It is on this day of 10th May today that marked the beginning of India’s First War of Independence: PM Modi
On the safe evacuation of the members of the Hakki-Pikki tribe, and to safeguard all Indians, the Government can go to any extent: PM Modi
During COVID, Congress Party was only involved in the spreading of rumors and spreading misinformation and malice on the indigenous vaccines: PM Modi
The biggest scam of the Congress party was that of ‘poverty eradication’ or ‘Garibi Hatao’ 50 years ago: PM Modi


भारत माता की। भारत माता की।


आबुराज की इस धन्यधरा पर सभी भाइयों-बहनों को मेरा नमस्कार !


मां अम्बा, अर्बुदा मां और भगवान दत्तात्रेय के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम !

ये धरती तप और तपस्या की है, विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करती ये धरा है। मेरा सौभाग्य है कि एक सेवक के रूप में बार-बार आपके दर्शन का अवसर मिलता है। और आपसे किए हुए वादे को भला मैं कैसे भूल सकता हूं। जब मैं नवरात्र के दौरान आया था, तब आपसे कोई बातचीत नहीं कर पाया थ। कानून की मर्यादाएं थी, और डिसिप्लीन में रहना मेरा स्वभाव और संस्कार है। लेकिन उस दिन आपके दर्शन करने का मुझे जरूर सौभाग्य मिला था। और आप भारी संख्या में, रात देर हो चुकी थी, उसके बावजूद भी आशीर्वाद देने के लिए आए थे। मुझे लग रहा था मैं बिना बात किए, इतनी बड़ी तादाद में आए, आपको नाराज करके जा रहा हूं, पता नहीं आपका गुस्सा कितना निकलेगा। लेकिन ये आपके संस्कार हैं। ये आपके मन का बड़प्पन है। ये आपकी ऊंचाई है कि आपने उस परिस्थिति को स्वीकार किया। और मुझे आशीर्वाद देकरके आपने यहां से विदाई दी। वो दृश्य मेरे जीवन में एक संस्कार देने वाला महत्वपूर्ण दिवस रहा था। और वो आप सबके उदार व्यवहार के कारण। वरना सार्वजनिक जीवन में तो पल दो पल में जिंदाबाद मुर्दाबाद शुरू हो जाता है। और आज मैं देख रहा हूं। आपने उस प्यार को अनेक गुना बढ़ा करके इतनी गर्मी में आप आशीर्वाद बरसाने आए हैं। मैं राजस्थान की इस धरा को, यहां के संस्कारी भाइ-बहनों को, और आबू के विशेषकरके मेरे भाई-बहनों को मैं आज शीश झुकाकर प्रणाम करता हूं।

भाइयों और बहनों,


आज 10 मई है। आज के ही दिन, 10 मई को 1857 में स्वतंत्रता संग्राम की वो चिंगारी उठी थी जिसने अंग्रेज़ी सत्ता को हिला कर रख दिया था। आज के दिन विदेशी अक्रांताओं के विरुद्ध सैकड़ों वर्षों से चले आ रहे संघर्ष को एक नई दिशा मिली थी। इसलिए आज के दिन वीर भूमि राजस्थान आना मेरे लिए बहुत गौरव की बात है। और इतिहास गवाह है कि 1857 के स्वातंत्र्य संग्राम के जो वीर नायक थे, कई वीर नायक, उस समय राणा प्रताप की इस पवित्र धरती पर आकर के अपनी योजनाएं बनाते थे। राजस्थान की माताओं औऱ उनके वीर संतानों ने मां भारती के मस्तक को हमेशा गर्व से ऊंचा रखा है। मैं आज़ादी के लिए समर्पित पूरे देश के हर वीर-वीरांगना को इस वीरधरा से आदरपूर्वक, श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। कल ही देश ने महाराणा प्रताप जी की जन्मजयंती भी मनाई है। पूरे देश ने, पूरे राजस्थान ने महाराणा प्रताप के शौर्य को नमन किया है।

साथियों,


आप लोगों को संभवत: पता हो, उस समय जो महाराणा प्रताप के साथी थे, सहयोगी थे, वो युद्धभूमि में महाराणा के साथ अपना भी योगदान दे रहे थे। लेकिन इतिहास ने करवट बदली, स्थितियां बदलीं, लेकिन स्वाभिमानी लोग मुगल सल्तनत के सामने झुकने को तैयार नहीं थे। और इसलिए उस समय के राणा प्रताप के जो साथी थे उसमें जो आदिवासी समाज ने बढ़चढ़ करके महाराणा प्रताप का साथ दिया था। उन्होंने अपने प्राणप्रिय धर्म के लिए, अपने प्राणप्रिय महाराणा के लिए, या तो मौत चाहिए, या तो जीवनभर जूझने का सामर्थ्य चाहिए। ऐसा कह करके, फिर विजय प्राप्त करने का संकल्प करके, गुजरात के यहां से सटे हुए इलाके के लोग हों, राजस्थान के हमारे इस आदिवासी धरा के लोग हों, वे लोग यहां से चल दिए थे। और निकल करके कुछ लोग महाराष्ट्र गए, कुछ लोग कर्नाटका गए, और उसमें कर्नाटका में आज भी वो गौरव से जीते हैं। उस समाज को वहां के लोग हक्की-पिक्की समाज के नाम से जानता है। और वो जड़ी-बूटियों का काम करते हैं। और कई पीढ़ियों से वहां रहते हैं। आज भी राणा प्रताप का गौरव गान करते रहते हैं। इनमें से बहुत सारे साथी अब अपने काम के लिए, जंगलों से जड़ी-बूटियां ले करके सूडान और अफ्रीका देशों में जाकर के कुछ न कुछ छोटा-मोटा व्यापार करते हैं। ऐसे ही हक्की-पिक्की समुदाय के सैकड़ों साथी कुछ सप्ताह पहले सूडान में चल रही लड़ाई में फंस गए थे।

बीजेपी की हमारी सरकार इन भाइयों-बहनों को सूडान से निकालने के लिए कोशिश कर रही थी। लेकिन कांग्रेस ने चुनावी राजनीति को देखते हुए चिल्लाना शुरू कर दिया, होहल्ला शुरू कर दिया। अब आप कल्पना कर सकते हैं दूसरा महाद्वीप, दूसरा देश, चारों तरफ गोलियां चल रही हैं, बंदूकें चल रही हैं, बम फूट रहे हैं, आग लगी हुई है, हर तरफ लड़ाई चल रही है। और यहां कांग्रेस शोर मचा रही थी इन समाजों के लिए। और उसका परिणाम ये आया, कि यहां की चिल्लाहट का पता वहां चलने लगा, अच्छा भई कुछ लोग यहां पर है, चलो ढूंढो। अब ये लोग मौत के साये में जीते थे। चुपचाप बाहर लाना था। लेकिन ऐसी कांग्रेस वालों ने गलतियां करके उनका चेहरा जगजाहिर कर दिया। कांग्रेस ने इन आदिवासी साथियों की जान खतरे में डाल दी थी। और ये क्यों किया? क्योंकि कांग्रेस चाहती थी कि सूडान में, इतनी गोलियां चल रही थी, एक-आध को तो लग ही जाएगी। और अगर एक-आध को लग गई और वो भी हक्की-पिक्की आदिवासी भाई को लग गई, फिर तो उनको कर्नाटक के चुनाव में खेल खेलने का मजा आ जाएगा। कुछ अनहोनी हो जाए, उसका इंतजार था ताकि फिर मोदी का गला पकड़ सकें। लेकिन इस पूरी राजनीति में कांग्रेस एक बात भूल गई। मुझे लगता है कि अभी भी वो मोदी को पहचान नहीं पाई है। कांग्रेस वालों को पता होना चाहिए था, ये मोदी है। संकट में फंसे एक एक हिंदुस्तानी की रक्षा के लिए किसी भी हद को पार कर सकता है।

साथियों,


मोदी का नुकसान करने के लिए, बीजेपी का नुकसान करने के लिए कांग्रेस, देश का नुकसान करने से भी बाज नहीं आती। जब देश में कोरोना महामारी आई, 100 साल का सबसे बड़ा संकट आया, तब भी कांग्रेस ने अफवाह फैलाने की कोशिश की, वैक्सीन के मुद्दे पर लोगों को भड़काया। कांग्रेस चाहती थी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो और वो मौके की तलाश में ते कि मोदी की गर्दन कैसे पकड़ें। लेकिन मोदी इन लोगों की धमकियां और साजिशों के आगे न झुका है न झुकता है। अगर मोदी झुकता है तो 140 करोड़ देशवासियों के सामने झुकता है। आप ही मेरे मालिक हैं। साथियों, भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई, अपने लोगों की जान बचाई, इतना ही नहीं, दूसरे देशों की भी मदद की।

साथियों,


कांग्रेस की स्वार्थ की राजनीति का परिणाम राजस्थान को भी उठाना पड़ रहा है। आप पिछले 5 वर्षों से राजस्थान में राजनीतिक लड़ाई का भद्दा रूप देख रहे हैं। जनता के हित के बजाय यहां कुर्सी लूटने और कुर्सी बचाने का ही खेल चल रहा है। ये कैसी सरकार है जहां मुख्यमंत्री को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है? ये कैसी सरकार है जहां विधायकों को अपने सीएम पर भी भरोसा नहीं है? सरकार के भीतर, सब एक दूसरे को अपमानित करने की होड़ लगाए बैठे हैं। जब कुर्सी पूरे 5 साल संकट में ही पड़ी रही हो, तो ऐसे में राजस्थान के विकास की किसे परवाह होगी? इसलिए ही आज कांग्रेस शासन में राजस्थान में कानून और व्यवस्था, पूरी तरह तबाह हो चुकी है। जिस राजस्थान में गंभीर अपराध सुनने में कम ही आते थे, वहां अब अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे हैं। और अपने वोटबैंक की गुलामी कर रही कांग्रेस, कुछ लोगों के तुष्टिकरण करने के लिए, कार्रवाई करने से भी डर रही है। साथियों, कांग्रेस सरकार के इस रवैये की राजस्थान की माताओं-बहनों-बेटियों को सबसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। राजस्थान में महिलाओं से जुड़े अपराध चरम पर हैं। यहां तक कि उन्हें तीज-त्यौहार भी शंका-आशंका के बीच मनाने पड़ते हैं।

भाइयों और बहनों,


2 दिन बाद 13 मई को जयपुर बम धमाकों की बरसी है। दो दिन बाद। जयपुर में सीरियल ब्लास्ट करके आतंकियों ने हमसे अनेकों स्वजन छीन लिए। आज भी उनके परिवार इस उम्मीद के साथ जी रहे हैं कि एक ना एक दिन उन्हें न्याय मिलेगा। लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने वही किया जिसके लिए कांग्रेस कुख्यात रही है। उसका इतिहास कुख्यात रहा है, उसके कारनामे कुख्यात रहे हैं। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए हमेशा आतंकियों पर नरम रुख अपनाया है। कांग्रेस, आतंक की विचारधारा के साथ खड़े होने का कोई मौका नहीं छोड़ती। इसी सोच की वजह से राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने जयपुर बम धमाके के केस में कमजोर पैरवी की। इसके कारण धमाकों के आरोपी छूट गए। कांग्रेस अब लीपापोती की चाहे जितनी कोशिश करे, लेकिन उसकी सच्चाई पूरे देश के सामने आ चुकी है।

साथियों,


कांग्रेस ने दशकों तक जिस प्रकार की राजनीति की है, उसमें दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज का सबसे अधिक अहित हुआ है। आदिवासी समाज ने तो बरसों तक कांग्रेस पर भरोसा किया। लेकिन क्या मिला? सिर्फ अभाव, असुविधा और अवसरहीनता। सिरोही जिला हो, जैसलमेर हो, करौली हो, बारां हो, इन जिलों में कांग्रेस के कुशासन के कारण विकास नहीं हुआ। कांग्रेस ने इन जिलों को पिछड़ा घोषित करके पल्ला झाड़ लिया था। जबकि इन जिलों में ज्यादातर आदिवासी समाज भी था। आपने बीजेपी को अवसर दिया तो हमने इन जिलों में विकास की आकांक्षा जगाई, इनको आकांक्षी जिला घोषित किया। एस्पेरेशन डिट्रिक्ट के तहत काम शुरू किया। आज सुबह ही मैंने नाथद्वारा में...अभी हमारे अध्यक्ष जी इसका वर्णन कर रहे थे... आज नाथद्वारा में 5 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया है। इसका भी सबसे अधिक लाभ राजस्थान के आकांक्षी जिलों को होगा। उदयपुर और शामलाजी सिक्स लेन हाईवे से राजस्थान के उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा क्षेत्र को बहुत फायदा होगा। बिलाड़ा-जोधपुर सेक्शन बनने से जोधपुर और बॉर्डर एरिया तक पहुंच सुलभ हो जाएगी। चारभुजा और निचली ओडन के प्रोजेक्ट से कुंभलगढ़, हल्दीघाटी और श्रीनाथजी के दर्शन करना और आसान होगा।

साथियों,


तारंगा हिल-आबु रोड रेल लाइन की डिमांड भी अंग्रेज़ों के समय से ही चली आ रही थी। इसे भी अब बीजेपी सरकार ही पूरा कर रही है। मावली-मेवाड़ को ब्रॉडगेज से जोड़ने की मांग भी लंबे समय से हो रही थी। ये काम भी बीजेपी सरकार कर रही है। भाइयों और बहनों, बीजेपी सरकार में आज का नया भारत, नए हौसले के साथ आगे बढ़ रहा है। आजादी के इस अमृतकाल में हम भारतीयों ने विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। विकसित भारत के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना है, बहुत मेहनत करनी है। लेकिन इसके साथ ही, अतीत में कांग्रेस सरकारों से जो गलतियां हुईं, हमें उससे भी सबक लेना होगा।

साथियों,


अगर मैं आपसे पूछूं कि आज़ाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड क्या है तो आप क्या बोलेंगे? मुझे मालूम है क्या बोलेंगे। कोई कहेगा, 2G घोटाला, कोई कहेगा कोयला घोटाला, कोई कहेगा बोफोर्स घोटाला, कोई कहेगा हेलिकॉप्टर घोटाला, कोई कहेगा यूरिया घोटाला। सबके अपने-अपने जवाब हो सकते हैं। लेकिन आज़ाद भारत के इतिहास में एक और बड़ा घोटाला, एक और फ्रॉड, एक और जबर्दस्त धोखा, जनता के भावनाओं के पर, उनके जीवन पर, 50 साल पहले हुआ था। और मैं याद दिलाना चाहूंगा... ये फ्रॉड था- कांग्रेस द्वारा 50 साल पहले देश में गरीबी हटाने की गारंटी। कांग्रेस की हर गारंटी के साथ कांग्रेस के नेता और अमीर हो जाते हैं और देश का नागरिक और गरीब हो जाता है। कांग्रेस के इसी फ्रॉड के कारण 2014 तक देश के 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों के पास शौचालय नहीं था। कांग्रेस के इसी फ्रॉड के कारण 2014 तक करीब 50 करोड़ लोगों का बैंकों में एक खाता तक नहीं था। कांग्रेस के इसी फ्रॉड के कारण देश के लाखों गांव सड़क संपर्क से वंचित थे। कांग्रेस के इसी फ्रॉड के कारण आज़ादी के इतने दशकों बाद भी 16 करोड़ घरों में नल से जल नहीं पहुंच रहा था। कांग्रेस ने 50 साल पहले गरीबी हटाओ का ये फ्रॉड शुरू करके, बरसों तक हर चुनाव में इसे भुनाया, गरीब को झूठा वायदा कर बरसों तक तरसाया।

साथियों,


2014 के बाद से बीजेपी सरकार ने कांग्रेस के इस सबसे बड़े फ्रॉड की सच्चाई देश के सामने रख दी है। बीते 9 वर्षों में बीजेपी सरकार ने गरीब कल्याण के जो काम किए हैं, वो अब तक, अब तक देश में जितनी भी कांग्रेस सरकारें बनी हैं, वो उनके काम से ज्यादा है। ये बीजेपी सरकार की मेहनत है जिसकी वजह से आज देश के करीब 50 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खुले हैं। ये बीजेपी सरकार की मेहनत है जिसकी वजह से आज देश में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बने हैं। ये बीजेपी सरकार की मेहनत है जिसकी वजह से आज देश में 9 करोड़ नए परिवारों तक पाइप से साफ पानी पहुंचने लगा है। मैं इस क्षेत्र की माताओं-बहनों को याद दिलाना चाहता हूं। मैंने आपसे वायदा किया था कि आपके जीवन से मुश्किलें कम करूंगा। आज राजस्थान के 40 लाख से अधिक परिवारों को नल से जल की सुविधा मिल चुकी है। राजस्थान की लाखों ग्रामीण बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिल रहा है। राजस्थान के लगभग 19 लाख गरीब परिवारों को पक्के घर की सुविधा मिली है।

इनमें से अधिकतर हमारी माताओं-बहनों के नाम पर हैं। वर्ना हम तो जानते हैं, हमारे यहां तो परंपरा रही। घर होगा पुरुष के नाम पर, दुकान होगी पुरुष के नाम पर, खेत होगा पुरुष के नाम पर, गाड़ी होगी पुरुष के नाम पर, स्कूटर होगा पुरुष के नाम पर, महिला के नाम पर कुछ होता ही नहीं। मोदी ने बदल दिया। हमने जो प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई, ये घर ज्यादातर महिलाओं के नाम कर दी हमने। और आपको मालूम है आजकल जो घर बनते हैं न, वो मामूली नहीं बनते। एक-एक घर के पीछे लाख रुपये से भी ज्यादा खर्च होते हैं। लाखों रुपये का खर्च हो रहा है। और जब ये घर के मालिक झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली, फुटपाथ पर जिंदगी गुजारने वाली मेरी गरीब मां, मेरी दलित मां, मेरी आदिवासी मां जब उस घर की मालिक बन जाती है न। लाखों के घर की मालिक बनती है तो मुझे संतोष होता है कि वाह, मेरी ये बहनें लखपति दीदी बन गई है, लखपति दीदी। कोई सोच सकता है कि कोई सरकार करोड़ों की तादाद में लखपति दीदी बना दे। ये आपका भाई है जिसने ये काम करके दिया है।

भाइयों और बहनों,


कांग्रेस ने गरीबों को सिर्फ और सिर्फ चिंता दी, असुरक्षा दी। बीजेपी सरकार ने उन्हें जीवन का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच दिया है। बीमा और पेंशन से जुड़ी तीन जनसुरक्षा योजनाओं को कल ही 8 वर्ष पूरे हुए हैं। आठ वर्ष पहले मैंने उसको लांच किया था। और प्रीमियम कितना था। सवा रुपए प्रतिदिन प्रीमियम, उसके अंतर्गत चलती थी पीएम जीवन ज्योति योजना। और डेढ़ रुपए महीना, वो प्रीमियम वाली चल रही थी पीएम सुरक्षा बीमा योजना। और इनसे पहली बार सामान्य परिवारों को दुर्घटना और जीवन बीमा की सुरक्षा मिली। इन दोनों योजनाओं से 30 करोड़ से ज्यादा देशवासी जुड़े हैं। इन योजनाओं के तहत, उन परिवारों में संकट आने के कारण, और ये एक रुपए वाला बीमा होने कारण, डेढ़ रुपए वाला बीमा होने के कारण अब तक मुसीबत में आए इन परिवारों को 15 हज़ार करोड़ रुपए इन गरीब परिवारों को हम दे चुके हैं भाइयों। 15 हज़ार करोड़ रुपए। यानि लाखों परिवारों को बहुत संकट के समय में ये पैसा मिला है। जब सरकार संवेदनशील होती है, गरीबों की चिंता करने वाली सरकार होती है, तो उसके सोचने का तरीका, काम करने का तरीका, कल्याण किसी का करने का तरीका, गरीबों से, दलितों से, पीड़ितों से, आदिवासियों से, समाज के पीछे हुए जो समाज है, उनके हित में काम करने की होती है।

औऱ भाइयों-बहनों,


बीते दशकों में कांग्रेस और उसके जैसी सोच वाले दलों ने सामाजिक न्याय के नाम पर, सोशल जस्टिस, उस नाम पर भी देशवासियों से विश्वासघात किया है। आज़ादी के बाद से ही सबसे अधिक पार्टियां सामाजिक न्याय के नाम पर बनी। सोशल जस्टिस का नारा लगाकर बनी। लेकिन इन पार्टियों ने देश को क्या दिया, समाज को क्या दिया?इन्होंने देश को सिर्फ और सिर्फ जातिवाद दिया, घोर परिवारवाद दिया और भ्रष्ट इकोसिस्टम दिया। जब ये दल सत्ता में आते हैं तो अपनी वोटबैंक की भलाई के लिए, समाज के नाम पर जो वोटबैंक बनाई है, उसके नाम पर आते तो हैं, लेकिन उनका भला नहीं करते हैं। भावनाएं भड़काते हैं। भला सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार का हित साधने में लग जाते हैं। जिस समाज को ये अपना वोटबैंक बताते हैं, उसको तो और भी नुकसान हो जाता है। एक तो उनको कुछ मिलता नहीं है, कुनबा ही खा जाता है। लेकिन लोगों को लगता है इन्हीं को मिल रहा है, तो बाकी समाज उनके प्रति उनकी सद्भावना कम होने लगती है तो समाज में भी तनाव पैदा हो जाता है। भाइयों-बहनों, इतिहास गवाह है कि जो भी इन राजनीतिक पार्टियों का वोटबैंक बना, उसका विकास रुक गया। और इसलिए आज मैं कहना चाहता हूं सही विकास के लिए वोटबैंक बनने की गलती मत कीजिए। अच्छा होगा कि आप कर्तव्यनिष्ठ वोटर बनें। फिर ये चाल चलकर के वोटबैंक बनाने में जुट सकते हैं। लेकिन शेर की चाल चलनी है न तो वोटबैंक का हिस्सा मत बनिए। वोटर बनिए। सीना तानकर वोटर बनिए। वोटबैंक मत बनिए।

साथियों,


कांग्रेस कैसे जनता से ठगी करती है, ये राजस्थान के किसानों से बेहतर कौन समझ सकता है। आप याद कीजिए, राजस्थान में चुनाव से पहले किसानों से क्या वायदा किया गया था? 10 दिन के भीतर सभी किसानों की कर्ज़माफी करेंगे। ये गारंटी दी गई थी या नहीं? मुझे बताइए। ढोल पीट रहे थे कि नहीं? राजस्थान के लोग बताएं...उन्होंने कहा था ऐसा। कहा था। ये गारंटी दी थी। 10 दिन तो छोड़िए अब तो 5 साल पूरे होने को हैं। कितने किसानों का वाकई में कर्ज माफ हुआ है, ये आप राजस्थान के लोग, किसान भाई-बहन अच्छी तरह जानते हैं। बीजेपी सरकार किसान के हितों को प्राथमिकता देती है, उनके लिए मेहनत करती है। हम छोटे से छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दे रहे हैं, ताकि उन्हें बैंकों से आसानी से मदद मिल सके। हम पीएम फसल बीमा योजना लेकर आए। ताकि सूखा हो, बाढ़ हो, या अन्य प्राकृतिक आपदा हो, किसान के नुकसान की भरपाई हो सके। हमारी नीयत का सबसे बड़ा प्रमाण पीएम किसान सम्मान निधि है। इसके तहत बीजेपी सरकार ने राजस्थान के छोटे-छोटे किसानों के बैंक खातों में 16 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक जमा कराए हैं। अब उन्हें खेती से जुड़े छोटे-छोटे खर्चों के लिए दूसरों के पास नहीं जाना पड़ता।

भाइयों और बहनों,


भारत सरकार की एक और नीति की वजह से राजस्थान के किसानों का बड़ा लाभ होने वाला है। मोटे अनाज को बीजेपी सरकार श्री अन्न के रूप में देश-दुनिया तक पहुंचाने जा रही है। यहां का बाजरा, ज्वार और दूसरे मोटे अनाज- यानी श्रीअन्न, जब दूसरे देशों में जाएंगे तो किसानों का भी लाभ बढ़ेगा। साथियों, कांग्रेस, किसानों की दिक्कतों को कम करने के लिए, सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कभी गंभीर नहीं रही। ये मेरा सौभाग्य है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मैंने सरदार सरोवर डैम के लिए जो काम किया, उसका लाभ राजस्थान के किसानों को भी मिल रहा है। आज राजस्थान के भी अनेक गांवों और शहरों तक नर्मदा का पानी पहुंच रहा है। वरना कांग्रेस ने तो कदम-कदम पर ये कोशिश की है कि सरदार सरोवर डैम, जो नर्मदा योजना के साथ जुड़ा हुआ है, उसका काम अटक जाए।

साथियों,


कांग्रेस ने किसानों को कैसे धोखा दिया, इसका एक उदाहरण सालगांव बांध परियोजना भी है। ये परियोजना साढ़े 4 दशक पहले तब बनी थी, जब हर जगह कांग्रेस ही कांग्रेस थी। लेकिन कांग्रेस की नीयत खराब थी, इसलिए ये कभी धरातल पर उतर ही नहीं पाई। ये बांध पहले बन जाता तो 30 लाख रुपए से भी कम खर्च होते। आज इसी बांध का खर्च बढ़कर 300 करोड़ रुपए तक पहुंच रहा है।

भाइयों और बहनों,


इस क्षेत्र को तो प्रकृति ने भी समृद्ध किया है और यहां हमारी धरोहरें भी मौजूद हैं। अरावली पर्वत श्रृखंला की सबसे ऊंची चोटी गुरूशिखर यहां पर स्थित है, पास में दिलवाड़ा के जैन मंदिर हैं। पहाड़ियों को बीच नक्की झील का आकर्षण भी अलग है। हम देशभर में ऐसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स को विकसित करने के लिए भी लगातार काम कर रहे हैं। विकास को गति और विरासत को सम्मान, यही विकसित भारत के निर्माण का रास्ता है। इसी रास्ते पर हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना है। एक बार फिर आप सभी का ये प्यार, और इतनी तमतमाती धूप में, इतनी बड़ी तादाद में आप आशीर्वाद देने आए। मैं फिर एक बार हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। आपको प्रणाम करता हूं।

मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय ! आवाज पूरे राजस्थान में गूंजनी चाहिए। भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Cabinet approves three new corridors as part of Delhi Metro’s Phase V (A) Project
December 24, 2025

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi has approved three new corridors - 1. R.K Ashram Marg to Indraprastha (9.913 Kms), 2. Aerocity to IGD Airport T-1 (2.263 kms) 3. Tughlakabad to Kalindi Kunj (3.9 kms) as part of Delhi Metro’s Phase – V(A) project consisting of 16.076 kms which will further enhance connectivity within the national capital. Total project cost of Delhi Metro’s Phase – V(A) project is Rs.12014.91 crore, which will be sourced from Government of India, Government of Delhi, and international funding agencies.

The Central Vista corridor will provide connectivity to all the Kartavya Bhawans thereby providing door step connectivity to the office goers and visitors in this area. With this connectivity around 60,000 office goers and 2 lakh visitors will get benefitted on daily basis. These corridors will further reduce pollution and usage of fossil fuels enhancing ease of living.

Details:

The RK Ashram Marg – Indraprastha section will be an extension of the Botanical Garden-R.K. Ashram Marg corridor. It will provide Metro connectivity to the Central Vista area, which is currently under redevelopment. The Aerocity – IGD Airport Terminal 1 and Tughlakabad – Kalindi Kunj sections will be an extension of the Aerocity-Tughlakabad corridor and will boost connectivity of the airport with the southern parts of the national capital in areas such as Tughlakabad, Saket, Kalindi Kunj etc. These extensions will comprise of 13 stations. Out of these 10 stations will be underground and 03 stations will be elevated.

After completion, the corridor-1 namely R.K Ashram Marg to Indraprastha (9.913 Kms), will improve the connectivity of West, North and old Delhi with Central Delhi and the other two corridors namely Aerocity to IGD Airport T-1 (2.263 kms) and Tughlakabad to Kalindi Kunj (3.9 kms) corridors will connect south Delhi with the domestic Airport Terminal-1 via Saket, Chattarpur etc which will tremendously boost connectivity within National Capital.

These metro extensions of the Phase – V (A) project will expand the reach of Delhi Metro network in Central Delhi and Domestic Airport thereby further boosting the economy. These extensions of the Magenta Line and Golden Line will reduce congestion on the roads; thus, will help in reducing the pollution caused by motor vehicles.

The stations, which shall come up on the RK Ashram Marg - Indraprastha section are: R.K Ashram Marg, Shivaji Stadium, Central Secretariat, Kartavya Bhawan, India Gate, War Memorial - High Court, Baroda House, Bharat Mandapam, and Indraprastha.

The stations on the Tughlakabad – Kalindi Kunj section will be Sarita Vihar Depot, Madanpur Khadar, and Kalindi Kunj, while the Aerocity station will be connected further with the IGD T-1 station.

Construction of Phase-IV consisting of 111 km and 83 stations are underway, and as of today, about 80.43% of civil construction of Phase-IV (3 Priority) corridors has been completed. The Phase-IV (3 Priority) corridors are likely to be completed in stages by December 2026.

Today, the Delhi Metro caters to an average of 65 lakh passenger journeys per day. The maximum passenger journey recorded so far is 81.87 lakh on August 08, 2025. Delhi Metro has become the lifeline of the city by setting the epitome of excellence in the core parameters of MRTS, i.e. punctuality, reliability, and safety.

A total of 12 metro lines of about 395 km with 289 stations are being operated by DMRC in Delhi and NCR at present. Today, Delhi Metro has the largest Metro network in India and is also one of the largest Metros in the world.