प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज ‘मेरा युवा भारत’ (एमवाई भारत) नाम के एक स्वायत्तशासी निकाय की स्थापना को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य युवाओं के विकास और युवा नेतृत्व वाले विकास के लिए प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित एक व्यापक सक्षम तंत्र के रूप में कार्य करना और युवाओं को समान पहुंच प्रदान करते हुए उनकी आकांक्षाओं को साकार करना और सरकार के संपूर्ण दायरे में विकसित भारत का निर्माण करना है।

प्रभाव:

मेरा युवा भारत (एमवाई भारत) का प्राथमिक उद्देश्य इसे युवा विकास के लिए एक संपूर्ण सरकारी मंच बनाना है। नई व्यवस्था के तहत युवा, संसाधनों तक पहुंच और अवसरों से जुड़ाव के साथ, परिवर्तन के एजेंट और राष्ट्र निर्माता बन जाएंगे और सरकार तथा नागरिकों के बीच युवा सेतु के रूप में कार्य कर सकेंगे। यह व्यवस्था राष्ट्र निर्माण के लिए अपार युवा ऊर्जा का उपयोग करेगी।

विवरण:

मेरा युवा भारत (एमवाई भारत), एक स्वायत्तशासी निकाय होगा। राष्ट्रीय युवा नीति में दी गई 'युवा' की परिभाषा के अनुरूप, 15-29 वर्ष के आयु वर्ग के युवा इससे लाभान्वित होंगे। विशेष रूप से किशोरों के लिए बनाए गए कार्यक्रम घटकों के मामले में, लाभार्थी 10-19 वर्ष के आयु वर्ग के होंगे।

मेरा युवा भारत (एमवाई भारत) की स्थापना से इन बिन्दुओं को बढ़ावा मिलेगा:

क. युवाओं में नेतृत्व विकास:

  1. अलग-अलग व्यक्तिगत संपर्क की जगह प्रोग्रामेटिक कौशल का विकास कर अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से नेतृत्व कौशल में सुधार होगा।
  2. युवाओं में अधिक निवेश करके उन्हें सामाजिक नवाचार और समुदाय नेता बनाने का कार्य किया जाएगा।
  3. युवा नेतृत्व वाले विकास पर सरकार का ध्यान केंद्रित करना और युवाओं को निष्क्रिय प्राप्तकर्ता की जगह विकास का "सक्रिय चालक" बनाना।

ख. युवा आकांक्षाओं और सामुदायिक आवश्यकताओं के बीच बेहतर तालमेल।

ग. मौजूदा कार्यक्रमों का सम्मिलन कर युवाओं की दक्षता में वृद्धि करना।

घ. युवा लोगों और मंत्रालयों के लिए वन स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करना।

ड. एक केंद्रीकृत युवा डेटा बेस बनाना।

च. युवा सरकारी पहलों और युवाओं के साथ जुड़ने वाले अन्य हितधारकों की गतिविधियों को जोड़ने के लिए दोतरफा संचार में सुधार।

छ. एक भौतिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हुए पहुंच सुनिश्चित करना।

पृष्ठभूमि:

सरकार ने, तेजी से बदलती दुनिया में, जहां तीव्र गति का संचार, सोशल मीडिया, नए डिजिटल अवसर और उभरती प्रौद्योगिकियों का वातावरण है, युवाओं को शामिल करने और 'संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण' के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित उनका सशक्तिकरण करने के लिए यह निर्णय लिया है कि एक नए स्वायत्तशासी निकाय, अर्थात् मेरा युवा भारत (एमवाई भारत) के रूप में एक व्यापक सक्षम तंत्र स्थापित किया जाए।

 

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प्रधानमंत्री 20-21 दिसंबर को असम का दौरा करेंगे
December 19, 2025
प्रधानमंत्री असम में लगभग 15,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे
लगभग 1.4 लाख वर्ग मीटर में विस्तारित यह नया टर्मिनल भवन प्रति वर्ष 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है
नए टर्मिनल भवन की प्रेरणा "बांस के उद्यान" विषय के अंतर्गत असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत से ली गई है
प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के नामरूप में असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना के लिए भूमिपूजन करेंगे
इस परियोजना का निर्माण 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश से किया जाएगा और यह असम तथा पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूरा करने और आयात पर निर्भरता कम करने में सहायता प्रदान करेगी
प्रधानमंत्री गुवाहाटी के बोरागांव स्थित शहीद स्मारक क्षेत्र में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 20-21 दिसंबर को असम की यात्रा पर रहेंगे। 20 दिसंबर को दोपहर लगभग 3 बजे प्रधानमंत्री गुवाहाटी पहुंचकर लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का निरीक्षण और इसका उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

21 दिसंबर को सुबह लगभग 9:45 बजे, प्रधानमंत्री गुवाहाटी के बोरागांव स्थित शहीद स्मारक क्षेत्र में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद, वे असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप जाएंगे, जहां वे असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया परियोजना के लिए भूमि पूजन करेंगे। वे इस अवसर पर एक सभा को संबोधित भी करेंगे।

20 दिसंबर को प्रधानमंत्री गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे, यह असम की कनेक्टिविटी, आर्थिक विस्तार और वैश्विक जुड़ाव में एक परिवर्तनकारी उपलब्धि सिद्ध होगा।

लगभग 1.4 लाख वर्ग मीटर में विस्तारित नवनिर्मित एकीकृत नया टर्मिनल भवन, रनवे, एयरफील्ड सिस्टम, एप्रन और टैक्सीवे में किए गए बड़े उन्नयन के समर्थन से, प्रति वर्ष 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता के साथ तैयार किया गया है।

भारत का पहला प्रकृति-विषय से जुड़ा यह हवाई अड्डा टर्मिनल, असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है, जिसका विषय "बांस के उद्यान" है। टर्मिनल में पूर्वोत्तर से प्राप्त लगभग 140 मीट्रिक टन बांस का अभूतपूर्व उपयोग किया गया है, जो काजीरंगा से प्रेरित हरे-भरे परिदृश्य, जापी आकृतियां, प्रतिष्ठित गैंडे का प्रतीक और कोपो फूल को प्रतिबिंबित करने वाले 57 बाग-विषय वाले स्तंभों से पूरित है। एक अनूठा "आकाश वन", जिसमें लगभग एक लाख स्थानीय प्रजातियों के पौधे हैं और यह यहां आने वाले यात्रियों को वन जैसा अनुभव प्रदान करता है।

यह टर्मिनल यात्रियों की सुविधा और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करता है। तेज़ और सहज सुरक्षा जांच के लिए फुल-बॉडी स्कैनर, डिजियात्रा-सक्षम संपर्क रहित यात्रा, स्वचालित सामान प्रबंधन, त्वरित आव्रजन और एआई-संचालित हवाई अड्डा संचालन जैसी सुविधाएं निर्बाध, सुरक्षित और कुशल यात्रा सुनिश्चित करती हैं।

21 दिसंबर की सुबह नामरूप जाने से पहले, प्रधानमंत्री शहीद स्मारक क्षेत्र का दौरा करेंगे और ऐतिहासिक असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यह छह वर्ष लंबा जन आंदोलन था जिसने विदेशियों से मुक्त असम और राज्य की पहचान की रक्षा के लिए सामूहिक संकल्प को मूर्त रूप दिया।

बाद में दिन में, प्रधानमंत्री असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में ब्रह्मपुत्र घाटी उर्वरक निगम लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के वर्तमान परिसर के भीतर स्थित नई ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना का भूमिपूजन करेंगे।

प्रधानमंत्री के किसान कल्याण के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश वाली यह परियोजना असम और पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूर्ण करेगी, आयात पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ पर्याप्त रोजगार सृजित करेगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी। यह औद्योगिक पुनरुद्धार और किसान कल्याण की आधारशिला है।