मुख्यमंत्री श्री मोदी पूणे में

इरादा नेक और नीयत साफ हो तो निराशा की स्थिति बदली जा सकती है, गुजरात ने यह साबित किया है : मुख्यमंत्री

रामभाउ महालगी प्रबोधिनी संस्था के त्रिदशक पूर्ति उत्सव में समर्थ

भारत की संकल्पना के सुशासन पर श्री मोदी का प्रेरक उद्बोधन

स्वराज की तरह सुराज्य के लिए विकास के जनआंदोलन का मिजाज बनाएं

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के पूणे में आयोजित समारोह में गुड गवर्नेंस की भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य का प्रशासन जनता की आशा-आकांक्षाओं को परिपूर्ण करने में प्राणवान रहा है। नीयत साफ हो और इरादा नेक हो तो चाहे जैसी भी निराशाजनक स्थिति हो, उसे बदला जा सकता है। एक दशक की राजनैतिक स्थिरता वाले गुजरात के प्रशासन ने यह साबित किया है। स्वराज की लड़ाई में जनआंदोलन ही सफल हुआ था, अब सुराज्य के लिए जनआंदोलन करने का मिजाज दिखलाना पड़ेगा।

जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिए तीन दशक से कार्यरत पूणे की रामभाउ महालगी प्रबोधिनी संस्था के त्रिदशकीय महोत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर समर्थ भारत की संकल्पना विषय पर प्रेरक विचार रखने के लिए श्री मोदी को खास तौर पर आमंत्रित किया गया था। श्री गोपीनाथ मुंडे इस संस्था के प्रमुख हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को स्वराज मिला लेकिन क्या सुराज्य मिला है? यह सवाल आज भी आम आदमी के मन में उठता है। इसका उत्तर ना में आने पर एक ही निराशाजनक उद्गार व्यक्त होता है कि, सभी अकर्मण्य हैं। यह स्थिति भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के 120 करोड़ देशवासियों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। इस अविश्वास की दुर्दशा को भी बदला जा सकता है, ऐसी आशा गुजरात ने पूरी की है। श्री मोदी ने कहा कि वही प्रशासनिक व्यवस्था, कानून, संविधान और मानवशक्ति सब कुछ होने के बावजूद इरादे नेक हों और नीयत साफ हो तो ही स्थिति को बदला जा सकता है, जिसे गुजरात ने सिद्घ किया है

छत्रपति शिवाजी महाराज का सुशासन सुराज्य की आदर्श प्रतीति करवाता है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि विकास के सुशासन के लिए गुजरात की चर्चा चहुंओर हो रही है। सुशासन के लिए सरकारी स्नद्बद्यद्ग के बजाय रुद्बद्घद्ग बनाने की जरूरत है। गुजरात ने जनअपेक्षा के लिए प्रशासन को प्राणवान और संवेदनशील बनाया है।

आजादी के बाद भारत ने कांग्रेस, कम्यूनिस्ट, पारिवारिक राजनीतिक दलों, राज्य के प्रादेशिक दलों सभी के शासन का अनुभव किया है। परन्तु सर्वोत्तम विकास की ऊंचाई पर राज्यों को ले जाने का प्रशासन भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने दिया है। इसका तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए श्री मोदी ने राजनैतिक प्रशासकों, संशोधन के पंडितों का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि गुजरात का किसान चीन के बाजारों में कपास बिक्री का रिकार्ड डंके की चोट पर सृजित करता है, लेकिन महाराष्ट्र का कपास उत्पादक किसान कर्ज के बोझ तले आकर आत्महत्या करता है। इसकी क्या वजह है? राज्य शासन की नीयत और नीति का अभ्यास करो तो समझ में आएगा कि किसान हितलक्षी नीति को गुजरात ने किस प्रकार सफल बनाया है

गुजरात ने समस्या के निराकरण के लिए जनशक्ति का विश्वास प्रेरित कर जनआंदोलन किये हैं, इनकी उपलब्धियों की भूमिका मुख्यमंत्री ने पेश की। प्रो-पीपल, प्रो-एक्टिव गुड गवर्नेंस के गुजरात के फार्मुले की रूपरेखा पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वाटर मैनेजमेंट से गुजरात ने जल समस्या का संकट दूर किया है। पशु स्वास्थ्य मेलों से पशुपालन में जनभागीदारी से इसके लिए जनविश्वास जगाना सरकार का दायित्व है।

जनआंदोलन ही सभी समस्याओं का समाधान है। आजादी की लड़ाई को गांधी जी ने सफलता से जनआंदोलन में बदला था। आज विकास के लिए जनशक्ति को प्रेरित करना होगा।

उन्होंने कहा कि मात्र भौतिक विकास ही नहीं, मानवशक्ति के विकास पर भी गुजरात ने ध्यान दिया है। लाखों युवाओं के हुनर-कौशल्य से स्किल डेवलपमेंट का व्यापक दायरा निर्मित किया गया है। दस वर्ष में यूनिवर्सिटियों की तादाद 11 से बढ़ाकर 42 की है। इनमें भी सुरक्षा की सेवाओं से प्रशिक्षण के लिए रक्षाशक्ति यूनिवर्सिटी, उत्तम शिक्षकों के निर्माण के लिए टीचर्स यूनिवर्सिटी और बाल विकास के लिए विश्व की पहली चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी जैसे इनोवेटिव एजुकेशन की पहल गुजरात ने की है।

इस मौके पर प्रबोधिनी संस्था के प्रमुख गोपीनाथ मुंडे ने गुड गवर्नेंस के गुजरात मॉडल की सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को दिया।

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Prime Minister shares Sanskrit Subhashitam emphasising the importance of hard work
December 24, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, shared a Sanskrit Subhashitam-

“यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः।

समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते।।"

The Subhashitam conveys that only the one whose work is not hampered by cold or heat, fear or affection, wealth or poverty is called a knowledgeable person.

The Prime Minister wrote on X;

“यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः।

समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते।।"