2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के बांका जिले में एक विशाल परिवर्तन रैली को संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार बिहार दो बार दिवाली मनायेगा – एक बार दिवाली के दिन और दूसरा चुनाव परिणाम के दिन।
चुनावों की घोषणा के बाद बिहार में श्री मोदी की यह पहली रैली थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तब तक विकास नहीं कर सकता जब तक बिहार समृद्ध नहीं बनेगा। उन्होंने भारत की विकास यात्रा में बिहार के लोगों के विशिष्ट योगदान का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के गरीब लोग पहली प्राथमिकता हैं। उन्होंने आगे कहा कि राजग (एनडीए) सरकार का प्रमुख एजेंडा युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करना, नीतियों के माध्यम से किसानों को लाभ पहुँचाना और राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की अपनी हाल की यात्रा को याद करते हुए कहा कि उन्होंने वहां बिहार के कुछ लोगों से मुलाकात की और वे उनकी सफलता से अत्यंत प्रभावित हुए।
केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को आवंटित पैकेज के बारे में लोगों को संबोधित करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “हम बिहार के लिए जो कुछ कर रहे हैं, ये कोई एहसान नहीं है बल्कि ये आपका अधिकार है और आपने मुझे इसे देने का सम्मान दिया है। लेकिन इस राज्य को चलाने वाले कुछ लोग इतने अहंकारी हैं कि जो भी केंद्र सरकार बिहार के लिए भेजता है, वे उसे वापस कर देते हैं।” उन्होंने झारखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की जनता ने भाजपा सरकार चुनी और अब वहां तेजी से विकास हो रहा है।
उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि बिहार को जातिवाद और वोट बैंक की राजनीति के आधार पर बर्बाद किया जा रहा है। जद(यू)-राजद-कांग्रेस के गठबंधन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के लोगों पर अच्छी राजनीति के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बिहार के लोगों से आग्रह किया कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली विकास समर्थक राजग सरकार को अपना वोट दें।
प्रधानमंत्री मोदी ने नक्सलियों से भी हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने का आग्रह किया। हिंसा किसी समस्या का हल नहीं हो सकता क्योंकि यह अपने आप में एक समस्या है। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “बुलेट विनाश लाता है और मतदान से विकास आता है।”
इस अवसर पर पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता मंच पर उपस्थित थे।


