प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रिक्‍स के छठे शिखर सम्‍मेलन में भाग लिया

दिन: 03

स्‍थानों की यात्राएं की: ब्राजीलिया, फोर्टालेजा (ब्राजील)

लोगों से मुलाकात: ब्रिक्‍स राष्‍ट्रों के नेता, दक्षिण अमेरिकी राष्‍ट्रों के नेता

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्राजील में आयोजित छठे ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन में शिरकत की। प्रधानमंत्री ने शिखर बैठक में भाग लेने से पूर्व रवाना होते हुए कहा, “मैं हमारे विचार विमर्श के माध्‍यम से ब्रिक्‍स के भीतर आर्थिक सहयोग को बढ़ाने और वैश्विक आर्थिक स्थिरिता और समृद्धि को बढ़ाने में हमारे सामूहिक प्रयासों की उम्‍मीद करता हूं। खास तौर से मैं नये विकास बैंक और आपात रिजर्व व्‍यवस्‍था (कंटीजेंट रिजर्व अरेंजमेंट) के संबंध में ब्रिक्‍स की पहल पर बातचीत सफल होने की उम्‍मीद करता हूं जिन पर 2012 में नई दिल्‍ली में उनकी शुरुआत से अब तक काफी प्रगति हो चुकी है।”

भारत वैश्विक आर्थिक वृद्धि, शांति और स्थिरिता को प्रोत्‍साहित करने में ब्रिक्‍स फोरम को बेहद अहमियत देता है। इस साल का थीम, “समावेशी विकास, सतत विकास” शिखर सम्‍मेलन में भाग लेने वाले राष्‍ट्रों को संयुक्‍त राष्‍ट्र में विचार किए जाने वाले 2015 के बाद के विकास एजेंडा को आकार देने में सक्षम बनायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी व्‍यापक सामाजिक, क्षेत्रीय और आर्थिक विविधता को देखते हुए हमारे लिए, समावेश एक विशेष चुनौती और जिम्‍मेदारी है।”

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ब्राजील के शहर फोर्टालेजा में छठे ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ब्रिक्‍स के सदस्‍य राष्‍ट्रों से वैश्विक आर्थिक कमजोरी और राजनीतिक अस्थिरिता की चुनौतियों को दूर करने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। उन्‍होंने दक्षिण अफ्रीका के पास ब्रिक्‍स की अध्‍यक्षता के दौरान राष्‍ट्रपति जूमा को उनके नेतृत्‍व के लिए धन्‍यवाद दिया और ब्राजील को अध्‍यक्षता संभालने पर शुभकामनाएं दीं। उन्‍होंने ब्रिक्‍स के एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए भारत के पूरे सहयोग का वचन दिया।

ब्रिक्‍स बिजनेस काउंसिल के सदस्‍यों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक ताकतें वैश्विक संबंधों में तेजी से महत्‍वपूर्ण बनती जा रही हैं और कारोबार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन, प्रतिभा और परंपरा में मौजूदा स्थिति को पुन:परिभाषित करने की ताकत है। उन्‍होंने दोहराया कि “भारत अफ्रीकी देशों के विकास के लिए उनके साथ साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्‍होंने कहा कि ब्रिक्‍स विकास बैंक के बीच ब्रिक्‍स देशों में कारोबार और निवेश को प्रोत्‍साहित करने को कई समझौते पहले ही हो चुके हैं। इस क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम ब्रिक्‍स न्‍यू डवलपमेंट बैंक की स्‍थापना है। इससे न सिर्फ ब्रिक्‍स राष्‍ट्रों को फायदा होगा बल्कि यह अन्‍य विकासशील देशों की भी मदद करेगा। ब्रिक्‍स बैंक का पहला सीईओ भारत से होगा।

ब्रिक्‍स आपात रिजर्व व्‍यवस्‍था पर समझौता एक और महत्‍वपूर्ण उपलब्धि है।

प्रधानमंत्री ने गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा सबको मुहैया कराने के लिए व्‍यापक ओपन ऑनलाइन कोर्स उपलब्‍ध कराने का सुझाव भी दिया। उन्‍होंने कहा, “हम ब्रिक्‍स यूनिवर्सिटी के विचार की संभावनाएं भी तलाशेंगे। ब्रिक्‍स देशों के प्रतिभाशाली लोगों को शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, कृषि, संसाधन प्रबंधन और शहरी विकास में परस्‍पर सहयोग के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है। अन्‍य क्षेत्रों में ब्रिक्‍स राष्‍ट्रों के लिए सस्‍ती स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा, हमारे लघु और मध्‍यम उद्योगों के बीच आगे सहयोग का तंत्र और ब्रिक्‍स राष्‍ट्रों के बीच पर्यटन को प्रोत्‍साहित करने को एक साझा फ्रेमवर्क शामिल हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्‍तान से लेकर अफ्रीका तक के क्षेत्र में राजनीतिक उथल-पुथल और संघर्ष का दौर चल रहा है। उन्‍होंने, “इसके चलते भारी अस्थिरिता पनप रही है जो तेजी से सीमाएं पार कर दूसरे देशों में फैल रही है। इसका हम पर प्रभाव पड़ता है। अगर हम मूकदर्शक बनकर देशों को इसी तरह तार-तार होते देखते रहेंगे तो इसका गंभीर परिणाम हो सकता है।”

आतंकवाद के मुद्दे पर उन्‍होंने कहा, “आतंकवाद एक खतरा हे और इसकेक चलते आज युद्ध जैसे हालात हैं। वास्‍तव में यह एक छदम युद्ध है जिसका निशाना निर्दोश नागरिक हैं। अलग-अलग मानदंडों के चलते अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने में सक्षम नहीं रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के प्रति जीरो टोलेरेंस की नीति होनी चाहिए।

उन्‍होंने कहा, “ब्रिक्‍स को हमारे राजनीतिक संकल्‍प को एक ठोस और निर्देशित कार्ययोजना में परिवर्तित करना चाहिए। मैं संयुक्‍त राष्‍ट्र की अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि के मसौदे को जल्‍द मंजूरी देने का आह्वान करता हूं। ब्रिक्‍स की आज यही हैसियत है कि विश्‍व को अपनी मौजूदगी का अहसास कराने के लिए पर्याप्‍त सक्षम है।”

ब्रिक्‍स शिखर बैठक के अवसर पर प्रधानमंत्री ने चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की

 ब्रिक्‍स शिखर बैठक के अवसर पर प्रधानमंत्री ने चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने इस बात पर विचार विमर्श किया कि भारत और चीन के पास न सिर्फ पारस्‍परिक लाभकारी साझेदारी के लिए व्‍यापक अवसर हैं बल्कि एशियाई ओर वैश्विक समृद्धि के लिए प्रेरक एजेंट के रूप में सेवा करने का अवसर है। राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय वार्ता के महत्‍व को रेखांकित करते हुए कहा कि जब भारत और चीन मिलते हैं तो पूरी दुनिया देखती है।

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उन्‍होंने पिछले कुछ हफ्तों में द्विपक्षीय वार्ताओं और बैठकों की उच्‍चगति पर संतोष  प्रकट किया। इन वार्ताओं में भारत के उपराष्‍ट्रपति श्री हामिद अंसारी की चीन यात्रा तथा चीनी विदेश मंत्री वांग यी की जून में राष्‍ट्रपति जिनपिंग के विशेष दूत के रूप में भारत यात्रा भी शामिल है।

प्रधानमंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए दूसरा मार्ग खोलने का सुझाव भी दिया। चीन ने नवंबर में होने वाली एपेक की बैठक के लिए भारत को आमंत्रित किया और संघाई सहयोग संगठन के साथ रिश्‍ते मजबूत करने के लिए भारत का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने ब्राजीलियाई राष्‍ट्रपति दिल्‍मा रुसेफ से मुलाकात की

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ब्रिक्‍स शिखर बैठक के मौके पर मुलाकात के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री और ब्राजीलियाई राष्‍ट्रपति ने द्विपक्षीय संबंधों को व्‍यापक बनाने और संयुक्‍त राष्‍ट्र के सुधार की जरूरत पर बल दिया।

भारत के लिए ब्राजील को एक अहम वैश्विक साझीदार करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दो लोकतंत्र और प्रमुख उपभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं के रूप में भारत और ब्राजील के पास न सिर्फ द्विपक्षीय सहयोग क व्‍यापक संभावनाएं हैं बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर एक दूसरे को मजबूत करने और विश्‍वभर में विकासशील देशों के हितों को आगे बढ़ाने की संभावनाएं हैं।

राष्‍ट्रपति रुसेफ ने ब्राजील की विदेश नीति में इस संबंध के विशेष स्‍थान पर जोर दिया और कहा कि उनकी साझेदारी का अंतरराष्‍ट्रीय महत्‍व है और द्विपक्षीय साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं।

दोनों नेता व्‍यापार और निवेश प्रवाह को व्‍यापक और विविधीकृत बनाने और कृषि व डेरी साइंस, परंपरागत और नवीकरणीय ऊर्मा, अंतरिक्ष शोध और प्रयोग, रक्षा, साइबर सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कदम उठाने को सहमत हुए। उन्‍होंने जी-20 सहित बहुपक्षीय संस्‍थाओं और अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर उनके सहयोग को बढ़ाने पर भी सहमति प्रकट की।

प्रधानमंत्री ने आशा व्‍यक्‍त की कि वह जल्‍द ही एक द्विपक्षीय यात्रा पर ब्राजील पधारेंगे और उन्‍होंने राष्‍ट्रपति रुसेफ को भारत आने का निमंत्रण भी दिया।

दोनों देशों के बीच कुल 3 एमओयू पर दस्‍तखत हुए। जो एमओयू हुए उनमें एक पर्यावरण के क्षेत्र में सहयोग, भारतीय रिमोट सेंसिस उपग्रहों से डाटा प्राप्‍त करने और उसके प्रसंस्‍करण के लिए ब्राजील में एक अर्थ स्‍टेशन स्‍थापित करने में सहयोग तथा मोबिटिी और कंसुलर के मुद्दों पर सहयोग के लिए एमओयू शामिल है।

प्रधानमंत्री ने रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से मुलाकात की

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प्रधानमंत्री ने ब्रिक्‍स शिखर बैठक के मौके पर रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की। उन्‍होंने भारत-रूस की विशेष और विशिष्‍ट सामरिक साझेदारी को मजबूत और व्‍यापक बनाने में राष्‍ट्रपति पुतिन के निर्णायक नेतृत्‍व की प्रशंसा और सराहना की।

प्रधानमंत्री ने रूस की मित्रता और भारत की आजादी के शुरुआती दिनों से लगातार भारत के आर्थिक विकास और सुरक्षा में रूस के द्विपक्षीय और अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग की सराहना भी की। उन्‍होंने कहा कि रूस से साथ संबंध भारत की विदेश नीति में प्राथमिकता पर बने रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि वह राष्‍ट्रपति पुतिन के साथ सामरिक साझेदारी को मजबूत और व्‍यापक बनाने तथा रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, ऊर्जा, व्‍यापार और निवेश, लोगों से लोगों का संपर्क और क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर कार्य करने की उम्‍मीद जतायी।

दोनों नेताओं ने उनकी दिसंबर 2014 में दिल्‍ली में होने वाले वार्षिक सम्‍मेलन के दौरान आगामी वर्षों के लिए उनके संबंधों का एक व्‍यापक विजन और रोडमैप तैयार करने की उम्‍मीद भी जतायी।

दक्षिण अमेरिकी नेताओं से मुलाकात

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प्रधानमंत्री ने इस तथ्‍य को रेखांकित किया कि दक्षिण अमेरिका में व्‍यापक संभावनाएं हैं। इसके पास विशाल संसाधन और प्रतिभा का खजाना है। यह वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था का एक महत्‍वपूर्ण स्‍तंभ बन सकता है। आर्थिक अनिश्चितता के मद्देनजर इसकी वृद्धि वैश्विक समृद्धि के लिए महत्‍वपूर्ण साबित हो सकती है। उन्‍होंने कहा, “वैश्विक और एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में, हम सबका भविष्‍य भी एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। हम सभी हमकी साझी आकांक्षाएं और एक जैसी चुनौतियां हैं। एक दूसरे की सफलता में हम सबका हित निहित है।”

उन्‍होंने कहा कि हम सभी को एकजुट होना चाहिए:

तीव्र विकास और समृद्धि के सृजन की नई राहों के लिए ।

गरीबी की चुनौतियों का हल निकालने के लिए।

हमारे पर्यावरण के संरक्षण तथा संसाधनों के बेहतर इस्‍तेमाल के लिए।

उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि बातचीत से ब्रिक्‍स और दक्षिण अमेरिका के बीच साझेदारी के लिए नये विचार सामने आएगें। उन्‍होंने सभी भागीदार राष्‍ट्रों से और विचारों को आमंत्रित किया।

उन्‍होंने कहा कि भारत और दक्षिण अमेरिका के बीच कारोबार में हालन के वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है। हालांकि अब भी काफी कुछ हासिल करने की संभावनाएं हैं। उन्‍होंने कहा कि हाइड्रोकार्बन से फार्मा, टैक्‍सटाइल से लैदर, इंजीनियरिंग वस्‍तुओं से ऑटोमोबाइल तक विशाल अवसर हैं। उन्‍होंने कहा कि हमें भारत और मरकोसर (एमईआरसीओएसयूआर) व्‍यापारिक ब्‍लॉक और चिली के बीच अधिक प्रभावी ढंग से तरजीही व्‍यापार समझौते का इस्‍तेमाल करना चाहिए।

उन्‍होंने कहा, “मेरा दृढ़ विश्‍वास है कि सहयोग की संभावनाएं दूरी की वजह से नहीं बल्कि हमारी सोच और प्रयासों के चलते सीमित हैं।” हमें समावेशी और सतत विकास की यात्रा में एक दूसरे से काफी कुछ सीखना है। हमें एक दूसरे के साथ हमारे अनुभव, बेस्‍ट प्रक्टिसेज और इनावेटिव सोल्‍युसंस को बांटना चाहिए।

इस तरह प्रधानमंत्री की ब्राजील यात्रा राजनयिक गतिविधियां और विश्‍व के साथ सहयोग के रास्‍ते व्‍यापक बने और इससे भारत की जनता को आगामी वर्षों में लाभ प्राप्‍त होगा।

 

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Chief Minister of Gujarat meets Prime Minister
December 19, 2025

The Chief Minister of Gujarat, Shri Bhupendra Patel met Prime Minister, Shri Narendra Modi today in New Delhi.

The Prime Minister’s Office posted on X;

“Chief Minister of Gujarat, Shri @Bhupendrapbjp met Prime Minister @narendramodi.

@CMOGuj”