सरकार आई है। प्रत्येक गांव के व्यक्ति को उसके उत्पादन में मूल्यवृद्घि मिले, किसान को ज्यादा आय हो इसके लिए प्रयास किये गये हैं।

आज के युग में शिक्षा का महत्व बढ़ता जा रहा है। किसी भी समाज को प्रगति करनी हो तो शिक्षा के बगैर नहीं कर पाएगा। वर्ष 2001 में गुजरात की जिम्मेदारी आपने जब मुझे सौंपी, तब इस राज्य में सिर्फ 11 यूनिवर्सिटियां थीं। 60 वर्ष में 11 यूनिवर्सिटियां ही बन सकी थीं। आज दस ही वर्ष में गुजरात में करीब 42 यूनिवर्सिटियां स्थापित कर दी हैं। शिक्षा का स्तर सुधरे, हमारे बालकों को सर्वोत्तम शिक्षा प्राप्त हो, प्रत्येक मां-बाप ने अपने बालकों में जो सपने देखे हैं, उन सपनों को पूरा करने का माहौल बनाने का हमने संकल्प लिया है।

आज गुजरात ऑटोमोबाइल हब बना है। शायद आपको पता भी नहीं होगा कि आज दुनिया में ऐसा एक भी फोर व्हीलर वाहन नहीं बनता जिसमें एकाध समान का छोटा पुर्जा हो, जो गुजरात में न बना हो। कच्छ-काठियावाड़ में न बना हो। दुनिया के प्रत्येक ऑटोमोबाइल के अंदर एकाध तकनीकी पुर्जा तो हमारे यहीं बना होता है। सोचिए, हमारी इंजीनियरिंग क्षमता कितनी बढ़ती जा रही है, आज ऑटोमोबाइल हब बन रहा है गुजरात। एशिया में लीड करे ऐसा ऑटोमोबाइल हब हमने बनाया है। कितने सारे लोगों को रोजगार मिलेगा और गुजरात की ऐसी नई पहचान बनेगी? मात्र नैनो ही नहीं, अब तो सभी गाडिय़ों की लाइन लगी है। कितने बड़े पैमाने पर हम प्रगति कर रहे हैं, इसका अंदाज आपको लगेगा।

गुजरातियों का पर्यटन में काफी बड़ा नाम है। गुजराती जहां भी जाते हैं, वहां सभी जगह घूमने जाते हैं। गुजरात देखने कोई नहीं आता था। पर्यटन का जो विकास शुरू किया गया है उसका सबसे बड़ा लाभ कच्छ-काठियावाड़ को मिलेगा। कच्छ का रेगिस्तान तो कच्छ के अंदर है। कच्छ-काठियावाड़ में टूरिस्ट आने की बड़ी संभावनाएं हैं और अमेरिका में तो ज्यादातर लोग मोटल के व्यवसाय में हैं। इसलिए उनको तो पता ही है कि हॉस्पिटीलिटी सेक्टर कितनी बड़ी चीज है। आज 3 ट्रिलीयन डॉलर का व्यापार टूरिज्म क्षेत्र में इंतजार करके बैठा है। गुजरात ने टूरिज्म पर जो काम किया है, उसका पूरा लाभ कच्छ और काठियावाड़ की धरती को मिलेगा। टूरिस्टों की भारी संख्या समुद्र किनारे बीच टूरिज्म होगा, तब आएगी। वाइल्ड लाइफ का टूरिज्म होगा, बर्ड वॉचर होगा वह भी हमारे यहां आएगा। रेगिस्तान देखना होगा तो भी पर्यटक हमारे यहां आएगा और सोमनाथ-द्वारिका की यात्रा करनी होगी तो भी हमारे यहां आएगा।

यह सब कच्छ-काठियावाड़ में होगा और यह सब मैं आया हूं उसके बाद आया है, ऐसा नहीं है। यह सब कुछ था, लेकिन दूसरों को नजर नहीं आता था और न ही इसे दिखाने का उनमें कौशल था। हमको यह नजर भी आता है और दुनिया को दिखाने की हमारी उमंग भी है। इसकी वजह से गरीबतम व्यक्ति को रोजीरोटी मिलेगी।

मैं तो अमेरिका में बसे मेरे भाई-बहनों को कहता रहता हूं कि हिन्दुस्तान की सेवा करनी हो तो दूसरा कुछ करो न करो, हर वर्ष कम से कम 15 लोगों को गुजरात घूमने भेज सको तो भेजो और वह भी ऐसे नागरिकों को जो भारत और गुजरात के न हों, आप अमेरिकनों को कहें कि हमारा गुजरात देखने जाओ। आप विचार तो कीजिए, आपके अकेले के प्रयास से अगर 15-15 लोग आएं तो साल में कितने सारे लोग आ सकते हैं और टूरिज्म का विकास कितना ज्यादा बढ़ सकता है। हम यहां डॉलर के ढेर ना भी लगाएं तो भी हमारे देश की सेवा हो सकती है।

आइये, हम सब मिलकर इस गुजरात को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएं। हम स्वामी विवेकानंदजी की 150वीं जन्मजयंति मना रहे हैं, इस वर्ष को युवाशक्ति वर्ष के रूप में मना रहे हैं, ऐसे में एक नये संकल्प के साथ एक ही मंत्र है - विकास। सभी समस्याओं का समाधान मतलब विकास। सभी मुसीबतों से बाहर आने का एकमात्र उपाय - विकास। आप भी विकास के मंत्र को बढाइये। आप भी विकास के मंत्र में भागीदार बनिये। दूर बैठे-बैठे भी गुजरात की विकास यात्रा में आप शामिल हो जाएं, मैं आपको निमंत्रण देता हूं। हम सब सामूहिक प्रयास कर इस गुजरात को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। आप सभी वहां बैठे-बैठे गुजरात का गौरव बढ़ा रहे हैं, इसके लिए अभिनंदन। भारत की आन-बान-शान में बढ़ोतरी कर रहे हैं इसके लिए भी अभिनंदन।

आपकी संतानों में गुजराती भाषा में बातचीत होती रहे, आपके बालक भी गुजराती बोलते रहें, ऐसे प्रयास जरूर करना। इतनी ही अपेक्षा के साथ आप सभी को आज के समारोह के मौके पर खूब-खूब शुभकामनाएं देता हूं। आपने मुझे अपने साथ बात करने का निमंत्रण दिया इसके लिए आप सभी का आभारी हूं। टेक्नोलॉजी के उपयोग द्वारा भी आप तक पहुंचने का मेरा प्रयास निरंतर रहता है। जरूर मिलता रहूंगा। गुजरात आपका है और आपके लिए है। आपको पसंद आए ऐसा गुजरात बनाने की हमारी हरसंभव कोशिश है। आइये, सबका साथ-सबका विकास मंत्र लेकर आगे बढ़ें...

जय-जय गरवी गुजरात

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- नरेन्द्र मोदी

मुख्यमंत्री, गुजरात राज्य

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PM reiterates commitment to strengthen Jal Jeevan Mission
June 09, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has reiterated the commitment to strengthen Jal Jeevan Mission and has underlined the role of access to clean water in public health.

In a tweet thread Union Minister of Jal Shakti, Gajendra Singh Shekhawat informed that as per a WHO report 4 Lakh lives will be saved from diarrhoeal disease deaths with Universal Tap Water coverage.

Responding to the tweet thread by Union Minister, the Prime Minister tweeted;

“Jal Jeevan Mission was envisioned to ensure that every Indian has access to clean and safe water, which is a crucial foundation for public health. We will continue to strengthen this Mission and boosting our healthcare system.”