समरस सरपंच और सदस्यों का सम्मेलन गांधीनगर में आयोजित.

 422 समरस ग्राम पंचायतों को 10.86 करोड़ की ग्रांट.

 गुजरात के गांवों में वाद-विवाद नहीं बल्कि विकास का उत्तम वातावरण : मुख्यमंत्री .

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अप्रैल, 2012 में आयोजित चुनावों में समरस बनी ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं महिला समरस सरपंचों और सदस्य के सम्मेलन में 10.86 करोड़ रुपये के विकास प्रोत्साहक अनुदान 422 समरस ग्राम पंचायतों को प्रदान किये।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के गांवों में वाद-विवाद नहीं बल्कि विकास की स्पर्धा का वातावरण तैयार हुआ है। इसको उत्तम प्रशासन करने का अवसर मानते हुए विकास के लिए समरस गांवों को भागीदार बनाने का नेतृत्व करने का उन्होंने अनुरोध किया। समरस बनी 422 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए श्री मोदी ने कहा कि पूरे गांवों ने भरोसा रखा है। ऐसा नहीं है कि गांवों में और कोई शक्तिशाली नहीं होगा, लेकिन गांवों के हित के लिए उन्होंने अपने दावे को दरकिनार करते हुए आपको स्वीकार किया, इसके लिए वह भी अभिनंदन के अधिकारी हैं। ऐसे अनेक गांव हैं जहां लोग दिन-रात समरस गांवों का विरोध करते रहे हैं, उन्होंने अंतिम घड़ी तक माहौल बिगाडऩे की कोशिश की, लेकिन उनको अब गांव के लोग ठीक से पहचान गए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि ऐसे लोगों की वजह से समरस गांव बनाने के लिए जो भी लोग आगे आए वह अभिनंदन के पात्र हैं। जिन गांवों ने समरस सरपंच के तौर पर महिलाओं का चयन किया है और दो तिहाई सीटें जाने दी हैं उन गांवों ने महिलाओं की शक्ति को मौका देकर एकता से पूरी ग्राम पंचायत का प्रशासन महिलाओं को सौंपा है। आज गुजरात में अनेक समरस गांव हैं जिन्होंने महिला शक्ति पर भरोसा रखा है और पुरुषों ने भी अपना हक छोड़ा है। इस मातृशक्ति-नारीशक्ति ने भी पूरी ताकत से विकास के लिए कदम से कदम मिलाते हुए अच्छा प्रशासन दिया है। आज गांवों में विकास की ऐसी भूख जागी है कि एकमात्र ज्योतिग्राम योजना ने ही 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा दी।

श्री मोदी ने कहा कि भूतकाल में अनेक ग्राम पंचायतों को ढेरों धन दिया गया है और आपणो तालुको-वाइब्रेंट तालुको, एटीवीटी की वजह से गांव और तहसीलों के बीच विकास की प्रतियोगिता का वातावरण खड़ा हुआ है। एटीवीटी में ग्राम क्लस्टर बना कर गुड गवर्नेंस की आधारभूत सफलता हासिल की है। एटीवीटी के अंतर्गत गांवों और तहसीलों में 800 से 1000 करोड़ जितनी भारी रकम विकास के मुख्य बजट कार्यों के सिवाय छोटे और उप कार्यों के लिए उपयोग की जा सके, ऐसी व्यवस्था की गई है। इससे बड़ा काम करने के लिए छोटे कार्यों के लिए भी बड़ी रकम खर्च की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक सरपंच को संकल्प करना चाहिए कि गांव की माता, बहन और बेटियां नित्यकर्म के लिए खुले स्थान पर न जाए। घर-घर में शौचालय बनाने के लिए सरकार पैसा देती है इसलिए इस दिशा में कार्य करते हुए ऐसी स्थिति का निर्माण करना चाहिए कि कोई भी घर न बचे जहां शौचालय न हो.

गांव को संपूर्ण साथ-सुथरा और स्वच्छ गांव बनाने के लिए निर्मल ग्राम योजना को गुजरात में दस वर्ष में जो प्रतिभाव मिला है, इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दस वर्ष पहले मात्र चार गांव ही निर्मल थे जबकि आज इनकी संख्या 5000 गांव तक पहुंच गई है।

श्री मोदी ने कहा कि इस सरकार ने सभी विभागों की योजना और कार्यपद्घति इतनी पारदर्शी बना दी है कि हर काम पारदर्शिता और तेजी से हो। आगामी छह मई से कृषि महोत्सव के किसान रथ प्रत्येक तहसील और पंचायत तक जाएंगे। किसानों की छोटी-मोटी समस्याओं का निराकरण हो इसलिए सीधे किसान के साथ ही तालमेल किया जाएगा। पूरी सरकार चिलचिलाती धूप की परवाह किये बगैर दिन-रात गांव में काम करती रही है, इसलिए ही कृषि विकास दर 11 प्रतिशत तक पहुंची है। मुझे गांव को समृद्घ करना है और ग्राम पंचायतों के सरपंचों का साथ मिलेगा तो गांव समृद्घ बन जाएंगे। गांव में प्रवेश करते ही गंदगी नजर नहीं आनी चाहिए। सडक़ के दोनों ओर हरे वृक्ष लगाने के लिए किसी बजट की आवश्यकता नहीं होती है।

राज्य की पंचायतों में पारदर्शी प्रशासन के कारण श्रेष्ठ कामकाज करने वाली एक श्रेष्ठ जिला पंचायत, एक तहसील पंचायत और पांच ग्राम पंचायत मिलाकर कुल 1.03 करोड़ रुपये के पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र मुख्यमंत्री ने प्रदान किये। पंचायत, ग्राम, गृह निर्माण और ग्राम विकास मंत्री नरोत्तमभाई पटेल, शिक्षा मंत्री रमणलाल वोरा और राजस्व मंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने भी अपने विचार जनता के समक्ष रखे। इस मौके पर राज्य मंत्री वासणभाई अहीर, स्वास्थ्य राज्य मंत्री परबतभाई पटेल, प्रदेश भाजपा नेता जयंतीभाई बारोट और जवेरभाई चावड़ा सहित कई पदाधिकारीगण और सरपंच भारी संख्या में मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री ने भारतीय परंपराओं और मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले 'सुप्रभातम्' कार्यक्रम की सराहना की
December 08, 2025

प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले ‘सुप्रभातम्’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह सुबह की ताजगी भरी शुरुआत करता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में योग से लेकर भारतीय जीवन शैली के विभिन्न पहलुओं तक विविध विषयों को शामिल किया जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय परंपराओं और मूल्यों पर आधारित यह कार्यक्रम ज्ञान, प्रेरणा और सकारात्मकता का एक अनूठा संगम है।

प्रधानमंत्री ने ‘सुप्रभातम्’ कार्यक्रम के एक विशेष खंड-संस्कृत सुभाषितम् की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि यह भारत की संस्कृति और विरासत के बारे में नए सिरे से जागरूकता फैलाने में मदद करता है।

प्रधानमंत्री ने आज के ‘सुभाषितम’ को दर्शकों के साथ साझा किया।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक अलग पोस्ट में कहा:

“दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला सुप्रभातम् कार्यक्रम सुबह-सुबह ताजगी भरा एहसास देता है। इसमें योग से लेकर भारतीय जीवन शैली तक अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा होती है। भारतीय परंपराओं और मूल्यों पर आधारित यह कार्यक्रम ज्ञान, प्रेरणा और सकारात्मकता का अद्भुत संगम है।

https://www.youtube.com/watch?v=vNPCnjgSBqU”

“सुप्रभातम् कार्यक्रम में एक विशेष हिस्से की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। यह है संस्कृत सुभाषित। इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और विरासत को लेकर एक नई चेतना का संचार होता है। यह है आज का सुभाषित…”