मित्रों,
मेरे कल के बलॉग में नयी अस्पृश्यता के तालिबान शबद का मैने प्रयोग किया था | मेरा स्पष्ट मत है कि सार्वजनिक जीवन में किसी प्रकार की छुआछुत या अस्पृश्यता के लिए स्थान नहीं होना चाहिए |
मेरे बलॉग में किसी भी पार्टी या व्यक्ती का नाम नहीं लिखा, फिर भी कांग्रेस जैसी पार्टियों ने पूरी बात को अपने सिर पर ले लिया | कांग्रेस ने ऐसा कयों किया होगा ? यह बात जनता को सोचनी चाहिए |
कांग्रेस के मित्रों ने कल गुस्से मे आकर अनापशनाप बयान दिए लेकिन उस मामले में मै वकत बर्बाद नहीं करना चाकता |
कया कांग्रेस ने श्री अमिताभ बचचनजी से पूछा है कि वह गुजरात के सामप्रदायिक दंगों का विरोध करते है या नहीं ? मित्रों, मोदी स्वयं दंगों का विरोध करते है| प्रत्येक नागरिक को दंगों का विरोध करना ही चाहिए|
१९८४के दिल्ली दंगे हों, १९९२ के मुंबई दंगे हों, १९८५के गुजरात दंगे हों, कश्मीर में जारी अत्याचार हों या फिर गोधरा वाले दंगे हों| दंगों के लिए अलग- अलग तराजु नहीं हो सकते|
मित्रों,
गुजरात में वर्ष-२००२ में दंगे जारी थे, उन दिनों में गुजरात विधानसभा में मार्च २००२ में मैने दिए वकतव्य का एक पेरेग्राफ में यहां लिख रहा हूं| दिन-रात झुठ फैलाने वालों के लिए इतना, प्रमाण काफी है|
"कया हम सभी को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता नहीं है? घटना गोधरा की हो या गोधरा के बाद की हो, किसी भी समय समाज को यह शोभा नहीं देती| यह घटनाएं मानवता के लिए कलंक है| यह ऐसी घतनाएं नहीं हैं जिससे किसी का सिर ऊंचा हो, तो फिर इस में मतभैद कैसा?"
वर्ष२००२ के मार्च महिने में दंगों के दौरान विधानसभा सदन में दिया गया मेरा वकतव्य देश और दुनिया को सत्य समझने के लिए पर्याप्त है|
मित्रों,
२७ फरवरी २००२को गोधरा में हदयविदारक घटना हुई और २८ फरवरी २००२ को दोपहर में मैने दूरदर्शन पर शांति की अपील की थी जो गुजराती में थी| मै इसे आपके समक्ष रख रहा हूं
https://www.youtube.com/watch?v=BIRMR8zW0iI
(मेरी यह वीदियो अपील दूरदर्शन तथा आकाशवांणी पर लगातार प्रसारित होती रही थी तथा कई दिनों तक इसका प्रसारण जारी रहा|)
इस अपील का अक्षरसः शबदलेखन
English :
Gujarati :
Hindi :
https://www.narendramodi.com/Any-unsubstantiated-criticism-of-Gujarat-can-never-be-tolerated,-come-what-may-hindi.pdf
उस दिन की मेरी दर्दभरी अपील आज इतने वर्षो के बाद भी गुजरात को बदनाम करनेवाले बहरे कानों को सुनायी देगी इसकी मुझे तनिक भी आशा नहीं है|
मित्रों
गांधी,सरदार की भूमि गुजरात का अन्ध विरोध किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा |गुजरात मुंहतोड गवाब देगा और देकर रहेगा |Come what may.


